Connect with us

देश

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा

Published

on

गुजरात-महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट के सिविल कॉन्ट्रैक्ट भी दिए, सूरत-बिलिमोरा के बीच सबसे पहले चलेगी अहमदाबाद, एजेंसी। हाई स्पीड (बुलेट ट्रेन) रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सोमवार को बताया कि उसने मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और दादर और नगर हवेली में जमीनअधिग्रहण का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण की स्थिति शेयर की। उन्होने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए जरूरत की पूरी 1389.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल लाइन बनाई जा रही है

जापानी शिंकानसेन तकनीक का इस्तेमाल

NHSRCL ने एक बयान में कहा कि प्रोजेक्ट के लिए सभी सिविल कॉन्ट्रैक्ट गुजरात और महाराष्ट्र के लिए दे दिए गए हैं। इनमें 120.4 किलोमीटर गर्डर लॉन्च किए गए और 271 किलोमीटर घाट ढलान पर काम पूरा हो गया। रू्र॥स्क्र कॉरिडोर ट्रैक सिस्टम के लिए जापानी शिंकानसेन तकनीक में इस्तेमाल किया जाने वाला पहला कंक्रीट (आरसी) ट्रैक बेड बिछाने का काम सूरत और आणंद में शुरू हो गया है। यह भारत में पहली बार है जब स्लैब गिट्टी रहित ट्रैक सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।

पर्वतीय सुरंग केवल 10 महीनों में बनाई

NHSRCL ने कहा कि उसने गुजरात के वलसाड जिले में जरोली गांव के पास स्थित 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर डायमीटर की पहली पर्वतीय सुरंग को केवल 10 महीनों में पूरा करने के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। पहला स्टील पुल, जो 70 मीटर तक फैला है और जिसका वजन 673 मीट्रिक टन है, सूरत में एनएच 53 पर बनाया गया था। 28 में से 16 ऐसे पुल अभी बन रहे हैं। MAHSR कॉरिडोर पर 24 नदियों में से छह पर पुल बनाने का काम पूरा हो गया है। ये पुल वलसाड,पूर्णा,मिंधोला,अंबिका,औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) में हैं। नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती नदियों के पुल पर काम चल रहा है। ट्रेन के संचालन के दौरान ट्रेन और अन्य सिविल स्ट्रक्चर से होने वाले शोर को कम करने के लिए पुल के दोनों ओर ध्वनि अवरोधक लगाए जा रहे हैं।

समुद्र के नीचे बनेगी सात किलोमीटर की सुरंग

भारत की पहली सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग बनाने के लिए काम शुरू हो गया है, जो महाराष्ट्र में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा है। इसके अलावा मुंबई स्टेशन बनाने के लिए खुदाई का काम शुरू हो गया है। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आणंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती में HSR स्टेशन बन रहे हैं।

2026 तक चलाने का टारगेट

हाई-स्पीड रेल लाइन प्रोजेक्ट का उद्देश्य लोगों को हाई फ्रिक्वेंसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी उपलब्ध करवाना है। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी की ओर से जापान से 88 हजार करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन मिला है। 1.10 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण में बाधाओं का सामना करना पड़ा। सरकार ने अब दक्षिण गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन के पहले चरण को 2026 तक चलाने का लक्ष्य रखा है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट

Published

on

नई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।

भारत के वनावरण में बढ़ोतरी

भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।

कार्बन अवशोषण में वृद्धि

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

Continue Reading

देश

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान:ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर पाने वाले पहले भारतीय PM; अब तक 20 देश कर चुके सम्मानित

Published

on

कुवैत सिटी ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये सम्मान कुवैत के अमीर शेख मिशाल ​​​​​​अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने दिया। ये सम्मान पाने वाले मोदी पहले भारतीय PM हैं। मोदी को किसी देश से मिलने वाला ये 20वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है। यह अवॉर्ड दोस्ती की निशानी के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शासकों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है। इससे पहले यह पुरस्कार बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश जैसे विदेशी नेताओं को दिया जा चुका है।

वहीं, अमीर शेख मिशाल के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पीएम ने लिखा-

कुवैत के अमीर के साथ शानदार मुलाकात हुई। हमने फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, फिनटेक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की। हमने अपनी पार्टनरशिप को स्ट्रैटजिक लेवल तक बढ़ाया है और मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी मजबूत होगी।

इससे पहले PM मोदी का अमीर के महल बायन पैलेस में स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। PM मोदी शनिवार को दो दिन के कुवैत दौरे पर पहुंचे थे।

Continue Reading

देश

खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश:यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे

Published

on

नई दिल्ली,एजेंसी। वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।

रविवार सुबह X पर पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।

जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।

अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नैरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

Continue Reading
Advertisement

Trending