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छत्तीसगढ़

खूंखार नक्सली हिड़मा के गढ़ में शाह:स्कूली बच्चों से मिले, ग्रामीणों ने गिफ्ट में दिया कोचई-कांदा; रायपुर में ले रहे LWE की बैठक

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जगदलपुर/रायपुर,एजेंसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। आज वे बस्तर के गुंडम गांव पहुंचे। इस इलाके को सबसे खूंखार नक्सली हिड़मा का गढ़ माना जाता है। यहां वे गुंडम आधे घंटे तक ग्रामीणों के बीच रहे। इसके अलावा एक स्कूल पहुंचकर बच्चों से भी मिले।इस दौरान ग्रामीणों ने शाह को गिफ्ट में कोचई-कांदा से भरी टोकरी गिफ्ट की।

शाह ने ग्रामीणों से कहा कि, नक्सलवाद से आपके बच्चों का भविष्य संवर नहीं सकता। मुख्यधारा में जुड़े, नक्सलवाद से दूरी बनाएं। यहां अमित शाह ने ग्रामीणों से महतारी वंदन योजना, बैंक खाते, आधार कार्ड की जानकारी ली। इसके साथ गांव में मूलभूत विकास का वादा भी किया। इस दौरान CM साय, राज्य गृहमंत्री विजय शर्मा भी साथ थे।

बता दें कि यहां नक्सलियों ने सबसे बड़ी शहीदी स्मारक बना रखी है। इनकी कंपनी नंबर-9 भी यहां सक्रिय है। इससे पहले शाह जगदलपुर के अमर वाटिका पहुंचे जहां उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

ग्रामीणों ने शाह को दिया कोचई-कांदा

गृहमंत्री ने ग्रामीणों से आगे कहा कि, नक्सलियों से डरने की जरूरत नहीं है। कैंप खुल गया है। जो भी ग्रामीण बीमार होते हैं कैंप जाइए वहां आप का इलाज होगा। जवानों के साथ ताल मेल बिठाएं, फ्रेंडली नेचर में रहे।

स्कूली बच्चों को जानवरों की तस्वीर दिखा कर अमित शाह ने नाम पूछे। राष्ट्रीय पक्षीय को दिखा कर पूछा ये क्या है? इस पर बच्चों ने गोंडी बोली में मोर को मल बताया। वहीं अमित शाह को ग्रामीणों ने कोचई कांदा, सूखा बास्ता समेत तीखुर दिया। इसे वे अपने साथ लेकर गए।

गुंडम गांव में अमित शाह ने एक स्कूल का जायजा लिया।

गुंडम गांव में अमित शाह ने एक स्कूल का जायजा लिया।

रायपुर में लेंगे LWE पर बैठक

बस्तर से लौट कर अमित शाह रायपुर में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर बैठक लेंगे। इससे पहले वे कल (15 दिसंबर) बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि, नक्सलवाद खत्म होने पर यहां कश्मीर से ज्यादा पर्यटक आएंगे। 31 मार्च 2026 के बाद लोग कहेंगे बस्तर बदल गया है। गलत रास्ते पर गए लोग सरेंडर करें, हिंसा करेंगे तो हमारे जवान आपसे निपटेंगे।

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कोरबा

स्थानीय भू विस्थापितों को रोजगार देने पर बनी सहमति: कल की तालाबंदी स्थगित

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अजय जायसवाल ने रखा भू विस्थापितों का बेहतर ढंग से पक्ष: प्रबंधन माना

कोरबा/गेवरा। कल 24 दिसंबर को गेवरा खदान से प्रभावित ग्रामों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने हेतु गेवरा प्रबंधन के खिलाफ ताला बंदी का ऐलान जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में आयोजित था, जिसे आगामी निर्णय तक स्थगित कर दिया गया। प्रबंधन द्वारा आज 23 दिसंबर को त्रिपक्षिय वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया , जिसमें गेवरा विस्तार परियोजना में नियोजित ठेका कंपनी,एसईसीएल प्रबंधन और जनप्रतिनिधियों, ग्रामवासियों के मध्य वार्ता हुई। वार्ता के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि ओवर बर्डन और कोयला उतखनन में लगभग 3000 से ज्यादा ड्राइवर हेल्पर कार्य कर रहे हैं, जिसमें खदान प्रभावित ग्रामों से 5 प्रतिशत लोग भी कार्यरत नहीं हैं। इस मामले को जिला पंचायत कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने गंभीर चिंता का विषय बताते हुए बैठक में भू विस्थापितों का पक्ष रखा और प्रबंधन से कहा-यह बड़ी शर्म की बात है। स्थानीय भू विस्थापित युवकों को रोजगार की लड़ाई लडऩी पड़ रही है और बाहरी लोग आकर सीधे रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, जिस पर प्रबंधन को ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। स्थानीय बेरोजगार युवकों की अपेक्षा प्रबंधन को भारी पड़ सकता है । अजय जायसवाल ने एसईसीएल प्रबंधन को चेताया कि पहले बेरोजगार स्थानीय युवकों को प्राथमिकता दें, जिसमे प्रबंधन द्वारा भू विस्थापितों के रोजगार हेतु ह्यश द्य&ह्म् के नेतृत्व में कमेटी गठन करने का निर्णय लिया गया, जिसमें अब कोई भी कंपनी सीधी भर्ती नहीं करेगी। भू विस्थापितों का आवेदन पहले कमेटी द्वारा लिया जाएगा, जिसे सत्यापित कर कम्पनियों में नियोजित किया जाएगा। कोई भी कपनी सीधे भर्ती नहीं करेगी और साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि खदान प्रभावित उक्त ग्रामों से युवाओं को एक सप्ताह के भीतर 40 ड्राइवर और 15 हेल्पर को रोजगार देने पर सहमति बनी। उसके पश्चात जनवरी-फऱवरी-मार्च तक आगामी भर्ती में 70 प्रतिशत स्थानीय भू विस्थापितों को रोजगार मिलेगा। अगर प्रबंधन वादाखिलाफ़ी करता है तो हम फिर से सीजीएम कार्यालय गेवरा की तालाबंदी करने मजबूर होंगे और इसकी संपूर्ण जवाबदेही एसईसीएल प्रबंधन की होगी।

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कोरबा

नेत्र रोग विशेषज्ञों से उपचार के बाद भी बढ़ती जा रही थी आंखों की समस्या: पंचकर्म चिकित्सा ने लौटाया पुराना चश्मा

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कोरबा।पंचकर्म चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है। कोरबा की प्रसिद्ध पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. मनीषा सिंह ने बताया कि आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा से हर तरह की बीमारियों का ईलाज संभव है। एक ऐसे ही मामले में पंचकर्म चिकित्सा का चमत्कार देखने को मिला। खरमोरा निवासी रेलवे कर्मचारी (मूल निवासी जिल्गा) संजय कुमार बेक पिता रूपन बेक ने बताया कि वह कोरबा सहित बिलासपुर-रायपुर के कई नेत्र रोग विशेषज्ञों से ईलाज कराया, लेकिन आंख में देखने की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही थी और चश्मे का नंबर बढ़ता ही जा रहा था। उन्होंने बताया कि प्रसाद नेत्रालय में दिखाने पर पहले चश्मा 0.5, फिर 0.7, फिर +1, फिर 1.5, फिर 1.7 होता गया और माइग्रेन की भी समस्या आने लगी। इसके बाद बिलासपुर और रायपुर में भी ईलाज कराया लेकिन कोई फायदा दिखा नहीं।
इसके बाद मंैने पंचकर्म चिकित्सालय के बारे में सुना और पढ़ा तथा वहां पहुंचा। डॉ. मनीषा सिंह ने पंचकर्म चिकित्सा से एक सप्ताह ईलाज किया और मुझे माइग्रेन से राहत मिलने के साथ मेरी आंखों में 0.5 नंबर वाला चश्मा लगा। आंखों की समस्या के कारण मैं तनाव पूर्वक जीवन जी रहा था, लेकिन पंचकर्म चिकित्सा ने मुझे सामान्य जीवन की ओर लौटाया। मेरे चेहरे पर ग्लो भी आने लगा।
पंचकर्म एक चमत्कारिक चिकित्सा पद्धति है- डॉ. मनीषा सिंह
पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ मनीषा सिंह ने बताया कि संजय कुमार बेक को पंचकर्म से काफी राहत मिली। उनकी आंखों और माईग्रेन में समस्या बढ़ती जा रही थी। नेत्र तर्पण, नेत्रवस्ती के माध्यम से आंखों की रोशनी बेहतर की जा सकती है। पंचकर्म में इतना चमत्कार होता है कि धीरे-धीरे आंखों से चश्मा भी उतर जाता है। उन्होंने बताया कि संजय कुमार बेक को आंखों की समस्या के कारण माइग्रेन भी होने लगा था और बेचैनी होती थी। आंखों की समस्या बढ़ती तो माइग्रेन स्थाई हो जाता और बड़ी गंभीर समस्या पैदा हो सकती थी।
अपनी ही रिपोर्ट फाड़ दी डॉ. प्रसाद ने
महीनों तक ईलाज करने के बाद आखिरी में फिर से आंख का परीक्षण किया गया और रिपोर्ट आने के बाद कर्मचारियों ने रिपोर्ट डॉ. प्रसाद को दिखाई, तो उन्होंने रिपोर्ट को आश्चर्य से देखा और मुझे दिखाए बिना खुद रिपोर्ट फाड़ दी। मैं समझ गया कि यहां ईलाज कराने में कोई फायदा नहीं और मैं वहां ईलाज कराना बंद कर दिया। पंचकर्म ने मुझे नई रोशनी दी और मेरा जीवन सामान्य हो गया। पुराना चश्मा आंखों पर लगा रहा हूं और माइग्रेन की भी समस्या खत्म हो गई। मेरा ईलाज पंचकर्म में जारी है।

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कोरबा

ओव्हर स्पीडिंग और ड्रंक एंड ड्राइव के विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्यवाही: 1.64 लाख रूपए का मिला समनशुल्क

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कोरबा। पुलिस अधीक्षक कोरबा के निर्देश पर संपूर्ण जिले में ओवर स्पीडिंग एवं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध वीक एंड पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की गई ।
उल्लेखनीय है कि ओवर स्पीडिंग और ड्रंक एंड ड्राइव सडक़ दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण रहता है, जिसे देखते हुए सप्ताहांत में दिनांक 21 एवं 22 दिसंबर को संपूर्ण जिले में यातायात सहित सभी थाना,चौकी,पुसके प्रभारियों द्वारा फर्राटेदार तथा शराब पीकर वाहन चालन पर कार्यवाही की गई ?।
अभियान के दौरान ओव्हर स्पीडिंग के 68, शराब पीकर वाहन चलाने पर 70 तथा 229 वाहन चालकों के विरुद्ध मोटर यान अधिनियम की अन्य धाराओं में इस प्रकार कुल 347 वाहन चालकों पर कार्यवाही की गई ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ओवर स्पीडिंग एवं ड्रंक एंड ड्राइव पर इसी तरह समय समय पर अभियान चलाया जाएगा ।
ओव्हर स्पीडिंग और अन्य मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत उपरोक्त कार्यवाही में 1,64,000 रूपए का शमन शुल्क प्राप्त हुआ, जबकि शराब पीकर वाहन चालन वाले प्रकरण न्यायालय प्रस्तुत किए जाएंगे, जिसका न्यायालय से निराकरण होगा ।

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