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छत्तीसगढ़

CM के काफिले के सामने बच्चे को लेकर कूदी महिला: बोली-मेरा रेप हुआ, मासूम से भी की घिनौनी हरकत, अब धमकाकर बयान बदलवा रहे

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बिलासपुर , एजेंसी। बिलासपुर में एक रेप पीड़िता महिला अपनी मासूम बच्चे के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के काफिले के सामने कूद गई। महिला का आरोप है कि, रेप का आरोपी उस पर कोर्ट में बयान बदलने का दबाव बना रहा है। इसके लिए उसे धमका भी दे रहा है।

महिला ने सीएम, नेताओं और पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। दरअसल, शनिवार को सीएम विष्णु देव साय का बिलासपुर में एक कार्यक्रम था। इस दौरान एक रेप पीड़िता महिला काफिले के सामने बैठ गई और प्रदर्शन करने लगी। महिला ने पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने का भी आरोप लगाया।

सीएम साय के काफिले के सामने से रेप पीड़िता महिला को हटाते पुलिसकर्मी।

सीएम साय के काफिले के सामने से रेप पीड़िता महिला को हटाते पुलिसकर्मी।

वीडियो वायरल करने की धमकी, बच्चे से भी गलत हरकत

पीड़िता महिला ने बताया कि, रेप के आरोपी किशन पटेल और उसकी पत्नी शिवकुमारी पटेल ने उसे घर में घुसकर पीटा है। आरोप है कि, जेल से छूटने के बाद आरोपी ने उसकी छोटे बच्चे के साथ भी अश्लील हरकत की। बावजूद इसके पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज नहीं की।

पीड़िता का कहना है कि, 19 नवंबर की शाम वो अपने बच्चे के साथ घर पर थी। इसी दौरान आरोपी किशन पटेल और उसकी पत्नी उसके घर पहुंची। उन्होंने धमकी दी कि रेप की शिकायत करने के कारण उनका 10 लाख रुपए खर्च हो चुका है। जिसकी भरपाई पीड़िता को करनी होगी।

आरोपियों ने पीड़िता के खिलाफ पेशी में बयान बदलने का दबाव बनाया। ऐसा न करने पर उसकी फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता का दावा है कि, जब उसने आरोपियों की बात मानने से इनकार किया तो बच्ची के सिर पर ईंट से वार भी किया गया। दोनों ने पीड़िता के साथ गाली-गलौज और मारपीट की।

बेलतरा विधायक ने दिया आश्वासन

महिला को हंगामा करते देख बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला वहां पहुंच गए। महिला ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं, विधायक शुक्ला ने महिला के बच्चे को गोद में उठाया और उसे पानी भी पिलाया। इस दौरान उन्होंने महिला को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।

पुलिस बोली-महिला की शिकायत पर चल रही जांच

पुलिस अफसरों ने बताया कि, आरोपी किशन पटेल के खिलाफ अब तक 3 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पहले से चल रहे रेप के मामले में वो जेल में था। इसके बाद वो पैरोल में हाल ही में जेल से बाहर आया है। महिला की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज की गई हैं, जिसकी जांच जारी है।

सीएम के काफिले के सामने बच्ची को लेकर बैठी महिला ने जमकर मचाया बवाल। - Dainik Bhaskar

सीएम के काफिले के सामने बच्ची को लेकर बैठी महिला ने जमकर मचाया बवाल।

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छत्तीसगढ़

पीएम मोदी ने किया IIT भिलाई का वर्चुअली शुभारंभ:तीसरे फेस के परिसर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क, 2200 करोड़ मंजूर

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दुर्ग-भिलाई,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (27 सितंबर) को एक वर्चुअल समारोह में आईआईटी भिलाई के चरण-बी निर्माण की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने आईआईटी पटना, इंदौर, जोधपुर, तिरुपति, पलक्कड़, धारवाड़ और जम्मू के चरण-बी कार्यों का भी शुभारंभ किया।

केंद्र सरकार ने आईआईटी भिलाई के चरण-बी के लिए 2,257.55 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें से 1,092 करोड़ रुपए भवन और परिसर के निर्माण पर व्यय होंगे। इस विस्तार के बाद परिसर का निर्मित क्षेत्र 1,51,343 वर्ग मीटर बढ़ जाएगा। तीसरे फेस के परिसर में छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क भी बनेगा।

ये सुविधाएं होंगी

IIT-B में नए इंजीनियरिंग और विज्ञान विभाग, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, आईसीटी सक्षम व्याख्यान कक्ष, प्रोटोटाइप लैब और आधुनिक उपकरण शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रावास, मेस, इनडोर खेल परिसर,

ओपन एयर थिएटर, क्रिकेट-फुटबॉल-हॉकी मैदान, टेनिस कोर्ट, आवासीय भवन, स्वास्थ्य केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी विकसित किए जाएंगे। छात्रों की संख्या भी वर्तमान 1,500 से बढ़कर 3,000 हो जाएगी।

इस समारोह का सीधा प्रसारण आईआईटी भिलाई परिसर के नालंदा व्याख्यान कक्ष से किया गया। इस अवसर पर राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब और अहिरवाड़ा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा भी उपस्थित थे।

96 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा रिसर्च पार्क

चरण-बी के तहत परिसर में 96 करोड़ रुपए की लागत से एक रिसर्च पार्क का निर्माण किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ का पहला रिसर्च पार्क होगा, जिसका मुख्य उद्देश्य उद्योग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देना तथा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।

इस परियोजना को अक्टूबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

आईआईटी भिलाई के तीन अलग-अलग फेस

आईआईटी भिलाई की स्थापना साल2016 में हुई थी। तब सरकार ने इसके चरण-ए के लिए 1,090.17 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। इसी चरण के तहत दुर्ग जिले के कुटेलभाटा में 1,34,450 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक स्मार्ट और पर्यावरण अनुकूल परिसर विकसित किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी 2024 को इस संस्थान को राष्ट्र को समर्पित किया था। परिसर को जीआरआईएचए पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं।

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कोरबा

कांग्रेस ने ननकी राम के धरने का किया समर्थन:पीसीसी अध्यक्ष बैज बोले- अपमानित और प्रताड़ित होकर कंवर ने यह कदम उठाया

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कोरबा/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने दोबारा प्रदेश सरकार और भाजपा संगठन को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि, वे 4 अक्टूबर को सीएम हाउस के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे।

इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने ननकीराम कंवर के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। बैज ने कहा कि ननकी राम कंवर ने संगठन और सरकार से बार-बार न्याय की मांग की, लेकिन समाधान नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जांच और परीक्षण का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर कंवर ने दोबारा पत्र लिखा है और 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने का ऐलान किया है। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

ननकी राम कंवर ने लिखा कलेक्टर को पत्र।

अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, कंवर भाजपा के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। अगर उनकी बात को भी संगठन और सरकार में नजरअंदाज किया जा रहा है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कंवर ने अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया है।

बैज ने आगे कहा कि संभव है कि कंवर के इस निर्णय के बाद सरकार को नींद से जगना पड़े। उन्होंने कंवर के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपनी ही सरकार और भाजपा के खिलाफ हिम्मत दिखाते हुए आवाज बुलंद की है। यह प्रशासनिक आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई की शुरुआत है।

क्या है विवाद ?

ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि, कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों की ठगी, मालगांव और रलिया में फर्जी मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितता जैसे मामलों में कलेक्टर की सीधी संलिप्तता है।

पहले भी पूर्व मंत्री को कलेक्टर ने भेजा था नोटिस

पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि, कलेक्टर भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टारगेट कर रहे हैं। इसमें एक पत्रकार का मकान गिराने और पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।

यह विवाद पहले भी चर्चा में रहा है, जब कलेक्टर अजित वसंत ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजा था। कलेक्टर का कहना था कि पोस्ट प्रशासन की छवि खराब करती है और सामाजिक वैमनस्य फैलाने की मंशा रखती है।

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छत्तीसगढ़

A+-ग्रेडिंग वाले यूनिवर्सिटी के मार्कशीट में NAAC की स्पेलिंग गलत:एक साल तक NACC छपता रहा; NSUI का विरोध, कुलपति-रजिस्ट्रार को पढ़ाने पहुंचे

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रायपुर,एजेंसी। रायपुर के पंडित रविशंकर युनिवर्सिटी को हाल ही में NAAC की A+ ग्रेडिंग मिली है। लेकिन यूनिवर्सिटी की मार्कशीट में पिछले एक साल से NAAC की जगह NACC प्रिंट हो रहा है। लगभग पांच हजार से अधिक मार्कशीट में गलती होने की जानकारी है। लेकिन इस संबंध में कोई एक आंकड़ा यूनिवर्सिटी की ओर से अब तक नहीं दिया गया है।

हालांकि ये जरूर कहा गया है कि त्रुटि सुधार की राशि यूनिवर्सिटी बच्चों से नहीं वसूलेगी। इस बीच पूरे मामले को लेकर NSUI के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए NSUI के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार को ABCD सिखाने प्रशासनिक भवन पहुंचे।

मार्कशीट में NAAC को NACC लिख दिया गया है।

मार्कशीट में NAAC को NACC लिख दिया गया है।

यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर प्रदर्शन

यूनिवर्सिटी के एंट्रेस ग्रेट पर ही NSUI कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने बाहर ही क्लास लगा दी। प्रतीकात्मक तौर पर कुलपति-रजिस्ट्रार खड़े किए गए और ABCD पढ़ाना शुरू किया गया। करीब आधे घंटे ये क्लास चली। इस दौरान क्लास ले रहे मास्टर ने कुलपति-रजिस्ट्रार को जमकर फटकार लगाई।

प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ता।

प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ता।

NSUI का आरोप – भ्रष्टाचार करने के लिए की गई गलती

NSUI के वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे ने बताया कि यूनिवर्सिटी के पास खुद का प्रिंटिंग प्रेस है, लेकिन यहां मार्कशीट प्रिंट नहीं होती। मार्कशीट क्या यूनिवर्सिटी का एक कागज तक प्रिंट नहीं होता।

बाहर से मार्कशीट प्रिंट कराई गई है। अब इसे सुधारने का खर्च विश्वविद्यालय अपनी ओर से भी लगाता है तो भी पैसा तो बच्चों का ही लगेगा। ये सबकुछ भ्रष्टाचार करने के लिए किया गया है।

विरोध के बाद ज्ञापन सौंपते हुए कार्यकर्ता।

विरोध के बाद ज्ञापन सौंपते हुए कार्यकर्ता।

मार्कशीट में सुधार की राशि 120 से बढ़ाकर 500 की गई

NSUI ने इस बात को लेकर भी अपना विरोध दर्ज कराया कि यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट में त्रुटि सुधार शुल्क को ₹120 से बढ़ाकर ₹500 कर दिया है। कार्यकर्ताओं ने कहा ये निर्णय पूरी तरह से अन्यायपूर्ण और छात्र-विरोधी है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के छात्रों पर यह अतिरिक्त बोझ डालना न्यायसंगत नहीं है।

विश्वविद्यालय बोला – जल्द सुधार कराया जाएगा, कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा

विश्वविद्यालय की ओर से पूरे मामले में कहा गया है कि मार्कशीट वापस मंगवाई जा रही है। जल्द ही सुधार के बाद बच्चों को फिर से नई मार्कशीट डिस्ट्रीब्यूट की जाएगी।

120 दिन के बाद जो सुधार कराने आएगा उसकी फीस 500

मार्कशीट में सुधार को लेकर फीस बढ़ाने पर कुल अनुशासक डॉ आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पहले 90 दिन के बाद सुधार कराने पर 120 रूपए शुल्क लिया जाता था।

अब 120 दिन के भीतर करेक्शन कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 120 दिन के बाद जो सुधार कराने आएगा उससे 500 रूपए शुल्क के तौर पर लिए जाएंगे।

प्रदर्शन में ये रहे शामिल

प्रदर्शन के दौरान अंकित बंजारे, ओझ पांडे, मनीष बांधे, हिमांशु तांडी, आलोक खरे, दुर्गेश पटेल, उग्रेश बंजारा, साहिल खान, नागेश, नवीन सोनी, शुभ, दक्ष राज, राणा, हिनेश, संजय सहित अनेक छात्र कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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