विदेश
बांग्लादेश इस्कॉन ने चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटाया:अनुशासनहीनता के आरोप लगाए; जयशंकर ने मोदी को हालात की जानकारी दी
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5 months agoon
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Divya Akash
ढाका , एजेंसी। बांग्लादेश इस्कॉन ने गुरुवार को चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया। संगठन के जनरल सेक्रेटरी चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गतिविधियों को इस्कॉन से कोई ताल्लुक नहीं है।
दास ने यह भी बताया कि चिन्मय की गिरफ्तारी के लिए हुए प्रदर्शनों में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत से भी उनके संगठन का कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कहा-
बांग्लादेश के प्रदर्शनों में हमारा कोई रोल नहीं है। हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। रोड एक्सीडेंट में हो रही मौत को भी हमसे जोड़ दिया जा रहा है।
इससे पहले दोपहर में ढाका हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को खारिज कर दिया। अदालत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं। यह मुद्दा सरकार की प्राथमिकता है।
सरकार ने कहा कि इस्कॉन के मामले में अभी तक 3 केस दर्ज किए गए हैं और 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सेना को देश में किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए तैनात किया गया है।
सुनवाई के दौरान याचिका दायर करने वाले वकील ने कहा-
इस्कॉन पर बैन लगाने का यही सही समय है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सरकार तय करेगी। दरअसल, इस्कॉन मंदिर के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की राजद्रोह में गिरफ्तारी के बाद वहां संगठन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दास को जेल भेजे जाने के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंसा हुई है। साथ ही इससे बांग्लादेश और भारत सरकार के रिश्तों में भी दरार आई है।

बांग्लादेश इस्कॉन पर एक्शन के खिलाफ कोलकाता इस्कॉन के कार्यकर्ताओं ने कीर्तन के जरिए प्रदर्शन किया।
दावा- बांग्लादेश इस्कॉन मामले पर मोदी-जयशंकर की मुलाकात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में इस्कॉन मामले को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की है। विदेश मंत्री ने उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी।
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कहा कि वे इस मामले पर केंद्र के साथ हैं। विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने बंगाल में इस्कॉन से बात की है।
ममता ने कहा-
हम नहीं चाहते कि किसी भी धर्म को नुकसान पहुंचे। मैंने यहां इस्कॉन से बात की है, लेकिन यह दूसरे देश का मामला है और केंद्र सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। हम इस मुद्दे पर उनके साथ खड़े हैं।
वहीं, भारत में इस्कॉन के कम्युनिकेशन डायरेक्टर ब्रजेंद नंदन दास ने बांग्लादेश में इस्कॉन को एक आतंकवादी और कट्टरपंथी संगठन के आरोपों को निराधार और झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया भर में कोई भी इन आरोपों को स्वीकार नहीं करेगा।
दास ने कहा कि बांग्लादेश में जरूरतमंदों की मदद करने वाले और लोगों के लिए भंडारा आयोजित करने वाले भक्तों को मारा गया है। मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी और हिंदुओं को सुरक्षा देगी।

बांग्लादेश पुलिस मंगलवार को चिन्मय प्रभु को चटगांव मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में ले जाती हुई।
शेख हसीना ने भी की चिन्मय की रिहाई की मांग बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्कॉन के चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए अंतरिम सरकार से उन्हें तुरंत रिहा करने के लिए कहा है। हसीना ने कहा कि सनातन धर्म के एक प्रमुख नेता को अन्यायपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया है। हसीना ने कहा कि चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया।
इससे पहले मस्जिदों, चर्चों और अहमदिया समुदाय के लोगों के घरों पर हमले किए गए थे। हसीना ने सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक आजादी, सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। हसीना के इस बयान को उनकी पार्टी आवामी लीग ने X पर पोस्ट किया है।
बांग्लादेश सरकार के वकील ने कहा था- इस्कॉन कट्टरपंथी संगठन चटगांव में 26 नवंबर को इस्कॉन प्रमुख की जमानत नामंजूर हो गई थी, जिसके बाद हुई हिंसा में एक वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई थी। इसके बाद 27 नवंबर को बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी।
याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं। ऐसे में इस संस्था को बैन किया जाए। इस अर्जी में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी। इस याचिका पर बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने इस्कॉन को एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन बताया था।
कौन हैं चिन्मय प्रभु जिनकी गिरफ्तारी पर बांग्लादेश से नाराज हुआ भारत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को PM शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं।
इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।
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देश
चीन ने कीमती मेटल्स की सप्लाई रोकी:गाड़ी, हथियार, एयरक्राफ्ट महंगे होंगे; अब ट्रम्प बोले- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी टैरिफ लगाऊंगा
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5 days agoon
April 14, 2025By
Divya Akash
वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।
चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।
ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।
चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।
देश
यूक्रेन में भारतीय दवा गोदाम पर रूस का मिसाइल अटैक:यूक्रेन बोला- रूस जानबूझकर भारतीय कंपनियों को निशाना बना रहा
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6 days agoon
April 13, 2025By
Divya Akash

कीव ,एजेंसी। यूक्रेन पर शनिवार को रूसी मिसाइल हमले में एक भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी कुसुम के गोदाम में आग लग गई। भारत में स्थित यूक्रेनी दूतावास ने आरोप लगाया कि रूस ने जानबूझकर राजधानी कीव में भारतीय गोदाम को निशाना बनाया है।
यूक्रेनी दूतावास ने कहा- आज रूस ने यूक्रेन में भारतीय कंपनी कुसुम के गोदाम पर मिसाइल से हमला किया। भारत के साथ खास दोस्ती का दावा करने वाला रूस जानबूझकर भारतीय कंपनियों पर हमला कर रहा है।
गोदाम पर हमले की तस्वीर

दावा है कि हमला मिसाइल से नहीं बल्कि ड्रोन से किया गया है।
गोदाम में बुजुर्गों-बच्चों की जरूरी दवाइयां थीं
ब्रिटेन में यूक्रेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने भी दावा किया कि रूसी हमलों ने राजधानी कीव में एक प्रमुख फार्मा कंपनी के गोदाम को तबाह कर दिया। हालांकि, मार्टिन ने कहा कि यह हमला रूसी ड्रोन्स के जरिए किया गया, न कि मिसाइल से।
उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा- आज सुबह रूसी ड्रोन्स ने कीव में एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल गोदाम को पूरी तरह तबाह कर दिया, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के लिए जरूरी दवाइयों का स्टॉक जलकर खाक हो गया। यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ रूस का आतंकी अभियान जारी है।

अभी तक भारत और रूस ने कोई बयान नहीं दिया
भारतीय और रूसी सरकारों ने अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। इससे पहले आज, रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि यूक्रेन ने एक दिन पहले उसके एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 5 हमले किए है।
दो हफ्ते पहले ही रूस और यूक्रेन में समझौता हुआ था, जिसमें दोनों देश ने तय किया था कि एक दूसरे के एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला नहीं करेंगे और ब्लैक-सी में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही जारी रहेगी। इसके साथ ही स्थायी शांति के लिए कोशिश करेंगे।
अमेरिका ने इसे लेकर यूक्रेन और रूस से अलग-अलग समझौते किए हैं। पिछले महीने अमेरिका और रूस के बीच सऊदी अरब के रियाद में 12 घंटे से ज्यादा बैठक हुई थी।
सैनिकों की अदला-बदली कर चुके हैं रूस-यूक्रेन
ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद से ही दोनों देशों में सीजफायर को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है। पिछले महीने दोनों देशों ने एक-दूसरे की कैद में मौजूद सैनिकों की अदला-बदली की थी। दोनों के बीच 175 कैदियों की अदला-बदली हुई थी। इसके अलावा रूस ने गंभीर रूप से घायल 22 यूक्रेनी सैनिकों को भी रिहा किया था।

यूक्रेन की कैद से छूटकर घर आने के लिए बस में बैठते रूसी सैनिक।
दो पहले पुतिन के काफिले की कार में ब्लास्ट हुआ था
दो हफ्ते पहले रूसी राष्ट्रपति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले की कार में ब्लास्ट हुआ था। यह धमाका खुफिया एजेंसी FSB के मुख्यालय के बाहर हुआ था। यह एक लग्जरी लिमोजिन कार थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक कार के इंजन में आग लग गई थी और फिर अंदर फैल गई थी।
हालांकि जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त ये कार पुतिन के काफिले में शामिल नहीं थी और न ही पुतिन इस कार के आस-पास थे।

ब्लास्ट के बाद लग्जरी लिमोजिन कार में आग लग गई।
यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में
रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।
देश
डोनाल्ड ट्रम्प ने दवाओं पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया:कहा- इससे फार्मा कंपनियां वापस अमेरिका आएंगी, भारतीय कंपनियों को हो सकता है नुकसान
Published
1 week agoon
April 9, 2025By
Divya Akash
वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया है कि हम जल्द ही दवाइयों पर भारी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ट्रम्प ने कहा कि उनका मकसद विदेश में दवा बना रही कंपनियों को अमेरिका में वापस लाना और घरेलू दवा इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है।
ट्रम्प ने कहा कि दूसरे देश दवाओं की कीमतों को कम रखने के लिए बहुत ज्यादा दबाव बनाते हैं। वहां ये कंपनियां सस्ती दवा बेचती हैं, लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। एक बार जब इन दवा कंपनियों पर टैरिफ लग जाएगा तो ये सारी कंपनियां अमेरिका वापस आ जाएंगी।
अगर अमेरिका दवाओं पर भी टैरिफ लगाने का फैसला लेता है तो इसका भारत पर भी असर पड़ेगा। भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियां हर साल अमेरिका को 40% जेरेनिक दवाएं भेजती हैं।
ट्रम्प बोले- लंदन में दवा 88 डॉलर में, अमेरिका में कीमत 1300 डॉलर
ट्रम्प ने कहा कि दवाएं दूसरे देशों में बनती हैं और इसके लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। लंदन में जो दवा 88 डॉलर में बिकती है, वही दवा अमेरिका में 1300 डॉलर में बिक रही है। अब यह सब खत्म हो जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि टैरिफ लगाने से फार्मा कंपनियां वापस आएंगी, क्योंकि अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो विदेशी दवा कंपनियों को भारी टैक्स चुकाना पड़ेगा। ट्रम्प दवाओं पर कब से और कितना टैरिफ लगाएंगे, इसकी तारीख उन्होंने नहीं बताई है।
अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा दवाएं खरीदने वाला देश है। यूएस ट्रेड डेटा के मुताबिक भारत, अमेरिका को सबसे ज्यादा दवा बेचने वाले टॉप-5 देशों में शामिल है। Citi का अनुमान है कि अगर टैरिफ का 50% बोझ मरीजों तक पहुंचाया गया, तो फार्मा कंपनियों की कमाई (EBITDA) पर 1% से 7% तक का असर हो सकता है।


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