देश
70+ वालों को आज से ₹5 लाख का मुफ्त इलाज:आयुष्मान योजना से 6 करोड़ बुजुर्गों को फायदा; पीएम बोले- अफसोस इसमें दिल्ली-बंगाल नहीं
Published
2 months agoon
By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को धनतेरस और 9वें आयुर्वेद दिवस पर 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज की सुविधा लॉन्च की। इसके तहत देश के 6 करोड़ बुजुर्गों को फायदा मिलेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) को विस्तार दिया और इसमें बुजुर्गों को शामिल किया है। इस दौरान दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) में मोदी ने सीनियर सिटीजन को आयुष्मान वय वंदन कार्ड सौंपा।
पीएम ने कहा, ‘मैं दिल्ली और बंगाल के 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों से क्षमा मांगता हूं कि उनकी सेवा नहीं कर पाऊंगा। आपको कष्ट होगा, लेकिन मैं मदद नहीं कर पाऊंगा। कारण- दिल्ली और बंगाल की सरकार इस योजना से नहीं जुड़ रही है। माफी मांगता हूं कि देशवासियों की सेवा कर पा रहा हूं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ दिल्ली-बंगाल में सेवा नहीं करने दे रहा। मेरे दिल में कितना दर्द होता होगा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगा।’
पीएम ने 12,850 करोड़ के हेल्थ प्रोजेक्ट्स का भी उद्घाटन किया
मोदी ने 29 अक्टूबर को 12,850 करोड़ के हेल्थ प्रोजेक्ट्स उद्घाटन किया। पीएम ने वर्चुअली मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार समेत 18 राज्यों में हेल्थ प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए। इसके साथ उन्होंने ऋषिकेश AIIMS से देश की पहली एयर एंबुलेंस संजीवनी की शुरुआत भी की।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे फेज का प्रोजेक्ट मॉडल देखा। इसमें पंचकर्म हॉस्पिटल, आयुर्वेदिक फार्मेसी, लाइब्रेरी, आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है।
पीएम मोदी की स्पीच की 10 बड़ी बातें…
बीमारी का मतलब परिवार पर बिजली गिरना होता था:
हममें से अधिकतर लोग उस पृष्ठ भूमि से हैं, जहां बीमारी का मतलब पूरे परिवार पर बिजली गिरना होता है। गरीब के घर में कोई एक बीमार होता है तो असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। एक समय था जब इलाज में लोगों को घऱ, जमीन, गहने बेचने पड़ते थे। इलाज का खर्च सुनकर ही गरीब की आत्मा कांप जाती थी। बुजुर्ग मां सोचती थी कि अपना इलाज कराऊं या नाती-पोते की पढ़ाई। गरीब परिवार के बड़े-बुजुर्गों को चुपचाप तकलीफ सहने का रास्ता दिखाई देता था। पैसे की कमी की वजह से इलाज न करा पाने की बेबसी गरीब को तोड़कर रख देती थी।
मेरी गारंटी पूरी हुई:
मुझे आज संतोष है कि इस योजना का विस्तार हो रहा है। चुनाव के समय मैंने गारंटी दी थी कि तीसरे कार्यकाल में 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को इस योजना के दायरे में लाया जाएगा। आज धनवंतरि जयंती पर ये गारंटी पूरी हो रही है। अब 70 साल से ज्यादा उम्र के हर बुजुर्ग को अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा। ऐसे बुजुर्गों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड दिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि यह काम जल्द से जल्द हो। ये ऐसी योजना है जिसमें आय की कोई पाबंदी नहीं है। हर कोई लाभार्थी बन सकता है।
बुजुर्गों के लिए मील का पत्थर: बुजुर्ग स्वस्थ जीवन जियें और स्वाभिमान के साथ जियें। यह योजना इसके लिए मील का पत्थर साबित होगी। परिवार के खर्चे और चिंता कम होगी। इस योजना के लिए सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। बुजुर्गों को प्रणाम करते हुए वय वंदना करता हूं।
- आयुष्मान योजना से 4 करोड़ गरीबों को फायदा: देश में लगभग 4 करोड़ गरीबों ने इस योजना का लाभ उठाया है। ये 4 करोड़ गरीब अस्पताल में भर्ती हुए इनमें से कुछ को अलग-अलग बीमारियों के लिए इलाज कराया। इन्हें एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा। आयुष्मान योजना न होती तो गरीबों को करीब-करीब सवा लाख करोड़ रुपए अपनी जेब से देने होते। मैं इस योजना के लाभार्थियों से मिलता हूं, उनका सुख-दुख जानता हूं। उनकी आंखों में से जो खुशी के आंसू छलकते हैं, वो इस योजना से जुड़े हर व्यक्ति, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं होते। इससे बड़ा आशीर्वाद क्या होगा। ऐसी योजना पहले कभी नहीं मिली।
- जन औषधि केंद्र पर 80% डिस्काउंट दवा: गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, सभी के लिए इलाज का खर्च कम से कम हो, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। देश में 14 हजार से ज्यादा पीएम जन औषधि केंद्र इस बात के साक्षी हैं कि हमारी सरकार कितनी संवेदनशील है। जन औषधि केंद्र पर 80 फीसदी डिस्काउंट पर दवा मिलती है। ये न होते तो गरीबों-मध्यम वर्ग को 30 हजार करोड़ रुपया ज्यादा देना पड़ता। ये रुपए बच गए।
- जानलेवा बीमारियों से बचा रहा मिशन इंद्रधनुष: हमने स्टेन्ट और घुटना प्रत्यारोपण उपकरणों को सस्ता किया। ये न किया होता तो लोगों को 80 हजार करोड़ रुपए ज्यादा खर्च करना पड़ता। ये रुपए बच गए। मुफ्त डायलिसिस योजना से भी लाखों करोड़ रुपए का खर्च बचा है। जानलेवा बीमारियों से रोकथाम के लिए मिशन इंद्रधनुष चल रहा है। गर्भवती महिलाओं की जिंदगी बच रही है, नवजात बच रहे हैं। वे गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से भी बच रहे हैं।
- 2 लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले: आज इन मंदिरों पर करोड़ों लोगों की कैंसर, बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारियों की जांच हो पा रही है। लोगों का इलाज भी समय पर शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य में तकनीक का इस्तेमाल भी कारगर है। ई-संजीवनी योजना के तहत 30 करोड़ लोग मान्य डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श ले चुके हैं। मुफ्त परामर्श से पैसे बचे।
- यू-विन प्लेटफॉर्म लॉन्च: अब भारत के पास अपना एक तकनीकी एडवांस इंटरफेस होगा। कोरोना के वक्त को-विन की सफलता को दुनिया ने देखा। यूपीआई की सक्सेस ग्लोबल स्टोरी है। डीपीआई के जरिए वही सफलता भारत हेल्थ सेक्टर में दोहरा रहा है।
- प्रकृति परीक्षण अभियान: 21वीं सदी में विज्ञान ने मेडिसिन के क्षेत्र में प्रगति की है। जिन बीमारियों को लाइलाज माना जाता था, आज उनका इलाज है। वेलनेस की बात होती है तो भारत के पास हजारों साल पुराना अनुभव है। आज इस प्राचीन ज्ञान को एविडेंस के साथ एडवांस मेडिकल में जोड़े। आधुनिक विज्ञान में इस पर ठोस काम नहीं हुआ। आज हम अहम अभियान लॉन्च कर रहे हैं। प्रकृति परीक्षण अभियान, किसी इलाज का परिणाम दिखता है, प्रमाण भी लाना होगा।
- नमामि गंगे नेचुरल फॉर्मिंग और जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहा: भगवान धनवंतरि के आशीर्वाद से हम विकसित भारत के साथ निरामय भारत बनाएंगे। हम एक काम की दिशा में ताकत लगाने वाले हैं। हमारे देश में आयुर्वेद की मैन्युस्क्रिप्ट पड़ी हुई है। कहीं शिलालेख, कहीं ताम्र पत्र, हस्तलिपि में इस ज्ञान को सहेजेंगे, तकनीक से जोड़ेंगे, हम इसे हासिल करने के लिए मिशन मोड पर काम करेंगे।
You may like
देश
बांग्लादेश की भारत से मांग- शेख हसीना को वापस भेजें:पूर्व पीएम के खिलाफ अपहरण-देशद्रोह समेत 225 केस; तख्तापलट के बाद भारत में पनाह ली
Published
60 minutes agoon
December 23, 2024By
Divya Akashढाका,एजेंसी। बांग्लादेश ने सोमवार को भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने इसकी पुष्टि की है।
हुसैन ने कहा-
हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को एक राजनयिक चिट्ठी भेजी है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश सरकार कानून का सामना करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को वापस चाहती है।
इससे पहले गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है। दरअसल, 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने भागकर भारत में पनाह ले ली थी। वे तब से यही पर हैं।
शेख हसीना की भारत से वापसी को लेकर सवाल पूछे जाने पर जहांगीर ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच अपराधियों की अदला-बदली को लेकर समझौता है। यह उसी समझौते के तहत किया जाएगा।
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।
शेख हसीना 5 अगस्त की शाम अपनी बहन के साथ ढाका से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंची थीं।
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता क्या है?
साल 2013 की बात है। भारत के नॉर्थ-ईस्ट उग्रवादी समूह के लोग बांग्लादेश में छिप रहे थे। सरकार उन्हें बांग्लादेश में पनाह लेने से रोकना चाहती थी। इसी वक्त बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के लोग भारत में आकर छिप रहे थे। दोनों देशों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक प्रत्यर्पण समझौता किया।
इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह ले रहे भगोड़ों को लौटाने की मांग कर सकते हैं। हालांकि इसमें एक पेंच ये है कि भारत राजनीति से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, लेकिन अगर उस व्यक्ति पर हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हों तो उसके प्रत्यर्पण को रोका नहीं जा सकता।
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस समझौते की बदौलत, बांग्लादेश ने 2015 में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था। भारत भी अब तक बांग्लादेश के कई भगोड़ों को वापस भेज चुका है।
समझौते में 2016 में हुए संशोधन के मुताबिक, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की जरूरत भी नहीं है। इसके लिए कोर्ट से जारी वारंट ही काफी है। इससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
देश
Published
1 hour agoon
December 23, 2024By
Divya Akash5वीं-8वीं में फेल होने वाले बच्चे प्रमोट नहीं होंगे:2 महीने में दोबारा एग्जाम होगा, फिर फेल हुए तो भी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा
नई दिल्ली,एजेंसी। 5वीं और 8वीं क्लास के एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अब पास नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले स्टूडेंट्स को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था।
सरकार के नए नोटिफिकेशन के मुताबिक फेल होने वाले स्टूडेंट्स को 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। अगर वे दोबारा फेल होते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा, बल्कि जिस क्लास में वो पढ़ रहे थे उसी में दोबारा पढ़ेंगे। सरकार ने इसमें एक प्रावधान भी जोड़ा है कि 8वीं तक के ऐसे बच्चों को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा।
16 राज्यों में पहले से खत्म है नो-डिटेंशन पॉलिसी
केंद्र सरकार की नई पॉलिसी का असर केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित करीब 3 हजार से ज्यादा स्कूलों पर होगा। 16 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली और पुडुचेरी) नो-डिटेंशन पॉलिसी पहले पहले ही खत्म कर चुके हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं।
सरकार ने पॉलिसी में बदलाव क्यों किया
साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी। जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया।
नॉ डिटेंशन पॉलिसी क्यों लागू की गई
नो डिटेंशन पॉलिसी राइट टू एजुकेशन 2009 का हिस्सा थी। ये सरकार की पहल थी जिससे भारत में शिक्षा की स्थिती में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य था कि बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर माहौल दिया जा सके ताकि वो स्कूल आते रहें। फेल होने से स्टूडेंट्स की आत्मसम्मान को ठेस पहुंच सकती हैं। साथ ही फेल होने से बच्चे शर्म भी महसूस करते हैं जिससे पढ़ाई में वो पिछड़ सकते हैं। इसलिए नो डिटेंशन पॉलिसी लाई गई जिसमें 8वीं तक के बच्चों को फेल नहीं किया जाता।
2018 में लोकसभा में बिल पास हुआ था जुलाई 2018 में
लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने की बात थी। इसके अनुसार 5वीं और 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए रेगुलर एग्जाम्स की मांग की गई थी। इसी के साथ फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए दो महीने के अंदर री-एग्जाम कराने की भी बात थी।
2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।
देश
भारत का हरित क्षेत्र 25.17% तक बढ़ा, पर्यावरण पर सकारात्मक असर : सरकारी रिपोर्ट
Published
1 day agoon
December 22, 2024By
Divya Akashनई दिल्ली,एजेंसी। भारत का कुल वन और वृक्षावरण 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़कर अब 827,357 वर्ग किलोमीटर हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। यह जानकारी सरकार द्वारा शनिवार को जारी किए गए नवीनतम राज्य वन रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जहां वनावरण में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं प्राकृतिक जंगलों का क्षरण भी हो रहा है।
भारत के वनावरण में बढ़ोतरी
भारत का वनावरण 25.17% तक बढ़ चुका है, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा (149.13 वर्ग किलोमीटर में से 156.41 वर्ग किलोमीटर) वृक्षारोपण और कृषि वानिकी के माध्यम से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में 92,000 वर्ग किलोमीटर प्राकृतिक जंगलों का क्षरण हुआ है, जिससे घने जंगल खुले जंगलों में बदल गए हैं। यह भारतीय वन संसाधनों की गुणवत्ता के लिए चिंता का विषय है।
कार्बन अवशोषण में वृद्धि
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान कहा कि भारत ने कार्बन अवशोषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। 149.42 मिलियन टन CO2 के बराबर कार्बन स्टॉक में वृद्धि दर्ज की गई है और अब भारत का कुल कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO2 के बराबर हो गया है। यह वृद्धि भारत को 2030 तक पेरिस समझौते के तहत अपने कार्बन अवशोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
बांग्लादेश की भारत से मांग- शेख हसीना को वापस भेजें:पूर्व पीएम के खिलाफ अपहरण-देशद्रोह समेत 225 केस; तख्तापलट के बाद भारत में पनाह ली
अमित शाह के बयान के विरोध में कांग्रेस कल निकालेगी मार्च
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
Trending
- कोरबा1 year ago
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
- कोरबा8 months ago
कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
- कोरबा1 year ago
दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
- कोरबा7 months ago
श्रीमती स्वाति दुबे का निधन
- कोरबा4 months ago
ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग
- कोरबा11 months ago
वरिष्ठ भाजपा नेता दुष्यंत शर्मा कोरबा लोकसभा उम्मीदवार के लिए प्रबल दावेदार
- छत्तीसगढ़12 months ago
बिलासपुर में अपोलो अस्पताल के 4 सीनियर डॉक्टर अरेस्ट
- कोरबा1 year ago
कटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?