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कोरबा

पहले होना पड़ता था परेशान, अब धान बेचना हुआ आसान,उपार्जन केंद्रो में कुर्सी, छांव,शौचालय सहित उपलब्ध है पानी

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पारदर्शी व्यवस्था से किसानों को मिल रही बिचौलियों से मुक्ति

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से किसानों को मिल रही कई सुविधाएं
विशेष लेख-कमलज्योति-सहायक संचालक

कोरबा । किसान फूलसिंह, गोटीलाल, शिवनाथ सिंह जैसे अनेक किसानों को वह दिन आज भी याद है, जब धान बेचना होता था तब उपार्जन केंद्र तक धान को लाने और उसे तौल कराने किस तरह सुबह से शाम तक का समय वहीं के वहीं काटना पड़ता था। इस दौरान घंटो तक इंतजार करते-करते शाम से रात हो जाती थी। उपार्जन केंद्र में उन्हें पानी पीने के लिए मशक्कत तो करना ही पड़ता था। धूप में पसीने तक बहाने पड़ते थे। बैठने के लिए कोई जगह तो दूर की बात, कोई छांव तक की व्यवस्था नहीं रहती थीं। न ही शौचालय की व्यवस्था थी। धान को समय पर आसान तरीके से बेच पाना भी आसान नहीं था। बीते समय की अपेक्षा किसानों के हित में लिये गये फैसले ने धान बेचने की प्रक्रिया को सरल तो बनाया ही, किसानों को राहत पहुंचाने की दिशा में भी मददगार बना। इसी का परिणाम है कि धान उपार्जन केंद्र में किसान सिर्फ अपनी मेहनत की फसल बेचकर राहत महसूस नहीं कर रहे हैं, वे यहां आकर शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा की गई सुविधाओं का लाभ भी ले पा रहे हैं। अपने घरों से धान उपार्जन केंद्र तक धान लेकर आने वाले किसानों को खरीदी केंद्र में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए यहां विशेष व्यवस्था की गई है। किसानों के पीने के लिए पानी, बैठने के लिए कुर्सियों का इंतजाम, छायादार शेड और शौचालय तक की व्यवस्था की गई है। ऑनलाइन टोकन कटाकर किसान अपनी सहूलियत अनुसार उपार्जन केंद्र पहुंच रहे हैं। माइक्रो एटीएम से पैसे आहरण की सुविधा ने किसानों को जरूरी कार्य के समय तत्काल पैसों के लिए बैंको के चक्कर काटने से भी मुक्ति दिला दी है।
राज्य सरकार इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 14 नवंबर से प्रारंभ है। प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशा-निर्देशन में प्रदेश के सभी 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी धान खरीदी प्रक्रिया ने किसानों के जीवन में नई उम्मीद जगाई है। राज्य सरकार ने बारदाने, छाया, पेयजल, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं को धान खरीदी केंद्रों पर सुनिश्चित किया है। खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसानों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा। इसके साथ ही, नोडल अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण के कारण अब तक किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है। धान बेचने के बाद किसानों को भुगतान में भी तेजी लाई गई है। दो दिनों के भीतर राशि उनके खातों में अंतरित हो रही है। इस पहल ने किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाई है और समय पर उनकी मेहनत का सही दाम सुनिश्चित किया है। कोरबा जिले में 65 धान उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रो में किसानों के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को धान खरीदी केंद्र में धान बेचने के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उनके निर्देशों के परिपालन में जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में समिति द्वारा किसानों के बैठने, पेयजल और शौचालय आदि की व्यवस्था की गई है। पाली ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम निरधि के धान उपार्जन केंद्र में धान बेचने आए किसान फूल सिंह, रामायण सिंह ने बताया कि हम किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं आई। यहां बैठने के लिए कुर्सी है। पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था है। बतरा के किसान गोटीलाल ने बताया कि उन्हें धान खरीदी केंद्र में किसी प्रकार की समस्या नहीं आई। खरीदी केंद्र में किसानों के लिए पानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्था की गई है। ग्राम डोड़की के किसान चरणसिंह ने बताया कि धान9 बेचने के लिए वह चैतमा के उपार्जन केंद्र में आया था, यहां किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। टोकन कटाने पहुंचे किसान शिवनाथ सिंह ने बताया कि किसानों के लिए धान खरीद केंद्र में पर्याप्त सुविधा दी गई है। किसानों का कहना है कि धान का सर्वाधिक मूल्य 31 सौ रूपये प्रति क्विंटल मिलने के साथ ही किसानों को उपार्जन केंद्र में सुविधा देना यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय किसानों के लिए कितना संवेदनशील है। कोरिया जिले के ग्राम जमड़ी के किसान सुरेश साहू और उनकी पत्नी ने कहा कि खरीदी केद्रों में पहले से कुछ ज्यादा ही व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है। इससे किसानों को राहत मिली है।
नारायणपुर जिले के माहका धान खरीदी केंद्र पर धान बेचने आए किसान नंद कुमार शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए विष्णु सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि उनके पास 2 एकड़ खेत है, जिसमें उन्होंने इस साल 44 क्विंटल धान का उत्पादन किया। श्री शर्मा ने कहा कि इस बार समर्थन मूल्य पर धान बेचने की प्रक्रिया पहले से अधिक सरल और पारदर्शी है। ऑनलाइन टोकन प्रणाली से अब लंबी कतारों से बचाव हो रहा है। केंद्र पर व्यवस्थाओं और अधिकारियों के सहयोग से वे बेहद संतुष्ट हैं।
जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखंड के कोकियाखार की किसान धर्मश्वरी सरजाल ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हम सभी किसानों के लिए धान खरीदी केन्द्रों में बहुत बढ़िया सुविधा उपलब्ध कराई है। केन्द्र से उन्हें समय पर टोकन और बारदाना मिल गया था। धमतरी जिले के धान उपार्जन केन्द्र अछोटा में पहुंचे ग्राम जंवरगांव के किसान भीखूराम निषाद ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन टोकन कटाया था। अपने उपज का 58 क्विंटल 80 किलोग्राम धान बेचने के लिए खरीदी केन्द्र पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में प्रदाय की गई सुविधा के लिए प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय का धन्यवाद कर रहे हैं। जगदलपुर जिले के गरावंड खुर्द निवासी किसान महादेव बघेल और तुरेनार निवासी कृषक मनदेव अपनी खरीफ धान को बेचकर जहां खरीफ फसल ऋण को अदा करेंगे। वहीं घर की जरूरी कार्यों के लिए उपयोग करने की बात कही। उक्त दोनों कृषकों ने रबी फसल सीजन में मक्का और साग-सब्जी की खेती कर आय संवृद्धि करने का संकल्प दुहराया। इन दोनों किसानों ने सरकार की धान खरीदी व्यवस्था की सराहना करते हुए शीघ्र भुगतान के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।

टोकन की है व्यवस्था

सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाइस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा है। इसके लिए 7 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता है। किसान 31 जनवरी 2025 तक अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट की व्यवस्था की गई है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था की गई है।

शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की हुई है स्थापना

धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी।

अवैध धान पर की जा रही कार्यवाही

राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी। राज्य स्तर पर अलग-अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग कर रहे हैं। अवैध धान को जब्ती की कार्यवाही भी जा रही है।

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कोरबा

अमित शाह के बयान के विरोध में कांग्रेस कल निकालेगी मार्च

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कोरबा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) कोरबा द्वारा 24 दिसम्बर को अपरान्ह 3.30 बजे रामपुर आईटीआई चौक स्थित तानसेन जी की प्रतिमा के पास कांग्रेसजन इक_ा होंगे, तानसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात मार्च निकलेगी जो कलेक्टे्रट तक जाएगी। फिर महामहिम राष्ट्रपति के नाम जि़लाधीश को ज्ञापन सौंपा जाएगा ।
शहर अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान, ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने कहा कि गत दिनों राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर जी के बारे में घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई, जिससे पूरे देश में आमजनों के बीच आक्रोश है। ऐसा लगता है कि भाजपा और उनके नेता अपने एजेंडे को देश में थोपने के लिए कोई गुप्त मिशन में काम कर रहे हैं और बाबा साहब द्वारा बनाये गए संविधान को ही बदलने की अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए ऐसे व्यक्तव्य जान बूझ कर दे रहे हैं। भाजपा के षड्यंत्र को भांपते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने व्यापक विरोध का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में जिला कांग्रेस द्वारा 24 दिसम्बर को मार्च निकालकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जिला अध्यक्ष द्वय ने विधायक, पूर्व विधायक, महापौर, सभापति, जिला कांग्रेस, ब्लॉक, जोन, वार्ड, बुथ कमेटी, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, पार्षद प्रत्याशी, सेवादल, जिला पंचायत, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यगण सहित कांग्रेस संगठन व प्रकोष्ठ के सभी पदाधिकारियों को समय पर उपस्थित होने आग्रह किया है।

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कोरबा

विष्णु की पाती ने महिलाओं के जीवन में दी खुशियों की सौगात

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कोरबा । राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर “सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल“ जनादेश परब के उपलक्ष्य में महतारी वंदन सम्मेलन का जिला स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें योजना के हितग्राहियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का शुभकामना संदेश “विष्णु की पाती“  महतारी वंदन योजना के सभी हितग्राही महिलाओं को प्रदान किया गया, जिसे पाकर महिलाओं ने खुशी जाहिर की। महिलाओं ने कहा कि “विष्णु की पाती“ के रूप में प्राप्त शुभकामनाओं ने हमारा मनोबल को और बढ़ाया है। पाती के माध्यम से प्रदेश के मुखिया ने सीधा हमसे संवाद किया है। जिससे उन्हें राज्य सरकार की महिलाओं के हित में किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी मिली। इस संवाद ने महिलाओं को अपनी भूमिका और महत्व का एहसास कराया, साथ ही उन्हें राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने सुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर विष्णु की पाती भेजकर अपनी खुशियां साझा की हैं। उन्होंने कहा है कि माताओं और बहनों की खुशहाली ही छत्तीसगढ़ महतारी की खुशहाली है। महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की गारंटी के अनुरूप राज्य में माताओं-बहनों के आत्म सम्मान बढ़ाने और स्वावलंबन के लिए यह पुनीत कार्य हो रहा है। जब हम माताओं-बहनों के खाते में राशि भेजते हैं, तो हमें गौरव की अनुभूति होती है। मुझे खुशी है कि माता-बहनें अपनी मर्जी से इस राशि का उपयोग कर रही हैं। कहीं कोई बहन अपने परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों, परिवार के पोषण और स्वास्थ्य के लिए इस राशि का उपयोग कर रही हैं, तो कहीं कोई माता अपने बच्चों की पढ़ाई में इसे खर्च कर रही हैं। महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही अनेक माताओं-बहनों ने इस राशि से स्वयं का व्यवसाय भी शुरू किया है। जो माताएं-बहनें अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहती हैं या नया व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं, उन्हें महतारी शक्ति ऋण योजना के अंतर्गत 25 हजार रूपए तक ऋण भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम पूरे संकल्प के साथ मां भारती और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा कर रहे हैं। आप सभी की भागीदारी के साथ प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। ईश्वर आपको तथा आपके परिवार को निरंतर सुख- समृद्धि प्रदान करें।

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कोरबा

महतारी वंदन योजना से महिलाएं परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने सहित समाज की प्रगति में दे रही योगदान’

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महतारी वंदन योजना से सशक्त भविष्य की ओर बढ़ते कदमः श्रीमती शैलनंदिनी“
महतारी वंदन योजनाः महिलाओं के लिए स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्गः सरिता महंत

परिवार की आय में वृद्धि और बच्चों की शिक्षा में निभा रही अहम भूमिका :- श्रीमती केसरी ठाकुर

कोरबा । महिलाओं का सशक्तिकरण समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाओं की आर्थिक सशक्तता से न केवल उनके परिवार का कल्याण होता है, बल्कि  समाज में सकारात्मक बदलाव आता है जो हर क्षेत्र में समृद्धि का संचार करती हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित महतारी वंदन योजना से राज्य की महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। योजना का लाभ पाकर महिलाएं न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रही हैं, बल्कि परिवार और समाज में भी अपने स्थान को सशक्त बनाती हैं। जिससे वे अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ समग्र समाज की प्रगति में भी सहायक बन रही हैं।
कोरबा नगरीय क्षेत्र के आरामशीन निहारिका की रहने वाली श्रीमती शैलनंदनी, श्रीमती केसरी ठाकुर एवं श्रीमती सरिता महंत ने  महतारी वंदन योजना की सराहना करते हुए कहा इससे हम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने का एक बेहतरीन अवसर मिला है। योजना ने हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाया है और अब हम अपने परिवारों को आर्थिक सहयोग देने के साथ-साथ समाज में भी अपनी अलग पहचान बना रही हैं। हितग्राही श्रीमती शैलनंदनी ने कहा कि  “गृहस्थ जीवन में अपनी छोटी छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में दिक्कतें आती थीं, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। इस योजना के तहत मिल रही सहायता ने हमें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि हमारा मनोबल भी बढ़ाया है। जिससे जीवन की मुश्किलें आसान हो गई हैं। साथ ही बच्चों की शिक्षा, दीक्षा और अन्य आवश्यकताएं पूरी करने के लिए भी सक्षम हो रही हैं। इससे हम अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने में समर्थ हैं और उनका शिक्षण समान स्तर पर सुनिश्चित कर रही हैं।
श्रीमती सरिता महंत ने कहा कि महतारी वंदन योजना महिलाओं के लिए स्वावलंबन और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग तैयार कर रही है। इस योजना ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में उनके महत्व को भी पहचान दिलाई है। श्रीमती महंत ने कहा कि महतारी वंदन योजना के माध्यम से हम न केवल अपने परिवार की आय वृद्धि  में अहम  योगदान निभा रही हैं, बल्कि समाज में अपनी भूमिका को सशक्त बना रही हैं। अब हम आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं, जिससे समाज में महिलाओं की स्थिति और भी मजबूत हो रही है।
श्रीमती केसरी ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार की “महतारी वंदन योजना  महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम  है, जिससे महिलाएं  परिवार की आय में बढ़ोतरी कर रही हैं और साथ ही बचत भी जमा कर रही हैं, जो हमारे भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाता है।“ उन्होंने कहा कि योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि का उपयोग घरेलू जरूरतों की पूर्ति के साथ ही अपने बच्चों के उच्च शिक्षा एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए काम आती है। महतारी वंदन योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि आत्मविश्वास के साथ अपने परिवार की आय बढ़ाने और बच्चों की शिक्षा में योगदान देने का अवसर भी प्रदान किया है। जिससे एक समृद्ध और सशक्त समाज की नींव तैयार होती है।

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