छत्तीसगढ़
विष्णु के सुशासन का एक वर्ष:खुशहाल छत्तीसगढ़ के लिए अपराध नियंत्रण भी जरूरी
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6 days agoon
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Divya Akash
यह दो मत नहीं कि भाजपा सरकार बनते ही कुछ हद तक एक साल में छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की लगी जंक को विष्णु सरकार ने धोने की कोशिश की और युवाओं तथा जनता का विश्वास पाने में सफल हुई। खासकर सीजी पीएससी घोटाले से तात्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रति युवाओं में आक्रोश और उदासी छायी हुई थी और युवाओं ने समझा कि बड़े पदों पर सिर्फ रसूखदारों का ही आधिपत्य होगा। जिस तरह से सीजी पीएससी के चेयरमेन टामन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों, राजनेताओं के बच्चों, अधिकारियों के बच्चों को सलेक्ट कर डिप्टी कलेक्टर जैसे पदों पर नियुक्ति दे दी। विपक्ष में रहकर भाजपा ने जिस कदर पीएससी घोटाले को उजागर किया और जांच की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि यदि प्रदेश में भाजपा की सरकार आती है तो सीजीपीएससी घोटाले के आरोपियों को जेल भेजेंगे। युवाओं ने भाजपा पर भरोसा किया और भ्रष्ट कांग्रेस शासन को उखाड़ फेंका। कई मामलों में कांग्रेस की तात्कालीन सरकार ने प्रदेश को लूटा और भाजपा के कहे अनुसार एटीएम बनकर छत्तीसगढ़ के करोड़ों रूपयों को दिल्ली भेजा। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने गत विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पर हमलावर हुए और केन्द्रीय एजेंसियों की कार्यवाही से डीएमएफ घोटाला, कोयला लेवी घोटाला, महादेव सट्टा एप में कांग्रेसियों और अधिकारियों की संलिप्ता उजागर हुई। जनता ने भाजपा पर स्वच्छ सरकार देने की अपेक्षा के साथ बंपर वोट दिया और प्रदेश में विष्णु के सुशासन का सूर्योदय हुआ।
मातृ शक्ति सशक्त हुई आर्थिक दृष्टि से। महतारी वंदन योजना से महिलाओं में भी उत्साह था और मातृ शक्ति ने भी भाजपा को जिताने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस 72 से 35 में सिमट गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की छवि से भाजपा को बेहद लाभ हुआ तथा 54 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनी और लोगों को उम्मीद थी कि फिर से डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन भाजपा ऐसी पार्टी है जो सभी को अवसर देती है। आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा को एकतरफा जनादेश मिला और वरिष्ठ आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ की कमान सौंप दी गई।
सरल, सौम्य और सबकी सुनने वाले विष्णुदेव साय ने मोदी की गारंटी और विष्णु का सुशासन के ध्येय वाक्य को लेकर कुर्सी संभाली और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए काम प्रारंभ किया। 13 दिसंबर 2023 को कुर्सी संभालने के बाद विष्णु सरकार ने उन 18 लाख गरीब परिवारों की सुध ली, जो भूपेश सरकार के समय छत का इंतजार करते-करते थक गए लेकिन गरीबों को पीएम आवास से वंचित कर दिया। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास नहीं बना,इसके लिए भूपेश सरकार ने केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा कर जनता को गुमराह करने की कोशीश की। यदि गरीब हित का जज्बा भूपेश सरकार में रहता तो वह सडक़ की लड़ाई लड़ती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अपना पल्ला झाडक़र गरीबों का बड़ा नुकसान किया।
आज गरीब परिवार को रोटी, कपड़ा और मकान की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। भूपेश सरकार ने रोटी और कपड़ा का जुगाड़ तो कर दिया, लेकिन गरीबों का सपना उस समय चकनाचूर हो गया, जब 18 लाख प्रधानमंत्री आवास को बनने ही नहीं दिय और आरोप मढ़ दिया केन्द्र पर । भ्रष्ट शासन 5 साल में ही उखड़ गया।
भूपेश सरकार ने प्रदेश में ऐसी-ऐसी योजनाएं लायी, जिसे भाजपा के लोग कभी सोच भी नहीं सकते थे। प्रारंभिक काल में भूपेश सरकार का ग्राफ बढ़ता गया और भाजपा को भी चिंता हो गई थी कि क्या फिर भूपेश रमन की तरह 15 साल राज करेंगे। दो साल बाद डीएमएफ में 20 से 30 प्रतिशत की कमीशन खोरी ने भूपेश सरकार को जमीन से उठाकर आसमान में उडऩे के लिए मजबूर कर दिया और भूपेश सरकार की लूट की वजह से राजनेता, कुछ कमीशनखोर अधिकारी हवा में उडऩे लगे और भूपेश सरकार की जमीन से लगाव हटता गया और भूपेश का राज सार्वजनिक होने में देर नहीं लगी, क्योंकि ईडी ने जनता को दिखा दिया कि भूपेश सरकार जनता की हितैषी नहीं बल्कि, लूटेरी सरकार है। चुनाव आते-आते जनता ने भूपेश सरकार की जमीनी हकीकत को भांप लिया और कुर्सी से उतार दिया। भूपेश की अकल्पनीय योजनाएं धरातल पर उतरी ही नहीं।
भूपेश की बड़ी सोच जनता को भाने लगी थी। भूपेश की सोच थी कि जब तक हम गांव को स्वावलंबी नहीं बनाएंगे, तब तक प्रदेश की तरक्की नहीं हो सकती। भूपेश ने ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने के लिए किसानों के लिए खजाना खोल दिया, रीपा की नई योजना को देश भर में प्रशंसा मिली, आदिवासी संस्कृति और विरासत को नई पहचान मिली, रामवनपथ गमन योजना से प्रदेश की पहचान पूरे देश में होने लगी। इसके बावजूद भी एक गलती ने भूपेश की बड़ी सोच को बदल दिया। भ्रष्टाचार का बड़ा बोलबाला और अधिकारियों की निरंकुशता ने जनता को भूपेश सरकार के प्रति मोह भंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अब जब भाजपा का सुशासन आया है तो विष्णु देवसाय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए खजाना खोल दिया, तेंदू पत्ता संग्राहकों को समृद्धि का नया रास्ता दिखाया, रमन सिंह के कार्यकाल की कई बड़ी योजनाएं फिर से प्रारंभ होंगी। महतारी वंदन योजना से महिलाओं को बड़ी राहत मिल रही है।
विष्णु के सुशासन को आगे बढ़ाने में केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, तात्कालीन रेल मंत्री पियुष गोयल की भी बड़ी भूमिका मानी जा रही है। सडक़ और रेल परिवहन की जाल प्रदेश में बिछने लगी है। रेल और सडक़ परिवहन जितनी सुविधाजनक होगी, उस राज्य की तरक्की को कोई नहीं रोक सकता। प्रदेश में सडक़ें चमचमा रही हैं और प्रदेश आगे बढ़ रहा है।
विष्णु के सुशासन पर कुछ कमजोरियों को भी उजागर करना जरूरी है ताकि सरकार इस ओर भी ध्यान दे और जनता की खुशहाली और बढ़े और प्रदेश के मुखिया का मान बढ़े तथा जनता के दिलों में शासन के प्रति रिश्ता और प्रगाढ़ हो। आज प्रदेश में पुलिसिंग और प्रशासन में कसावट जरूरी है, ताकि प्रदेश की जनता किसी भी अधिकारी या मंत्री के पास आसानी से पहुंच जाए और अपनी समस्याएं बता सके। आज प्रदेश के कई हिस्सों में जिस तरह से अपराध घट रहे हैं, उससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। अपराध के लिए साजिश कर्ताओं का भंडाफोड़ जरूरी है, ताकि विष्णु का सुशासन सूर्योदय की तरह देश में ही नहीं विदेश में भी दैदिव्यमान होता रहे और भाजपा सरकार की उम्र बढ़ती जाए।
पुलिसिंग और प्रशासन को और अधिक चुस्त करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। देखने में आ रहा है कि विभागों के अधिकारी अपनी मर्जी चला रहे हैं और जनता कई विभागों में परेशान दिख रही है। भाजपा सरकार का दावा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर सरकार काम कर रही है, लेकिन यह हकीकत से कोसों दूर है। रेत तस्करी पर प्रशासन की कहीं भी सख्ती नहीं दिखाई दे रही है। पीडीएस का चावल राशन दुकानों पर पहुंच रहा है।
हालांकि महतारी वंदन योजना से सरकार स्वयं की पीठ थपथपा तो रही है और समझ रही है कि 1000 की राशि से महिलाओं में सशक्तिकरण हो रहा है और उनकी जरूरतें पूरी हो रही है। दूसरी तरफ भाजपा शासन काल में महंगाई चरम पर पहुंच गई है और उन्हें लगता है कि प्रदेश खुशहाल हो गया है। तरक्की तो हो रही है… इसमें कोई दो मत नहीं, लेकिन महंगाई ने मध्यम एवं गरीब परिवार की कमर ही तोड़ दी है। कोरोना काल के बाद दवाईयों की कीमत 400 गुना बढ़ गई है और सरकार कहती है कि देश आगे बढ़ रहा है। महंगाई पर नियंत्रण जरूरी है। कम से कम जीवन रक्षक दवाईयों की कीमत कुछ सालों तक स्थित रहे, तो लोगों को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यहां दवाईयोंं का दाम भी हरी साग सब्जी की तरह रोज बढ़ रहा है।
खाद्य सामाग्रियों की ही बात करें तो भाजपा सरकार में 1 रूपए जब कीमत कम होती है और सरकार पीठ थपथपाने लगती है कि हमने कीमत कम की, लेकिन वही सामान एक सप्ताह बाद 10 रूपए बढ़ता है तो सरकार का फिर बयान आता है कि हम कीमत कंट्रोल कर रहे हैं। निरंतर खाद्यान्न सहित सभी सामानों की कीमत बढ़ती जा रही है और जनता घूटन सी महसूस कर रही है। आखिर वह दिन कब आएगा जब लोगों को लगे… अच्छे दिन आ रहे हैं। विष्णु के सुशासन में सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश में घट रही घटनाओं सहित महिला अपराधों पर नियंत्रण हो और देश के सबसे शांति प्रिय के रूप में विख्यात टापू को राम राज्य की परिकल्पना के आधार पर विकसित, सुंदर, समन्वित विकास की ओर ले जाएं…।
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कोरबा
विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित
Published
9 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akash
रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक
24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।
छत्तीसगढ़
बछड़े को कुचला तो गायों ने दौड़ाकर कार को रोका:रायगढ़ में 200 मीटर तक घसीटने पर बछड़े का पैर टूटा, CCTV में कैद
Published
10 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashरायगढ़,एजेंसी। रायगढ़ जिले में कार सवार सलीम अंसारी ने बछड़े को कुचल दिया। करीब 200 मीटर तक घसीटते ले गया। इस दौरान बछड़े की मां और बाकी गायें कार के पीछे दौड़ी और सामने जाकर घेर लिया। वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर स्टेशन चौक के पास एक बछड़ा खड़ा था, तभी कार क्रमांक CG-08 के 0677 ने उसे टक्कर मार दी। बछड़े का पैर टूट गया है। कई जगहों पर चोटें आई है। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
स्टेशन चौक रोड से सुभाष चौक के करीब तक गाय के झुंड ने कार चालक को दौड़ाकर रोका।
सलीम अंसारी चला रहा था कार
बताया जा रहा है कि कार सलीम अंसारी नाम का युवक चला रहा था। इस दौरान उसने कार नहीं रोकी, बल्कि उसे घसीटते हुए सुभाष चौक की ओर ले जाने लगा। यह देख अन्य गायें कार के चारों ओर भागने लगीं, जिसके कारण उसे कार रोकनी पड़ी।
विश्व हिंदू परिषद और गौ सेवकों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर इलाज किया।
घायल बछड़े का किया गया इलाज
इस दौरान लोगों ने गाड़ी को एक तरफ से उठाकर किसी तरह बछड़े को बाहर निकाला। उसके पेट में चोटें आई हैं और एक पैर टूट गया है। विश्व हिंदू परिषद और गौ सेवकों ने आसपास के लोगों के साथ मिलकर हनुमान मंदिर के पास बछड़े का इलाज किया।
लोगों ने गाड़ी को एक तरफ से उठाकर किसी तरह बछड़े को बाहर निकाला।
थाना में की गई शिकायत
गौ-सेवकों ने बछडे़ की देखभाल और उसके इलाज के लिए उसे भगवती गौशाला में छोड़ दिया है, जहां उनके पीछे-पीछे बछड़े की मां के साथ बाकी गायें भी पहुंच गए। मामले में विश्व हिंदू परिषद ने कार ड्राइवर के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
मामले में अपराध कायम हुआ
सीएसपी अभिनव उपाध्याय ने बताया कि, गाय के बछड़े के घायल होने के बाद इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की गई है, जिसमें आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी, वो की जाएगी।
छत्तीसगढ़
हेल्थ सेक्रेटरी बनाए गए कटारिया…बंसल बने CM सेक्रेटरी
Published
10 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। प्रतिनियुक्ति से लौटे IAS अमित कटारिया को स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। वहीं IAS मुकेश बंसल को मुख्यमंत्री के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने छुट्टी के दिन यानी रविवार को मंत्रालय से आदेश जारी किया है।
दरअसल, कटारिया को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कटारिया वही IAS है, जो PM मोदी से काला चश्मा लगाकर मिले थे, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। उन्हें नोटिस भी थमाया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता को ‘गेट आउट’ भी कहा था।
देखिए आदेश…
अमित कटारिया को मिली जिम्मेदारी
अमित कटारिया को अस्थाई तौर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग में सचिव के तौर पर पदस्थ किया गया है। उनके पदभार ग्रहण करने के साथ ही IAS मनोज कुमार पिंगुआ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के अतिरिक्त पदभार से मुक्त हो जाएंगे।
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