छत्तीसगढ़
प्रिंसिपल को धारदार हथियार से वार कर मार डाला:बिलासपुर में घर में घुसकर मर्डर; लाश के पास से खून से सना तवा बरामद
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2 days agoon
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Divya Akashबिलासपुर /जांजगीर-चांपा । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्कूल के प्राचार्य पर धारदार हथियार से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई। लाश सूने मकान में खून से लथपथ मिली है। शव के पास ही खून से सना तवा भी मिला है। पूरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम मनोज कुमार चंद्राकर (40) है। वह चिल्हाटी स्थित हाउंसिग बोर्ड कॉलोनी निवासी थे। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखंड के डोंगरी स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत थे।
दरवाजा खुला था और कमरे में लाश पड़ी थी
एडिशनल एसपी उड्डयन बेहार ने बताया कि गुरुवार की देर शाम उनकी पत्नी घर पहुंची, तब दरवाजा खुला था और कमरे में उसकी लाश पड़ी थी। शव पुराना होने के कारण तेज बदबू आ रही थी। मोपका चौकी प्रभारी संजीव ठाकुर ने सरकंडा टीआई निलेश पांडेय सहित अफसरों को इस घटना की जानकारी दी।
2 दिन से नहीं उठा रहा था फोन
प्राचार्य की पत्नी और बच्चे परिचित के यहां गए हुए थे। दो दिन से उनकी पत्नी उनके मोबाइल पर कॉल कर रही थी, लेकिन कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह भी उन्हें कॉल किया। फोन रिसीव नहीं होने से परेशान होकर उनकी पत्नी अपने भाई को लेकर शाम को घर पहुंची, तब घटना की जानकारी हुई।
मनोज कुमार चंद्राकर की मौत की खबर के बाद परिजन मौके पर पहुंचे।
सिर पर चोट के निशान
एएसपी बेहार ने जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ ही फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम को भी बुलाया। मृतक के सिर में चोट के निशान मिले हैं, जिसके कारण खून लगा हुआ था। वहीं, घर पर सामान भी अस्त-व्यस्त बिखरे पड़े थे। पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में फोरेंसिक और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने जांच की।
संपत्ति बेच कर बनाया था मकान
पूछताछ में पता चला है कि मृतक मनोज चंद्राकर ने गांव की अपनी संपत्ति बेचकर चिल्हाटी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान बनाया था। यहां अपने परिवार के साथ रहते थे। कुछ दिन पहले ही वो पत्नी और बच्चों को बलौदा के जर्वे गांव छोड़कर आया था। पुलिस से घटना की सूचना मिलने के बाद पत्नी और बच्चे बिलासपुर पहुंचे।
पुलिस की टीम ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
दो दिन पहले आखिरी बार देखे थे पड़ोसी
पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, तब पता चला कि बीते 24 दिसंबर को पड़ोसियों ने उन्हें आखिरी बार देखा था, जिसके बाद पड़ोसियों ने उन्हें बाहर निकलते नहीं देखा। पुलिस उनके परिचित और करीबियों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है।
पुलिस बोली- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
एएसपी उड्डयन बेहार ने बताया कि शव मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। 24 दिसंबर के बाद से मृतक का किसी से कोई संपर्क नहीं था। लाश पुरानी होने की आंशका है। यह कितनी पुरानी है और मौत कैसी हुई, यह पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। घटना कैसे हुई और किसने इसे अंजाम दिया। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
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छत्तीसगढ़
धमतरी-गरियाबंद में 11 ठिकानों पर NIA की रेड:घर से मिला डेढ़ लाख कैश और IED; पोलिंग-पार्टी पर हमले में एक जवान हुआ था शहीद
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11 hours agoon
December 28, 2024By
Divya Akashगरियाबंद/धमतरी,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के धमतरी और गरियाबंद जिले में NIA की टीम ने 11 अलग-अलग लोगों के घरों में छापा मारा है। ये सभी एक साल पहले पोलिंग पार्टी पर हमला करने की घटना के संदिग्ध हैं। इनके घरों से NIA ने करीब डेढ़ लाख रुपए कैश समेत IED, नक्सल साहित्य, मोबाइल फोन समेत अन्य डॉक्यूमेंट बरामद किए हैं।
27 दिसंबर को NIA ने एक प्रेस रिलीज जारी की थी, जिसमें बताया था कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और धमतरी जिले के अंदरूनी और नक्सल प्रभावित इलाके सेमरा, मैनपुर, केराबहरा, घोरागांव समेत कुल 11 संदिग्ध लोगों के अलग-अलग ठिकाने पर रेड की गई।
गरियाबंद में ITBP का जवान जोगिंदर सिंह शहीद हो गया था।
हमले के पीछे मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन का था हाथ- NIA
जांच में पता चला कि, IED ब्लास्ट के पीछे नक्सलियों के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन का हाथ था। साल 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के बाद बड़ेगोबरा में पोलिंग पार्टी पर ब्लास्ट कर हमला किया था, जिसमें ITBP का एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद हो गया था।
11 संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी
एनआईए ने 11 संदिग्धों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। गरियाबंद और धमतरी जिले के जिन ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की है, उनमें नक्सल प्रभावित क्षेत्र रावन डिग्गी, सेमरा, मैनपुर, घोरागांव, केराबाहरा और गरियाबंद शामिल हैं।
इन इलाकों में 11 संदिग्धों के कई ठिकानों पर तलाशी ली गई। जांच के आधार पर, एनआईए टीम का मानना है कि संदिग्ध लोग प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकवादी संगठन के मैनपुर-नुआपाड़ा डिवीजन के समर्थक और ओवर ग्राउंड वर्कर थे।
बड़ेगोबरा में पोलिंग पार्टी पर ब्लास्ट के बाद गंभीर हालत में जवान को अस्पताल लाया गया था।
10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
वहीं NIA के अफसरों का कहना है कि जिन संदिग्ध लोगों के घरों की तलाशी ली गई है उनके घर से अलग-अलग दस्तावेज बरामद किए गए हैं। अब तक 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़
पूर्व मंत्री कवासी और बेटे के घर ED की रेड:शराब घोटाले में हर महीने 50 लाख मिलने का दावा; कांग्रेस बोली-चुनाव के चलते कार्रवाई
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11 hours agoon
December 28, 2024By
Divya Akashरायपुर ,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश कवासी के घर ED ने छापेमारी की है। रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में टीम पहुंची है। यहां दस्तावेज खंगालने के बाद अफसर पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली। बंगले में बड़ी संख्या में CRPF जवान मौजूद हैं।
कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर में भी ED ने छापा मारा है। सुकमा जिले में हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई है। हालांकि, कांग्रेस ने इस कार्रवाई को चुनाव से जोड़ा और कहा कि, चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जाता है।
कवासी लखमा के बंगले की तलाशी लेने के बाद ED के अधिकारियों ने पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली।
बता दें कि शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर FIR दर्ज है। जिन्हें हर महीने 50 लाख दिए जाने का जिक्र है। वहीं कवासी लखमा के बेटे वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। अधिकारियों की टीम उनके घर पर भी दस्तावेज खंगाल रही है। बड़ी संख्या में CRPF जवान उनके घर के बाहर मौजूद हैं।
शराब और कोल घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ FIR दर्ज है।
ED ने शराब घोटाले में दो पूर्व मंत्री पर भी कराई थी FIR
छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल हैं।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा के करीबी सुशील ओझा के घर पर भी दबिश देकर ईडी की टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।
हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर छापेमारी चल रही है।
वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ED ने ट्रिपल A यानी IAS अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। जिसके बाद ACB इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था।
FIR में शामिल तथ्यों के आधार पर आपको बताते हैं कि किस तरह नया सिंडिकेट तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
ED के जरिए विपक्ष निशाने में- कांग्रेस
कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, वरिष्ठ आदिवासी नेता पर ED की कार्रवाई बीजेपी की दुर्भावना को दर्शाती है। जब-जब छत्तीसगढ़ में चुनाव होते हैं, तब कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जाता है। प्रदेश में अभी नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ED के जरिए विपक्ष के नेताओं का निशाना बनाया जा रहा। हम लड़ेंगे, मुकाबला करेंगे।
रायपुर के धरमपुरा स्थिति पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बंगले पर भी टीम ने दबिश दी है।
तत्कालीन आबकारी मंत्री और आयुक्त को मिलते थे 50-50 लाख
ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था। चार्जशीट के मुताबिक मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को 50-50 लाख हर महीने दिए जाते थे।
CRPF जवान उनके घर के बाहर मौजूद हैं।
शराब घोटाला मामले में FIR में दर्ज नाम
70. विकास अग्रवाल के साथीगण के अज्ञात नाम भी शामिल हैं।
01. IAS, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)
02. अनवर ढेबर
03. अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)
04. मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड
05. कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)
06. निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
07. जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
08. अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
09. विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
10. अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
11. प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
12. रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
13. विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
14. इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
15. नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
16. नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
17. मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
18. सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
19. दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
20. आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
21. अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
22. मोहित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
23. नीतू नोतानी (उपायुक्त)
24. रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
25. गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
26. नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
27. सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
28. अरविंद सिंह
29. अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
30. अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)
31. नवनीत गुप्ता
32. पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)
33 विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
34. त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)
35. यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
36. नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
37. यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
38. अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
39. मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
40. संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
41. अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
42. मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
43. विजय भाटिया, भिलाई
44. अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड
45. मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड
46. मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड
47. मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस
48. सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट
49. बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर
50. मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर
51. अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड
52. उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर
53 मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स
54. लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई
55. विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.
56. दीपक दुआरी
57. दिपेन चावडा
58. मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स
59. मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन
60. मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड
61. सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर
62. अख्तर ढेबर
64. अशोक सिंह
65. सुमीत मलो
66. रवि बजाज
67. विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर
68. अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
69. अन्य आबकारी अधिकारीगण
छत्तीसगढ़
सिविल जज रिजल्ट को चुनौती वाली सभी याचिकाएं खारिज:याचिकाकर्ताओं ने कहा-हमारी आंसरशीट जांची नहीं गई, PSC का जवाब-गलत तरीके से हल किया पर्चा
Published
11 hours agoon
December 28, 2024By
Divya Akashबिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) द्वारा आयोजित सिविल जज परीक्षा 2023 (एंट्री लेवल) के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दी है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं गई है।
वहीं, PSC ने तर्क दिया कि एग्जाम के पैटर्न में बदलाव किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि गलत तरीके से सवाल हल करने पर उसकी जांच नहीं की जाएगी। इसके साथ ही 15 से 20 डिस्ट्रिक्ट जजों की कमेटी मूल्यांकन करती है, जिनके अभिमत पर PSC ने रिजल्ट जारी किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने एग्जाम के रिजल्ट को सही ठहराया है।
2023 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी
राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जज के 49 पदों के लिए 3 सितंबर 2023 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके परिणाम 24 जनवरी 2024 को घोषित किए गए, जिसमें याचिकाकर्ताओं समेत सभी याचिकाकर्ता सफल रहे। इसके बाद मुख्य परीक्षा 25 अगस्त 2024 को आयोजित की गई और इसका परिणाम 8 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया।
इस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया था, जिसके अनुसार प्रश्न के ठीक नीचे दिए गए बाक्स में उत्तर लिखना था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने उत्तर लिखते समय एक प्रश्न के नीचे किसी अन्य प्रश्न का उत्तर लिख दिया, जिसके कारण उनके उत्तरों की जांच नहीं की गई। इसके बाद जब परिणाम घोषित हुआ, तो याचिकाकर्ताओं असफल हो गए।
परीक्षा परिणाम को दी चुनौती, कहा- हमारी कॉपी नहीं जांची गई
इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में श्रेया उर्मलिया, हेमंत प्रसाद, पराग उपाध्याय, अनुराग केंवट, हेमू भारद्वाज समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परिणाम को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया कि आयोग के परीक्षकों ने उनकी आंसरशीट की ठीक से जांच नहीं की है। इस वजह से उन सबका परिणाम खराब आया।
PSC ने कहा- केवल 20% ने गलत आंसर हल किया
PSC के एडवोकेट डा. सुदीप अग्रवाल ने कहा कि उत्तर पुस्तिका में पहले ही यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि उत्तर की जांच की जाएगी, जो निर्धारित स्थान पर दिए गए हों। उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने सही तरीके से अपने उत्तर दिए थे। केवल 20 फीसदी ने गलती की थी। इनमें महज 10 फीसदी उम्मीदवारों ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि 15 से 20 जिला जजों की एक कमेटी द्वारा परीक्षा का मूल्यांकन किया गया था, जिन्होंने भी इस प्रक्रिया को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम को सही ठहराया है।
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