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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में राशन-दवा के लिए दांव पर जिंदगी:उफनती ‘इंद्रावती’ 2 फीट की नाव से पार करना मजबूरी; ग्रामीण बोले-जिंदा लौटेंगे भरोसा नहीं

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जगदलपुर,एजेंसी। ये दर्द है इंद्रावती नदी पार के अबूझमाड़ में बसे ग्रामीणों का। वो हर दिन उफनती नदी को 2 फीट चौड़ी और 10-15 फीट लंबी लकड़ी की छोटी नाव से पार करते हैं। बारिश के दिनों में भी यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। कोई नाविक नहीं है। नदी पार करने के लिए ग्रामीण खुद नाव चलाते हैं।

कुछ साल पहले प्रशासन ने मोटर बोट की व्यवस्था की थी, लेकिन वो भी खराब है। ग्रामीण लंबे समय से दंतेवाड़ा जिले के कोडनार घाट से पुल की मांग कर रहे हैं।

25 किमी पैदल सफर कठिन नहीं, लेकिन नदी सबसे बड़ा डर

इंद्रावती नदी पार के हितावाड़ा गांव के रहने वाले बसंत कुमार उसेंडी बताते हैं कि, कोसरा बेचने बारसूर बाजार आए हैं। घर से 25 किमी का सफर पैदल तय किया। चलना कठिन नहीं था। बीच में इंद्रावती नदी को नाव से पार किया। यही सबसे बड़ा डर है। वनोपज कोसरा बेचकर लगभग 500 से 1000 रुपए मिलेंगे। इस पैसों से तेल, नमक, मिर्च, हल्दी, साबुन, दवा और सब्जी लूंगा।

नदी के किनारे दैनिक भास्कर की टीम को कुछ और ग्रामीण नाव का इंतजार करते मिले। कुछ लोगों को लेकर नाव नदी पार गई थी, जब लौटेगी, तब अन्य लोग जाएंगे। ऐसे ही इंतजार कर रहे कोडनार निवासी मासा मिले।

मासा कहते हैं, हमने पहले भी यहां पुल बनाने की मांग की, लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता है। हमारे गांव से करीब कुछ किमी दूरी पर करका गांव में पुल है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए बहुत लंबा सफर तय करना होता है।

कोडेनार गांव के हिंगु राम ने कहा कि नदी पार कोडनार समेत करीब 20 से 25 गांव हैं जो इसी घाट पर निर्भर हैं। 12 महीने नदी में पानी भरा रहता है और लकड़ी की नाव से नदी पार करते हैं।

सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम
बारिश के दिनों में इंद्रावती नदी उफान पर है। हालांकि, यहां ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने किसी तरह का कोई बंदोबस्त नहीं किया है। न ही लाइफ जैकेट है न ही मोटर बोट की व्यवस्था है। गांव वालों का कहना है कि शासन-प्रशासन को इनकी परवाह नहीं है।

इंद्रावती नदी पार का इलाका नक्सलियों का गढ़ है। नदी पार दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर इन तीन जिलों के दर्जनों गांव हैं। ये ऐसे गांव हैं जो विकास से कोसों दूर हैं।

2 बड़े पुल बनकर तैयार, 1 में काम जारी

इंद्रावती नदी पर छिंदनार-पाहुरनार घाट पर पुल बनकर तैयार है। यहां से ग्रामीणों का आवाजाही भी होती है। छिंदनार घाट में बने पुल का तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्घाटन किया था। उस पुल का नाम विकास का द्वार रखा गया है। इसके अलावा बीजापुर जिले के बेदरे में भी पुल निर्माण का काम चल रहा है।

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कोरबा

बालको ने विश्व योग दिवस पर किया विभिन्न योगाभ्यास का आयोजन

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व योग दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर योग शिविर आयोजित किए। संयंत्र परिसर एवं समुदाय में स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने हेतु आयोजित योगाभ्यास शिविर में लगभग 750 लोगों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम संयंत्र के साथ ही सहयोगी संस्था सीड्स, श्रोत और बायफ के साथ मिलकर स्थानीय स्कूलों, नंदघरों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित किए गए।

इस पहल का उद्देश्य विभिन्न वर्गों और आयु समूह तक योग के लाभ को पहुंचाना था। विभिन्न शिविर के माध्यम से कर्मचारी, व्यवसायिक भागीदार के कर्मचारी, समुदाय के लोग, वेदांता स्किल के प्रशिक्षु, युवा, बच्चे, माताएं, किसान तथा फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता जुड़े। योग के माध्यम से प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लाभ से परिचित कराया गया।

बालको मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने सभी को उत्तम स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया ने भारत की प्राचीन विद्या योग को मान्यता दी है। योग साधना ना केवल शारीरिक स्वास्थ्य का माध्यम है, बल्कि यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का सशक्त साधन भी है। उन्होंने कहा कि निरंतर योग करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। प्रति वर्ष विश्व योग दिवस के अवसर पर बालकोनगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से शिविर का आयोजन प्रशंसनीय है।

विश्व योग दिवस की यह सामूहिक पहल समुदाय के लिए एक सकारात्मक प्रेरणा रही, जिससे यह संदेश गया कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योगाभ्यास में प्रतिभागियों ने सूर्य नमस्कार, मक्रासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, ताड़ासन, सेतु बंधासन, स्कंध चक्र, शवासन, प्राणायाम, ध्यान, संकल्प तथा शांति पथ जैसे आसनों का अभ्यास किया। सभी योग साधकों ने जीवनशैली में नियमित रूप से योग को अपनाने का निश्चय किया। आयोजन स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में एक सफल प्रयास रहा साथ ही लोगों को योग अपनाने के लिए प्रेरित करने वाला सकारात्मक कदम भी साबित हुआ।

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कोरबा

अलंकार डेयरी सहित कई प्रतिष्ठानों की मिठाईयां एवं खाद्य सामग्री अमानक स्तर के

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कई प्रतिष्ठानों पर लगा लाखों का जुर्माना
आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर खिलवाड़
कोरबा। त्यौहारों के अवसर पर कोरबा की मिठाई दुकान संचालक बड़े पैमाने पर मिष्ठान बनाकर लोगों को परोसते हैं और मानक स्तर एवं गुणवत्ता पर ध्यान न देकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। अलंकार डेयरी सहित कई प्रतिष्ठानों पर खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकारियों ने होली के दौरान छापा मारा था और नमूना लिया था। तीन महीने बाद रिपोर्ट आने पर कई दुकानों की मिठाईयां एवं खाद्य सामग्री अमानक स्तर के निकले, जिन पर लाखों रूपए का जुर्माना लगाया गया।
इन दुकानों के खाद्य सामग्री अमानक स्तर के
राम अग्रवाल – रतेरिया ट्रेडिंग कम्पनी सीतामणी कोरबा
श्रीमती रेणु अग्रवाल – रतेरिया ट्रेडिंग कम्पनी सीतामणी कोरबा
जुर्माना – रूपए 10-10 हजार
विश्वजीत सेनगुप्ता – माँ दुर्गा मिष्ठान भंडार, कोसाबाड़ी कोरबा
जुर्माना – 25 हजार रूपए
जयवीर राणा – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
करणदीप सिंह – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
स्नेहदीप – मोक्ष रेस्टोरेंट, बाईपास रोड राताखार कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
आजाद सिंह – ओम सांई अनाज भंडार, कोरबा
जुर्माना – 30 हजार रूपए
राकेश कुमार अग्रवाल – राकेश एजेंसी, दर्री रोड कोरबा
जुर्माना – 30 हजार रूपए
सतविंद्र सिंह – अलंकार डेयरी कोरबा
जुर्माना – 5 हजार रूपए
दीपक गुप्ता – अलंकार डेयरी कोरबा
जुर्माना – 80 हजार रूपए
महेन्द्र कुमार देवांगन – जय माँ शारदा डेयरी, बुधवारी कोरबा
जुर्माना – 50 हजार रूपए
सहित अन्य दुकानें शामिल हैं।

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कोरबा

योग से जहां शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं आत्मा भी पुष्ट होती है

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सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक चंद्रमा सिंह राजपूत ने परिवार सहित किया योग
कोरबा। 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जहां विश्वभर में करोड़ों लोगों ने योग किया। पूरे विश्वभर में अधिकांश कार्यक्रम सामुहिक हुए, वहीं घर-घर लोगों ने परिवार सहित और व्यक्तिगत रूप से घंटों योग साधना में लगे रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्वभर में पहुंचाया और अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक संगठन यूएस ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। 21 जून को ब्रम्हमुर्हुत से लेकर 8 बजे तक घर-घर लोगों ने योग साधना से आज के दिन को सार्थक बना दिया। सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एवं भाजपा नेता चंद्रमा सिंह राजपूत ने अपने निवास स्थान पर परिवार सहित योग किया, वहीं उनकी धर्मपत्नी महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत ने जिला स्तरी योग कार्यक्रम में योगा कीं। चंद्रमासिंह राजपूत ने बताया कि योग स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका है और यह हमारी प्राचीन विधा है, इसके माध्यम से हमारे ऋषि-महऋषि, सिद्धपुरूष से लेकर देवी-देवता भी योग कर शरीर को स्वस्थ रखने का संदेश दिया। योग से सिर्फ शरीर ही स्वस्थ नहीं रहता, बल्कि आत्मा भी पुष्ट होती है।

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