विदेश
भूकंप के 21 झटकों से जापान में तबाही, सुनामी अलर्ट के बाद भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए इमरजेंसी नंबर किए जारी
Published
1 year agoon
By
Divya Akash
टोक्यो,एजेंसी। जापान ने सोमवार को पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए जाने के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की और लोगों से तटीय इलाकों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा। 90 मिनट के अंदर रिक्टर स्केल पर 4.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप के 21 झटके महसूस किए गए। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे इशिकावा के समुद्र तटों और आसपास के प्रांतों में भूकंप आने की सूचना दी, जिनमें से एक की प्रारंभिक तीव्रता 7.6 मापी गई। इसने इशिकावा के लिए एक गंभीर स्तर की सुनामी चेतावनी और होंशू द्वीप के बाकी पश्चिमी तट के लिए निचले स्तर की सुनामी चेतावनी जारी की। जापान में भूकंप के केंद्र के पास सभी प्रमुख हाईवे बंद कर दिए गए हैं। जापान में भारतीय दूतावास ने तीव्र भूकंप के बाद भारतीय नागरिकों के लिए इमरजेंसी नंबर जारी किए। भूकंप के बाद 34,000 घरों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। मध्य जापान में कई प्रमुख राजमार्ग बंद करने पड़े क्योंकि भूकंप के कारण सड़कों में बड़ी दारारें पड़ गई हैं। फुकुई प्रांत (फुकुई प्रीफेक्चर जापान के होंशू द्वीप का हिस्सा है) में फायर डिपार्टमेंट और स्थानीय सरकार के अनुसार, कम से कम 5 लोग घायल भी हुए । जापान के सरकारी प्रसारक ‘एनएचके टीवी ने चेतावनी दी कि समुद्र में लहरें पांच मीटर तक पहुंच सकती हैं। इसने लोगों से जल्द से जल्द ऊंचे स्थानों या पास की इमारत की ऊपरी मंजिलों पर चले जाने का आग्रह किया। भूंकप के कारण क्षति की तत्काल कोई सूचना नहीं है। एनएचके के मुताबिक, जापान के पश्चिमी तट पर निगाटा और अन्य क्षेत्रों में लगभग तीन मीटर ऊंची सुनामी आने की आशंका जताई गई। इसके अनुसार, समुद्र तट पर कम ऊंचाई की सुनामी लहरें पहले ही दर्ज की गई हैं। भूकंप प्रभावित क्षेत्र में स्थित एक परमाणु संयंत्र ‘तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने कहा कि संयंत्र में अब तक किसी तरह की संचालन संबंधी दिक्कत सामने नहीं आई है। सरकार के प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने कहा कि क्षेत्र में स्थित परमाणु संयंत्रों को किसी तरह का नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं है। उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा, ”हर एक मिनट अहम है। कृपया तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। उत्तर कोरिया और रूस ने भी अपने कुछ हिस्सों में समुद्र में एक मीटर ऊंची लहरे उठने की चेतावनी जारी की है। रूस के अधिकारियों ने सखालिन द्वीप के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। वहीं, दक्षिण कोरिया में मौसम एजेंसी ने कुछ पूर्वी तटीय शहरों के निवासियों से समुद्र के स्तर में संभावित बदलावों पर नजर रखने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने भूकंप और सुनामी के बारे में जानकारी इक_ा करने के लिए एक विशेष आपातकालीन केंद्र स्थापित किया है।
You may like
विदेश
अमेरिका में विरोध की आग! आंसू गैस और गिरफ्तारियों से बवाल, ट्रंप ने LA में 2000 सैन्य जवान किए तैनात
Published
26 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शनों को काबू करने के लिए ‘कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड’ के 2,000 जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है जबकि गवर्नर ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियमों के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया जिसके बाद एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प हुई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ट्रंप कैलिफोर्निया में ‘‘बढ़ती अराजकता से निपटने के लिए” ‘कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड’ के जवानों को तैनात कर रहे हैं। कैलिफोर्निया के गवर्नर एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता गैविन न्यूसम ने इस कदम पर आपत्ति जताई और ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ साझा करते हुए कहा कि रिपब्लिकन पार्टी के नेता एवं राष्ट्रपति ट्रंप का यह कदम ‘‘जानबूझकर भड़काने वाला है और इससे केवल तनाव बढ़ेगा।” न्यूसम ने कहा, ‘‘यह मिशन अनुचित है और इससे जनता का भरोसा खत्म हो जाएगा।”

विदेश
ट्रंप की मस्क को खुली धमकी-डेमोक्रेट्स का साथ दिया तो भुगतोगे अंजाम
Published
40 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
वाशिंगठन,एजेंसी। एलन मस्क के साथ अपने टकराव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीछे हटते नजर नहीं आ रहे। उन्होंने शनिवार को साफ किया कि मस्क के साथ रिश्ते को सुधारने की उनकी कोई इच्छा नहीं है और चेतावनी दी कि अगर मस्क आगामी चुनावों में डेमोक्रेट्स की मदद करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें ‘‘गंभीर परिणामों” का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप ने ‘एनबीसी’ की क्रिस्टन वेल्कर को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा कि उनका मस्क के साथ संबंध सुधारने का कोई इरादा नहीं है। जब उनसे विशेष रूप से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ उनका रिश्ता खत्म हो गया है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “हां, मुझे ऐसा लगता है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं अन्य कामों में बहुत व्यस्त हूं। आप जानते हैं, मैंने भारी मतों से चुनाव जीता है। मैंने उन्हें बहुत सारे मौके दिए, ऐसा होने से बहुत पहले, मैंने उन्हें अपने पहले प्रशासन में मौके दिए। अपने पहले प्रशासन में उनकी जान बचाई, मेरा उनसे बात करने का कोई इरादा नहीं है।” ट्रंप ने इस चर्चा के बीच चेतावनी भी जारी की कि मस्क 2026 के मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक सांसदों और उम्मीदवारों का समर्थन कर सकते हैं। ट्रंप ने एनबीसी से कहा, ‘‘अगर वह ऐसा करते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।”

विदेश
गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान खिलाफ भड़का विद्रोह, सड़कों पर उतरा जनसैलाब
Published
52 minutes agoon
June 8, 2025By
Divya Akash
पेशावर,एजेंसी। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) का गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र इस समय भीषण जनआंदोलन और आंतरिक उथल-पुथल का गवाह बन चुका है। यहां आम जनता, शिक्षक और व्यापारी सभी वर्ग पाकिस्तान की दमनकारी सरकार और नीतियों के अलावा पाकिस्तान की सेना-समर्थित सरकार द्वारा पारित विवादित भूमि और खनिज अधिनियम के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर आए हैं। यह कानून स्थानीय लोगों की पारंपरिक ज़मीनों, पहाड़ों, ग्लेशियरों और खनिज संसाधनों को सरकारी संपत्ति घोषित करता है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए भूमि हस्तांतरण का रास्ता खोलता है।स्थानीय निवासियों ने इस कानून को ‘अपनी पहचान और अधिकारों पर हमला’ करार दिया है और पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। सड़कों और प्रमुख हाईवे जाम कर दिए गए हैं, और प्रदर्शन में महिलाएं, छात्र और राजनीतिक कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
लोगों का गुस्सा अब उबाल पर
गिलगित-बाल्टिस्तान में पिछले एक सप्ताह से सैकड़ों स्कूली शिक्षक अपने अधिकारों और वेतन संबंधी मांगों को लेकर दिन-रात सड़कों पर धरने पर बैठे हुए हैं। पाकिस्तान सरकार की बेरुखी और लगातार अनदेखी के कारण शिक्षकों का गुस्सा अब उबाल पर है। वहीं दूसरी ओर, स्थानीय व्यापारी समुदाय ने कराकोरम हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया है। यह हाईवे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की मुख्य जीवनरेखा मानी जाती है, और इसे रोककर व्यापारियों ने पाकिस्तान को सीधा आर्थिक झटका दिया है।
भारत का स्पष्ट और अडिग रुख
गिलगित-बाल्टिस्तान सामरिक दृष्टि से बेहद अहम क्षेत्र है, जहां भारत, पाकिस्तान और चीन की सीमाएं मिलती हैं। भारत ने हमेशा गिलगित-बाल्टिस्तान को जम्मू-कश्मीर का अविभाज्य हिस्सा माना है। यह क्षेत्र पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, जिसे 1947-48 में जबरन हथिया लिया गया था। भारत सरकार ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस कब्जे को रद्द करने की अपील की है। 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के खत्म होने के बाद भारत ने पुनः स्पष्ट किया कि PoK और गिलगित-बाल्टिस्तान का संप्रभु अधिकार भारत का है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी यह संदेश दोहराया है कि भारत इस क्षेत्र को वापस हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान और चीन की साझेदारी से भारत की सुरक्षा खतरे में है। भारत को इस क्षेत्र के लोगों के साथ कूटनीतिक और राजनीतिक समर्थन बढ़ाना होगा।
पाकिस्तान-चीन का विरोध
पाकिस्तान की सेना इस क्षेत्र में दबाव बढ़ा रही है ताकि चीन को CPEC के तहत पूरी तरह से कब्जा दिया जा सके। स्थानीय लोगों को उनकी ज़मीनों से बेदखल कर के प्राकृतिक संसाधनों की लूट की जा रही है। सुरक्षा बलों ने सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। कानून का विरोध करने वालों पर देशद्रोह और आतंकवाद के झूठे आरोप लगाए गए हैं। इस दमन के बावजूद विरोध तेज़ हो रहा है, जो पाकिस्तान की नाकामयाबी और आंतरिक टूट को दर्शाता है।
पाकिस्तान का नहीं गिलगित-बाल्टिस्तान
गिलगित-बाल्टिस्तान के कई नेताओं और नागरिकों ने भारत से सहायता और समर्थन की मांग की है। वे कहते हैं, “हम पाकिस्तान की गुलामी नहीं चाहते, हमें भारत के साथ मिलना है।”यह आंदोलन न केवल पाकिस्तान की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ है, बल्कि भारत के साथ पुनः जुड़ने की भी मांग है। गिलगित-बाल्टिस्तान में बढ़ता विरोध और पाकिस्तानी दमन यह साबित करता है कि पाकिस्तान का कब्जा अस्थायी है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह इस क्षेत्र के संघर्ष को विश्व स्तर पर उजागर करे और स्थानीय लोगों का समर्थन करे।अगर भारत सक्रिय नहीं हुआ, तो पाकिस्तान-चीन गठजोड़ इस क्षेत्र को स्थायी रूप से अपने नियंत्रण में ले सकता है, जो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा होगा।



रायपुर : कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने वैज्ञानिक एवं उन्नत तकनीकों को अपनाने किया प्रेरित

….तो बढ़ाए जाएंगे काम के घंटे, महिलाएं भी करेंगी नाइट शिफ्ट, होने लगा विरोध

22 घंटे बाद मिला एनीकेट में डूबे युवक का शव

कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश

कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर

कटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?
Trending
- कोरबा2 years ago
कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर के गुर्गों द्वारा दिव्य आकाश कर्मियों पर हमला की कोशिश
- कोरबा1 year ago
कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर
- कोरबा2 years ago
कटघोरा जनपद की 25 करोड़ की जमीन उनके करीबी कांग्रेसियों की 25 लाख में कैसे हो गई?
- कोरबा1 year ago
श्रीमती स्वाति दुबे का निधन
- कोरबा10 months ago
ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच सचिव पर गबन के आधार पर अधिरोपित राशि 3341972/- रुपये शीघ्र वसूल हो- कय्युम बेग
- कोरबा2 years ago
दर्री में 1320 मेगावाट विद्युत परियोजना के लिए नई सरकार गठन के बाद होगी पर्यावरणीय जनसुनवाई
- कोरबा1 year ago
वरिष्ठ भाजपा नेता दुष्यंत शर्मा कोरबा लोकसभा उम्मीदवार के लिए प्रबल दावेदार
- छत्तीसगढ़1 year ago
बिलासपुर में अपोलो अस्पताल के 4 सीनियर डॉक्टर अरेस्ट