Connect with us

छत्तीसगढ़

नक्सलियों के डर से BJP नेताओं-कार्यकर्ताओं ने छोड़ा गांव:थाना-कैंपों के पास काट रहे रात, घर पड़े सूने, 2 साल में 10 नेताओं को मार-डाला

Published

on

रायपुर,एजेंसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दावा कर चुके हैं कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए सुरक्षाबलों के बड़े पैमाने पर एनकाउंटर और ऑपरेशन लगातार जारी हैं।

इन ऑपरेशनों का सीधा असर यहां के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पड़ रहा है। खास तौर पर भाजपा नेता ही नक्सलियों के टारगेट में हैं। बीते 2 सालों में नक्सलियों ने भाजपा के 10 नेताओं की हत्या की है। हालत ये हैं कि गांवों में भाजपा से जुड़े नेताओं का रहना तक मुश्किल हो गया है।

रात में अपने ही घर पर रुकना जान जोखिम में डालने जैसा है। यही वजह है कि कई नेता और कार्यकर्ता अपने परिवार समेत अब ब्लॉक या जिला मुख्यालय में रहने लगे हैं। गांवों के उनके मकान सूने पड़े हैं, गांव की राजनीति अब कैंपों और जिला मुख्यालय से चल रही है।

भास्कर की टीम आवापल्ली गांव पहुंची। यहां दिन में भी सड़कें सुनसान मिली।

आवापल्ली गांव में दिन में भी सड़कें सुनसान मिली।

सड़क किनारे बने CRPF कैंप के ठीक सामने एक शेडनुमा बड़ा घर है।

सड़क किनारे बने CRPF कैंप के ठीक सामने एक शेडनुमा बड़ा घर है।

बीजापुर जिले का आवापल्ली… यहां सड़क किनारे बने CRPF कैंप के ठीक सामने एक शेडनुमा बड़ा घर है। जैसे ही सूरज ढलता है और इलाके में सन्नाटा फैलने लगता है, वैसे ही इस घर का दरवाजा बार-बार खुलने लगता है।

एक-एक करके भाजपा के नेता और कार्यकर्ता यहां पहुंचने लगते हैं। देखने वाले को लगेगा कि शायद कोई पार्टी की मीटिंग है या देर रात तक चलने वाला राजनीतिक कार्यक्रम, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है।

दरअसल, यहां जुटने वाले नेता सत्ता की दौड़ में बने रहने से पहले अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए एकत्र होते हैं। दिनभर वे अपने-अपने गांवों और इलाकों में घूमते हैं, लोगों से मिलते हैं, छोटे-मोटे कार्यक्रम करते हैं, लेकिन जैसे ही शाम होती है, सबके कदम अपने-अपने घर की बजाय इसी शेड वाले घर की तरफ मुड़ जाते हैं।

रात यहीं बिताना इनका रोज का रूटीन है। ये घर जिला पंचायत अध्यक्ष जानकी कोरसा का है। खुद जानकी भी हर रात यहीं सोती हैं, ताकि नक्सलियों के हमले की स्थिति में सामने खड़े CRPF कैंप से तुरंत मदद मिल सके।

बीते 2 सालों से आवापल्ली का ये घर अब भाजपा नेताओं का अनौपचारिक नाइट शेल्टर बन गया है। गांवों में अपने घर छोड़ चुके कई नेता और कार्यकर्ता यहां की दीवारों और सीआरपीएफ कैंप के भरोसे ही चैन की नींद सो पाते हैं।

फरवरी 2023 से सितंबर 2025 तक 10 हत्याएं

बीते दो सालों में नक्सलियों ने भाजपा के 10 नेताओं की हत्या की है। सबसे ज्यादा मामले बीजापुर जिले के हैं। अकेले यहां 5 नेताओं को नक्सलियों ने मार दिया। बाकी हत्याएं दंतेवाड़ा, मोहला-मानपुर और नारायणपुर में हुईं।

बीजापुर पहुंचने पर यह खौफ साफ नजर आता है। हर नेता और कार्यकर्ता का दिन भले ही गांव और इलाके में प्रचार, मीटिंग या कार्यक्रम में बीतता हो, लेकिन शाम होते ही सब लौट आते हैं। आवापल्ली और बीजापुर का यह घर उनके लिए सुरक्षा कवच बन गया है।

गजेन्द्र कक्केम, नीलकंठ कक्केम का भाई।

गजेन्द्र कक्केम, नीलकंठ कक्केम का भाई।

डर इतना कि हत्या के बाद घर से भाई की तस्वीर भी हटा दी

पेंकरम गांव, उसूर ब्लॉक। यही वह जगह है जहां भाजपा मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम की हत्या हुई थी। घटना 5 फरवरी 2023 की है। पूरे गांव में खामोशी थी। नीलकंठ का घर बिल्कुल सूना पड़ा था। कुछ देर बाद उनके भाई गजेन्द्र कक्केम मिले। उन्होंने बताया कि घर अब सूना हो गया है। मां और मैं ही रहते हैं।

गजेन्द्र की आंखें भर आईं। उन्होंने बताया कि उस दिन के बाद से भाभी ललिता ने गांव छोड़ दिया। वह बच्चों के साथ अब आवापल्ली में रहती हैं। इतना ही नहीं, नक्सलियों के डर से नीलकंठ की तस्वीर भी घर से हटा दी गई। गजेन्द्र कहते हैं -“भाई की याद में फोटो तक रखने की हिम्मत नहीं होती। जब देखने का मन करता है तो आवापल्ली जाकर तस्वीर देखता हूं।”

पिता की तस्वीर के साथ नीलकंठ कक्केम के बच्चे।

पिता की तस्वीर के साथ नीलकंठ कक्केम के बच्चे।

इस घटना के बाद नीलकंठ कक्केम की पत्नी ललिता और बच्चे गांव छोड़कर आवापल्ली में रहने लगे। जब हम वहां पहुंचे तो घर पर बच्चे ही मिले। नीलकंठ की बेटी अंजली कक्केम ने बताया -“मम्मी इस वक्त घर पर नहीं हैं

उन्हें हॉस्पिटल में नौकरी मिली है। हम लोग स्कूल जाते हैं। पापा की फोटो हमारे घर पर ही है। जब दादी या चाचा को देखने का मन करता है, तो हम मम्मी के साथ फोटो गांव ले जाते हैं और दिन में ही वापस ले आते हैं।

नया मंडल अध्यक्ष, वही डर

नीलकंठ की हत्या के डेढ़ साल बाद पार्टी ने तीरथ जुमार को उसूर ब्लॉक का मंडल अध्यक्ष बनाया। तीरथ कहते हैं कि वह नीलकंठ के बहुत करीबी थे। रैली से लेकर गांव-गांव प्रचार तक सब साथ किया।

जिस दिन उनकी हत्या हुई, उस दिन भी कुछ देर पहले नीलकंठ कक्केम से तीरथ की बातचीत हुई थी। अब जिम्मेदारी उनके कंधों पर है, लेकिन डर वही बना हुआ है।

तीरथ कहते हैं-“दो साल से घर पर रात को नहीं सोया। दिन में कभी-कभी बच्चों को देखने चला जाता हूं, लेकिन रात रुकने की हिम्मत नहीं होती। बच्चे पूछते हैं कि पापा घर में क्यों नहीं रहते। क्या कहूं उन्हें? डर हमेशा बना रहता है कि कहीं अचानक हमला न हो जाए।”

आज तीरथ का रूटीन ही ऐसा है कि उसूर ब्लॉक के गांवों में पार्टी का काम और शाम को बीजापुर या आवापल्ली लौटकर रात बिताना। यह मजबूरी है, लेकिन पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं। तीरथ कहते हैं -“जब तक जान है, पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। मौत से डरकर राजनीति नहीं छोड़ सकते।”

शेड में वाले घर ही भाजपा नेताओं का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।

शेड में वाले घर ही भाजपा नेताओं का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।

आवापल्ली का शेड- नेताओं का ‘सुरक्षित ठिकाना’

बीजापुर से करीब 35 किलोमीटर दूर आवापल्ली का यह शेड अब भाजपा नेताओं का सबसे बड़ा सहारा है। यहां हर शाम दर्जनों कार्यकर्ता जमा हो जाते हैं। कोई चटाई पर सोता है, कोई दीवार से टेक लगाकर। सभी को भरोसा है कि सामने सीआरपीएफ कैंप है, अगर कुछ हुआ तो जवान मदद करेंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष जानकी कोरसा कहती हैं- “यहां रहना हमारी मजबूरी है। घर-गांव में रात रुकना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए सभी नेता-कार्यकर्ता यहां आते हैं।”

सुरक्षा घेरे में कई नेता

बीजापुर के जिला मुख्यालय से जैसे ही अंदरूनी इलाकों की ओर बढ़ते हैं, सन्नाटा और डर साथ चलने लगते हैं। यहां राजनीति का मैदान गांवों में नहीं, बल्कि कैंपों और जिला मुख्यालय के आसपास ही सिमटा नजर आता है। वजह साफ है नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे ऑपरेशन और बीजेपी नेताओं पर सीधा खतरा।

बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू बाहर निकलते हैं तो उनके साथ कदम से कदम मिलाकर सुरक्षाकर्मी चलते हैं, मानो हर मोड़ पर खतरा इंतजार कर रहा हो। रायडू के घर के बाहर 5 जवान हर वक्त तैनात रहते हैं। उन्हें साल 2016 से सुरक्षा मिली हुई है, विधानसभा चुनाव से पहले X कैटेगरी की अतिरिक्त सुरक्षा भी दी गई।

रायडू कहते हैं ‘सुरक्षा है, लेकिन पार्टी के काम से अगर हमें किसी अंदरूनी गांव में जाना हो तो पुलिस मुख्यालय को 24 घंटे पहले सूचना देनी पड़ती है। इसके बाद भी हम कई जगह नहीं जा पाते। क्योंकि मैं पहले से नक्सलियों के टारगेट पर हूं, डर हमेशा बना रहता है।

बीजापुर भाजपा जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू हमेशा जवानों के सुरक्षा घेरे में रहते हैं।

बीजापुर भाजपा जिला उपाध्यक्ष लव कुमार रायडू हमेशा जवानों के सुरक्षा घेरे में रहते हैं।

जिला मुख्यालयों में रह रहे ज्यादातर बीजेपी नेता

बीजापुर ही नहीं, बस्तर के कई हिस्सों में यही हाल है। गांवों में बीजेपी नेताओं के घर सूने पड़े हैं। परिवार समेत कई लोग जिला मुख्यालय में शिफ्ट हो गए हैं। राजनीति अब गांव की चौपाल से नहीं, बल्कि पुलिस कैंप और कलेक्टोरेट ऑफिस के सामने से चल रही है।

गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चल रहे हैं, नए कैंप खुल रहे हैं, लगातार नक्सली एनकाउंटर हो रहे हैं।

लेकिन एक हकीकत ये भी है कि जैसे-जैसे ऑपरेशन तेज हुए हैं, नक्सलियों ने बीजेपी नेताओं को ज्यादा टारगेट करना शुरू कर दिया है। रायडू जैसे नेता कहते हैं ‘हम नक्सलियों के साये में राजनीति कर रहे हैं। सतर्कता के साथ काम कर पा रहे हैं, लेकिन खतरा हर वक्त मंडराता है।”

बीजापुर की ये तस्वीर बताती है कि खतरा अब और ज्यादा है। भाजपा नेता ही नहीं, उनके परिवार भी इस खौफ में जी रहे हैं। गांवों में उनकी मौजूदगी लगभग खत्म हो चुकी है।

बीजेपी नेताओं की मजबूरी, पार्टी संगठन की जद्दोजहद और नक्सलियों का डर यह सब मिलकर दिखाता है कि जमीनी हालात कितने जटिल हैं।

शेड के अंदर कमरे और जिला मुख्यालयों के आसपास ही नेताओं की चौपाल लगती है।

शेड के अंदर कमरे और जिला मुख्यालयों के आसपास ही नेताओं की चौपाल लगती है।

गांव में लोगों से मुलाकात करने के दौरान भी लवकुमार रायडू सुरक्षा घेरे में रहते हैं।

गांव में लोगों से मुलाकात करने के दौरान भी लवकुमार रायडू सुरक्षा घेरे में रहते हैं।

जिला मुख्यालयों में भाजपा नेताओं की चौपाल लगती है। यहां रात बिताते हैं।

जिला मुख्यालयों में भाजपा नेताओं की चौपाल लगती है। यहां रात बिताते हैं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के 5 लोगों की मौत…2 को पिकअप ने कुचला:MP में कोरबा के ट्रांसपोर्टर मां-बेटे की गई जान, बालोद में भी एक की मौत

Published

on

राजनांदगांव,एजेंसी। छत्तीसगढ़ में 3 अलग-अलग सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। राजनांदगांव जिले में एक पिकअप ने बाइक सवार 2 दोस्तों को कुचल दिया। दोनों की मौके पर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों दोस्त मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर घर लौट रहे थे, तभी हादसे का शिकार हो गए।

वहीं, कोरबा जिले के गेवरा-दीपका क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्टर और उनकी मां की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा मध्य प्रदेश के चित्रकूट के पास हुआ। कार डिवाइडर से टकरा गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

ट्रांसपोर्टर अपनी मां और मौसा के साथ पंजाब अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने जा रहे थे। इसी तरह, बालोद जिले में एक तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। एक युवक की मौत हो गई, जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल है।

पिकअप मालवाहक और बाइक आमने-सामने टक्कर में दो की मौत

पिकअप मालवाहक और बाइक आमने-सामने टक्कर में दो की मौत

पहला हादसा: डोंगरगढ़ में दो युवकों की मौत

राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में सड़क हादसे में 2 युवकों की मौत हो गई। 27 सितंबर सुबह 10 बजे की घटना है। मुंदगांव में एक पिकअप ने बाइक सवार को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार 2 युवकों की जान चली गई। मामला डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र का है।

बताया जा रहा है कि दोनों युवक मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर घर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। पिकअप और बाइक फुल स्पीड में थी। हादसे के बाद पिकअप ड्राइवर गाड़ी छोड़कर भाग गया।

मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर घर लौट रहे युवकों की सड़क हादसे में मौत हो गई।

मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर घर लौट रहे युवकों की सड़क हादसे में मौत हो गई।

भिलाई के रहने वाले थे दोनों मृतक

हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तत्काल डोंगरगढ़ पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मृतकों की पहचान अमित साहनी (कृष्णा नगर) और सचिन यादव (कुरूद, भिलाई) के रूप में हुई है। दोनों मृतक भिलाई के रहने वाले थे।

डोंगरगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि फरार ड्राइवर को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

डोंगरगढ़ में टक्कर के बाद पिकअप वाहन पलट गया।

डोंगरगढ़ में टक्कर के बाद पिकअप वाहन पलट गया।

दूसरा हादसा: कोरबा के ट्रांसपोर्टर और मां की मध्यप्रदेश में सड़क हादसे में मौत

कोरबा जिले के ट्रांसपोर्टर अमन बाजवा उर्फ तलविंदर सिंह (34) और उनकी मां की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा मध्य प्रदेश के चित्रकूट के पास बुंदेलखंड नेशनल हाईवे पर हुआ। अमन अपनी मां और मौसा के साथ स्कॉर्पियो कार में अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने पंजाब जा रहे थे।

इसी दौरान चित्रकूट के पास, बुंदेलखंड नेशनल हाईवे पर सामने से आ रहे वाहन से बचते हुए उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। इस भीषण हादसे में अमन और उनकी मां की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके मौसा गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।

मप्र में कोरबा के ट्रांसपोर्टर और उनकी मां की सड़क हादसे में मौत

मप्र में कोरबा के ट्रांसपोर्टर और उनकी मां की सड़क हादसे में मौत

अमन बाजवा की 100 से अधिक गाड़ियां चलती हैं

अमन बाजवा दीपका थाना क्षेत्र के झाबर गांव के रहने वाले थे और कोयला ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करते थे। उनकी 100 से अधिक गाड़ियां चलती हैं। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे।

तीसरा हादसा: बालोद में बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, एक की मौत

बालोद जिले में एक तेज रफ्तार कार ने बाइक सवारों को टक्कर मार दी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि सिर, चेहरे, पैर समेत शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें और अधिक खून बहने से मौत हुई है। मामला पुरूर थाना क्षेत्र के ग्राम चिटौद का है।

जानकारी के अनुसार, चंदनबिरही निवासी किशुन साहू (62) की मौत हुई है, जबकि साथी भैय्या राम सोरी (60) घायल है। दोनों साथी बाइक से चिटौद बाजार जा रहे थे। चंदनबिरही मोड़ स्थित पुट्टू ढाबा के पास पुरूर की ओर से आ रही कार ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।

दोनों को गंभीर हालत में धमतरी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान किशुन साहू की मौत हो गई। भैय्या राम सोरी का इलाज जारी है।

बालोद में चिटौद के पास कार-बाइक की टक्कर, एक की मौत, दूसरा घायल

बालोद में चिटौद के पास कार-बाइक की टक्कर, एक की मौत, दूसरा घायल

पुलिस बोली-कार ड्राइवर के खिलाफ FIR

पुरुर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार कंवर ने बताया कि कार ड्राइवर के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 और बीएनएस की धारा 125(ए) और 281 के तहत मामला दर्ज किया गया है। किशुन साहू की इलाज के दौरान मौत हो गई, इसलिए अतिरिक्त धाराएं जोड़ी जाएंगी।

Continue Reading

कोरबा

प्रांतीय वैदिक महोत्सव का हुआ शुभारंभ

Published

on

कोरबा। 26 सितंबर को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी कोरबा (पूर्व) में विद्या भारती द्वारा भैया/बहनों के लिए आयोजित प्रांतीय वैदिक महोत्सव का शुभारंभ विधिवत् सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार किया गया।
इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोरबा नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय की उपस्थिति रही। अध्यक्षता विद्या भारती मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जुड़ावन सिंह का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजित कार्यक्रम में अन्य पदाधिकारी के रूप में सरस्वती शिक्षा समिति के अध्यक्ष नान भाई पटेल, व्यवस्थापक जोगेश लांबा, वनांचल सेवा न्यास समिति के सचिव चंद्र किशोर श्रीवास्तव, प्रांत संयोजक अनिल शर्मा, क्षेत्रीय सहसंयोजक प्रेमलाल पटेल, कोरबा विभाग समन्वयक दीपक सोनी, समन्वयक सूर्य कुमार पांडे, पूर्व व्यवस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार विकास जोशी, विभिन्न विभागों से आए हुए प्राचार्य-प्रधानाचार्य, आचार्य-आचार्या, स्थानीय विद्यालय के कार्यक्रम प्रभारी एवं प्रतिभागी भैया-बहनों की उपस्थिति रही।
इस आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव में 18 विधाओ की प्रतियोगिता सम्मिलित की गई। जिसमें रंगोली, चित्रकला, निबंध, स्वरचित कविता, प्रश्न मंच, मूर्ति कला, गीता पाठ, वंदे मातरम गायन, व्यक्तिगत गीत, एकल भजन, एकल अभिनय, आचार्य पत्र वाचन, तात्कालिक भाषण, मानस प्रथमाक्षरी, कथा कथन एवं तबला वादन से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मुख्य अतिथि द्वारा विद्या भारती से आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव की प्रशंसा करते हुए इस डिजिटल युग में भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का एकमात्र श्रेय सरस्वती शिशु मंदिर को दिया गया। यह महोत्सव 26 से 28 सितंबर तक आयोजित होगा। इस सांस्कृतिक महोत्सव का मूल उद्देश्य हमारे भैया/बहनों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का श्रेष्ठतम प्रयास रहा है। अंत में इस आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उपस्थित अतिथियों का आभार प्रदर्शन करते हुए संपन्न किया गया।

Continue Reading

कोरबा

कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में प्रस्तावित 660×2 मेगावाॅट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना हेतु इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से हुआ ऋण अनुबंध

Published

on

कोरबा। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की महत्वाकांक्षी 2×660 मेगावॉट क्षमता की कोरबा सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी द्वारा इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से 12,640 करोड़ रुपये का ऋण अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना कार्य का आरंभ मार्च 2025 में किया गया था। बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, अध्यक्षगण सुबोध कुमार सिंह, डाॅ. रोहित यादव, प्रबंध निदेशकगण एस.के. कटियार, आर.के.शुक्ला, भीम सिंह कंवर भी उपस्थित थे। इस कार्य को गति देने के लिये वित्त व्यवस्था का कार्य तेजी से किया जा रहा था, जिसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली और ऋण अनुबंध निष्पादित किया गया। इसमें पाॅवर कंपनी की ओर से संदीप मोदी, कार्यपालक निदेशक (वित्त) एवं सी.एल. नेताम कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एवं आईआरएफसी की ओर से नव गोयल (महाप्रबंधक) द्वारा रायपुर में शुक्रवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। लंबी अवधि एवं कम दरों पर प्राप्त ऋण से परियोजना को वित्तीय स्थिरता प्राप्त होगी एवं परियोजना को समय पर पूर्ण करने में मदद मिलेगी जिससे अंततः प्रदेश की जनता को फ़ायदा होगा।
इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा जनरेशन कंपनी के अध्यक्ष डॉ. रोहित यादव द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई व देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु हर संभव प्रयास करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की गई।

Continue Reading
Advertisement

Trending