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मैं मिग-21 एयरफोर्स से 26 सितंबर को रिटायर हो जाऊंगा:2 जंग लड़ीं, कारगिल में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए, अब मैं बूढ़ा हो चुका…अलविदा

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नई दिल्ली,एजेंसी। मैं मिकोयन ग्युरेविच… आप मुझे मिग-21 नाम से जानते हैं। मैंने 1965 और 1971 की जंग लड़ी, कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए, लेकिन आज की टेक्नोलॉजी के हिसाब से मेरे पंख अब कमजोर हो चुके, मैं बूढ़ा हो रहा… अलविदा कहने से पहले आपसे साझा करना चाहता हूं 62 साल का सफर…

फोटो 1963 की है, जब चंडीगढ़ में मिग 21 का बेस बनाया गया था। (फाइल)

फोटो 1963 की है, जब चंडीगढ़ में मिग 21 का बेस बनाया गया था। (फाइल)

बात 1962 की है, जब भारत-चीन युद्ध हुआ था। पाकिस्तान को अमेरिका से F-104 स्टार फाइटर्स मिले थे, खतरा बरकरार था। हिंदुस्तान को सुपरसोनिक फाइटर्स की जरूरत थी, जो आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ सकें। तब सोवियत यूनियन (अब के रूस) ने 1963 में मेरा पहला बेड़ा भारत भेजा था।

जनवरी 1963 में मैं टुकड़ों में समंदर के रास्ते बॉम्बे पहुंचा। वहां सोवियत इंजीनियर्स ने मुझे असेम्बल किया। अप्रैल 1963 में आगरा के रास्ते चंडीगढ़ लाया गया। तब के विंग कमांडर दिलबाग सिंह मुझे ताशकंद से उड़ाकर चंडीगढ़ ला रहे थे तो मेरी रफ्तार से साउंड बैरियर टूट गया था।

यह तस्वीर 1960 की है। चंडीगढ़ बेस पर फर्स्ट सुपरसोनिक्स स्क्वाड्रन के जवान मिग के साथ।

यह तस्वीर 1960 की है। चंडीगढ़ बेस पर फर्स्ट सुपरसोनिक्स स्क्वाड्रन के जवान मिग के साथ।

मेरा परमानेंट स्टेशन तो हिंडन में बनना था, लेकिन उस बेस पर तब काम चल रहा था। चंडीगढ़ को टेम्परेरी बेस के तौर पर चुना गया, 6 महीने के लिए, लेकिन मैंने यहां 2 साल के लिए पैर जमा लिए। दिलबाग सिंह की कमांड में 2 मार्च 1963 को नंबर 28 स्क्वाड्रन का गठन हुआ, जिसे ‘फर्स्ट सुपरसोनिक्स’ कहते थे, इसमें हम 6 मिग-21 शामिल थे।

मेरा पहला हादसा भी चंडीगढ़ में हुआ। रिपब्लिक डे परेड की प्रैक्टिस करते हुए हम (दो मिग-21) हवा में टकरा गए। शुक्र है कि दोनों पायलट- स्कवाड्रन लीडर एमएसटी वॉलेन और फ्लाइट लेफ्टिनेंट एके मुखर्जी बच गए। मैंने खुद को साबित किया। 1965 की जंग में और फिर 1971 में भी, जब मेरी 8 स्क्वाड्रन्स तैयार थीं। 60 के आखिरी दशक में चंडीगढ़ में नंबर 45 स्क्वाड्रन मेरे पायलट्स के लिए प्राइमरी ट्रेनिंग यूनिट बना।

1968 से शुरुआत करके एयर कमोडोर सुरेंद्र सिंह त्यागी ने 4306 घंटे की ट्रेनिंग की। 1986 में श्रीनगर शिफ्ट होने के पहले नंबर 51 स्क्वाड्रन 1 फरवरी 1985 को चंडीगढ़ में ही बनी थी। मेरी आखिरी एक्टिव यूनिट नंबर 23 स्क्वाड्रन– पैंथर्स की ट्रेनिंग यहीं हुई।

कारगिल युद्ध में चंडीगढ़ ट्रेंड स्क्वाड्रंस ने एयर डिफेंस और स्ट्राइक में शानदार भूमिका निभाई। पाक F-16 को अपने मिग-21 बायसन से मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन उसी स्क्वाड्रन से हैं।

इतने लंबे सफर में हादसे भी हुए, मुझे उड़ता ताबूत कहा गया। जालंधर में 2002 में हुए एक हादसे में 8 सिविलियन मारे गए। मेरी उड़ानें रोक दी गईं और संसद में आवाज बुलंद हुई कि मुझे धीरे-धीरे बाहर कर दिया जाए।

अब चंडीगढ़ में 26 सितंबर को मेरी आखिरी उड़ान होगी। तब वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा मेरे पंखों पर सवार होकर उड़ान भर सकते हैं। मेरी विदाई के कार्यक्रम में जगुआर और स्वदेशी तेजस LCA MK-1 भी शामिल हो सकते हैं।

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (दाएं) और स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया शर्मा।

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (दाएं) और स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया शर्मा।

लेकिन चंडीगढ़ ने मेरी विरासत को सहेजने का काम किया है। IAF हेरिटेज म्यूजियम में आप मुझे देख सकते हैं। जन्म से नाता रहा है… तो फाइनल गुडबाय भी चंडीगढ़ से ही कहना बनता है। 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ की नंबर 23 स्क्वाड्रन मेरे साथ आखिरी बार उड़ान भरेगी।

कहते हैं कि अब मुझे UAV (अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स जैसे ड्रोन) के लिए टारगेट या डिकॉय के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। इंडियन एयरफोर्स का इतिहास करीब 93 साल का है और मैं 62 साल तक उड़ता रहा। लेकिन आज की तेज भागती-बदलती टेक्नोलॉजी का बोझ अब मेरे बूढ़े पंख उठा नहीं पा रहे हैं। वक्त है सुखोई, राफेल, तेजस का……

400 से ज्यादा क्रैश, 200 पायलट मारे गए… कभी ‘उड़ता ताबूत’ और ‘विडो मेकर’ कहा गया

रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 400 से ज्यादा मिग-21 विमान क्रैश हुए हैं। इसमें 200 से ज्यादा पायलट मारे गए गए हैं। इसी वजह से फाइटर प्लेन को ‘उड़ता ताबूत’ और ‘विडो मेकर’ कहा जाता है।

2021 के बाद 7 बार क्रैश हुआ MIG-21

  • 5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में मिग क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।
  • 17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी।
  • 20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
  • 25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने में सफल रहा था।
  • 25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
  • 28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
  • 8 मई 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।

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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 97 तेजस फाइटर जेट का ऑर्डर:केंद्र ने ₹62 हजार करोड़ की डील साइन की, कल रिटायर हो रहे MIG-21की जगह लेगा

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हैदराबाद,एजेंसी। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। केंद्र ने HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की है।

HAL को तेजस फाइटर जेट के लिए दूसरी बार ऑर्डर मिला है। इससे पहले, केंद्र ने फरवरी 2021 में ₹46,898 करोड़ की डील के तहत HAL को 83 मार्क-1A का ऑर्डर दिया था। इसकी डिलीवरी के लिए कंपनी के पास 2028 तक का समय है।

मार्क-1A एयरक्राफ्ट वायुसेना के मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा। इसे पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। मिग-21 26 सितंबर को रिटायर हो जाएगा। इसने 62 साल की सर्विस के दौरान 1971 युद्ध, कारगिल और कई बड़े मिशन में अहम भूमिका निभाई।

मार्क-1A में अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम केंद्र ने 19 अगस्त को 97 तेजस फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹62 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस जेट में स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल एक्चुएटर होंगे, जिसमें 64% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री और 67 नए स्वदेशी सामान होंगे।

मार्क 1A, सिंगल इंजन वाले तेजस एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है। यह चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है, जो कम वजन के बावजूद बेहद फुर्तीला है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हैं। तेजस मार्क-1A के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं।

तेजस के पुराने वर्जन को HAL ने डेवलप किया है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और DRDO की मदद से बनाया गया है। इसे हवा, पानी और जमीन पर हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। यह मुश्किल हालात में भी अपने टारगेट को निशाना बना सकता है।

PM मोदी भी तेजस में उड़ान भर चुके

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी थी। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की फाइटर प्लेन में यह पहली उड़ान थी। तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी पहुंचे थे।

PM नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी।

PM नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी।

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शेयर बाजार लाल निशान पर बंद, सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़के

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मुंबई, एजेंसी। सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी और विदेशी पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट आई है। बीएसई सेंसेक्स 386.47 अंक की गिरावट के साथ 81,715.63 अंक पर और एनएसई निफ्टी 112.60 अंक फिसलकर 25,056.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर सबसे अधिक गिरावट में रहे। दूसरी ओर ट्रेंट, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक और एशियन पेंट्स के शेयर में बढ़त दर्ज की गई। 

एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी तथा जापान का निक्की नुकसान में रहे जबकि चीन का शंघाई एसएसई और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.28 प्रतिशत चढ़कर 67.82 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,551.19 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। 

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Diwali-to-Diwali Returns: गोल्ड लगातार चौथे साल बना ‘सेफ हेवन’, शेयर बाजार को छोड़ा पीछे

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मुंबई, एजेंसी। दिवाली-टू-दिवाली रिटर्न्स में इस साल भी सोने ने भारतीय शेयर बाजार को पीछे छोड़ दिया। लगातार चौथे साल गोल्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया और निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प साबित हुआ। MCX गोल्ड ने पिछले साल 40% से ज्यादा रिटर्न दिए, जबकि निफ्टी सिर्फ 5% चढ़ा। सिल्वर भी तीन साल से इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

सोना बन गया ‘सेफ हेवन’ एसेट

पिछले आठ सालों में सात बार गोल्ड ने निफ्टी को पछाड़ा।

  • साल 2024 में गोल्ड +41.4% रहा, निफ्टी +24%।
  • साल 2023 में गोल्ड +21%, निफ्टी +10%।

मौजूदा करंट रिटर्न्स: गोल्ड +34.8%, MCX गोल्ड +40.9%, MCX सिल्वर +37.4%, निफ्टी +4.1%।

गोल्ड की चमक के पीछे कारण

US Fed की पॉलिसी ईज़िंग – ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से सोने को सपोर्ट।

सेंट्रल बैंक की खरीदारी – दुनिया भर के सेंट्रल बैंक डॉलर से हटकर गोल्ड रिज़र्व में जोड़ रहे हैं।

जियोपॉलिटिकल टेंशन – रूस-यूक्रेन, NATO और अमेरिकी ट्रेड केस जैसी अनिश्चितताएं।

सुरक्षित निवेश की चाह – निवेशक हेज और सेफ हेवन के तौर पर गोल्ड में निवेश कर रहे हैं।

सिल्वर का परफॉर्मेंस

सिल्वर ने भी इक्विटी को पीछे छोड़ा। औद्योगिक मांग (सोलर पैनल, सेमीकंडक्टर, EV) ने सिल्वर को मजबूती दी।

आगे की उम्मीदें

  • Goldman Sachs: गोल्ड $5,000/oz तक जा सकता है।
  • Jefferies (Chris Wood): लंबे समय में $6,600/oz तक।
  • Client Associates: मौजूदा आर्थिक माहौल के अनुसार अगली दिवाली तक गोल्ड की बढ़त जारी रह सकती है।

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