कोरबा
आलेख : क्या पुरुष होना गुनाह हैं ?
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6 days agoon
By
Divya Akashसुमन शर्मा, अध्यापिका
दिल्ली सरकार
अतुल सुभाष, 34 वर्षीय युवा AI इंजीनियर की आत्म हत्या ने समाज के बदलते सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्यों और असमानता के आधारों को पुष्ट करती हमारी लचर न्याय (विधि) व्यवस्था के भयावह नग्न तस्वीर को प्रस्तुत किया है l किसी भी न्याय व्यवस्था का ये सबसे अन्यायपूर्ण पहलू हैं कि किसी एक पक्ष को केवल इसलिए प्राथमिकता दे दी जाती हैं कि वो किसी वर्ग विशेष से संबंधित है l यथा – किसी की बात को इसलिए प्राथमिकता के साथ सुना व माना जाएगा कि वो “स्त्री वर्ग” से सबंधित हैं l आज हम पुरुष वर्ग के प्रति असमान विधिक व्यवस्था की बात कर रहे हैं l ये केवल किसी एक अतुल सुभाष का केस नहीं हैं वरन लाखों पुरुष आज इस तरह के केसों में फंसे हैं l यहाँ देखना विचारणीय रहेगा कि अतुल सुभाष की आत्महत्या से महिला और पुरुष के मध्य एक समान कानून व्यवस्था का आगाज़ होगा या अभी इसके लिए कुछ और अतुल सुभाषों की बलियों की दरकार इस समाज और कानून व्यवस्था को रहेगी l
अगस्त 2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना निर्णय देते हुए घरेलू हिंसा और 498 ए के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि दादा-दादी और बिस्तर पर पड़े लोगों को भी फंसाया जा रहा है। मई में केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि पत्नियां अक्सर बदला लेने के लिए पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज करवा देती हैं, यहाँ विचारणीय है कि केवल परिवार के सदस्य ही नहीं बल्कि निकट रिश्तेदारों को भी इनमें घसीट लिया जाता हैं।
ये समाज खुश कैसे रह सकता है जहाँ “हँसी ठिठोली” भी विधिक अपराधों की श्रेणी में आ जाए और वो भी वर्ग विशेष के सदस्यों की इच्छा के आधार पर l
घरेलू हिंसा के कानून महिलाओं की पहचान, सुरक्षा व घर-समाज में उनके सम्मान को सुनिश्चित करने हेतु बनाए गए थे l परंतु वर्तमान में ऐसी स्थितियाँ बहुसंख्या में सामने आ रही है जिनमें महिलाओं ने इन कानूनों का दुरूपयोग किया l कानून के विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ इस ओर संकेत करती है कि हम सभी जानते हैं कि एक बड़ी संख्या में महिलाओं के द्वारा भी झूठे केस रिपोर्ट कराए जाते है और केवल महिला होने के कारण वो कानून के दायरों में लाभ की स्थिति में खड़ी होती हैं l
एक सरकारी विद्यालय में नवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की जो कि विद्यालय में मोबाइल फोन लेकर आई थी कि शिकायत जब उसकी कक्षा के मोनिटर (जो कि एक लड़का था) ने अपने कक्षाध्यापक से की तो उस लड़की ने अपनी कक्षा के मॉनिटर को धमकी दी कि ‘तुमने एक लड़की से पंगा लिया है अब मैं तुम्हें दिखाती हूँ कि लड़की होने का क्या फायदा हैं?” और अगले ही दिन वो अपनी माँ के साथ लिखित कंप्लेंन स्कूल में देकर गई कि उसे स्कूल में लड़कें छेड़ते हैं l’ इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तब देखने में आई कि सारे स्टाफ ने मिलकर बात संभाली और इस बात पर सुकून महसूस किया कि शुक्र है इसने किसी पुरुष अध्यापक का नाम नहीं लिया l सोचिए क्या हालात बन रहे हैं l
हम ये नहीं कह रहे कि महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा हेतु कानून न हो वरन हम ये कहना चाहते हैं कि कानून को असमानता को बढ़ावा देने वाला नहीं होना चाहिए l और कानून किसी पूर्वाग्रहों से ग्रस्त न हो l स्त्रियों को संरक्षण देने हेतु बनाए गये कुछ कानून इस धारणा पर आधारित हैं की आरोपी पुरुष ने ही कुछ गलत किया होगा l हालाँकि यह ऐतिहासिक रूप से सत्य है की भारतीय समाज में स्त्रियों पर कदम कदम पर अत्याचार होते रहे है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसका खामियाजा वर्तमान समय में उन पुरुषों को भी भुगतना पड़े जिन्होंने क़ानूनी दृष्टि से कुछ भी गलत नहीं किया है लेकिन पति-पत्नी के वैवाहिक संबंध में दरार आने की स्थिति में उन पर कठोर क़ानूनी शिकंजा अब कुछ स्त्रियों द्वारा पुलिस और न्याय पालिका की मदद से अपने व्यक्तिगत और आर्थिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु कसा जा रहा है l कानून का आधार न्याय हो, और ये न्याय सबके लिए हो l किसी एक वर्ग को सुरक्षा देने वाला कानून बाकि सबको असुरक्षित कर देगा जो कि समाज में किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं हो सकता l कानून की पनाह में आकर हर नागरिक ये महसूस करे कि उसकी बात को भी सुना जाएगा और उसके साथ न्याय होगा l भारत में कुंवारेपन के बढ़ते रुझान के पीछे पुरुषों के प्रति अपनाया जाने वाला असमानता पूर्ण क़ानूनी रविया भी एक प्रमुख कारण हैं l
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कोरबा
विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित
Published
8 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akash
रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक
24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।
कोरबा
श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न
Published
10 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashकोरबा । व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान के उडीसा प्रभारी उडीसा अध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल का कोरबा आगमन हुआ एवं उनके द्वारा कोरबा के ह्दय स्थल पर निर्मित श्री सप्तदेव मंदिर में आकर समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आर्शीवाद लिया गया। गोविन्द अग्रवाल के ’’ मुख्य आथित्य ’’ में श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम किया गया एवं इस अवसर पर मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित असहायों एवं साधु संतो व साध्वियों को उनके द्वारा कम्बल वितरित किया गया।
इस अवसर पर छ.ग. प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक मोदी, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति की प्रीति मोदी, श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल की अध्यक्षा सरला मित्तल उपस्थित थी जिनके गरिमामय उपस्थिति में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
गोविन्द अग्रवाल ने कोरबा के विशाल एवं भव्य श्री सप्तदेव मंदिर की प्रशंसा करते हुए उपस्थित समस्त भक्तजनों का आभार किया एवं श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति एवं अशोक मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके द्वारा किये गये इस प्रकार के सेवा कार्यों से इस भीषण ठण्ड से काफी लोगो को राहत मिलेगी एवं इस प्रकार के कार्यो से लोगो को प्रेरणा भी मिलेगी।
कोरबा
अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे जूनियर नरेन्द्र मोदी को मिला रनर अप का खिताब
Published
10 hours agoon
December 22, 2024By
Divya Akashकोरबा । नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे कोरबा के जूनियर नरेन्द्र मोदी ने रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा नगर को गौरान्वित किया है।
विदित हो कि दिल्ली में बच्चों की अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा दिनॉक 15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 8000 से अधिक बच्चो ने इस अंतर्राष्ट्रीय यू.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में नरेन्द्र मोदी जो कि कोरबा के प्रसिद्व व्यवसायी गौरव मोदी के सुपुत्र है ने भी भाग लिया जिसमे उसने रनर-अप ( द्वितीय) पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया।
कोरबा नगर के लिये अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि इस अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे लगभग 8000 बच्चों के बीच रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर जूनियर नरेन्द्र मोदी ने कोरबा नगर को गौरान्वित किया।
नरेन्द्र मोदी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद एवं जूडो कराटे में भी रूचि रखते है एवं नरेन्द्र ने उक्त सभी में पुरस्कार प्राप्त कर सदैव कोरबा नगर को गौरान्वित किया है, उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में रनर-अप पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा आने पर नगरवासियों ने नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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