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उदयपुर के पूर्व राजघराने का हिंसक झगड़ा, धारा-163 लागू:लक्ष्यराज सिंह बोले- सरकार में बड़े पद पर बैठे कुछ लोग हमारे घर में घुसने का दबाव बना रहे

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उदयपुर , एजेंसी। राजस्थान के उदयपुर के पूर्व राजघराने के विवाद के बाद मंगलवार रात लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपना पक्ष रखा। पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने मीडिया से कहा- ये परिस्थिति मुझे साल 1984 की याद दिलाती है। सरकार में कुछ लोग पदों पर बैठे हुए हैं, तो वह अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रशासन के ऊपर दबाव बनाकर गैर कानूनी हरकतें करवा कर किसी के घर में घुसने के लिए एक आदमी पर दबाव बना रहे हैं।

इधर, उदयपुर के सिटी पैलेस के आस-पास जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने धारा-163 (पहले 144) लागू कर दी। मीडिया से बातचीत में लक्ष्यराज ने सवाल उठाया था कि सोमवार को यह धारा क्यों लागू नहीं की गई?

लक्ष्यराज सिंह ने कहा- एक व्यक्ति के घमंड और गुरूर के कारण ये सब हो रहा है। ये जो हालात बने हैं, इससे सैकड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। उदयपुर का नाम खराब हो रहा है। मैं ऐसी सोच का समर्थन नहीं करता हूं, न ही इसे जायज मानता हूं।

पूर्व राजपरिवार के सदस्य ने कहा- आज की तारीख में देश में कानून व्यवस्था नाम की चीज है, लेकिन मुझे नहीं पता कि वह अभी उदयपुर में है या नहीं। हमारे साथ जो हुआ, उसमें मैं यह पूछना चाहता हूं कि इतनी फोर्स होने के बाद भी वहां जिस तरह की घटनाएं घटी, क्या हम कानून को लागू करवाना चाहते हैं?

इससे पहले आज दिनभर हालात तनावपूर्ण रहे, लेकिन कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। पुलिस ने बेरिकेड्स लगाने के साथ ही भीड़ को रोकने के लिए उसमें लोहे की ऊंची-ऊंची जाली लगाई है। प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर की नियुक्ति कर दी, लेकिन अभी तक अपने कब्जे में नहीं लिया।

कलेक्टर अरविंद पोसवाल, आईजी राजेश मीणा और एसपी योगेश गोयल समोर बाग पैलेस पहुंचे थे। उन्होंने विश्वराज सिंह मेवाड़ से मुलाकात की और बुधवार के एकलिंगनाथ जी दर्शन कार्यक्रम को लेकर चर्चा की।

इधर, सोमवार को हुई हिंसा के बाद मंगलवार को विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा मैं लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहता। इसलिए सिटी पैलेस में नहीं जाता हूं। उन्होंने कहा कि कैलाशपुरी स्थित एकलिंगनाथ जी मंदिर से पुराना नाता है, इसलिए बुधवार सुबह 10 बजे वे उनके दर्शन करने जाएंगे।

देखिए इस विवाद से जुड़ी 4 तस्वीरें…

महल में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक पुलिस का घेरा तोड़कर सिटी पैलेस के गेट पर पहुंचे। इस दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पत्थर बरसने लगे।

महल में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक पुलिस का घेरा तोड़कर सिटी पैलेस के गेट पर पहुंचे। इस दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पत्थर बरसने लगे।

पथराव के बाद मौके पर माहौल गरमा गया। पथराव में कुछ लोगों को चोट भी लगी है।

पथराव के बाद मौके पर माहौल गरमा गया। पथराव में कुछ लोगों को चोट भी लगी है।

प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर नियुक्त कर दिया। इसका नोटिस सिटी पैलेस के गेट पर चिपकाया गया। अब विवादित जगह को लेकर रिसीवर डिसीजन लेगा।

प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर नियुक्त कर दिया। इसका नोटिस सिटी पैलेस के गेट पर चिपकाया गया। अब विवादित जगह को लेकर रिसीवर डिसीजन लेगा।

उदयपुर के सिटी पैलेस के इलाके में आज भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। यहां जगदीश मंदिर की सीढ़ियों पर पर सुबह से पुलिसकर्मी बैठे हैं।

उदयपुर के सिटी पैलेस के इलाके में आज भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। यहां जगदीश मंदिर की सीढ़ियों पर पर सुबह से पुलिसकर्मी बैठे हैं।

इससे पहले सोमवार देर रात उदयपुर के सिटी पैलेस, परिवार के अन्य सदस्यों और विश्वराज समर्थकों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इसमें कई लोग घायल भी हुए। महाराणा प्रताप के वंशजों में ऐसा झगड़ा पहली बार सामने आया है। वहीं, सोमवार देर रात करीब 1 बजे प्रशासन ने विवादित जगह को कुर्क कर रिसीवर की नियुक्ति कर दी। विपक्षी ट्रस्ट से पत्थरबाजी और विवादित स्थल को लेकर 27 नवंबर तक जवाब भी मांगा है।

यह पूरा विवाद उदयपुर राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे और नाथद्वारा से भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक और इससे जुड़ी रस्मों को लेकर हुआ। राजशाही खत्म होने के बाद भी यह रस्म प्रतीकात्मक रूप से निभाई जाती है। विश्वराज सिंह राजतिलक के बाद सिटी पैलेस के अंदर धूणी के दर्शन करने जाना चाहते थे, लेकिन सिटी पैलेस में रहने वाले उनके चाचा के परिवार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। यहीं से पूरा विवाद शुरू हुआ।

विवाद से जुड़ी ये भी फोटोज देखें…

जगदीश चौक से सिटी पैलेस जाने वाले रास्ते का पूरा बाजार सुबह से बंद है।

जगदीश चौक से सिटी पैलेस जाने वाले रास्ते का पूरा बाजार सुबह से बंद है।

पार्किंग की तरफ से भी सिटी पैलेस रोड पर आने का रास्ता है। पुलिस ने यहां पर भी बैरिकेट्स करके रास्ता बंद किया है।

पार्किंग की तरफ से भी सिटी पैलेस रोड पर आने का रास्ता है। पुलिस ने यहां पर भी बैरिकेट्स करके रास्ता बंद किया है।

पथराव में एक महिला भी घायल हो गई। महिला को संभालते लोग।

पथराव में एक महिला भी घायल हो गई। महिला को संभालते लोग।

एकाएक हुए पथराव के बाद भीड़ और पुलिस बचने के लिए भागती हुई।

एकाएक हुए पथराव के बाद भीड़ और पुलिस बचने के लिए भागती हुई।

उदयपुर के सिटी पैलेस के पास जगदीश मंदिर की सीढ़ियों पर बैठे पुलिसकर्मी ।

उदयपुर के सिटी पैलेस के पास जगदीश मंदिर की सीढ़ियों पर बैठे पुलिसकर्मी ।

पुलिस की ओर से सुरक्षा के तहत बैरिकेड्स लगाए गए हैं और उस पर जाली लगाई गई है।

पुलिस की ओर से सुरक्षा के तहत बैरिकेड्स लगाए गए हैं और उस पर जाली लगाई गई है।

भीड़ को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता व्यवस्था की।

भीड़ को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता व्यवस्था की।

परिवार में 41 साल से क्यों चल रहा झगड़ा दरअसल, उदयपुर के आखिरी महाराणा भगवत सिंह ने 1963 से 1983 तक राजघराने की कई प्रॉपर्टी को लीज पर दे दिया, तो कुछ प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी बेच दी। इनमें लेक पैलेस, जग निवास, जग मंदिर, फतह प्रकाश, शिव निवास, गार्डन होटल, सिटी पैलेस म्यूजियम जैसी बेशकीमती प्रॉपर्टीज शामिल थीं। ये सभी प्रॉपर्टी राजघराने द्वारा स्थापित एक कंपनी को ट्रांसफर हो गई थीं। यहीं से विवाद शुरू हुआ।

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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