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छत्तीसगढ़

CGPSC विवाद के बीच 246 पदों पर नई भर्ती:7 डिप्टी कलेक्टर, 21 DSP और 90 एक्साइज के पद, 1 दिसंबर से कर सकेंगे आवेदन

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ में CGPSC के विवादों के बीच 246 पदों पर नई भर्ती निकली है, जिसमें आबकारी सब इंस्पेक्टर के सबसे ज्यादा 90 पद, डिप्टी कलेक्टर के 7 और DSP के 21 पोस्ट समेत अलग-अलग पोस्ट शामिल हैं। 17 सेवाओं के लिए अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इसके लिए दिसंबर 2024 से ऑनलाइन आवेदन भरे जाएंगे।

छत्तीसगढ़ सेवा परीक्षा 2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। पिछले कुछ सालों से लगातार 26 नवंबर को राज्य सेवा परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की जा रही है। अधिक जानकारी www.psc.cg.gov.in पर देखी जा सकती है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग।

1 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत

ऑनलाइन आवेदन 1 दिसंबर से 30 दिसंबर तक भरे जाएंगे। मुख्य परीक्षा जून में होगी। मुख्य परीक्षा को लेकर कुछ बदलाव होने की संभावना थी, लेकिन इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछली बार जिस पैटर्न पर परीक्षा हुई थी, इस बार भी उसी पैटर्न पर होगी।

इन पदों पर होगी भर्ती

राज्य सेवा परीक्षा 2024 के तहत डिप्टी कलेक्टर, उप पुलिस अधीक्षक, छग राज्य वित्त सेवा अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक संचालक (वित्त विभाग), सहायक संचालक (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग), सहायक संचालक/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, सहायक संचालक समाज कल्याण विभाग के पद शामिल हैं।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, बाल विकास परियोजना अधिकारी, छग अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, नायब तहसीलदार, राज्य कर निरीक्षक, आबकारी उप निरीक्षक, उप पंजीयक, सहकारिता निरीक्षक/सहकारिता विस्तार अधिकारी और सहायक जेल अधीक्षक के पद शामिल हैं।

अब तक ये विवाद सबसे ज्यादा चर्चा में

CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है।

आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।

171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा

CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई।

18 अभ्यर्थियों के घर CBI रेड भी

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू कर दी है। 2021 में जिन 18 अभ्यर्थियों के चयन में धांधली का शक है। उन सभी के घर पर 12 अक्टूबर को छापा मारकर जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों में 2 दिन तक तलाशी चली है।

अभ्यर्थियों के घर मिले 300 से ज्यादा किताबों और नोटबुक को पढ़ा गया। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों से हार्ड डिक्स और पैन ड्राइव जब्त की गई। अभ्यर्थियों और परिजन के बैंक खाते की जांच की जा रही है।

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कोरबा

सीपीएस पाली का प्राथमिक एवं माध्यमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 2025 का परिणाम शत प्रतिशत

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परीक्षा परिणाम ही हमारे विद्यालय की पहचान-डॉ. गजेन्द्र तिवारी

पाली। छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के प्राथमिक एवं माध्यमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 2025 का परिणाम शत प्रतिशत रहा, जिसमें कक्षा पांचवी से अंश कुमार जगत 93.50% कावेरी तंवर 93.50% प्राची निषाद 93.50% शालिनी राज 93% रिया बिंझवार 92.50% आदर्श श्रीवास 91.5 0% आकृति साहू 91.50%, , नित्या तांडिया 91.50%,जय पटेल 86.5% डीकेश पैकरा 86% परिधि श्रीवास 84.50%, आरती 81.50% एवं आरुषि 77% प्राप्त कर संस्था का गौरव बढ़ाया है जिसमें A+ _8, A _4 B+_1
इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक परीक्षा में श्रेया तंवर 87.67% सानिया पटेल 87.67% रितिका उरांव 86% पूरब पटेल 84.50% सिद्धार्थ फुलेश्वर 80 . 17% हरीश यादव 72% आयुष राज 71.50% सफल सभी छात्राओं को संस्था प्रमुख एवं शाला परिवार की तरफ से शुभकामनाएं दी गई एवं भविष्य में और भी अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण हो इसके लिए शुभकामनाएं दी गई l संस्था प्रमुख शिक्षाविद डॉ. गजेंद्र तिवारी ने बताया कि हमारी संस्था में नि:बालिका शिक्षा पर समाज से वंचित ऐसी बालिकाएं जो शिक्षा से परे हैं उनको जोड़ा जा रहा है अभी वर्तमान में 135 बालिकाएं फ्री एजुकेशन ले रही हैं ,क्यों जरूरी है गर्ल्स एजुकेशन ?-वर्तमान युग शिक्षा का यूग है हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है चाहे वह पुरुष या फिर महिला हर कोई शिक्षा को प्राप्त करना चाहता है भारतीय संस्कृति में महिलाओं को माता जैसे विशेष शब्दों से संबोधित किया गया है या फिर कहा जा सकता है कि महिलाओं को देवियों का रूप माना गया है तत्पश्चात अर्थात कुछ दशक पहले महिलाओं को मात्र घर का कामकाज करने के लायक ही माना जा रहा था लेकिन अभी वर्तमान समय में आधुनिक विचारधारा को अपनाते हुए उन्हें शिक्षा के रास्ते अग्रसर कर रहे हैं l शिक्षा से प्रकृति ने महिलाओं को मानसिक रूप से इतना सशक्त बनाना है कि वह पुरुषों की अपेक्षा हर काम को बहुत अच्छी तरह से कर सकती हैं प्रकृति को पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं पर अधिक विश्वास है, इसलिए प्रकृति ने बच्चा महिलाओं के पेट में दिया है क्योंकि प्रकृति प्रगति करने में कोई भी तरह की बाधा नहीं चाहती थी, मैं ऐसा मानता हूं कि यदि भारतीय महिलाओं ने स्वतंत्रता का सपना अपने दिल और दिमाग में नहीं सजाया होता तो शायद आज भी हमारा देश गुलाम ही रहा होता क्योंकि वह महिलाएं ही होती है जो अपने बच्चों के दिल और दिमाग में वह सब कुछ भर सकती है जो पुरुष शायद जिंदगी भर में भी नहीं भर सकते हैं इसका कारण यह है कि वह महिलाएं ही दुआ करती हैं जो अपने बच्चों को समझ आने के पहले यह समझा देती है कि आपको क्या समझना है वह महिलाएं ही दुआ करती है जो अपने बच्चों को सोचने की क्षमता आने से पहले यह समझा देती है कि आपको क्या सोचना है इत्यादि अनेक कारण है मैं ऐसा मानता हूं कि जितने भी महापुरुष हुए हैं यदि उनकी माताओ ने अपने दिल और दिमाग में स्वतंत्रता का स्वप्न नहीं सजाया होता तो शायद उनके पुत्र महापुरुष नहीं बन सकते थे
प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि के अनुसार कमजोर नहीं बनाया होता तो चंद्रगुप्त मौर्य छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे वीर पुत्र को जन्म कौन देता इसका कारण यह है कि महिलाओं का गर्भाशा जितना अधिक लचीला होता है पुत्र उतना ही अधिक शारीरिक और मानसिक रूप से कुशल होता है इसलिए प्रकृति ने महिलाओं को शारीरिक दृष्टि से के अनुसार कमजोर बनाया है जो की उचित ही है l


डॉक्टर तिवारी का मानना है कि गर्ल्स एजुकेशन से महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान होता है महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं शिक्षित महिलाएं दूसरों की शिक्षा को बढ़ावा देती है समाज का भविष्य बेहतर होता है देश के आर्थिक विकास में सहायक होती है घरेलू हिंसा की आशंका कम होती है बाल विवाह की आशंका कम होती है लिंग भेद को कम करने में सहायक होती है महिलाएं शिक्षित होने के कारण घर की आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान स्वयं हो जाया करता है समाज जागरूक होता है जाति पाति का मतभेद कम होता है एक शिक्षित महिला होने पर संपूर्ण पीढ़ी शिक्षित हो सकती है।
डा.गजेंद्र तिवारी ने बताया कि कल्पना फाउंडेशन के तहत मातृशक्ति के विकास और मजबूत सामाजिक बुनियाद के लिए छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली में निशुल्क बालिका शिक्षा कक्षा पहली से 12वीं तक मुहैया कराई जा रही है 135 छात्राएं इस सुविधा का लाभ ले रही हैं l

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कोरबा

गर्मी की छुट्टी में भी अध्ययन बंद ना हो

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भीषण गर्मी को देखते हुए राज्य शासन ने नियत समय से पहले स्कूल से बच्चों को अवकाश दे दिया। अब गर्मी के अवकाश में बच्चे मस्ती करेंगे, घूमेंगे-फिरेंगे और मोबाईल में समय बीताएंगे। अवकाश का मतलब पढ़ाई से छुट्टी नहीं होता, बल्कि घर में रहकर कुछ घंटे के लिए पढ़ाई का भी होता है। विद्यालय में आज पढ़ाई का बोझ कुछ ज्यादा ही होता है, जिसके कारण 10 माह स्कूल की पढ़ाई, घर का होमवर्क, ऊपर से अभिभावकों के दबाव के कारण दो-तीन घंटे तक ट्यूशन की पढ़ाई…ऊफ! सिर्फ 10 महीने तक पढ़ाई ही पढ़ाई… यहां तक के लिए बच्चों के पास खेलने का समय भी नहीं निकल पाता। इतना स्ट्रैस… विद्यार्थी जीवन के लिए ठीक नहीं। बच्चे पढ़ाई को उत्सव के रूप में लें… ना कि स्टै्रस। विद्यार्थी जीवन का मजा तभी है, जब पढ़ाई के लिए कड़े संघर्षों के साथ-साथ पर्याप्त खेलने का भी वक्त मिले। बच्चे गर्मी की छुट्टी में पूरा समय खेलने में बीता देते हैं और पुस्तक से कोसों दूर चले जाते हैं, यह भी ठीक नहीं।
गर्मी की छुट्टी में मस्ती करें, खेलें, रिश्तेदारों के घर घूमें-फिरें लेकिन वक्त का तकाजा है कि पुस्तक से दूर कभी ना हों। विद्यालयीन पुस्तकों का अध्ययन कुछ घंटे जरूर करें और गर्मी की छुट्टी में समान्य ज्ञान, कौशल विकास, व्यक्तित्व विकास, सामाजिक विकास, प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें अवश्य पढ़ें। मस्तिष्क को तरोजाता करने के लिए मनोरंजक पुस्तकों का अध्ययन करना बेहतर होगा। पुस्तक हमारे सच्चे मित्र होती हैं और सच्चे मित्र का सानिध्य निरंतर जीवन में मिलता रहे, तो जीवन सरल होता है और समस्याओं का समाधान भी मिलता है। पुस्तक हमें सबकुछ सीखाती हैं। जीवन जीने की कला, जीवन में अनुशासन, बड़ों और छोटों के साथ व्यवहार करना, जीवन में सामाजिक कार्यों का महत्व, सेवा का महत्व, परिवार का महत्व… और ना जाने जीवन में क्या-क्या सीखा जाती हैं पुस्तकें। पुस्तकों का साथ… मायने … जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता। इति

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कोरबा

स्वर्गीय डॉ. बंसीलाल महतो स्मृति क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य समापन, STAR 11 बिलासपुर ने रचा इतिहास

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कोरबा।स्वर्गीय डॉ. बंसीलाल महतो की पुण्य स्मृति में आयोजित भव्य क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला आज उत्साह और खेल भावना से परिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। रोमांचक फाइनल में Legend 11 और STAR 11 बिलासपुर के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली।

टॉस जीतकर STAR 11 बिलासपुर ने पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। Legend 11 ने निर्धारित 12 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 124 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। जवाब में STAR 11 बिलासपुर ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए मात्र 10.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर 6 विकेट से विजयी होकर इतिहास रच दिया।

STAR 11 बिलासपुर के स्टार खिलाड़ी छोटू भैया ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए मात्र 21 गेंदों में 53 रन ठोक डाले। साथ ही गेंदबाजी में भी उन्होंने 2 ओवर में 15 रन देकर 1 महत्वपूर्ण विकेट लिया, जिसके चलते उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ के खिताब से सम्मानित किया गया।

टूर्नामेंट के अन्य पुरस्कार इस प्रकार रहे:

सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज: राहुल (STAR 11 बिलासपुर)

सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज: प्रिंस मोदी (Legend 11)

सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक: अंकित सिंह (D.V. प्रोजेक्ट)

मैन ऑफ द सीरीज: अविनाश (STAR 11 बिलासपुर)

उत्कृष्ट संचालन व आयोजन:

इस ऐतिहासिक मुकाबले का सजीव एवं रोचक कमेंट्री का जिम्मा अभिषेक तिवारी और नितिन चतुर्वेदी ने बखूबी निभाया। अंपायरिंग की भूमिका रणजीत धिवान और विकास शर्मा ने संभाली। स्कोरर के रूप में शैलेश मसीह और अभिषेक ने शानदार कार्य किया, वहीं मीडिया प्रभारी पवन सिन्हा ने आयोजन की जानकारियों को सहजता से प्रसारित किया।

गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति:

समारोह को सम्मानित करने के लिए नगर पालिका निगम कोरबा की महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, नवभारत समाचार पत्र के संपादक नौशाद खान, प्रेस क्लब कोरबा के अध्यक्ष श्र राजेंद्र जायसवाल सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें चंद्रमा सिंह राजपूत, दीपक यादव, विजय सिंह राजपूत, सुधीर, प्रकाश अग्रवाल, कौशल सिंह, गोलू पांडे, टिंकू भैया, अंजना सिंह, अर्चना , राकेश वर्मा, दिनेश सेन, समीर पांडे, असलम खान, अभय सिंह, सुभाष राठौर, पंकज सोनी, यशवंत सिंह, एवं प्रमुख रहे।

प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल का संबोधन:

प्रेस क्लब कोरबा के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा,
“खेल हमें अनुशासन, संघर्ष और सम्मान का पाठ पढ़ाते हैं। आज के इस आयोजन ने साबित कर दिया है कि युवा पीढ़ी में अद्भुत प्रतिभा और असीम ऊर्जा है। मैदान पर खेल भावना से भरा हर खिलाड़ी असली विजेता है। प्रेस क्लब सदैव खेलों और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में अपना योगदान देता रहेगा।”

महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत का प्रेरक उद्बोधन:

नगर निगम कोरबा की महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत ने आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा,
“खेल न केवल शारीरिक बल बल्कि मानसिक सुदृढ़ता का भी प्रतीक हैं। स्वर्गीय डॉ. बंसीलाल महतो जैसे महापुरुषों की स्मृति में आयोजित यह टूर्नामेंट हमें सामाजिक समर्पण और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश देता है। नगर निगम हमेशा ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करेगा जो युवाओं को एकता और स्वास्थ्य के मार्ग पर अग्रसर करें।”

समापन समारोह का संदेश:
अतिथियों ने स्वर्गीय डॉ. बंसीलाल महतो के सामाजिक योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए खिलाड़ियों का मनोबल ऊँचा किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को और अधिक भव्यता से करने का संकल्प लिया। समूचे आयोजन ने खेल भावना, एकता और समर्पण का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।

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