अमृतसर,एजेंसी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है। इस पत्र में नितिन गड़करी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के कदमों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 14,288 करोड़ रुपए की 293 किलोमीटर की परियोजना बंद करना पड़ेगी।
गडकरी ने कहा कि मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर हाल ही में हुई दो घटनाओं के बारे में पता चला है। जालंधर जिले में एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया।
मैं इसकी तस्वीर भी भेज रहा हूं। हालांकि इस घटना के संबंध में FIR भी दर्ज की गई है, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लिया गया।
लुधियाना घटना की FIR भी नहीं हुई दर्ज गडकरी ने पत्र में दूसरी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि लुधियाना जिले में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इन लोगों ने इंजीनियरों और कर्मचारियों को कैंप में जिंदा जलाने की धमकी भी दी। इस मामले में NHAI अधिकारियों की लिखित शिकायत के बाद भी अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। न बदमाशों को पकड़ा गया है।
तुरंत कार्रवाई का अनुरोध केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार आगे होने वाली ऐसी घटनाओं को रोकने और NHAI अधिकारियों का विश्वास बरकरार करने के लिए अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कर तुरंत कार्रवाई करे, ताकि पंजाब सरकार पर विश्वास बन सके।
बैठक में समस्या का हल करने का दिया था भरोसा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 15 जुलाई को मैंने पंजाब के पीडब्ल्यूडी मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और MORTH, NHAI और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ पंजाब प्रोजेक्ट्स की रिव्यू मीटिंग की थी। बैठक में पंजाब सरकार ने भरोसा दिया था कि जमीन अधिग्रहण और लॉ एंड ऑर्डर से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
…तो प्रोजेक्ट बंद करना पड़ेंगे गडकरी के अनुसार, उनकी जानकारी में आया है कि स्थिति और खराब हो रही है। कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। ऐसे में कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। पंजाब में इससे पहले 104 किमी के 3263 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद करना पड़े थे। अगर अभी भी कोई कार्रवाई ना हुई तो 293KM के 14288 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद करना पड़ेगा। इससे कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा।
जानें घटनाएं, जिस पर हुई FIR
एक मामला लुधियाना में सामने आया था। जहां NHAI के कर्मचारियों और ठेकेदारों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। वहीं दूसरा मामला जालंधर में कर्मी से मारपीट का था। इसमें जालंधर देहात में 4 लोगों इकबाल सिंह, जसकरण सिंह बलवीर सिंह और सोहन सिंह के खिलाफ नूरमहल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
पत्र में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आरोप लगाया है कि जालंधर में एक इंजीनियर को बुरी तरह पीटा गया था। इस मामले में एफआईआर तो दर्ज हुई है, लेकिन कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
आईजी गिल ने कहा- कानून व्यवस्था कंट्रोल में आईजी पुलिस सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति कंट्रोल में है। मामले की CM समीक्षा कर रहे हैं। हमने इस केस में SIT का गठन किया है। ऐसी दो घटनाएं हुई थीं और अगर जरूरत पड़ी तो हम NHAI के लिए और सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
लुधियाना ग्रामीण ढाका और जालंधर ग्रामीण पुलिस के नूरमहल थाने से दो मामले सामने आए। दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कार्रवाई की जा रही है।
पंजाब से नफरत करती है भाजपा वहीं, पंजाब में आप सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि मुझे लगता है कि गडकरी ने जानबूझकर, एक सुनियोजित रणनीति और एक साजिश के तहत ऐसा बयान दिया है। पंजाब अच्छा है और पंजाब में उद्योग आ रहे हैं और राज्य तरक्की कर रहा है। मुझे लगता है कि भाजपा पंजाब से नफरत करती है।
नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।
भारत के वनावरण में बढ़ोतरी
भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।
कार्बन अवशोषण में वृद्धि
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।
ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।
वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-
कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।
इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।
नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।
जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।