मुंबई, एजेंसी। दिवाली-टू-दिवाली रिटर्न्स में इस साल भी सोने ने भारतीय शेयर बाजार को पीछे छोड़ दिया। लगातार चौथे साल गोल्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया और निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प साबित हुआ। MCX गोल्ड ने पिछले साल 40% से ज्यादा रिटर्न दिए, जबकि निफ्टी सिर्फ 5% चढ़ा। सिल्वर भी तीन साल से इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
सोना बन गया ‘सेफ हेवन’ एसेट
पिछले आठ सालों में सात बार गोल्ड ने निफ्टी को पछाड़ा।
हैदराबाद,एजेंसी। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। केंद्र ने HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की है।
HAL को तेजस फाइटर जेट के लिए दूसरी बार ऑर्डर मिला है। इससे पहले, केंद्र ने फरवरी 2021 में ₹46,898 करोड़ की डील के तहत HAL को 83 मार्क-1A का ऑर्डर दिया था। इसकी डिलीवरी के लिए कंपनी के पास 2028 तक का समय है।
मार्क-1A एयरक्राफ्ट वायुसेना के मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा। इसे पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। मिग-21 26 सितंबर को रिटायर हो जाएगा। इसने 62 साल की सर्विस के दौरान 1971 युद्ध, कारगिल और कई बड़े मिशन में अहम भूमिका निभाई।
मार्क-1A में अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम केंद्र ने 19 अगस्त को 97 तेजस फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹62 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस जेट में स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल एक्चुएटर होंगे, जिसमें 64% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री और 67 नए स्वदेशी सामान होंगे।
मार्क 1A, सिंगल इंजन वाले तेजस एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है। यह चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है, जो कम वजन के बावजूद बेहद फुर्तीला है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हैं। तेजस मार्क-1A के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं।
तेजस के पुराने वर्जन को HAL ने डेवलप किया है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और DRDO की मदद से बनाया गया है। इसे हवा, पानी और जमीन पर हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। यह मुश्किल हालात में भी अपने टारगेट को निशाना बना सकता है।
PM मोदी भी तेजस में उड़ान भर चुके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी थी। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की फाइटर प्लेन में यह पहली उड़ान थी। तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी पहुंचे थे।
PM नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी।
मुंबई, एजेंसी। सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी और विदेशी पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट आई है। बीएसई सेंसेक्स 386.47 अंक की गिरावट के साथ 81,715.63 अंक पर और एनएसई निफ्टी 112.60 अंक फिसलकर 25,056.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर सबसे अधिक गिरावट में रहे। दूसरी ओर ट्रेंट, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक और एशियन पेंट्स के शेयर में बढ़त दर्ज की गई।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी तथा जापान का निक्की नुकसान में रहे जबकि चीन का शंघाई एसएसई और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.28 प्रतिशत चढ़कर 67.82 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,551.19 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
मुंबई, एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं। पहले उन्होंने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहते हुए 25% शुल्क लगाया, फिर रूस को सप्लाई देने का आरोप लगाकर 25% अतिरिक्त टैरिफ जोड़ दिया यानी भारत पर अब कुल 50% टैरिफ लग चुका है। इसके अलावा ट्रंप ने यूरोप को भी भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश की और H-1B वीज़ा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दी। इन कारणों से भारतीय शेयर बाजार पिछले तीन दिनों से दबाव में है।
इन नकारात्मक खबरों के बीच ग्लोबल रिसर्च फर्म HSBC ने भारत को लेकर पॉजिटिव राय दी है। अपनी ताज़ा रिपोर्ट “एशिया इक्विटी इनसाइट्स क्वार्टरली” में HSBC ने भारत की रेटिंग ‘न्यूट्रल’ से बढ़ाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। साथ ही 2026 के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य 94,000 अंक तय किया है, जो मौजूदा स्तर से 13% से ज्यादा ऊपर है।
क्यों आशावादी है HSBC?
HSBC का मानना है कि भारत में मजबूत घरेलू निवेश, बेहतर वैल्यूएशन और सरकार की नीतियों की वजह से बाजार में लंबी अवधि की तेजी देखने को मिल सकती है। विदेशी निवेशकों के बिकवाली करने के बावजूद घरेलू निवेशकों ने मजबूती दिखाई। भारत में एशिया के अन्य देशों की तरह बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई। सरकार के रिफॉर्म और कैपेक्स पर जोर ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है।
बाकी एशियाई बाजारों की स्थिति
वहीं चीन और हांगकांग भी HSBC ने ‘ओवरवेट’ कैटेगिरी में रखा है, जहां 2026 तक एफटीएसई चीन के लिए 21 फीसदी और एफटीएसई हांगकांग के लिए 16.4 फीसदी रिटर्न का अनुमान है। हालांकि, कोरिया को ‘अंडरवेट’ की कैटेगिरी में डाल दिया गया है। वहीं दूसरी ओर आसियान देशों के शेयर बाजार राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण अभी भी सुस्त बने हुए हैं। जापान को कमजोर येन से फायदा हो रहा है लेकिन अब उसे दबाव में माना जा रहा है। फिर भी, एचएसबीसी की क्षेत्रीय रणनीति में भारत अब सबसे आगे है। साथ ही एचएसबीसी के लिए एशिया में सबसे ज्यादा ओवरवेट ऑप्शंस में से एक बन गया है।