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छत्तीसगढ़

भाजपा पार्षदों ने महापौर पर उड़ेला पानी का कंटेनर..VIDEO:बिरगांव निगम में बजट भाषण के समय हंगामा, वार्ड में पानी नहीं आने से थे नाराज

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रायपुर ,एजेंसी। रायपुर के बिरगांव नगर निगम के सभाकक्ष में जमकर बवाल हुआ। बजट भाषण के दौरान भाजपा पार्षदों ने पानी के कंटेनर महापौर पर उड़ेल दिया। ये पार्षद उनके वार्ड में पानी नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

इस दौरान सभा कक्ष में दोनों पक्षों के पार्षदों की तरफ से जमकर हंगामा हुआ। इस घटना के बाद महापौर ने भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि भाजपा पार्षद मुद्दाविहीन हो गए हैं, उसी वजह से यह सब कर रहे हैं।

देखिए हंगामे की तस्वीरें-

भाजपा पार्षद उनके वार्ड में पानी नहीं आने से नाराज थे।

भाजपा पार्षद उनके वार्ड में पानी नहीं आने से नाराज थे।

हंगामे के दौरान जनता को पानी दो के लगे नारे।

हंगामे के दौरान जनता को पानी दो के लगे नारे।

दरअसल, बिरगांव निगम में गुरुवार को कांग्रेस के महापौर नंदलाल देवांगन साल 2025-26 का बजट भाषण पढ़ रहे थे। निगम में सभापति समेत सभी दलों के पार्षद मौजूद थे। इस दौरान अचानक भाजपा पार्षद पानी का कंटेनर लेकर महापौर के सामने पहुंच गए। उन्होंने महापौर के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। फिर पानी के कंटेनर को खोलकर महापौर पर पलट दिया।

इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा पार्षदों का कहना है कि जनता की पानी जैसे मूलभूत आवश्यकता की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा पार्षदों का कहना है कि जनता की पानी जैसे मूलभूत आवश्यकता की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

जनता को पानी दो के लगे नारे

पानी से महापौर के बजट भाषण की फाइलें भी भीग गई। इसके अलावा महापौर भी उठकर खड़े हो गए। उनके भी कपड़े का सामने वाला हिस्सा पानी में भींग गया। इस दौरान भाजपा पार्षदों ने जनता को पानी दो और महापौर मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इस प्रदर्शन का कांग्रेस के महापौर समेत अन्य पार्षदों ने विरोध किया। सदन के भीतर काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही।

पानी से महापौर के बजट भाषण की फाइलें भी भीग गई।

पानी से महापौर के बजट भाषण की फाइलें भी भीग गई।

पार्षद बोले- घरों में पानी नहीं होने से हाहाकार जनता

इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा पार्षदों का कहना है कि बिरगांव नगर निगम के कई वार्डों में लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इस भीषण गर्मी में जनता को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जनता से लेकर लंबे समय से मांग कर रही है, लेकिन महापौर उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

इस वजह से पानी के कंटेनर को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। जनता की पानी जैसे मूलभूत आवश्यकता की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

महापौर नंदलाल देवांगन ने दैनिक भास्कर से कहा कि भाजपा पार्षदों का इस तरह की हरकत अमर्यादित है।

महापौर नंदलाल देवांगन ने दैनिक भास्कर से कहा कि भाजपा पार्षदों का इस तरह की हरकत अमर्यादित है।

महापौर बोले- मुद्दाविहीन, अमर्यादित विरोध

इस मामले को लेकर महापौर नंदलाल देवांगन ने दैनिक भास्कर से कहा कि बजट भाषण के दौरान भाजपा पार्षदों का इस तरह की हरकत अमर्यादित है। पानी डालने से बजट भाषण प्रभावित हुआ। इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि बिरगांव निगम क्षेत्र के 80 से 90% इलाकों में घरों में पानी पहुंचाने वाली योजनाएं पूरी हो चुकी है। कुछ अंदरूनी क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचा है जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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कोरबा

भारतमाला प्रोजेक्ट…11 जिलों में भ्रष्टाचार की जांच करेगी EOW:किसानों की जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में धांधली की शिकायत; इनमें कई अफसरों के नाम

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रायपुर, एजेंसी। भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे में घोटाले की जांच EOW करेगी। छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में भू-अर्जन की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाए जाने के बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभाग कमिश्नर को लेटर लिखा है। 15 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। जिन जिलों से भारत माला प्रोजेक्ट होकर गुजर रहा है, उन सभी जिलों में मुआवजा और अधिग्रहण की जांच होगी।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

रायपुर से विशाखापट्टनम तक हाईवे बनना है इसमें जमीन मुआवजे को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई है।

पहले जानिए क्या है भारतमाला परियोजना?

भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं जो भारत सरकार की है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसी के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक करीब 463 किमी लंबी नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र जारी किया है।

अब जानिए घोटाले को लेकर क्या है शिकायत?

रायपुर से विशाखापट्टनम 463 किमी सड़क बन रही है इसमें छत्तीसगढ़ में 124 किमी सड़क 3 कंपनियां बना रही हैं। यह सड़क नवा रायपुर से भी होकर गुजरेगी। इसलिए यहां सड़क के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे का घोटाला सामने आया है।

छत्तीसगढ़ के अवर सचिव को 8 अगस्त 2022 को धमतरी निवासी शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी। बताया गया कि, अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों का बंदरबांट किया। उनकी जमीन का खसरा बदल दिया गया। पूर्व खसरे पर उस राशि का भुगतान दिख रहा है।

एसडीएम, नायब तहसीलदार और पटवारी से इसकी शिकायत की है, लेकिन वो समाधान नहीं कर रहे हैं। इन अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफियाओं की मदद से शासन के पैसों का दुरुपयोग किया है।

अधिग्रहण नियम क्या है?

अधिग्रहण नियमों के अनुसार, गांवों में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा ज्यादा मिलता है। जमीन 500 वर्गमीटर से ज्यादा है तो पैसा कम मिलता है। उदाहरण के तौर पर एक एकड़ जमीन का मुआवजा 20 लाख होगा। इसे टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा 1 करोड़ हो जाएगा।

इन 11 जिलों में होगी जांच

  1. रायपुर
  2. धमतरी
  3. कांकेर
  4. कोंडागांव
  5. कोरबा
  6. रायगढ़
  7. जशपुर
  8. राजनांदगांव
  9. दुर्ग
  10. बिलासपुर
  11. जांजगीर-चांपा
  12. EOW ने मांगी पिछली जांच रिपोर्ट
    रायपुर जिले में जांच के बाद प्रदेश के 11 जिलों में गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों की तरफ से फर्जी नामांतरण, बंटवारा और अधिक मुआवजा बांटने की शिकायत है। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेकर राजस्व विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाया।
    भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था। अब इस पूरे मामले में EOW के अधिकारी जांच में जुट गए हैं। वहीं, राजस्व विभाग से पूर्व में की गई जांच की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में EOW घोटाले में शामिल अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
    सीबीआई से भी की गई शिकायत
    स्वामी बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नरेंद्र पारख ने बताया कि, अभनपुर के उरला गांव नहर के पास उनकी 88 डिसमिल जमीन है। इसमें 39 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण एनएचएआई ने किया है। भुगतान पत्रक में 1.36 करोड़ का मुआवजा बना। लेकिन इनकी जमीन का मुआवजा किसी हृदय लाल गिलहरे के नाम पर कर दिया गया।
    उसने बैंक से पूरा पैसा निकालकर खाता बंद कर दिया है। उन्होंने इसकी शिकायत सीबीआई में की गई है। अमित पाण्डेय ने बताया कि, उनके पास 1.80 लाख स्क्वायर फीट जमीन थी। उन्हें 29 करोड़ मुआवजा मिलना था, लेकिन 17 करोड़ ही मिले। बाकी 12 करोड़ कहां गए उन्हें पता नहीं।



  13. ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    ननकी राम कंवर ने पिछले साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी।
    पूर्व गृहमंत्री ने लिखी थी पीएम को चिट्‌ठी
    मुआवजा घोटाले में रिव नाम के व्यक्ति की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। इसकी शिकायत बीजेपी नेता ननकीराम कंवर ने पत्र लिखकर 28 नवंबर 2024 को पीएम मोदी से की थी।
    चिट्‌ठी में मुआवजा घोटाले में शामिल अफसरों का नाम लिखा था और प्रोजेक्ट की जानकारी भू-माफियाओं को लीक करने की बात भी लिखी थी। इसमें जिन अफसरों का नाम लिखा हुआ था, उनमें से कई अफसर अभी भी जांच के दायरे के बाहर है।
  14. कई अफसर जांच के दायरे में

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कोरबा

“चैत्र नवरात्र में श्री हित सहचरी सेवा समिति का भक्ति महोत्सव: गूंजा सुंदरकांड, जस-गीतों पर थिरकी श्रद्धा, समय पर सहभागिता और सहयोग से सजी दिव्य संध्याएं”

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कोरबा । चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री हित सहचरी सेवा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संध्या सुंदरकांड श्रृंखला ने क्षेत्र में राम नाम की ऐसी अखंड ज्योति जलाई, जिसने हर घर को मंदिर का स्वरूप दे दिया। समिति की प्रेरणास्रोत संरक्षिका श्रीमती नीरू राय के नेतृत्व में घर-घर जाकर सुंदरकांड पाठ, भजनों, जस गीतों और भाव नृत्य की ऐसी अनुपम श्रृंखला रची गई, जिसने श्रद्धालुओं के मन को पूर्णतः भक्ति में डुबो दिया।

श्रीमती श्वेता राय ने इस आयोजन में निस्वार्थ और आत्मीय सहयोग प्रदान किया, जिससे आयोजन की गरिमा और भक्ति दोनों का स्तर ऊँचा हुआ। संयोजन, समन्वय और सहयोग के रूप में उनका योगदान विशेष उल्लेखनीय रहा।

भक्ति, समय और सेवा का संगम:


इस आयोजन की विशेषता केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक ऐसा सांस्कृतिक एवं पारिवारिक मिलन बन गया, जिसमें समय पर उपस्थिति, सेवा भाव, और उत्साहपूर्वक भागीदारी ने आयोजन को सफलतम रूप प्रदान किया।
समिति की समर्पित महिलाओं ने न केवल संध्या में समय पर पहुंचकर प्रतिदिन आयोजन को क्रमबद्ध और दिव्य बनाए रखा, बल्कि घर-परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी भक्ति से अपना संबंध नहीं टूटने दिया। यह आयोजन वास्तव में उनकी निष्ठा, दीक्षा और अनुशासन का साक्षात् प्रमाण था।

भावनात्मक प्रस्तुतियां और जस गीतों की मधुरिमा:
सुंदरकांड पाठ के पश्चात जब जस गीतों की स्वर-लहरियां गूंजतीं, तो श्रद्धालु महिलाओं और बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत भक्ति नृत्य उस वातावरण को जैसे स्वर्गीय बना देते। उनकी भाव-भंगिमा, पारंपरिक वेशभूषा, और समर्पण, सभी ने मिलकर संध्या को एक भक्ति-दर्शन का स्वरूप दिया। ऐसा प्रतीत होता जैसे भक्ति साक्षात् मूर्त रूप में प्रकट हो गई हो।

सभी परिवारों का अनुपम सहयोग:


इस भक्ति यात्रा की सफलता केवल एक समिति की नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की सहभागिता का फल थी। हर परिवार ने, चाहे वह आयोजन स्थल हो या सहभागी, अपने समय, संसाधन और प्रेम से इसे पूर्णता दी। बच्चों से लेकर वरिष्ठजनों तक, सभी ने एक स्वर में राम नाम का संकीर्तन किया।

मातृशक्तियों का अमूल्य योगदान:
इस आयोजन की रीढ़ बनीं समिति की समर्पित सदस्याएं —

मंजूलता गुप्ता, मीनाक्षी शर्मा, राजश्री पांडे, मीना ठाकुर, निव्या विनायक, श्वेता दुबे, प्रियंका सिन्हा, श्रद्धा कर्मी, रजनी श्रीवास्तव (शाह आंटी), भावना स्वर्णकार, पटेल आंटी, सलिका गोयल, प्रियंका वर्मा, मीनू पांडे, नेहा सिन्हा, किरण सिंह, विनीता सिंह, अंजना सिंह, अंशु सिंह, कविता, मेघा उपाध्याय, अर्चना सिंह, मीणा वनाफर, राजेश्वरी, दमयंती सिंह, गीता वरवली, गुड़िया सिंह, कुसुम, प्रभा नायक, आभा प्रसाद, राम उपाध्याय, रीना दुबे, रूप मन्नार, रानी जयसवाल और तुलसी — सभी ने समय पर सहभागिता, प्रेमपूर्ण सेवा, और सच्चे समर्पण से आयोजन को एक आध्यात्मिक महोत्सव में परिवर्तित कर दिया।


समापन की भक्ति लहर:
हर दिन का समापन सामूहिक आरती, प्रसाद वितरण, और परिवार संग भजन-कीर्तन के साथ होता, जिससे पूरे क्षेत्र में एकता, अध्यात्म और आनंद की लहर दौड़ जाती। यह आयोजन भक्ति के उस स्वरूप का प्रतीक बन गया, जिसमें केवल पूजा नहीं, संस्कार, संस्कृति और समर्पण का संगम हो।

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कोरबा

छत्तीसगढ़ महिला फुटबॉल को मिली नई ऊर्जा, प्रदेश व जिला कार्यकारिणी गठितकोरबा में हुआ सम्मान समारोह, संजू देवी राजपूत बनीं प्रदेश अध्यक्ष

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कोरबा। छत्तीसगढ़ महिला फुटबॉल एसोसिएशन की नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा एवं सम्मान समारोह का आयोजन सोमवार को कोरबा के होटल कावेरी, पावर रोड में किया गया। इस अवसर पर महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने तथा संगठन को सशक्त करने के उद्देश्य से विचार-विमर्श और योजनाओं की चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव शेख जावेद ने की।

समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय महासचिव द्वारा प्रदेश अध्यक्ष संजू देवी राजपूत को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए हुई। उन्होंने अपने संबोधन में महिला फुटबॉल के क्षेत्र में एसोसिएशन की सक्रियता की सराहना की और कहा कि इस संगठन की भूमिका राज्य में महिला खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में अहम रहेगी।

प्रदेश अध्यक्ष संजू देवी राजपूत ने इस अवसर पर नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में वे एक सामान्य सदस्य के रूप में इस संघ से जुड़ी थीं और अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है, यह उनके लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण से कार्य करेंगी।

घोषित नवीन प्रदेश कार्यकारिणी इस प्रकार है:

प्रदेश अध्यक्ष – संजू देवी राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष – गुलशन अरोरा, दीपक यादव, जगदीश श्रीवास, सुधा झा, डॉ. अंजना सिंह, दिलीप डोमने, कामायनी दुबे, भागवत सिंह ,महासचिव – साजी टी. जान ,सहसचिव – रवीन्द्र साहू, जानकी साहू, स्मिता बेग, सरोज राठौर, मनोज मिश्रा, राजेश मिश्रा, पवन सिन्हा, मीना सिंह ,कोषाध्यक्ष – अंजू सिंह, प्रदेश प्रवक्ता – दिब्येन्दु मृधा, सुशील दास , कार्यकारिणी सदस्य – डॉ. चंचल, रितु मिश्रा, सुनीता देवांगन, स्मिता सिंह, राकेश सोनी, शहनाज शेख, मनोज सिंह राजपूत

कोरबा जिला महिला फुटबॉल संघ की कार्यकारिणी भी घोषित:

जिला अध्यक्ष – आभा दुबे ,उपाध्यक्ष – सिकन्दर टोप्पो, रश्मि श्रीवास, अमीश केलब ,सचिव – सुरेन्द्र दास ,सहसचिव – पद्मिनी साहू, समीउल्ला खान, अविनाश कुमार, एन. मुर्ती, सुनील नर्मदा ,कोषाध्यक्ष – कविता सोनी ,कार्यकारिणी सदस्य – मो. दानीश, सुनील कुमार बहरीया, हेमंत साहू, गीता

इस भव्य समारोह में अनेक समाजसेवी, खेलप्रेमी, पदाधिकारी एवं अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान महिला फुटबॉल के विकास के लिए योजनाएं प्रस्तुत की गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि छत्तीसगढ़ में महिला खेलों को बढ़ावा देने हेतु ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि महिला खिलाड़ियों को समान अवसर देने के लिए समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

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