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छत्तीसगढ़

सौरभ चंद्राकर के भांजे ने युवक को लात-घूसों से पीटा:रायपुर के जूक क्लब में वारदात, नाक-मुंह से निकला खून, फिर डांस कर भागे आरोपी

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रायपुर,एजेंसी। रायपुर के जूक क्लब में महादेव सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर के भांजे ने दोस्तों के साथ मिलकर युवक की पिटाई कर दी। युवक पर लात-घूंसे और मुक्के बरसाए गए। पिस्टल के बट से भी हमले की बात सामने आई है। युवक लहूलुहान हो गया। नाक-मुंह से खून निकलने लगा। इसके बाद आरोपी डांस करते हुए दिखे।

घटना का लाइव वीडियो भी सामने आया है। मामला तेलीबांधा थाना इलाके का है। पीड़ित अज्जू पांडे ने बताया कि रविवार की रात वह जूक क्लब गया था। इस दौरान भिलाई निवासी प्रखर चंद्राकर, पुलकित चंद्राकर और प्रेम अपने साथियों के साथ पहुंचे थे। अज्जू का इन आरोपियों से पुराना विवाद था। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है।

CCTV वीडियो में दिख रहा है कि सबसे पहले अज्जू पांडे को मुक्का मारा गया।

CCTV वीडियो में दिख रहा है कि सबसे पहले अज्जू पांडे को मुक्का मारा गया।

एक युवक अज्जू के सिर पर तड़ातड़ मारता हुआ दिखाई दे रहा है।

एक युवक अज्जू के सिर पर तड़ातड़ मारता हुआ दिखाई दे रहा है।

अज्जू पर जमकर लात भी बरसाए गए। जिससे उसके मुंह से खून निकलने लगा।

अज्जू पर जमकर लात भी बरसाए गए। जिससे उसके मुंह से खून निकलने लगा।

हमले में अज्जू लहूलुहान हो गया, उसके मुंह से खून निकलने लगा।

हमले में अज्जू लहूलुहान हो गया, उसके मुंह से खून निकलने लगा।

क्लब में बातचीत के दौरान हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक रविवार रात 11 बजे अज्जू क्लब में आरोपियों को दिखा तो पहले बातचीत शुरू हुई। इसी दौरान विवाद शुरू हो गया। आरोपियों ने मारपीट शुरू कर दी। उस पर लात-घूंसे और कुर्सी से हमला किया गया। जिससे अज्जू के नाक, चेहरे और कमर में चोटें आई है। वारदात के बाद आरोपी डांस करते भी दिखे।

क्लब के सीसीटीवी कैमरे में मैनेजर और कर्मचारी आरोपियों से युवक को बचाते दिख रहे हैं। मारपीट के दौरान पिस्टल के बट से हमला करने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

युवक पर जानलेवा हमले मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

युवक पर जानलेवा हमले मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

आरोपी सट्‌टा किंग सौरभ चंद्राकर के रिश्तेदार

शिकायतकर्ता अज्जू ने आरोपियों को सट्‌टा किंग सौरभ चंद्राकर का रिश्तेदार बताया है। घटना के बाद पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस क्लब संचालकों से CCTV फुटेज मांगकर आगे की जांच कर रही है।

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छत्तीसगढ़

बिलासपुर हाईकोर्ट के 25 साल पूरे:सिल्वर-जुबली सेलिब्रेशन में बोले राज्यपाल- लोगों की निगाहे ज्यूडिशरी पर, न्यायपालिका बदनामी से बचे, नेता तो बदनाम हैं ही

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बिलासपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की स्थापना के 25 साल पूरे हो गए है। इस अवसर पर शनिवार (27 सितंबर) को हाइकोर्ट परिसर में रजत जयंती समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम में शिरकत की और न्यायिक महोत्सव का उद्घाटन किया।

समारोह में शामिल हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बीते 25 साल में ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। इस बीच पेंडेसी को कम किया गया और आधारभूत संरचना में भी हमने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

राज्यपाल रामेन डेका ने कहा न्यायालय की बिल्डिंग नहीं बल्कि मिलने वाला न्याय महत्वपूर्ण है। अभी मीडिया ट्रायल बढ़ गया है। बेल के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है। न्याय सिर्फ समर्थवान के लिए नहीं बल्कि सबके लिए हो।

उन्होंने कहा कि जस्टिस के लिए लड़ने वाला व्यक्ति महत्वपूर्ण है। अभी जस्टिस बहुत देर से मिलता है। देर से मिलने वाला न्याय अन्याय के सामान है। लोगों की निगाह ज्यूडिशरी पर है। न्यायपालिका को बदनामी से बचना चाहिए। नेता लोग तो बदनाम हैं ही।

राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने न्यायिक महोत्सव का उद्घाटन किया।

राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने न्यायिक महोत्सव का उद्घाटन किया।

बिलासपुर अब न्यायधानी के नाम से पहचाना जाता है – CM

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को राज्य की रजत जयंती और हाईकोर्ट की रजत जयंती की शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि “बिलासपुर अब न्यायधानी के नाम से पहचाना जा रहा है।

यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देन है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य बनाकर नई पहचान दी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पहचान और मजबूत हो रही है।

केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा पिछले 25 साल में हमने न्याय को आम लोगों तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। देश की न्याय व्यवस्था के प्रति जनता की आस्था अटूट है।

केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल नहीं हुए शामिल

समारोह में केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल होने वाले थे। पर किसी कारण वे शामिल नहीं हो पाए। इस दौरान स्मारिका का विमोचन भी किया गया। रजत जयंती समारोह समारोह के बाद अतिथियों और हाईकोर्ट के वकीलों ने साथ में लंच किया।

तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीसेम कोशी को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीसेम कोशी को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

बेंच और बार एक रथ के दो पहिए – जस्टिस जे.के. माहेश्वरी

जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ आया हूं तो हिंदी में ही बोलूंगा। मैं मध्यप्रदेश का हूं और छत्तीसगढ़ से मेरा आत्मीय जुड़ाव है। बेंच और बार एक रथ के दो पहिए हैं और कर्म ही सच्चा धर्म है।

उन्होंने यह भी कहा कि “न्यायालय इमारतों से नहीं, बल्कि लोगों को मिलने वाले न्याय से पहचाना जाएगा। जिस प्रदेश की न्याय व्यवस्था जितनी अच्छी, वह प्रदेश उतना ही अच्छा होता है। न्यायालय बिल्डिंग से नहीं लोगों को मिल रहे न्याय से जाना जाएगा। आने वाले 25 साल सबकी सहभागिता से तय होंगे।

हाईकोर्ट की रजत जयंती समारोह में मंच पर राज्यपाल महामहिम रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस प्रशांत मिश्रा समेत तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी. सैम कोशी और पूर्व जज मनींद्र मोहन श्रीवास्तव मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की स्थापना के 25 साल पूरे हुए।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की स्थापना के 25 साल पूरे हुए।

हाईकोर्ट में 6 अक्टूबर तक दशहरा अवकाश

हाईकोर्ट में शुक्रवार 26 सितंबर को अंतिम कार्य दिवस रहा। डिवीजन बेंच और सभी सिंगल बेंच में मामलों की नियमित सुनवाई की गई। जिसके बाद शनिवार 27 सितंबर से हाईकोर्ट में दशहरा अवकाश शुरू हो रहा है। यह छुट्टी करीब 9 दिन तक चलेगा और सोमवार 6 अक्टूबर से हाईकोर्ट खुलेगा। इस दौरान सभी बेंच में मामलों की नियमित सुनवाई होगी।

सुरक्षा के लिहाज से डायवर्ट रूट रहा

शहर में शीर्ष न्यायिक अफसरों के साथ ही सीएम और राज्यपाल के कार्यक्रम को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने रूट प्लान तैयार किया था। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से यातायात पुलिस ने इसे शेयर नहीं किया है। शहर में अफसर और नेताओं का काफिला गुजरने पर ट्रैफिक व्यवस्था बनाई गई। इस दौरान रूट डायवर्ट भी किया गया।

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छत्तीसगढ़

पीएम मोदी ने किया IIT भिलाई का वर्चुअली शुभारंभ:तीसरे फेस के परिसर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क, 2200 करोड़ मंजूर

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दुर्ग-भिलाई,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (27 सितंबर) को एक वर्चुअल समारोह में आईआईटी भिलाई के चरण-बी निर्माण की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने आईआईटी पटना, इंदौर, जोधपुर, तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़ और जम्मू के चरण-बी कार्यों का भी शुभारंभ किया।

केंद्र सरकार ने आईआईटी भिलाई के चरण-बी के लिए 2,257.55 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें से 1,092 करोड़ रुपए भवन और परिसर के निर्माण पर व्यय होंगे। इस विस्तार के बाद परिसर का निर्मित क्षेत्र 1,51,343 वर्ग मीटर बढ़ जाएगा। तीसरे फेस के परिसर में छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क भी बनेगा।

ये सुविधाएं होंगी

IIT-B में नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष, प्रोटोटाइप लैब और आधुनिक उपकरण शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रावास, मेस, इनडोर खेल परिसर,

ओपन एयर थिएटर, क्रिकेट-फुटबॉल-हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी विकसित किए जाएंगे। छात्रों की संख्या भी वर्तमान 1,500 से बढ़कर 3,000 हो जाएगी।

इस समारोह का सीधा प्रसारण आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष से किया गया। इस अवसर पर राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिरवाड़ा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी उपस्थित थे।

96 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा रिसर्च पार्क

चरण-बी के तहत परिसर में 96 करोड़ रुपए की लागत से एक रिसर्च पार्क का निर्माण किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देना तथा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।

इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

आईआईटी भिलाई के तीन अलग-अलग फेस

आईआईटी भिलाई की स्थापना साल2016 में हुई थी। तब सरकार ने इसके चरण-ए के लिए 1,090.17 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। इसी चरण के तहत दुर्ग जिले के कुटेलभाटा में 1,34,450 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक स्मार्ट और पर्यावरण अनुकूल परिसर विकसित किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी 2024 को इस संस्थान को राष्ट्र को समर्पित किया था। परिसर को जीआरआईएचए पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं।

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कोरबा

कांग्रेस ने ननकी राम के धरने का किया समर्थन:पीसीसी अध्यक्ष बैज बोले- अपमानित और प्रताड़ित होकर कंवर ने यह कदम उठाया

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कोरबा/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने दोबारा प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि, वे 4 अक्टूबर को सीएम हाउस के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने ननकीराम कंवर के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। बैज ने कहा कि ननकी राम कंवर ने संगठन और सरकार से बार-बार न्याय की मांग की, लेकिन समाधान नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जांच और परीक्षण का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर कंवर ने दोबारा पत्र लिखा है और 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने का ऐलान किया है। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, कंवर भाजपा के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। अगर उनकी बात को भी संगठन और सरकार में नजरअंदाज किया जा रहा है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कंवर ने अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया है।

बैज ने आगे कहा कि संभव है कि कंवर के इस निर्णय के बाद सरकार को नींद से जगना पड़े। उन्होंने कंवर के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपनी ही सरकार और भाजपा के खिलाफ हिम्मत दिखाते हुए आवाज बुलंद की है। यह प्रशासनिक आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई की शुरुआत है।

क्या है विवाद ?

ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि, कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों की ठगी, मालगांव और रलिया में फर्जी मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितता जैसे मामलों में कलेक्टर की सीधी संलिप्तता है।

पहले भी पूर्व मंत्री को कलेक्टर ने भेजा था नोटिस

पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि, कलेक्टर भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टारगेट कर रहे हैं। इसमें एक पत्रकार का मकान गिराने और पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।

यह विवाद पहले भी चर्चा में रहा है, जब कलेक्टर अजित वसंत ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजा था। कलेक्टर का कहना था कि पोस्ट प्रशासन की छवि खराब करती है और सामाजिक वैमनस्य फैलाने की मंशा रखती है।

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