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बिज़नस

अमेरिका में कारें होंगी महंगी, ट्रंप के टैरिफ से खरीदारों की जेब पर बढ़ेगा बोझ

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वाशिंगठन, एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मेकिंग अमेरिका ग्रेट अगेन’ नीति का असर अब आम उपभोक्ताओं की जेब पर दिखने वाला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 से अमेरिका में 30 अरब डॉलर के ऑटो टैरिफ लागू किए जाएंगे, जिससे कारों की कीमतें औसतन 2,000 डॉलर (करीब ₹1.74 लाख) तक बढ़ सकती हैं। इससे अमेरिका में कारों की कीमतें और भी बढ़ जाएंगी। जानकारों के मुताबिक यह बढ़ी हुई कीमत का बड़ा हिस्सा कार खरीदने वाले को ही चुकाना होगा।

ग्राहकों पर सीधा असर

कंसल्टिंग फर्म AlixPartners का अनुमान है कि कार कंपनियां इस टैरिफ का 80% बोझ सीधे ग्राहकों पर डालेंगी, जिससे एक कार की कीमत औसतन $1,760 ज्यादा हो जाएगी। इससे अगले तीन वर्षों में अमेरिका में वाहन बिक्री 10 लाख यूनिट तक घट सकती है।

हालांकि फर्म को उम्मीद है कि 2030 तक बिक्री बढ़कर 1.7 करोड़ यूनिट सालाना तक पहुंच सकती है, क्योंकि तब तक टैरिफ का असर कुछ हद तक कम हो जाएगा।

कार कंपनियों को भी लगेगा झटका

  • जनरल मोटर्स (GM) को टैरिफ से $5 अरब के नुकसान का अनुमान
  • फोर्ड मोटर्स को $2.5 अरब के नुकसान की आशंका

दोनों कंपनियां कीमतों में बदलाव और आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों के ज़रिए इस प्रभाव को सीमित करने की योजना पर काम कर रही हैं।

गिर सकता है टैरिफ

एलिक्स पार्टनर्स का अनुमान दूसरों से कम गंभीर है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि व्यापार वार्ता में प्रगति होने के साथ-साथ टैरिफ समय के साथ कम हो जाएंगे। आयातित कारों पर मौजूदा 25 प्रतिशत टैरिफ पूरी तरह से असेंबल किए गए वाहनों पर 7.5 प्रतिशत और पार्ट्स पर 5 प्रतिशत तक गिर सकता है। अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत आने वाले वाहनों के लिए दरें और भी कम हो सकती हैं।
 

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बिज़नस

आर्थिक संकट में घिरा पाकिस्तान, दुबई के बैंकों से लिया 1 अरब डॉलर का कर्ज

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इस्लामाबाद,एजेंसी। गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपने जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए अब दुबई के बैंकों से 1 अरब डॉलर (लगभग रू.8,600 करोड़) का नया कर्ज लिया है। यह फंड ‘सिंडिकेटेड टर्म फाइनेंस’ के तहत पांच साल की अवधि के लिए लिया गया है, जिसे कई बैंकों ने मिलकर फाइनेंस किया है।

कौन-कौन से बैंक बने कर्जदाता?

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस कर्ज व्यवस्था में शामिल प्रमुख बैंक हैं:

  • दुबई इस्लामिक बैंक (एकमात्र वैश्विक समन्वयक)
  • स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (लीड अरेंजर)
  • अबू धाबी इस्लामिक बैंक
  • शारजाह इस्लामिक बैंक
  • अजमान बैंक
  • एचबीएल (हबीब बैंक लिमिटेड)

ये सभी बैंक मिलकर पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का लोन दे रहे हैं, जिसे पांच वर्षों में चुकाना होगा।

एडीबी की गारंटी से मिला भरोसा

यह फंडिंग एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा आंशिक रूप से गारंटीशुदा है। एडीबी के ‘उन्नत संसाधन संग्रहण एवं उपयोग सुधार’ कार्यक्रम के अंतर्गत दी गई यह गारंटी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर फाइनेंसरों का भरोसा दिलाने में मदद कर रही है।

वित्तीय स्थिति में सुधार का दावा

वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह डील पश्चिम एशियाई वित्तीय बाजार में पाकिस्तान की करीब ढाई साल बाद वापसी है। इससे क्षेत्रीय बैंकों के साथ नई साझेदारी की शुरुआत भी हुई है। पाकिस्तान के आर्थिक सलाहकार खुर्रम शहजाद ने इसे “ऐतिहासिक वित्तीय उपलब्धि” बताया है।

दिवालिया होने की कगार से वापसी

गौरतलब है कि 2023-24 में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से दिवालिया होने से बचा था। हाल के महीनों में देश ने चालू खाता अधिशेष और खर्च नियंत्रण जैसे संकेतकों में कुछ सुधार दिखाया है। अप्रैल तक के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का चालू खाता अधिशेष 1.8 अरब डॉलर रहा।

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देश

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का खतरा, निफ्टी और बैंक निफ्टी पर दबाव बढ़ा

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मुंबई, एजेंसी। भारतीय शेयर बाजार इन दिनों अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। लगातार उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों की चिंता बढ़ती जा रही है। इंडियाचार्ट्स डॉट कॉम के संस्थापक और मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट रोहित श्रीवास्तव का मानना है कि निफ्टी 50 में आने वाले दिनों में बड़ी गिरावट संभव है और यह सूचकांक 24,000 से 23,500 के स्तर तक फिसल सकता है।

गुरुवार को कैसा रहा बाजार?

19 जून को निफ्टी 50 ने 24,803 पर खुलकर 24,837 तक हल्की बढ़त बनाई, जो पिछले बंद 24,812 से केवल 0.10% अधिक था। हालांकि यह बढ़त बाजार की कुल सुस्ती को कम नहीं कर पाई।

बाजार में सुस्ती के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट अप्रैल 2025 के बाद की पहली महत्वपूर्ण गिरावट हो सकती है। मार्केट श्रीवास्तव ने कहा, “बाजार में कोई बड़ा ब्रेकआउट फिलहाल नजर नहीं आता। अगस्त के बाद ही स्थायी रुझान बनने की उम्मीद है।”

  • वैश्विक भूराजनीतिक तनाव
  • अमेरिका में टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताएं
  • विदेशी पूंजी का पलायन
  • भारतीय शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन
  • अमेरिका में ऊंची ब्याज दरें और तंग लिक्विडिटी

बैंक निफ्टी पर भी दबाव

निफ्टी के साथ-साथ बैंक निफ्टी भी कमजोर रुझान दिखा रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार, बैंक निफ्टी को 56,070 पर रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। यदि यह सूचकांक 55,380 का सपोर्ट स्तर तोड़ता है, तो यह 53,500 तक गिर सकता है। चूंकि बैंकिंग सेक्टर को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, इसकी कमजोरी संपूर्ण बाजार के लिए खतरे की घंटी है।

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देश

1 जुलाई से बदलेंगे HDFC और ICICI बैंक के नियम, ग्राहकों की जेब पर बढ़ेगा बोझ

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मुंबई, एजेंसी। 1 जुलाई 2025 से देश के दो प्रमुख निजी बैंक एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक अपने कुछ नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं। ये बदलाव खास तौर पर क्रेडिट कार्ड उपयोग, थर्ड-पार्टी वॉलेट ट्रांजेक्शन, आईएमपीएस ट्रांसफर और एटीएम शुल्क से संबंधित हैं। आइए जानते हैं इन नियमों में क्या बदलाव हुए हैं और यह आपके लिए क्यों जरूरी है:

HDFC बैंक: क्रेडिट कार्ड खर्च पर लगेगा अतिरिक्त चार्ज

अगर आप एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड का उपयोग नीचे दिए गए मामलों में करते हैं, तो अब आपको अतिरिक्त चार्ज देना होगा:

गेमिंग ऐप्स (जैसे MPL, Dream11)

प्रति माह रू.10,000 से अधिक खर्च करने पर 1% से ज्यादा चार्ज लगेगा।

थर्ड-पार्टी वॉलेट (Paytm, Mobikwik, Freecharge, Ola Money)

रू.10,000 से अधिक लोडिंग पर 1% शुल्क।

फ्यूल ट्रांजेक्शन

रू.15,000 से ऊपर खर्च करने पर 1% अतिरिक्त चार्ज।

यूटिलिटी बिल पेमेंट (बिजली, पानी, गैस)

रू.50,000 से ज्यादा भुगतान पर 1% शुल्क।

ICICI बैंक: एटीएम और IMPS ट्रांजेक्शन के चार्ज में बदलाव

आईसीआईसीआई बैंक ने आईएमपीएस और एटीएम पर लगने वाले कुछ शुल्कों में बदलाव किया है। इसके बाद अगर आप अब अगर किसी दूसरे बैंक का इस्तेमाल करेंगे तो उस पर कुछ अतिरिक्त चार्ज देना होगा यानी मेट्रो शहरों में हर महीने तीन बार ट्रांजेक्शन फ्री मिलेगा जबकि छोटे शहरों में आपको पांच ट्रांजेक्शन तक फ्री दिया जाएगा। इसके बाद पैसे निकालने पर पहले जहां 21 रुपए लगते थे तो वहीं अब आपको 23 रुपए चार्ज के तौर पर देना होगा जबकि सिर्फ बैंलेंस चेक करते हैं या गैर वित्तीय काम करते हैं तो फिर उस पर 8.5 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज लगेगा।

इसके अलावा, आईएमपीएस यानी तत्काल सेवा के जरिए पैसे भेजने के ऊपर अब आपके ट्रांजेक्शन के हिसाब से चार्ज देना होगा। जैसे 1 हजार रुपए पर ढाई रुपए प्रति ट्रांजेक्शन, जबकि एक हजार से लेकर एक लाख तक के ऊपर 5 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन। वहीं एक लाख से लेकर पांच लाख तक के ऊपर 15 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा।

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