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छत्तीसगढ़

भूपेश-अरुण साव सदन में भिड़े:बिना टेंडर के बना पुल तो हंगामा,चंद्राकर के कमेंट पर लखमा बोले- मैं पाकिस्तान में रहता हूं क्या

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रायपुर,एजेंसी। मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन रहा। रायपुर के बूढ़ातालाब प्रोजेक्ट और सुकमा में बिना टेंडर के पुल बनाए जाने के मामले पर ठंड के मौसम में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र गरमा गया। बस्तर के निर्माण के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव भिड़ गए।

कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए ।अरुण साव के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी किए जाने की वजह से डॉक्टर रमन सिंह ने कांग्रेस के लगाए नारों को विलोपित कर दिया। हंगामा और बवाल के बीच प्रश्न-काल समाप्त हुआ।

दरअसल कवासी लखमा ने सुकमा जिले के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की तरफ से बनाए गए पुल को लेकर सवाल उठाया। मई में इसका काम तब किया गया था जब लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लगी थी।

इसके निर्माण को लेकर कवासी लखमा की ओर से की गई आपत्ति पर जवाब देते हुए मंत्री अरुण साव ने कहा था कि जहां पुल बना वहां आसपास सुरक्षा बलों के कैंप हैं। बारिश में सुरक्षा बलों के राशन पहुंचाने और उनके आने-जाने में होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने पुल का कुछ हिस्सा बनवाया, बाद में इसे रोक दिया गया। लेकिन इसमें एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया गया है। आज टेंडर खोला जा रहा है जो एजेंसी तय होगी उसे काम दिया जाएगा।

फिर भूपेश बघेल ने पूछा पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री साव का जवाब सुना और कवासी लखमा का साथ देते हुए खड़े हुए । बघेल ने कहा कि जब मंत्री यह मान रहे हैं कि आचार संहिता में काम हुआ राज्य सरकार से अनुमति के बिना काम हुआ बिना टेंडर के काम हुआ तो आप अफसर और ठेकेदारों पर क्या कार्रवाई करेंगे। साव ने भुगतान न किए जाने की बात को दोहरा दिया।

इतने में कांग्रेस के सभी विधायकों ने हंगामा करते हुए भ्रष्टाचार के नारे लगाने शुरू कर दिए। भूपेश बघेल ने सख्त लहजे में साव से कहा कि जब आपके संज्ञान में सब कुछ है और आप कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इसका मतलब यह है कि आपका संरक्षण प्राप्त है। काफी देर तक इस बात पर नारे बाजी होती रही।

पाकिस्तान का जिक्र पुल के सवाल को पूछने के लिए जब कवासी लखमा खड़े हुए उन्होंने सुकमा का जिक्र करना शुरू किया तो अजय चंद्राकर ने कमेंट करते हुए पूछा कि दादी सुकमा कब गए थे, कवासी लखमा हंसते हुए बोले- तो क्या मैं पाकिस्तान में रहता हूं क्या ? कमेंट जोड़ते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आपके बड़े नेताओं के विचार तो पाकिस्तानियों जैसे ही हैं । जवाब देते हुए लखमा ने कहा आपके विचार बांग्लादेशियों वाले हैं क्या,। इसके बाद डॉक्टर रमन सिंह से गुजारिश करते हुए लखमा बोले इन लोगों को समझाइए इन्हें पता है कि लखमा आज पोल खोलेगा इसलिए ऐसा कर रहे हैं। मुस्कुराकर डॉ रमन सिंह ने कहा- आज चंद्राकर जी आप कवासी लखमा को डिस्टर्ब नहीं करेंगे।

मूणत- चंद्राकर ने स्मार्ट सिटी की गड़बड़ी पर साव से सवाल किए राजेश मूणत ने बूढ़ा तालाब का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब स्मार्ट सिटी कह रही है कि काम कंप्लीट कर लिया तो मैं पूछ रहा कि 6 करोड़ का फवारा लगा वह आज तक चालू क्यों नहीं हो पाया। बूढ़ातालाब में पर्यटन मंडल ने पहले काम किया फिर नगर निगम ने काम किया और उसी में स्मार्ट सिटी ने भी काम किया यानी एक तालाब के अंदर इतनी एजेंसी ने काम किए। तीनों एजेंसी ने कौन-कौन से काम किए हैं स्पेसिफिक,उन अधिकारियों ने अगर उसमें लीपा पोती की तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

फिर सुनील सोनी खड़े हुए उन्होंने कहा कि 5 साल तक जो नगर पंचायत नगर निगम की जो हालात हुई टोटी लगाने का पैसा नहीं था। हमकाे तो अब अनियमिताओं का भंडार जो है वह हमारी सरकार को मिला है। पूर्व सरकार ने पूरा पैसा स्मार्ट सिटी का सैकड़ों करोड़ रूपया केवल लूटने का काम किया। अजय चंद्राकर ने बूढ़ा तालाब को लेकर पूछा कि बूढातालाब में कितने काम कराए हैं कितने पूरे हुए।

जवाब मंे मंत्री साव ने कहा- 30 कार्य स्वीकृत हुए थे 30 में से 29 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। चंद्राकर ने पूछा कि आप या आपके अधिकारी आपके सचिव काम पूरे हो गए हैं कह रहे हैं मैं नरैया तालाब बता देता हूं, मटन मार्केट बता देता हूं महाराज बंद बता देता हूं और ऐसे श्रृंखला बता दूंगा जो अधूरे पड़े हैं। जिसको आपने पूरा कहा क्या उसका निरीक्षण करवाएंगे, मेरे साथ चलिए। अधिकांश काम अधूरे पड़े हैं तो क्या इसका परीक्षण रायपुर शहर के चारों विधायकों के सामने करवाएंगे क्या अरुण साव ने कहा कि कामों का परीक्षण करवा लेंगे।

कौशिक बोले ED से जांच करवाइए मंत्री जी धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन के अधूरे काम, टेंडर लेने वाली एजेंसियों की बड़ी गड़बड़ी को उजागर करने का दावा किया। कौशिक ने बताया कि- हर घर तक जल पहुंचाने काम काम किया जा रहा था। लेकिन छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार से पूर्ववर्ती सरकार ने लापरवाही की। मंत्री जी का जवाब आया है कि 2 वर्षों में 2918 लोगों को नोटिस दे गई है। इसमें प्रमुख कारण है कि काम शुरू न करना, लेट करना या क्वालिटी के अनुसार एजेंसियों ने काम नही किया।

जल जीवन मिशन की ठेका एजेंसियों पर कार्रवाई की मांग कौशिक ने की।

जल जीवन मिशन की ठेका एजेंसियों पर कार्रवाई की मांग कौशिक ने की।

कौशिक ने आगे कहा कि जल जीवन मिशन में नोटिस जारी हुआ मतलब गड़बड़ी तो है। ऐसी 12-15 संस्थाएं हैं जो गलत तरीके से काम प्राप्त करने के लिए ठेकेदारों के द्वारा फर्जी दस्तावेज उसमें लगाया गया है । दस्तावेज में कूट रचना की गई है और इस प्रकार से यह 420 का मामला बनता है। मंत्री जी से हम यह चाह रहे थे की FIR कब तक हो जाएगी वसूली के कारवाई कब तक हो जाएगी और ये बड़ा मामला है तो ED को मामला दिया जाए। मंत्री जी ने यह आश्वस्त किया है कि हाई पावर कमेटी के उच्च स्तरीय कमेटी के अनुशंसा आएगी और उसके बाद में तत्काल FIR किया जाएगा। किसी को बख्शा नहीं जाएगा, कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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कोरबा

भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म कर दिया – जिला कांग्रेस

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जिला कांग्रेस अध्यक्षद्वय सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं सपना चौहान ने लगाया आरोप

कोरबा:- जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल एवं शहर अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी आरक्षण को लगभग खत्म कर दिया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने अधिकार का हनन समझ रहे है, जबकि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की बहुतायत है।
जिला कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावना पूर्वक संसोधन के चलते अधिकांश जिला एवं जनपद पंचायतों में आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटे अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के लिए आरक्षित थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है, जिसके कारण ओबीसी वर्ग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और अपने अधिकारों का हनन समझ रहे हैं।
मैदानी क्षेत्रों में अनेक पंचायते ऐसी है, जहां पर 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिलें और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित था, अब वे सामान्य सीटें घोषित हो चुकी हैं।
बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिलें अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया-महेन्द्रगढ़-चिरमिरी, भरतपुर-सोनहत, बस्तर के 7 जिलें-बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर-मोहला, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिलें में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
सरकार द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है, उसका परिणाम सामने है। इस सरकार ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है। रायपुर जिला पंचायत में 16 में से केवल 4 सीट ही ओबीसी के लिए आरक्षित है, उसी तरह बिलासपुर जिलें में 17 में से केवल 1 क्षेत्र ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरूष के लिए 17 में से 1 भी सीट आरक्षित नही है, उसी तरह 4 जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, 1 अनारक्षित महिला और 1 जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। यहां एक भी पद ओबीसी के लिए आरक्षित नही है जिसके कारण प्रदेश के ओबीसी वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित हो गया है और साय सरकार ने ओबीसी वर्ग हो चुनाव लड़ने से षडयंत्र पूर्वक रोक दिया है और यह सरकार ओबीसी विरोधी बन गयी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।

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कोरबा

पालिका अध्यक्ष पद हेतु प्रशांति सिंह पर दांव लगा सकती है कांग्रेस

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25 वर्षों से कांग्रेस की राजनीति में हैं सक्रिय
कोरबा/दीपका ।

नगर पालिका परिषद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है और दीपका में भाजपा के कई दावेदार सामने आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में जो नाम उभरकर सामने आया है, उसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री प्रशांति सिंह का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है और माना जा रहा है कि कांग्रेस प्रशांति पर अपना दांव लगा सकती है।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद दीपका नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद हेतु सक्रिय कांग्रेस नेत्री प्रशांति सिंह की दमदार दावेदारी की चर्चा होने लगी है । उल्लेखनीय है कि जिले की राजनीति में प्रशांति पिछले 25 वर्षों से सक्रिय रह कर कांग्रेस के लिए पूरी शिद्दत से काम कर रही हैं विधान सभा हो अथवा लोक सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए जीतोड़ मेहनत से कांग्रेस संगठन में इनका क़द बढ़ा है, वहीं कांग्रेस के क्षत्रप डॉ चरण दास महंत तथा सांसद ज्योत्सना महंत
का पूरा आशीर्वाद भी इन्हें प्राप्त है । कांग्रेस नेत्री प्रशांति सिंह ने एक मुलाक़ात में बताया कि यदि पार्टी उन्हें नगर पालिका अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी घोषित करती है, तो दीपका के समस्त कांग्रेस नेताओं व कॉर्यकर्ताओं की मदद से वे यह चुनाव निश्चित रूप से जीतेंगी। प्रशांति सिंह उच्च शिक्षित महिला हैं। उनके मन में दीपका नगर पालिका के सर्वांगीण विकास की ललक है। उनका कहना है -दीपका में पिछले 25 वर्षों से रहते हुए उन्होंने यहां के लोगों की सेवा की है । महिलाओं के बीच लोकप्रियता का लाभ भी इन्हें मिल सकता है। यही कारण है कि दीपका नगर पालिका अध्यक्ष के लिये कांग्रेस पार्टी में इनके नाम की खूब चर्चा हो रही है।पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कँवर, बोधराम कँवर, प्रदेश कांग्रेस के सचिव तनवीर अहमद, प्रदेश महासचिव प्रशांत मिश्रा का आशीर्वाद भी इन्हें मिलेगा, ऐसी चर्चा है ।

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कोरबा

बालको के शीतकालीन शिविर से छात्रों के आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी हुई आसान

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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने प्रोजेक्ट कनेक्ट के तहत कक्षा 6वीं और 12वीं के छात्रों के लिए शीतकालीन शिविर का आयोजन किया। विद्या भवन सोसायटी के साझेदारी तथा जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से सप्ताहिक शिविर संपन्न हुआ। हर साल की तरह इस बार भी शिविर के माध्यम से कक्षा 10वीं और 12वीं के आगामी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी और भविष्य में करियर चुनाव के लिए तैयार किया गया। शिविर में 11 स्कूलों के 250 छात्रों ने भाग लिया।

कक्षा 10वीं के लिए विज्ञान, अंग्रेजी और गणित तथा 12वीं के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी और लेखाशास्त्र विषय में 6 सदस्यों की टीम द्वारा प्रतिदिन एक घंटे का सत्र आयोजित किया गया। इसमें प्रश्न पत्र पैटर्न से परिचय, वर्कशीट और मॉडल पेपर का उपयोग करके विभिन्न विषयों का अभ्यास, संदेह निवारण, समय प्रबंधन, प्रेरणा और जरूरतमंद छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान देना शामिल था। इसके साथ ही विशेषज्ञों द्वारा 6वीं से 12वीं के छात्रों को करियर परामर्श तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में बताया गया। भविष्य में उन्हें विषय अनुसार स्ट्रीम एवं करियर चुनने के विकल्प की जानकारी दी गई।

शीतकालीन शिविर बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए पहेलियाँ, कहानी सुनाना और मॉडल बनाने जैसी आकर्षक कार्यक्रम शामिल की गईं। विभिन्न शैक्षणिक सत्र के साथ छात्रों ने इनडोर और आउटडोर खेल, क्विज़ और समूह प्रतियोगिता में भाग लिया। 21वीं सदी के कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए सहयोग, रचनात्मकता और संचार को बढ़ावा देने के लिए वीडियो और डिजिटल उपकरणों का उपयोग भी बताया गया।

शिविर के माध्यम से छात्रों के भीतर संगठनात्मक कौशल को बढ़ावा दिया गया जो यह सुनिश्चित करती हैं कि वे टीम के वातावरण में बेहतर ढंग से कार्य करें। छात्रों के बीच शिविर द्वारा प्रदान की जाने वाली शैक्षिक सहायता उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। नियमित मूल्यांकन और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया से सभी ने गणित में बेहतर कौशल का प्रदर्शन किया।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि शिक्षा हमारे सामुदायिक विकास का प्रमुख स्तंभ है। कंपनी की प्रोजेक्ट कनेक्ट से बच्चों में आत्मविश्वास और समस्या-समाधान क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। हमारा लक्ष्य स्थानीय युवाओं के बीच शिक्षा को उनके जीवन का आधार बनाना तथा व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल सीखने के अवसर प्राप्त हों। देश के उत्तरोत्तर विकास में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हमारे विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रम इसी दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।

गर्ल्स स्कूल की छात्रा ममता श्रीवास ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमारी शिक्षा को बेहतर बनाती है जिनसे हमे बहुत सीखने को मिला। शिविर से हम निश्चित रूप पढ़ने के लिए सार्थक कदम उठाएंगे। हमने पढ़ाई के साथ नया सीखने का मौका मिला जिसके लिए मैं बालको का धन्यवाद करना चाहती हूं।

वर्ष 2016 में शुरू किए गए परियोजना ‘कनेक्ट’ के अंतर्गत नियमित कक्षाएं आयोजित कर, ड्रॉपआउट छात्रों को पढ़ाने और ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन शिविर के माध्यम से सामुदायिक क्षेत्र में शिक्षा को नईं उचांईयों पर पहुंचा रहा है। बालको कर्मचारियों तथा स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और अकाउंटेंसी (सेमा) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मदद से छात्रों के ग्रेड में सुधार, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और करियर परामर्श के साथ सरकारी स्कूलों में सीखने का शैक्षिक माहौल विकसित करना है। छह सरकारी स्कूलों में परियोजना के माध्यम से सेमा विषयों पर नियमित कक्षाओं से 2150 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं।

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