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विदेश

दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय में फिर चोरी ! नेपोलियन के शाही रत्न गायब, मचा हड़कंप

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पेरिस,एजेंसी। फ्रांस के लूव्र संग्रहालय में रविवार को चोरी की एक घटना हुई और इसे दिन भर के लिए बंद कर दिया गया है जबकि प्राधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। यह जानकारी फ्रांस की संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने दी। रचिदा दाती ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज सुबह लूव्र संग्रहालय खुलने के समय चोरी की एक घटना हुई।” लूव्र संग्रहालय की ओर से कहा गया कि यह (संग्रहालय) “असाधारण कारणों से” बंद रहेगा, हालांकि चोरी के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी गई। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। दाती ने कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद हैं और जांच की जा रही है।

फ्रांसीसी दैनिक ‘ले पेरिसियन’ की खबर के अनुसार, अपराधी दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले संग्रहालय और पूर्व महल में उस ओर से घुसे, जहां निर्माण कार्य हो रहा है। खबर में कहा गया है कि उन्होंने अपोलो गैलरी के लक्षित कमरे तक सीधे पहुंचने के लिए एक मालवाहक लिफ्ट का इस्तेमाल किया। ‘ले पेरिसियन’ की खबर के अनुसार, खिड़कियां तोड़ने के बाद, अपराधियों ने कथित तौर पर “नेपोलियन और महारानी के आभूषण संग्रह से नौ आभूषण चुरा लिये।” लूव्र संग्रहालय में चोरी और डकैती के प्रयासों का एक लंबा इतिहास रहा है।

वर्ष 1911 में हुई घटना में मोना लिसा की पेंटिंग फ्रेम से गायब हो गई थी, जिसे विन्सेन्जो पेरुगिया नामक एक पूर्व कर्मचारी ने चुरा लिया था, जो संग्रहालय के अंदर छिप गया और पेंटिंग अपने कोट के नीचे छिपाकर बाहर निकल गया। पेंटिंग दो साल बाद फ्लोरेंस में बरामद की गई। इस घटना ने लियोनार्डो दा विंची के चित्र को दुनिया की सबसे प्रसिद्ध कलाकृति बनाने में मदद की। लूव्र में मेसोपोटामिया, मिस्र से लेकर दुनिया भर की प्राचीन वस्तुओं, मूर्तिकला और चित्रकला की 33,000 से अधिक कृतियां प्रदर्शित हैं। चोरी की घटना गैलरी डी’अपोलोन में रविवार को हुई थी, जहां फ्रांसीसी राजसी रत्नों का संग्रह प्रदर्शित है। संग्रहालय में प्रतिदिन 30,000 तक आगंतुक आ सकते हैं।  

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विदेश

आसमान में उड़ते विमान में अचानक लग गई आग ! 160 यात्री और क्रू मेंबर्स  थे सवार, मच गई चीख-पुकार

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बीजिंग, एजेंसी।चीन के हांगझोउ से दक्षिण कोरिया के सियोल के लिए उड़ान भर रही एयर चाइना फ्लाइट CA139 शनिवार को डरावनी घटना का सामना कर रही थी। उड़ान के लगभग 40 मिनट बाद, ओवरहेड केबिन (सीट के ऊपर कैरी-ऑन बैग रखने वाली जगह) में रखी लिथियम बैटरी में विस्फोट हो गया, जिससे आग लग गई और यात्रियों में दहशत फैल गई। फ्लाइट सुबह 9:47 बजे (स्थानीय समय) हांगझोउ एयरपोर्ट से रवाना हुई थी और दोपहर 12:20 बजे इंचियोन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने वाली थी। घटना के तुरंत बाद क्रू ने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि केबिन क्रू आग बुझाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं और यात्री डर के मारे सीटों पर बैठकर स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे थे। वीडियो में कोरियाई भाषा में ‘जल्दी करो’ जैसी आवाजें भी सुनाई दे रही हैं। एयर चाइना ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि क्रू ने तुरंत कार्रवाई कर आग पर नियंत्रण पाया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विमान को शंघाई पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फ्लाइटराडार24 के अनुसार विमान ने समुद्र के ऊपर एक पूरा चक्कर लगाया और सुबह 11 बजे के करीब शंघाई में सुरक्षित उतरा। विमान में 160 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे और सभी सुरक्षित हैं।

यह घटना लिथियम बैटरियों से जुड़े जोखिमों को फिर से उजागर करती है। हाल के वर्षों में कई एयरलाइन फ्लाइटों में ऐसी घटनाएं हुई हैं।मई 2025 में हांगझोउ से शेनझेन जा रही चाइना सदर्न एयरलाइंस की फ्लाइट टेकऑफ के 15 मिनट बाद लिथियम कैमरा बैटरी और पावर बैंक से धुएं के कारण वापस एयरपोर्ट पर लौट गई। इससे पहले जनवरी 2025 में एयर बुसान की फ्लाइट में स्पेयर पावर बैंक में विस्फोट हुआ, जिसमें 169 यात्री और 7 क्रू मेंबर्स सवार थे। 7 लोग मामूली रूप से घायल हुए थे।

विशेषज्ञों का कहना है कि लिथियम बैटरियों में गर्मी या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना रहती है। एयरलाइन कंपनियां यात्री बैटरियों को सही तरीके से पैक करने और सुरक्षित रखने के निर्देश देती हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं कभी-कभी नियंत्रित नहीं हो पातीं। घटना के बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। कुछ ने विमान क्रू की तत्परता और आपातकालीन प्रशिक्षण की तारीफ की। वहीं, कुछ यात्रियों ने लिथियम बैटरियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। वीडियो में यात्री केबिन से उठती आग और क्रू की सक्रियता को देख सकते हैं, जिससे घटना की गंभीरता स्पष्ट होती है।

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देश

Baba Vanga 2026 Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से दुनिया में मचा हड़कंप, 2026 को लेकर कही यह डरावनी बात!

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मुंबई, एजेंसी। साल 2025 अब खत्म होने के करीब है और पूरी दुनिया इस साल हुई डरावनी घटनाओं भीषण युद्धों, प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं के बोझ से निकलने की उम्मीद कर रही है। हालांकि नए साल 2026 को लेकर जो भविष्यवाणी सामने आ रही है वह एक बार फिर चिंता बढ़ा सकती है। यह भविष्यवाणी बाल्कन की नास्त्रेदमस कही जाने वालीं दिवंगत भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने की है जिसमें एक बड़े आर्थिक संकट की आशंका जताई गई है।

2026 में कैश क्रश की चेतावनी

बाबा वेंगा ने अगले वर्ष के लिए चिंताजनक वैश्विक घटनाओं की एक श्रृंखला की भविष्यवाणी की है जिसमें एक संभावित आर्थिक तबाही भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार बाबा वेंगा ने इस भयानक वित्तीय संकट को कैश क्रश (Cash Crush) करार दिया है।

क्या होगा ‘कैश क्रश’ में?

बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के अनुसार साल 2026 में एक चरम वैश्विक वित्तीय संकट आ सकता है जिसके मुख्य प्रभाव निम्नलिखित होंगे:

मुद्रा प्रणाली ध्वस्त: डिजिटल और फिजिकल (नकद) दोनों प्रकार की करेंसी (मुद्रा) प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी।

बैंकिंग संकट: कैश क्रश के कारण गंभीर बैंकिंग संकट पैदा हो सकता है।

करेंसी वैल्यू कमज़ोर: वैश्विक स्तर पर मुद्राओं का मूल्य और अधिक कमज़ोर हो जाएगा।

बाजार में तरलता की कमी: बाज़ार में पैसे (लिक्विडिटी) की भारी कमी जैसी घटनाएं हो सकती हैं।

इन सभी कारणों से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी जिससे महंगाई, उच्च-ब्याज दरें और तकनीकी उद्योग में अस्थिरता जैसे गंभीर संकट आ सकते हैं।

कौन थीं बाबा वेंगा?

बाबा वेंगा का असली नाम वांगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा था। उनका जन्म 31 जनवरी 1911 में बुल्गारिया में हुआ था। 12 साल की उम्र तक उनका बचपन सामान्य था लेकिन एक भयानक तूफान में उनकी आंखों में रेत भर गई जिससे उनकी आंखों की रौशनी पूरी तरह चली गई। माना जाता है कि इसी दुर्घटना के बाद उनकी रहस्यमयी भविष्य देखने की शक्तियां बाहर आईं।  नास्त्रेदमस के बाद भविष्य देखने वालों में बाबा वेंगा को सबसे बड़ा नाम माना जाता है क्योंकि उनकी कई भविष्यवाणियां (जैसे सोवियत संघ का विघटन, 9/11 हमला) कथित तौर पर सही साबित हुई हैं।

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देश

रेडिएशन खतरे पर भारत बना मसीहा, इंडोनेशिया को फौरन भेजीं जीवनरक्षक दवाओं की मदद

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नई दिल्ली,एजेंसी। इंडोनेशिया में  Cesium-137  रेडियोएक्टिव पदार्थ की आशंका के बाद भारत ने तुरंत मानवीय सहायता के तहत  Prussian Blue (Pru-Decorp) कैप्सूल्स की खेप भेजी है। ये दवाएं रेडिएशन के असर को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं।  भारतीय दूतावास, जकार्ता ने इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुरोध पर  विदेश मंत्रालय (MEA)* के सहयोग से दवाओं की आपात आपूर्ति की। भारतीय राजदूत  संदीप चक्रवर्ती  ने बुधवार को इंडोनेशियाई अधिकारियों को दवाएं सौंपीं, इसे भारत की “क्षेत्रीय प्रथम प्रतिक्रिया नीति (#IndiaFirstResponder)” का हिस्सा बताया गया।

एमईए प्रवक्ता  रंधीर जैसवाल  ने कहा “भारत ने रेडिएशन एक्सपोज़र को कम करने में सहायता के लिए आवश्यक दवाओं की खेप इंडोनेशिया को सौंप दी है। यह भारत की क्षेत्रीय सहयोग और मानवीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” यह कदम तब उठाया गया जब इंडोनेशिया में सुमात्रा द्वीप  के एक लौंग फार्म में  Cesium-137  के निशान पाए गए। जांच में 22 से अधिक स्थानों पर रेडियोएक्टिव पदार्थ के अंश मिले, जिनमें कुछ क्षेत्र जकार्ता से लगभग 55 किलोमीटर पश्चिम में स्थित हैं।

अमेरिकी  फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA)  ने पहले इंडोनेशियाई मसालों और झींगा (shrimp) में रेडियोएक्टिव Cesium-137 की उपस्थिति पाई थी, जिसके बाद कई उत्पादों को वापस मंगवाया गया और आयात पर रोक लगाई गई। FDA ने PT Natural Java Spice  और  PT Bahari Makmur Sejati  कंपनियों पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिया है जब तक वे अपने उत्पादों की शुद्धता साबित नहीं करते। इंडोनेशियाई प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण और आवाजाही पर सख्त नियंत्रण लगा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार,  Cesium-137  के लंबे समय तक संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

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