नई दिल्ली,एजेंसी। 76वें गणतंत्र दिवस पर रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो बतौर चीफ गेस्ट वहां मौजूद रहे। पीएम मोदी भी शामिल हुए। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है।
परेड की शुरुआत कल्चर मिनिस्ट्री के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुई। 300 आर्टिस्ट ने वाद्य यंत्र बजाते हुए परेड निकाली। फिर इंडोनेशिया के सैन्य जवानों का दस्ता परेड करते हुए कर्तव्य पथ पर गुजरा। भारतीय सेना के जवानों ने भीष्म टैंक, पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम के साथ मार्च किया। पहली बार प्रलय मिसाइल परेड में दिखी।
एयरफोर्स के फ्लाईपास्ट में 40 विमानों ने हिस्सा लिया। जिसमें 22 फाइटर जेट, 11 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट और 7 हेलिकॉप्टर शामिल हुए। अपाचे, राफेल और ग्लोब मास्टर इस फ्लाई पास्ट का हिस्सा रहे। परेड में 15 राज्यों और 16 मंत्रालयों की झांकियां नजर आईं। पहली बार कर्तव्य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
गणतंत्र दिवस का पूरा कार्यक्रम सिलसिलेवार देखें…
सबसे पहले PM मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और चीफ गेस्ट कर्तव्य पथ पहुंचे, 3 तस्वीरें…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10:15 बजे के करीब कर्तव्य पथ पर पहुंचे।
कर्तव्य पथ पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत करते समय पीएम मोदी को रेड कारपेट पर कचरा दिखा। जिसे उन्होंने खुद उठाया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ आईं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ।
पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ पर परेड देखने आए दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
अब देखिए परेड की तस्वीरें…
1. महिला शक्ति
CRPF मार्चिंग परेड का नेतृत्व असिस्टेंट कमांडेंट ऐश्वर्या जॉय एम ने किया।
NCC गर्ल्स मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व सीनियर अंडर ऑफिसर एकता कुमारी ने किया।
NCC जॉइंट बैंड ने कैडेट अंकिता कुमारी के नेतृत्व में मार्च पास्ट किया।
NSS मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व कमांडर दीपक सिंह ने किया, इसमें फीमेल कैडेट भी मौजूद रहीं।
2. सैन्य ताकत
DRDO का प्रलय वेपन सिस्टम सतह से सतह मारक क्षमता में सक्षम। इसकी रेंज 400 KM है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. आर श्रीनिवासन ने नेतृत्व किया।
भारतीय सेना का टी-90 भीष्म टैंक जो अत्याधुनिक तकनीक और युद्धक क्षमताओं से लैस है। 74वीं आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन नवजोत सिंह के टैंक मार्च का नेतृत्व किया।
नाग मिसाइल सिस्टम और इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल का प्रदर्शन किया गया। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट रोहित चौधरी ने किया।
ऑल टेरेन व्हीकल चेतक और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल कपिध्वज की प्रर्दशन किया गया। कैप्टन लक्क्षेश सिहाग और नायब सूबेदार चरणसिंह ने इसका नेतृत्व किया।
कर्तव्य पथ पर परेड में पिता-पुत्र की जोड़ी भी नजर आई। पहले दिल्ली एरिया के जीओसी भावनीश कुमार ने मार्च में हिस्सा लिया। फिर 61 कैविलरी रेजिमेंट के कंटिजेंट कमांडर अहान कुमार ने परेड में हिस्सा लिया।
3. फ्लाई पास्ट
C-17 ग्लोबमास्टर और 2 सुखोई विमान ने विक्ट्री फॉर्मेशन बनाया। इसका नेतृत्व ग्रुप कैप्टन समीप तेझावन ने किया। साथ में ग्रुप कैप्टन ध्रुव कुमार और विंग कमांडर सुजीत मौजूद रहे।
सुखोई 30 का फॉर्मेशन कमांडर रुचित कौर ने किया। साथ में मौजूद रहे कैप्टन मनोज यादव और विंग कमांडर परमिंदर सिंह।
129 हेलिकॉप्टर यूनिट के V17, V5 हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। इसका नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत ने किया।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का भारत का 52वां मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है।
परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।
CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दो घंटे सुनवाई हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन पर केंद्र से जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विरोध में देशभर में हो रही हिंसा पर चिंता जताई। इस पर SG ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव डालने के लिए किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे।
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ कानून के तहत बोर्ड में अब हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। यह अधिकारों का हनन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है। हिंदुओं के दान कानून के मुताबिक, कोई भी बाहरी बोर्ड का हिस्सा नहीं हो सकता है।
CJI संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। वहीं कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी, सीयू सिंह दलीलें रख रहे हैं।’
सुप्रीमकोर्ट अब गुरुवार 2 बजे सुनवाई करेगा। सुनवाई में अपीलकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड बनाने, पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन, बोर्ड मेंबर्स में गैर-मुस्लिम और विवादों के निपटारों को लेकर मुख्य दलीलें दीं।
वॉशिंगटन डीसी,एजेंसी। चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी है।
चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं।
ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ेगा। ये महंगे हो जाएंगे।
चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं।