नई दिल्ली , एजेंसी। केरल के वायनाड से चुनाव जीतकर प्रियंका गांधी गुरुवार को पहली बार लोकसभा पहुंचीं। उन्हें सांसद पद की शपथ दिलाई गई। प्रियंका ने हिंदी में शपथ ली। इस दौरान उन्होंने राहुल की तरह हाथ में संविधान की कॉपी पकड़ी हुई थी।
प्रियंका जब संसद पहुंचीं, तो कांग्रेस नेताओं ने बाहर ही उनका स्वागत किया। सदन में एंट्री से पहले भाई राहुल ने उन्हें रोका और कहा- “स्टॉप, स्टॉप, स्टॉप… लेट मी ऑलसो टेक योर फोटो… (रुको, रुको, रुको… मुझे भी तुम्हारी फोटो लेने दो…)”
संसद में प्रियंका ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर हिंदी में शपथ ली। प्रियंका के सांसद बनने पर मां सोनिया गांधी ने कहा, “वी आर ऑल वेरी हैप्पी एंड प्राउड… (हमें गर्व है और हम सब बेहद खुश हैं…)”
प्रियंका संसद में केरल की प्रसिद्ध ‘कसावु’ साड़ी पहनकर पहुंची थीं। संसद में राहुल और सोनिया के साथ प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे। शपथ के बाद प्रियंका ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का आशीर्वाद लिया।
संसद में पहली बार गांधी परिवार के 3 सदस्य मौजूद हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल यूपी के रायबरेली से और प्रियंका केरल के वायनाड से सांसद हैं। जबकि सोनिया राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।
तस्वीरों में देखें, संसद में प्रियंका का पहला दिन…
1. संसद में एंट्री से पहले प्रियंका का स्वागत
2. राहुल बोले, “लेट मी ऑलसो टेक योर फोटो…”
3. प्रियंका ने भाई राहुल से कहा, “अब चलें…”
4. संविधान की कॉपी लेकर कहा, “मैं प्रियंका गांधी वाड्रा …”
5. लोकसभा की मेंबरशिप बुक में हस्ताक्षर किए
6. सोनिया बोलीं, “हमें गर्व है और हम सब बहुत खुश हैं…”
7. प्रियंका केरल की ‘कसावू’ साड़ी पहनकर संसद पहुंचीं
केरल की प्रसिद्ध कसावु साड़ी प्लेन ऑफ वॉइट कलर में होती है। इस पर गोल्डन बॉर्डर होता है। साड़ी के रॉयल वर्जन में इस बॉर्डर को असली सोने के धागे से तैयार किया जाता है। एक साड़ी बनाने में 3 से 5 दिन लगते हैं और कीमत ₹5,000 से ₹5 लाख तक होती है।
8. राहुल प्रियंका का हाथ पकड़कर लोकसभा के भीतर ले गए
प्रियंका गांधी पहली बार सांसद बनकर पहुंची हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें लोकसभा के अंदर पहुंचाया।
9. सोनिया गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भी संसद में मौजूद रहे
संसद में प्रियंका की मां सोनिया गांधी और पति रॉबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे। सोनिया राज्यसभा सांसद हैं, जबकि रॉबर्ट किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
10. शपथ के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से आशीर्वाद लिया
लोकसभा में शपथ लेने के बाद प्रियंका ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आशीर्वाद लिया। खड़गे राज्यसभा सदस्य हैं।
राहुल ने वायनाड सीट छोड़ी, प्रियंका वहीं से जीतकर सांसद बनीं
प्रियंका केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर आई हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों जगह से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वहां से कैंडिडेट बनाया। यह प्रियंका गांधी का पहला चुनाव था। उन्होंने CPI के सत्यन मोकेरी को 4 लाख 10 हजार वोटों से हराया। भाजपा की नव्या हरिदास (1 लाख 9 हजार वोट) तीसरे नंबर पर रहीं।
हालांकि प्रियंका ने वायनाड से बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन वे अपने भाई राहुल के 5 साल पुराने जीत का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाईं। राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में CPI (M) के पीपी सुनीर को 4 लाख 31 हजार वोटों के अंतर से हराया था।
प्रियंका ने बताया- उनके पास 12 करोड़, पति वाड्रा के पास 65 करोड़ की संपत्ति
चुनावी हलफनामे में प्रियंका गांधी ने 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति घोषित की थी। उनके पास 4.24 करोड़ रुपए की चल और 7.74 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां हैं।
प्रियंका ने पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति का भी ब्योरा दिया था। वाड्रा के पास कुल 65.54 करोड़ रुपए की संपत्ति है, जिसमें से चल संपत्तियां 37.9 करोड़ रुपए और अचल संपत्तियां 27.64 करोड़ रुपए की हैं।
प्रियंका ने चिट्ठी लिखकर कहा था- राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी
वायनाड उपचुनाव के दौरान 23 अक्टूबर को नॉमिनेशन फाइल करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के लोगों को ओपन लेटर लिखकर कहा था कि मैं राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी। उन्होंने X पर शेयर किए गए लेटर में लिखा- जन प्रतिनिधि के रूप में यह मेरी पहली यात्रा रहेगी, लेकिन फाइटर के रूप में यह मेरी पहली यात्रा नहीं होगी।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है।
परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।
CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दो घंटे सुनवाई हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर SG ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।
CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं।’
सुप्रीमकोर्ट अब गुरुवार 2 बजे सुनवाई करेगा। सुनवाई में अपीलकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड बनाने, पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, बोर्ड मेंबर्स में गैर-मुस्लिम और विवादों के निपटारों को लेकर मुख्य दलीलें दीं।
वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।
चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।
ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।
चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।