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अडाणी ग्रीन एनर्जी का मुनाफा 60% बढ़कर ₹713 करोड़ हुआ

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पहली तिमाही में रेवेन्यू 31% बढ़ा, कंपनी का शेयर एक साल में 45% गिरा

मुंबई,एजेंसी। अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की पहली तिमाही में कुल कमाई यानी टोटल इनकम 4,006 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 28.72% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 3,312 करोड़ रुपए रहा, सालाना आधार पर ये 31% बढ़ा है। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 3,050 करोड़ रुपए रहा।

टोटल इनकम में से खर्च, टैक्स और अन्य खर्चे घटा दें, तो कंपनी को पहली तिमाही में 713 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 60% बढ़ा है। अडाणी ग्रीन एनर्जी ने सोमवार (28 जुलाई) को अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY26, पहली तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं।

कोई और बड़े अपडेट?

  • अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की ऑपरेशनल कैपेसिटी 15.8 GW रही। सालाना आधार पर इसमें 45% बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4.9 GW एनर्जी प्रोड्यूस की थी।
  • कंपनी की एनर्जी की सेल में सालाना आधार पर 42% की ग्रोथ हुई और यह 10,479 मिलियन यूनिट रही, जो इस तिमाही में वित्त वर्ष 22 की एनुअल एनर्जी सेल से ज्यादा रही है।

इस साल में अब तक शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा?

रिजल्ट के बाद अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर आज 3.39% की तेजी के साथ 1,009 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का शेयर पिछले 5 दिन में 2.63% चढ़ा है। वहीं 1 महीने में कंपनी का शेयर 1.6% गिरा और 6 महीने में 2.2% चढ़ा है। एक साल में कंपनी का शेयर करीब 45% गिरा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 1.63 लाख करोड़ रुपए है।

कॉन्सोलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन

कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

जनवरी 2015 में बनी थी अडाणी ग्रीन एनर्जी

अडाणी ग्रीन एनर्जी को 23 जनवरी 2015 को अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) की सहायक कंपनी के रूप में बनाया गया था। अडाणी ग्रीन भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक है। अडाणी ग्रीन की मौजूदगी 12 राज्यों में है। कंपनी के CEO अमित सिंह है।

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सुधारों की नाव पर सवार भारतीय अर्थव्यवस्था, 2025 में दिखी बेजोड़ मजबूती

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नई दिल्ली,एजेंसी। वैश्विक दबाव और सैन्य तनाव के बीच भी भारत की मजबूत आर्थिक उड़ान वर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हुई है। वैश्विक चुनौतियों, पश्चिमी सीमा पर सैन्य तनाव और अमरीका द्वारा 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाए जाने के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती नजर आ रही है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर सुधारों, सरकार और रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल तथा निरंतर नीतिगत फैसलों के चलते आज भारत के अधिकांश आर्थिक संकेतक सकारात्मक स्थिति में हैं।

8% विकास दर, महंगाई दशक के निचले स्तर पर

बीते दो तिमाहियों में देश की आर्थिक वृद्धि दर औसतन 8 प्रतिशत के आसपास बनी हुई है, जबकि खुदरा महंगाई दशक के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। रिजर्व बैंक ने भी इस वर्ष लगातार नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर विकास को गति दी है। डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के बावजूद चालू खाते का घाटा सीमित है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 अरब डॉलर के आसपास मजबूत बना हुआ है।

वैश्विक एजैंसियों का भरोसा, भारत की साख में सुधार

वैश्विक रेटिंग एजैंसियों ने भारत की आर्थिक स्थिति को सुधारों की निरंतरता और राजकोषीय-मौद्रिक नीति के बेहतर समन्वय का परिणाम बताया है। इसी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारत की विदेशी ऋण साख में सुधार किया गया है।  भारत वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है। विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों क्षेत्रों के पी.एम.आई. सूचकांक 50 से ऊपर बने हुए हैं। नवंबर में विनिर्माण पी.एम.आई. 55.7 और सेवा पी.एम.आई. 59.1 दर्ज किया गया।

GST में ऐतिहासिक कटौती से घरेलू मांग को बढ़ावा

सरकार ने घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए सितंबर में जी.एस.टी. दरों में ऐतिहासिक कटौती लागू की। जी.एस.टी. परिषद ने 4 स्लैब की जगह 2 स्लैब की व्यवस्था लागू कर 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं को सस्ता किया। जी.एस.टी. सुधारों के बाद खुदरा महंगाई अक्तूबर में 0.25 प्रतिशत और नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही, जिससे निवेश और उपभोग मांग को बल मिला। करों में कटौती के चलते सितंबर-अक्तूबर में रिकॉर्ड खरीदारी दर्ज की गई। इसके बावजूद नवंबर में जी.एस.टी. संग्रह बढ़कर 1.70 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।

12 लाख तक की आय कर मुक्त, मध्यम वर्ग को बड़ी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी बजट में 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर मध्यम वर्ग को अब तक की सबसे बड़ी राहत दी।  नया आयकर अधिनियम संसद से पारित हो चुका है, जो अप्रैल 2026 से लागू होगा। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। 

निर्यात में मजबूती, सेवाएं बनीं विकास की रीढ़

अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान वस्तु एवं सेवाओं का निर्यात 562 अरब डॉलर तक पहुंच गया। सेवाओं का निर्यात सबसे तेजी से बढ़ा। अप्रैल-सितंबर में 50.36 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया, जो अब तक का सर्वाधिक अर्ध-वार्षिक आंकड़ा है। सरकार ने श्रम कानूनों, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई. और परमाणु ऊर्जा में निजी निवेश को अनुमति देकर बड़े संरचनात्मक सुधार किए हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निरंतर सुधारों और मजबूत नीतियों के सहारे अर्थव्यवस्था विकास की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रही है।

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तौबा ! चांदी की कीमतों ने रचा नया इतिहास! एक्सपर्ट का दावा- 2026 में …

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नई दिल्ली,एजेंसी।  सोना-चांदी की कीमतों में लगातार तेजी जारी है। खासतौर पर चांदी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में चांदी की कीमत एक ही दिन में 9,350 रुपए प्रति किलो बढ़ गई और यह 2,36,350 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। पिछले एक हफ्ते में चांदी के दाम करीब 32 हजार रुपए बढ़ चुके हैं। 19 दिसंबर को चांदी लगभग 2,04,100 रुपए प्रति किलो थी, जो अब काफी ऊपर चली गई है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी चांदी को मजबूत सहारा मिल रहा है। विदेशी बाजार में चांदी पहली बार 75 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई और नया रिकॉर्ड बनाया। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमत बढ़ने की बड़ी वजह औद्योगिक मांग है। इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर एनर्जी, बैटरी और नई तकनीकों में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।

2026 में कहां तक पहुंच सकते हैं दाम

वहीं, चांदी का उत्पादन सीमित है जबकि मांग ज्यादा है। दुनिया में चांदी की मांग उत्पादन से कहीं अधिक हो चुकी है, जिससे कीमतें और बढ़ सकती हैं। बाजार जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में चांदी के दाम और ऊपर जा सकते हैं। कुछ एक्सपर्ट का अनुमान है कि 2026 तक चांदी 100 डॉलर या उससे भी ज्यादा के स्तर को छू सकती है।

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भारतीय वायु सेवा के जांबाज ग्रुप कैप्टन पाटनी का पैतृक गांव में हुआ नागरिक अभिनंदन, हुए अभिभूत

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बारां,एजेंसी। भारतीय वायु सेवा के जांबाज़ ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को राष्ट्रपति द्वारा भारतीय सेना के तीसरे सर्वोच्च गेलेंट्री अवार्ड वीरचक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर शनिवार को उनके पैतृक गांव राजस्थान के बारां जिले के अटरू उपखंड की ग्राम पंचायत कुंजेड में आयोजित एक भव्य समारोह में नागरिक अभिनंदन कर सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान ग्रामवासियों ने जुलूस के रूप में कार्यक्रम स्थल पर लाए जहां अनिमेष पाटनी को साफाबंदी करने के साथ फूलमालाओं से लादा दिया।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति भवन में अप्रैल माह में अनिमेष पाटनी को एक भव्य समारोह में वीरचक्र राष्ट्रपति के द्वारा प्रदान किया जाएगा। बारां जिले के उनके पैतृक गांव कुंजैड़ पहुंचने पर ग्रामीणों के साथ युवाओं में भारी उत्साह था। तीन घंटे के समारोह में पूरे गांव में देशभक्ति का माहौल जाग गया। छात्राओं ने देशभक्ति पूर्ण और वंदे मातरम गायन की सामूहिक प्रस्तुति दी। देशभक्ति पूर्ण गीत और कविता के माध्यम से माहौल देशभक्ति से सराबोर रहा।

ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती राजेश कुमारी ने अभिनंदन पत्र भेंट किया। अनिमेष की माताश्री अनिला पाटनी को भी पुष्प गुच्छ भेंट कर एवं शाल ओढ़ाकर ग्राम पंचायत की ओर से सम्मानित किया। समारोह में ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ने छात्रों और युवाओं को देश की सेवा में आगे आने के लिए फौज में शामिल होने का आह्वान किया तथा उन्हें प्रेरित करते हुए कुछ टिप्स भी बताए।

भारतीय वायु सेना के जांबाज ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी बारां जिले के कुंजैड़ (अटरू) गांव के निवासी हैं। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी एस 400 ‘ट्रायम्फ’ रेजीमेंट जिसके कमांडर अनिमेष पाटनी रहे हैं, जिसने 314 किलो मीटर दूरी पर लक्ष्य को भेदकर विश्व विमानन इतिहास में रिकॉर्ड बुक किया। वहीं सबसे लंबी surface- to- air kill के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है। अब तक यह दूरी रूस और यूक्रेन युद्ध में केवल 200 किलोमीटर की रही थी। यह पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का निर्णायक हमला था। 

इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आदमपुर जाकर ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को उनके असाधारण साहस, पराक्रम और नेतृत्व को देखते हुए उनके कैंप में जाकर शाबाशी दी थी। वायु सेना प्रमुख मार्शल एपी सिंह ने ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की उपलब्धि को अब तक की सबसे बड़ी सतह से हवा में मार करने की सफलता बताते हुए भारतीय वायुसेना की तकनीकी श्रेष्ठता और पाटनी की समरिक कुशलता की प्रशंसा की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके असाधारण साहस और नेतृत्व के लिए युद्ध कालीन सर्वोच्च तीसरे सम्मान “वीर चक्र” से नवाजे जाने की घोषणा की है। राष्ट्रपति भवन में यह समारोह अप्रैल माह में होना है।

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