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छत्तीसगढ़

रेलवे ने 6 लोकल ट्रेनों को किया बहाल:रायपुर, बिलासपुर, कोरबा के यात्रियों को राहत, जेडी पैसेंजर गोंदिया तक जाएगी; 36 ट्रेनें हैं रद्द

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बिलासपुर,एजेंसी। रेलवे ने 6 पैसेंजर ट्रेनों को फिर से बहाल कर दिया है। 19 मार्च यानी आज इन्हें रद्द किया गया था। इन ट्रेनों में बिलासपुर-रायपुर मेमू पैसेंजर, रायपुर-बिलासपुर मेमू पैसेंजर, बिलासपुर-गेवरा रोड मेमू पैसेंजर, गेवरा रोड-बिलासपुर मेमू पैसेंजर शामिल हैं। वहीं बीच में समाप्त होने वाली झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर और गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू पैसेंजर को भी बहाल किया गया है।

झारसुगुड़ा से चलने वाली 68862 झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर को आज बिलासपुर में ही समाप्त होनी थी, लेकिन अब यह ट्रेन गोंदिया तक जाएगी। वहीं 68861 गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू पैसेंजर को गोंदिया की जगह बिलासपुर से ही झारसुगुड़ा के लिए रवाना होनी थी। अब यह गोंदिया से ही चलेगी। इससे पहले रेलवे ने छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 36 ट्रेनों को कैंसिल किया था। हावड़ा रूट की ये गाड़ियां 11 से 24 अप्रैल तक नहीं चलेंगी।

बैकुंठ-सिलियारी सेक्शन में गर्डर लॉन्चिंग

छत्तीसगढ़ में रेलवे ने 19 मार्च से 6 पैसेंजर ट्रेनों को कैंसिल किया था। अब रेल यात्रियों की सुविधा के लिए बुधवार के लिए तय समय से ये गाड़ियां चलाई जाएंगी। इससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।

रायपुर मंडल के बैकुंठ-सिलियारी सेक्शन में रिलीविंग गर्डर लॉन्चिंग के लिए ट्रैफिक कम पावर ब्लॉक लेकर काम किया जा रहा है। 19 मार्च को डाउन लाइन में 3 घंटे 30 मिनट का ब्लॉक लिया गया। इसकी वजह से कुछ ट्रेनों को कैंसिल करने का निर्णय लिया गया था।

इससे पहले छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 36 ट्रेनें कैंसिल की गईं

इससे पहले 36 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है, 44 दिनों तक 4 ट्रेनों का रूट बदला गया है। जबकि, 3 ट्रेनें आधे रास्ते में ही समाप्त हो जाएगी। बिलासपुर-झारसुगड़ा रूट पर चौथी लाइन के काम के चलते रेलवे ने यह आदेश जारी किया है। लेकिन, इससे यात्रियों को होने वाली दिक्कतों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे एमपी, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और बिहार जाने वाले यात्रियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।

डायवर्टेड रूट से चलने वाली गाड़ियां-

  • 11 से 24 अप्रैल तक हावड़ा से चलने वाली 12810 हावड़ा-मुंबई मेल एक्सप्रेस परिवर्तित झारसुगुड़ा-टिटलागढ़-रायपुर होकर चलेगी।
  • 11 से 24 अप्रैल तक मुंबई से चलने वाली 12809 मुंबई-हावड़ा मेल एक्सप्रेस परिवर्तित रायपुर-टिटलागढ़-झारसुगुड़ा होकर चलेगी।
  • 11, 14, 15, 16, 18, 21, 22 और 23 अप्रैल को हावड़ा से चलने वाली 12262 हावड़ा-मुंबई दुरन्तो एक्सप्रेस परिवर्तित झारसुगुड़ा-टिटलागढ़-रायपुर होकर चलेगी।
  • 13, 15, 16, 17, 20, 22, 23 और 24 अप्रैल को मुंबई से चलने वाली 12261मुंबई-हावड़ा दुरन्तो एक्सप्रेस परिवर्तित रायपुर-टिटलागढ़-झारसुगुड़ा होकर चलेगी।

बीच रास्ते समाप्त होने वाली गाड़ियां-

  • 11 अप्रैल से 5 मई तक गोंदिया और झारसुगुड़ा से चलने वाली 68861/ 68862 गोंदिया-झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर स्पेशल बिलासपुर और झारसुगुड़ा के बीच रद्द रहेगी।
  • 9, 10, 12, 14, 15, 16, 17, 19, 21 और 22 अप्रैल को हजरत निजामुद्दीन से चलने वाली 12410 निजामुद्दीन-रायगढ़ गोडवाना एक्सप्रेस बिलासपुर और रायगढ़ के बीच रद्द रहेगी।
  • 11, 12, 14, 16, 17, 18, 19, 21, 23 और 24 अप्रैल को रायगढ़ से चलने वाली 12409 रायगढ़-निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस रायगढ़ और बिलासपुर के बीच रद्द रहेगी।

तीसरी और चौथी लाइन का विस्तार रेलवे का अहम प्रोजेक्ट

रेलवे प्रशासन का कहना है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट तीसरी और चौथी लाइन का विस्तार है। बिलासपुर-झारसुगड़ा रूट पर चौथी लाइन का काम अलग-अलग सेक्शन में चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। रायगढ़-झारसुगुड़ा के बीच कोतरलिया रेलवे स्टेशन यार्ड को चौथी लाइन से जोड़ने का काम 11 से 24 अप्रैल के बीच होगा।

36 ट्रेनों के 206 फेरे रद्द किए गए

इस काम के चलते रेलवे ने 36 ट्रेनों के 206 फेरे रद्द किए हैं। 4 ट्रेनें 44 दिन तक बदले हुए मार्ग से चलेंगी। 3 ट्रेनों को 45 दिन तक आधे रास्ते ही चलाया जाएगा। डेवलपमेंट के काम के चलते हावड़ा-मुंबई-हावड़ा मेल 14-14 दिन और मुंबई-हावड़ा-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस 8-8 दिन डायवर्टेड रूट से चलेगी।

बिलासपुर-झारसुगुड़ा-बिलासपुर के बीच 45 दिन तक जेडी ट्रेन आधे रास्ते ही चलेगी। हजरत निजामुद्दीन-रायगढ़-निजामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस 10-10 दिन आधे रास्ते रद्द रहेगी।

समर सीजन में ट्रेनें कैंसिल कर रेलवे ने बढ़ाई यात्रियों की परेशानियां।

समर सीजन में ट्रेनें कैंसिल कर रेलवे ने बढ़ाई यात्रियों की परेशानियां।

2100 करोड़ की लागत से हो रहा काम

बिलासपुर से झारसुगुड़ा के बीच चौथी लाइन की कुल लंबाई 206 किलोमीटर है। इस पर 2100 करोड़ रुपए की लागत आएगी। रायगढ़-झारसुगुड़ा सेक्शन में कोतरलिया रेलवे स्टेशन यार्ड को चौथी लाइन से जोड़ा जाएगा। इस सेक्शन में चौथी लाइन का विद्युतीकरण भी किया जाएगा।

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कोरबा

ईद-उल-अजहा (बकराईद) त्योहार के लिए बाकी मोगरा थाना में संपन्न हुई शांति समिति का बैठक

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संवाददाता साबीर अंसारी

कोरबा/बाकी मोगरा :– प्रदेश के आठ साथ पूरे भारत देश में कल दिनांक 07/09/25 दिन शनिवार को मनाई जाएगी ईद–उल–अजहा। मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहारो में से एक बकराईद (ईद–उल–अजहा) शुमार होता है, त्योहार को शांति पूर्ण और शांति व्यवस्था के लिए कोरबा जिले के बांकीमोंगरा थाना परिसर में शांति समिति की बैठक सम्पन्न की गई, बांकीमोंगरा थाना प्रभारी तेज कुमार यादव द्वारा मुस्लिम समाज के प्रमुखों की बैठक में बुलाकर बकरीद त्योहार को शांति, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण तरिके से मनाने की अपील की गई।शाही मुमताज मस्जिद मदरसा जामे गौसिया कमेटी बांकीमोंगरा के पदाधिकारियों ने बकरीद त्योहार को शांति, भाईचारे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने के लिए चर्चा करते हुए बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए समाज में बैठक भी किया जा चुका है, और बताया कि कल सुबह 08:00 बजे ईदगाह इंदिरानगर बाकी मोगरा में नमाज पढ़ी जाएगी जो लगभग 09:00 बजे तक नमाज का समापन हो जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से शाही मुमताज मस्जिद मदरसा जामे गौसिया कमेटी बांकीमोंगरा के सदर – मेराज खान, खजांची – साबीर अंसारी, खुसूसी मेंबर मकसूद कुरैशी, फिरोज गांधी, मेराज कुरैशी,, और ईदगाह जामे गौसिया कमेटी के सचिव शेखू खान, पप्पू खान उपस्थित रहे ।

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रोजगार की मांग पर भूविस्थापित किसानों द्वारा खदान बंदी के बाद 3 महिला समेत 4 भू विस्थापित गिरफ्तार : माकपा और किसान सभा ने की निंदा, रिहा करने की मांग, दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

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शनिवार को एसईसीएल के सीएमडी का फूंकेंगे पुतला

संवाददाता साबीर अंसारी

कोरबा:– छत्तीसगढ़ किसान सभा,माकपा और भू विस्थापित संगठनों ने कहा कि एसईसीएल में अपनी जमीन जाने के बाद लगातार रोजगार की मांग कर रहे भू विस्थापित किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर एसईसीएल और प्रशासन के दमनात्मक रवैये को स्वीकार नहीं किया जाएगा। कुसमुंडा खदान में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे सरिता कौशिक,गोमति केवट,मीना कंवर,लंबोदर श्याम को गिरफ्तार किया गया है उन्हे तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए शनिवार को एसईसीएल के दमनकारी सीएमडी हरीश दुहान का पुतला फूकने का एलान किया है।उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा खदान क्षेत्र के कई गांवों की जमीन को 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए अधिग्रहित किया गया है, लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है, न पुनर्वास। ऐसे प्रभावितों की संख्या 1000 से भी अधिक है और वे लंबे समय से रोजगार के लिए आंदोलनरत है, जबकि एसईसीएल प्रबंधन उन्हें रोजगार देने में आनाकानी कर रहा है। अप्रैल महीने में भी प्रशांत झा सहित 13 भू विस्थापितों के खिलाफ एसईसीएल प्रबंधन द्वारा दंगा फैलाने जैसे मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।आंदोलनकारी रोजगार और पुनर्वास से जुड़े अपने अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और दमन की किसी भी कार्यवाही से डरने वाले नहीं है। इसके पहले भी वे लाठी और जेल का सामना कर चुके हैं।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए भू विस्थापितों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एसईसीएल और प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण ही विस्थापित बेरोजगारों का आंदोलन इतने चरम पर पहुंचा है, जिसे प्रबंधन उचित पहलकदमी करके टाल सकता था। उन्होंने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन ने समस्या को हल करने का कई बार वादा किया लेकिन इस दिशा में उसने कोई ठोस कार्य नहीं किया। माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया की जब से एसईसीएल के नए सीएमडी हरीश दुहान बैठे है तब से एसईसीएल आंदोलन को दबाने के लिए दमन की नीति पर काम कर रहा है।उसने पूरे कोल फील्ड में आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए है और आंदोलनकारियों को जेल भेज कर डराने की कोशिश कर रहे हैं।कुसमुंडा में कल आंदोलनकारी महिला की गिरफ्तारी इसी दमन की अगली कड़ी है। माकपा,किसान सभा और भू विस्थापित संगठन इसका जवाब आंदोलन को और तेज करके देगा।जल्द भू विस्थापितों को एकजुट कर बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी रोजगार और पुनर्वास के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, सुमेंद्र सिंह कंवर ने आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों पर लादे गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्हों ने कहा कि भू विस्थापितों के शिनाख्ती के आधार पर फर्जी नियुक्तियां को रद्द कर वास्तविक और पात्र लोगों को रोजगार दिया जाए, अन्यथा पीड़ित को मुआवजा सहित उनकी जमीन वापस की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि भूविस्थापितों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा और एसईसीएल प्रबंधन को सभी भू विस्थापितों को रोजगार देना ही होगा।भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु यादव,जय कौशिक ने कहा कि भू विस्थापित अपने अधिकार की मांग कर रहे थे और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज कर आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रहे हैं भू विस्थापित संगठन ने गिरफ्तार भू विस्थापितों को जल्द रिहा किया जाए नहीं तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा।एसईसीएल प्रबंधन के किसान विरोधी दमनात्मक रवैये के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पूरे कोल फील्ड में किसानों और भू विस्थापितों का संयुक्त आंदोलन खड़ा करने की घोषणा की है।उन्होंने कहा है कि अपने सामाजिक उत्तरदायित्यों का पालन करने के लिए एसईसीएल को आंदोलन के जरिए मजबूर किया जायेगा।

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कोरबा

बांगो बांध में पात्र मछुआरों को मिले आर्थिक कार्यों में अवसर : ज्योत्सना महंत

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0 वन अधिकार अधिनियम का मिले लाभ
0 मछुआरों की चौपाल में पहुंचीं कोरबा सांसद

कोरबा। जिले के हसदेव-बांगो बांध के नजदीक में बसे ग्राम बोड़ानाला मे हसदेव बांगो जलाशय मछुवारा संघ की चौपाल में पहुंची कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मछुवारों और ग्रामीणों के हक और अधिकारो की आवाज़ बुलंद करने और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके हक की इस लड़ाई में अंतिम तक साथ देने का वायदा किया है।


बोड़ा नाला में आयोजित चौपाल को संबोधित करते हुए सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है बांगो जलाशय में मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्र य के लिए बुलाए गए टेंडर को निरस्त करने और वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत पात्र मछुआरों को कार्य देने का अनुरोध किया है। सांसद ने कहा कि अधिनियम-2006 में स्पष्ट प्रावधान है कि वन भूमि पर स्थित जल क्षेत्र में मछली पालन, मत्स्याखेट और मछली विक्रय करने का अधिकार पात्र अजा वर्ग तथा अन्य वर्ग के वनवासियों को ही है। इस पर जरा भी कोई शंका हो तो वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 तथा धारा 4 का अवलोकन कर लेवें। सांसद ने कहा कि दिसंबर-2007 के पश्चात हसदेव बांगो जलाशय को मछली पालने आदि के लिए ठेके पर दिया जाना वन अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है। शासन से मांग है कि मछुआरों को निर्बाध रूप से इस पर कार्य करने दिया जाए। बोड़ा नाला में आयोजित बड़ी संख्या में उपस्थित मछुवारों और वन वासियों की बैठक में सांसद ने कहा कि बुका, हसदेव बांगो जलाशय क्षेत्र की गरीब ग्रामीण जनता के अधिकारों का हनन असंवैधानिक है। कोरबा के दूरस्थ वनांचल ग्रामों के दौरे में पहुंची सांसद ने अनेक विकास कार्यों और ग्रामीणों की समस्याओं को नजदीक से जाना और आश्वस्त किया कि इसके लिए वे शासन और प्रशासन से पहल करेंगी। ग्राम में आयोजित चौपाल में सुपुत्र सूरज महंत,जिलाध्यक्ष मनोज सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री प्रशांत मिश्रा, संयुक्त महासचिव व साँसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, वरिष्ट नेता डॉ.शेख इस्तियाक, साँसद प्रतिनिधि किरण चौरसिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

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