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पीएम मोदी 3 दिन के ओडिशा दौरे पर:बोले- ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में जीत कार्यकर्ताओं का सामर्थ्य, पॉलिटिकल एक्सपर्ट के होश उड़े

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भुवनेश्वर , एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से 3 दिन के ओडिशा दौरे पर हैं। भुवनेश्वर में उन्होंने कार्यकार्ताओं को संबोधित किया और हालिया विधानसभा चुनावों और उपचुनाव में भाजपा की जीत का श्रेय उन्हें दिया।

पीएम ने कहा कि पहले भाजपा ने ओडिशा में जीत दर्ज की, फिर हरियाणा और फिर महाराष्ट्र में। ये भाजपा की विशेषता है और भाजपा कार्यकर्ताओं का सामर्थ्य है।

यह पहला मौका है जब कोई PM राज्य में 3 दिन तक रुकेगा। PM मोदी भुवनेश्वर के लोकसेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में 30 नवंबर और 1 दिसंबर को होने वाली DGP-IG कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे।

इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। इसमें NSA अजीत डोभाल, खुफिया ब्यूरो के अधिकारी, राज्यों के DGP, CRPF के महानिदेशक, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड के चीफ शामिल हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में रोड शो भी किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया।

पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में रोड शो भी किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया।

पीएम के भाषण की प्रमुख बातें…

1. ओडिशा के लोगों का स्नेह मेरे लिए यादगार

पीएम ने कहा कि पांच दिन पहले मुझे दिल्ली में ओडिशा पर्व के शानदार समारोह में शामिल होने का अवसर मिला था। ओडिशा पर्व में ओडिया विरासत और गौरव के वो भव्य दर्शन, ओडिशा के लोगों का स्नेह और अपनापन मेरे लिए बहुत ही यादगार पल हैं।

2. ओडिशा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान किया

पीएम ने कहा कि चुनाव से कुछ महीने पहले तक बड़े-बड़े पॉलिटिकल एक्सपर्ट ओडिशा में भाजपा को पूरी तरह से खारिज कर रहे थे। ये लोग कह रहे थे कि ओडिशा में भाजपा इतनी बड़ी ताकत बन ही नहीं सकती कि वो अपने बलबूते पर सरकार बना ले।

लेकिन नतीजों ने सबको हैरान कर दिया। क्योंकि, भाजपा की केंद्र सरकार ने ओडिशा के लोगों के लिए जो काम किया और दिल्ली में रहकर भी ओडिशा के लोगों के साथ अपनेपन का जो नाता बनाया, वो ओडिशा में घर-घर तक पहुंच चुका था।

3. जो सत्ता को जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, वो अपनी हार का गुस्सा जनता पर निकाल रहे हैं

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में नीतिगत विरोध बहुत स्वाभाविक है। राजनीतिक दल अपनी बात जनता के बीच पहुंचाने के आंदोलन भी करते रहते हैं, लेकिन ये सब लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा में रहकर किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से एक बहुत बड़ा बदलाव आपने महसूस किया होगा।

भारत के संविधान की भावनाओं को कुचला जा रहा है, लोकतंत्र की सारी मान-मर्यादाओं को अस्वीकार किया जा रहा है। जो लोग सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, उनके पास केंद्र की सत्ता पिछले एक दशक से नहीं है। देश की जनता किसी और को आशीर्वाद दे, इसका गुस्सा उन्हें जनता पर भी है। इस स्थिति ने उनके अंदर इतना गुस्सा भर दिया है कि वो देश के खिलाफ साजिश करने में जुटे हैं।

4. सत्ता की चाह में लोगों को गुमराह किया जा रहा है

पीएम ने कहा कि देश को गलत दिशा में ले जाने के लिए इन लोगों ने जनता को गुमराह करना शुरू कर दिया है। उनकी झूठ और अफवाह की दुकान 50-60 साल से चल रही है। अब उन्होंने इस अभियान को और तेज कर दिया है। इसलिए मैं सभी देशवासियों से कहना चाहूंगा कि हमें हर पल सतर्क रहना है और लोगों को जागरूक करते रहना है।

सत्ता के भूखे ये लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं। जब इनका एक झूठ लोगों पर काम नहीं करता, तो उससे बड़ा दूसरा झूठ ये गढ़ते हैं। ये अपने कार्यकर्ताओं को भी झूठा दिलासा देने के लिए यही करते हैं। इसलिए हमें हर झूठ को बेनकाब करना है।

5. भाजपा की कोशिशों से ओडिशा की आदिवासी बेटी राष्ट्रपति पद पर पहुंचीं

पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि भाजपा की कोशिशों से ओडिशा की आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू जी आज देश की राष्ट्रपति हैं। इससे पूरे देश के आदिवासी समाज का गौरव बढ़ा है। मुर्मू जी के देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने से हर वर्ग की बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ा है। एक आदिवासी बेटी की ये यात्रा आने वाली कई पीढ़ियों तक प्रेरित करेगी।

कॉन्फ्रेंस में देश की आंतरिक-बाहरी सुरक्षा पर होगी चर्चा इस कॉन्फ्रेंस में कानून और व्यवस्था के मुद्दों पर राज्यों के प्रदर्शन की जांच, देश में सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के तरीकों का पता लगाने पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन के दौरान आंतरिक सुरक्षा, वामपंथी उग्रवाद, आतंकवाद और आतंकवाद-रोधी, साइबर अपराध और AI से आने वाली चुनौतियों जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

गृह मंत्री के ओडिशा एयरपोर्ट पहुंचने पर CM मोहन माझी ने उनका स्वागत किया।

गृह मंत्री के ओडिशा एयरपोर्ट पहुंचने पर CM मोहन माझी ने उनका स्वागत किया।

NSA अजीत डोभाल DGP-IGP कॉन्फ्रेंस के लिए दोपहर को भुवनेश्वर पहुंच गए हैं

NSA अजीत डोभाल DGP-IGP कॉन्फ्रेंस के लिए दोपहर को भुवनेश्वर पहुंच गए हैं

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति मेडल भी दिया जाएगा मोदी ने 2014 में PM बनने के बाद से पूरे देश में कॉन्फ्रेंस के आयोजन को प्रोत्साहित किया है। यह सम्मेलन अब तक गुवाहाटी (असम), कच्छ के रण (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), टेकनपुर (ग्वालियर, मध्य प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), नई दिल्ली और जयपुर (राजस्थान) में आयोजित किया जा चुका है। इस बार यह ओडिशा में हो रहा है। इस दौरान विशिष्ट सेवा करने वाले अधिकारियों को राष्ट्रपति मेडल भी दिया जाएगा।

पिछली बार PM मोदी मई 2024 को ओडिशा गए थे। तब लोकसभा और विधानसभा चुनाव का प्रचार किया था।

पिछली बार PM मोदी मई 2024 को ओडिशा गए थे। तब लोकसभा और विधानसभा चुनाव का प्रचार किया था।

पन्नू की धमकी के चलते सुरक्षा बढ़ाई प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन के संस्थापक पन्नू ने कुछ दिन पहले धमकी भरा वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने नक्सलियों, माओवादियों, कश्मीरी आतंकवादियों से DG-IGP कॉन्फ्रेंस-2024 में डिस्टरबेंस करने कहा था। इसके चलते 59वें DG-IGP कॉन्फ्रेंस 2024 के लिए 70 से ज्यादा पुलिस फोर्स की प्लाटून तैनात की गई हैं।

सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर PM मोदी और अमित शाह का सैंड आर्ट बनाया।

सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर PM मोदी और अमित शाह का सैंड आर्ट बनाया।

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भारत के 52वें चीफ जस्टिस बनेंगे जस्टिस बीआर गवई:देश के दूसरे दलित चीफ जस्टिस, 7 महीने का कार्यकाल; 14 मई से संभालेंगे काम

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है।

परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।

CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।

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वक्फ कानून पर तत्काल रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार:केंद्र सरकार से पूछा- क्या हिंदू धार्मिक ट्रस्टों में मुस्लिमों को जगह देंगे

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दो घंटे सुनवाई हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर SG ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।

CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं।’

सुप्रीम कोर्ट अब गुरुवार 2 बजे सुनवाई करेगा। सुनवाई में अपीलकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड बनाने, पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, बोर्ड मेंबर्स में गैर-मुस्लिम और विवादों के निपटारों को लेकर मुख्य दलीलें दीं।

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चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई रोकी:गाड़ी, हथियार, एयरक्राफ्ट महंगे होंगे; अब ट्रम्प बोले- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी टैरिफ लगाऊंगा

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वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।

चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।

ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।

चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।

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