अयोध्या, एजेंसी। अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के 19 दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक ये तय नहीं हो पाया है कि गर्भगृह में राम लला की कौन सी मूर्ति विराजमान होगी। मंदिर प्रबंधन ने तीन मूर्तिकारों की मूर्तियों को चुना था, जिनमें से एक को फाइनल किया जाना था। मंदिर ट्रस्ट की हाल ही में हुई बैठक में गर्भगृह की मूर्ति पर एक राय नहीं बन सकी थी। ऐसे में अब मंदिर के ट्रस्टी का कहना है कि मूर्तिकारों के बीच किसी भी तरह का कॉम्पिटिशन ना करवाकर तीनों ही मूर्तियों को भव्य राम मंदिर में लगाया जाएगा। हालांकि गर्भगृह में कौन-सी मूर्ति लगेगी, इसका अंतिम निर्णय काशी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री लेंगे।
तीनों मूर्तियां तीन तलों पर लगाई जाएंगीं
मंदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर राम मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने मीडिया से फोन पर बात की। उन्होंने बताया, राम मंदिर में लगाई जाने वाली सभी प्रतिमाएं बेहद सुंदर और मजबूत हैं। ट्रस्ट ने हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय लिया है कि तीनों ही मूर्तियों को राम लला के दरबार में लगाया जाएगा। तीनों मूर्तियां फस्र्ट, सेकेंड और सबसे ऊपर वाले फ्लोर में स्थापित होंगी।
दो मूर्तियां काले पत्थर की, एक संगमरमर की
कामेश्वर आगे कहते हैं, तीनों ही मूर्तिकारों में दो दक्षिण (गणेश बट्ट, अरुण योगीराज) से हैं और एक मूर्तिकार सत्य नारायण पाण्डेय राजस्थान के हैं। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। वहीं राजस्थान के मूर्तिकार द्वारा बनाई जा रही प्रतिमा संगमरमर की है। ऐसे में किस वर्ण की प्रतिमा 22 तारीख को गर्भगृह में लगेगी इसका फैसला आचार्य गणेश्वर शास्त्री ही लेंगे। राम मंदिर के वास्तु से लेकर वहां पर लगाई जा रहीं मूर्तियां और गर्भगृह में विराजित होने वाली मूर्तियों के साथ-साथ आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी तय की थी। ऐसे में अब गणेश्वर शास्त्री के निर्णय से ही यह साबित होगा कि गर्भगृह में तीनों मूर्तियां में से कौन सी मूर्ति लगाई जाएगी।
कर्नाटक के दो और राजस्थान के एक पत्थर से मूर्तियां तैयार
गर्भगृह में राम लला बाल स्वरूप में विराजेंगे। इसके लिए राम लला की 3 मूर्तियां तैयार की गई हैं। कर्नाटक के दो और राजस्थान के एक पत्थर से कुल तीन मूर्तियां बनाई गई हैं। कर्नाटक के पत्थर की मूर्तियां श्याम रंग की हैं, जबकि राजस्थान की श्वेत संगमरमर की है। कर्नाटक के मूर्तिकार डॉ. गणेश भट्ट, जयपुर के सत्यनारायण पांडे और कर्नाटक के ही अरुण योगीराज ने ये मूर्तियां तैयार की हैं।
मोदी प्राण प्रतिष्ठा के दिन उपवास-सरयू स्नान कर सकते हैं
इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन उपवास (व्रत) रखेंगे। वह सरयू नदी में स्नान भी कर सकते हैं। मुख्य यजमान के लिए व्रत रखना जरूरी है। पीएम मोदी ने राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान भी व्रत रखा था। बता दें कि पीएम नवरात्रि में भी व्रत रखते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में 5 लोग मौजूद रहेंगे। इनमें पीएम मोदी, सीएम योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अनुष्ठान के आचार्य होंगे। प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 1 मिनट 24 सेकेंड का है। 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से मूल मुहूर्त होगा, जो 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक चलेगा।
42 दरवाजों पर चढ़ाई जाएगी सोने की परत
राम मंदिर के 46 में से 42 दरवाजों पर 100 किलो सोने की परत चढ़ाई जाएगी। सीढिय़ों के पास 4 दरवाजे लगेंगे। इन पर सोने की परत नहीं होगी। गर्भगृह का मुख्य दरवाजा करीब 8 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा है। यह सबसे बड़ा दरवाजा है। इन दरवाजों को महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से बनाया गया है। इस पर हैदराबाद के कारीगरों ने नक्काशी का काम किया है।