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छत्तीसगढ़

किसान पर हमले के बाद झाड़ियों के बीच छिपा बाघ:वन विभाग के अफसर बताते रहे लकड़बग्घा, रेस्क्यू करने नहीं किया इंतजाम, दहशत में ग्रामीण

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बिलासपुर, एजेंसी। बिलासपुर जिले के तखतपुर के कठमुड़ा गांव में बाघ ने किसान पर हमला कर दिया, लेकिन वन विभाग के अफसरों को इस पर भरोसा नहीं हुआ। शुरुआत में उन्होंने इसे बाघ के बजाय लकड़बग्घा मानकर उसकी तलाश शुरू कर दी। हालांकि, जब वनकर्मियों ने झाड़ियों के बीच बाघ को देखा, तब अफसरों को यकीन हुआ और वे हरकत में आए। इसके बावजूद, पूरे दिन बाघ को रेस्क्यू करने का कोई इंतजाम नहीं किया गया, जिससे ग्रामीणों को दहशत में रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बाघ की खबर से मचा हड़कंप, अफसरों ने किया अनदेखा गुरुवार सुबह गांव में बाघ के आने की खबर से हड़कंप मच गया। ग्रामीण दहशत में आ गए। उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। लेकिन अफसरों को इस पर भरोसा नहीं हुआ और उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने टीम बनाई। उनका मानना था कि लकड़बग्घा को गांव के लोग बाघ बता रहे होंगे।

गांव के आसपास केबाघ पर नजर रख रहे वनकर्मी।

गांव के आसपास केबाघ पर नजर रख रहे वनकर्मी।

बाघ को लकड़बग्घा मान रहे थे वन अफसर ग्रामीण पर हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम गांव पहुंची। हमले वाली जगह पर एक पेड़ से कुछ बाल मिले। तब कहा गया कि लकड़बग्घा ने ग्रामीण पर हमला किया है। डर और दहशत में वह लकड़बग्घा को बाघ समझ गया। वनकर्मी लकड़बग्गा की तलाश में जुट गए। इस दौरान दोपहर बाद झाड़ियों में एक वन्यप्राणी आराम करता दिखा। पास जाने पर पता चला कि बाघ आराम कर रहा है।

शाम को पहुंचे अफसर, रेस्क्यू के लिए नहीं किया इंतजाम इस दौरान अचानकमार टाइगर रिजर्व से एसटीपीएस की टीम भी बुलाई गई। वनकर्मियों ने अफसरों को गांव में बाघ के आने की जानकारी दी। जिसके बाद डीएफओ सत्यदेव शर्मा मौके पर पहुंचे और बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की। लेकिन इसके बावजूद, पूरे दिन कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया। इससे ग्रामीणों में डर का माहौल बना रहा और वे रातभर दहशत में रहने को मजबूर हो गए।

एटीआर से 14 किमी दूर है गांव बताया जा रहा है कि जहां बाघ मिला, वह जगह अचानकमार टाइगर रिजर्व के टिंगीपुर और सिंहावाल सागर क्षेत्र से 14 किलोमीटर दूर है। पहले भी इस दिशा से वन्यप्राणी गांव तक पहुंचे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ एटीआर से ही आया है। फिलहाल जब तक बाघ की सही तस्वीर नहीं मिलती, यह साफ नहीं हो सकता कि वह एटीआर का है या कहीं और से आया है।

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कोरबा

हनुमान जयंती पर बताती में विशाल भंडारे का आयोजन

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मातनहेल परिवार का आयोजन, 12 अप्रैल को हनुमान प्रकटोत्सव

कोरबा (दिव्य आकाश)। कोरबा ब्लाक के सुदूर वनांचल क्षेत्र बताती में धूमधाम से हनुमान जयंती मनाया जाएगा। 12 अप्रैल को हनुमान प्रकटोत्सव पूरे जिले भर में धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी कड़ी में मातनहेल परिवार द्वारा ग्राम बताती के बताती बगीचा परिसर में स्थित हनुमान मंदिर प्रांगढ़ में हनुमान जयंती भव्य रूप से मनायी जाएगी और सुबह 11 बजे से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। राजबीर प्रसाद अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल एवं भगवानदास ने इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने सभी से अपील की है।

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कोरबा

कोयला मंत्री का कोरबा प्रवास: काला झंडा दिखाने से पहले भू-विस्थापित नजरबंद

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कोरबा/गेवरा। कोयला मंत्री के सामने भू विस्थापित एवं रोजगार विरोधी नीतियों को बनाने वाले अधिकारियों को काले झंडे दिखाने से पहले पुलिस ने रोक लिया और गेवरा स्थित सीनियर रिक्रियेशन क्लब में प्रदर्शनकारियों को नजरबंद कर दिया गया है।


सीनियर रिक्रेशन क्लब में सभी प्रदर्शन करने वालों को रोक कर रखा गया है पुलिस प्रशासन ने कोयला मंत्री से मिलकर बात रखने का आश्वाशन दिया है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी के गेवरा आगमन पर एसईसीएल के सीएमडी,बोर्ड मेंबरों के दौरे का जबरदस्त विरोध करने की तैयारी कर रहे सभी प्रदर्शनकारियों को सीनियर रिक्रेशन क्लब में रखा गया है।


पुलिस प्रशासन ने मांगों को रखने और ज्ञापन सौंपने के लिए समय प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
किसान सभा के नेता प्रशांत झा, भू विस्थापित संघ के नेता रेशम यादव,दामोदर श्याम,जय कौशिक,सुमेन्द्र सिंह,रघु यादव समेत बड़ी संख्या में भू विस्थापितों को पुलिस ने रोक दिया और प्रदर्शनकारी कोयला मंत्री एवं अधिकारियों को काला झंडा नहीं दिखा पाए।

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कोरबा

कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट तक पहुंचे, कोयला उत्खनन पर जोर

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0 कोरबा पहुंचने पर सीएमडी सहित अधिकारियों ने किया स्वागत
कोरबा/ गेवरा। केन्द्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी एसईसीएल की गेवरा खदान पहुंचे और व्यू प्वाइंट से खनन गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से खनन गतिविधियों की जानकारी ली और अधिक से अधिक उत्खनन और परिवहन पर जोर देने अधिकारियों को निर्देशित किया।


इसके पूर्व गेवरा पहुंचने पर सीएमडी हरीश दुहन सहित एसईसीएल के अधिकारियों ने श्री रेड्डी का स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने भी श्री रेड्डी का भव्य स्वागत किया।
कामगारों से किया सीधा संवाद


गेवरा खदान पहुंचने के बाद कोयला मंत्री सबसे पहले कामगारों से मिले और उनसे सीधा संवाद किया और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। व्यू प्वाइंट पहुंचने पर वे कामगारों को सम्मानित भी किया। उसके बाद शोवेल-शावेल आपरेटरों से मिले और उनके साथ केबिन में बैठकर मशीन का संचालन देखा और समझा।
सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर


कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने सर्फेस माइनर का आपरेशन देखा और सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कोयला उत्खनन, लोडिंग एवं परिवहन बढ़ाने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य हो कि बीते वित्तीय सत्र में एसईसीएल ने अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया और एसईसीएल गेवरा खदान के विस्तार के लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी ना आने के कारण एसईसीएल गेवरा खदान में प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है और भू विस्थापितों का आक्रोश प्रबंधन को झेलना पड़ रहा है। कोयला मंत्री के आगमन के पूर्व सीएमडी हरीश दुहन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भी मिले और भू अधिग्रहण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने सहयोग कर चर्चा भी की।


लक्ष्य हासिल न होने के कारण कोयला मंत्री ने इसे संज्ञान में लिया और स्वयं खदान का निरीक्षण करने और अधिकारियों-कामगारों में जोश भरने दीपका पहुंचे और गेवरा खदान के व्यू प्वाइंट में पहुंचकर प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया।

एसईसीएल के सुरक्षा अधिकारियों ने कोयला मंत्री किशन रेड्डी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया

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