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कोरबा

अग्नि सुरक्षा से आगे बढ़कर योगदान दे रहे बालको के अग्निशमनकर्मी

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विश्व आघात दिवस पर बालको के अग्निशमनकर्मियों को जीवन रक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रबंधन ने किया सम्मानित

बालकोनगर। हर वर्ष 29 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व आघात दिवस आघात की रोकथाम एवं उपचार के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के असाधारण अग्निशमनकर्मियों ने अपनी उपलब्धियों से सहज ही अपनी ओर ध्यान आकर्षित किया। हालांकि विश्व आघात दिवस और अग्निशमनकर्मियों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं दिखाई देता। हालांकि इनमें महत्वपूर्ण और आंतरिक संबंध है जिससे यह प्रकट होता है कि बालको अपने आसपास के समुदाय की मदद करने के लिए दृढ़ संकल्प है। अग्निशमनकर्मी का नाम आते ही आग बुझाते और जलती इमारतों में फंसे लोगों को बचाते जीवन रक्षक की छवि उभरती है किंतु उनकी भूमिका इससे कहीं अधिक विस्तृत है। अग्निशमनकर्मी अनेक विधाओं में दक्ष होते हैं। वे आघात समेत विभिन्न चिकित्सकीय आपात स्थितियों को संभालने सहित सबसे पहले प्रतिक्रिया करने वाले पेशेवर होते हैं। आपात स्थिति में वक्त बेहद कीमती होता है और अग्निशमनकर्मियों को तेजी और निर्णायक ढंग से कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। भारत की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक बालको में अग्निशमनकर्मियों की समर्पित टीम है जो पूरी कुशलता से अपनी सेवाएं देती है। ये वीर पेशेवर संयंत्र की सुरक्षा के साथ आसपास के समुदायों की मदद करते हैं। बालको में वरिष्ठ शिफ्ट प्रभारी मनोज यादव ने बतौर अग्निशमनकर्मी अपने कैरियर की महत्वपूर्ण घटना का उल्लेख करते हुए बताया, ”उसलापुर रेलवे स्टेशन पर एक अप्रत्याशित घटना से मेरा सामना हुआ। एक बुजुर्ग अचानक होश खो बैठे। उनकी जिंदगी को खतरा था। मैं तब ड्यूटी पर नहीं था लेकिन एक अग्निशमनकर्मी होने के नाते मैं यूं ही खड़े रह कर यह होते नहीं देख सकता था। मैंने तुरंत कार्यवाही की। अपने प्रशिक्षण में सीखी तकनीकों को अमल में लाकर मैंने उन्हें सीपीआर दिया। एक प्रमाणित सीपीआर और फायर एड इंस्ट्रक्टर होने की वजह से इस घटना ने मुझे महसूस कराया कि अग्निशमनकर्मी के रूप में हमारी भूमिका अहम है। हमारा काम सिर्फ आग की लपटों का मुकाबला करना नहीं है बल्कि किसी भी आपात स्थिति पर प्रतिक्रिया के लिए हमें हरदम तैयार रहना है। हम ऐसे ही जोखिम में पड़ी जिंदगियों के लिए आशा की किरण बन सकते हैं। काम के प्रति अपने जुनून के बारे में मनोज ने बताया, चाहे आग हो या कोई चिकित्सकीय आपात स्थिति, संकट में पड़े लोगों की मदद कर आनंद की जो अनुभूति होती है वह मेरे काम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। जो भी जिंदगी हम बचाते हैं वह समाज सेवा के प्रति हमारी कटिबद्धता की परिचायक है। ऐसी दुर्घटनाएं समाज कल्याण की दिशा में बालको अग्निशमन विभाग की उत्कृष्टता को दर्शाती हैं। अग्निशमन के क्षेत्र में बालको में कार्यरत पेशेवर नवीन तकनीकों के प्रयोग संबंधी अनेक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन सत्रों में अग्निशमन के उन्नत तरीके और चिकित्सा संबंधी आधुनिक प्रतिक्रिया तकनीकें सिखाई जाती हैं। निरंतर उन्नत होते परिवेश में विकास के विभिन्न आयामों के प्रति जागरूकता महत्वपूर्ण है। अग्निशमन विभाग इस ज्ञान को अपने तक सीमित नहीं रखता बल्कि जन जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए समुदाय के लोगों तक जानकारी साझा की जाती हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों के तैयार रहने की संस्कृति को बढ़ावा देना और समुदाय की सुरक्षा इसका उद्देश्य है। बालको अग्निशमन विभाग का दृष्टिकोण है कि आगे बढ़कर सक्रियता से समुदाय को इस तरह आकार दिया जाए जहां सामाजिक पृष्ठभूमि और पेषे से परे इसके प्रत्येक सदस्य में दूसरों के जीवन की रक्षा में योगदान करने की संभावना और प्रेरणा विकसित हो। सुरक्षा और सेवाएं मिषन पर ध्यान केंद्रित कर विभाग नए साधनों और तकनीकों से सदैव परिचित रहता है। अग्नि सुरक्षा संस्कृति पर बालको अग्निशमन विभाग के पीताम्बर माझी ने बताया, अपने कैरियर में मैं आग लगने की अनेक घटनाओं और उससे हुई बर्बादी का गवाह रहा हूं। इन दुर्घटनाओं के विश्लेषण से मैंने जाना कि अक्सर लापरवाही की वजह से चिंताजनक अग्नि दुर्घटनाएं होती हैं। जागरुकता व तैयारियों की कमी से समुदाय को जान-माल का भयंकर नुकसान होता है। बालको में अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम हमारे चिंतन का केंद्रबिंदु है। दर्दनाक दुर्घटनाओं से बचने का यही श्रेष्ठ तरीका है। स्कूलों व समुदाय के बीच अग्निशमन प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन के जरिए हम जागरूकता के प्रसार में योगदान देते हैं ताकि आपात स्थितियों में बहुमूल्य जिंदगियां बचाई जा सकें। संयंत्र व टाउनशिप में अग्निशामक उपकरणों की नियमित जांच सुरक्षा सुनिश्चित करने का अहम हिस्सा है। हमारा मानना है कि शिक्षा एवं सक्रिय उपायों के साथ हम आग के जोखिम को काफी हद तक कम कर सभी के लिए सुरक्षित वातावरण बना सकते हैं। हमारा काम केवल आग बुझाना नहीं है बल्कि उससे भी ज्यादा जरूरी है आग की रोकथाम करना। अग्निशमन और आघात प्रतिक्रिया के बीच महत्वपूर्ण संबंध के जरिए बालको अग्निशमन विभाग की तकनीकी क्षमता और उपलब्धियां सामने आती हैं साथ ही इससे सामुदायिक कल्याण की दिषा में बालको के समग्र दृष्टिकोण का भी पता चलता है। सामुदायिक कल्याण हेतु बालको की प्रतिबद्धता स्वास्थ्य, शिक्षा, उन्नत कृषि, महिला सशक्तिकरण सहित कई क्षेत्रों में दिखाई देती है। समुदाय का चहुंमुखी विकास कंपनी की मान्यताओं के केंद्र में है। विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से बालको अपने प्रचालन क्षेत्रों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों तक पहुंच कर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में योगदान दे रहा है। विश्व आघात दिवस पर आघात की रोकथाम और वक्त पर प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है। इसके जरिए बालको के वीर अग्निशमनकर्मियों के योगदान को याद करना विषिष्ट अनुभव है। जरूरतमंदों की मदद और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का विस्तार कर बालको के अग्निशमनकर्मियों ने यह साबित किया है कि उनका दिल केवल साहस से स्पंदित नहीं होता है बल्कि समाज सेवा का संकल्प और दुर्घटना पीडि़तों के प्रति सहानुभूति उनके जज्बे को निरंतरता प्रदान करती है।

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कोरबा

विभिन्न मांगों को लेकर 24 दिसंबर को सीजीएम कार्यालय गेवरा में तालाबंदी करेंगे भूविस्थापित

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रीना अजय जायसवाल करेंगे नेतृत्व: कल तैयारी बैठक
कोरबा/गेवरा। 24 दिसंबर को कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल के नेतृत्व में भू विस्थापित बेरोजगार युवक सीजीएम कार्यालय एसईसीएल गेवरा में तालाबंदी करेंगे। एसईसीएल गेवरा खदान प्रभावित ग्राम भिलाई बाजार, बरभांठा, मुडिय़ानार, सलोरा, पंडरीपानी, नरईबोध, उमेंदी भांठा, केसला आदि ग्रामों में धारा 4 का प्रकाशन कर अधिग्रहण किया जाना है। आगामी दिनों में हजारों एकड़ जमीन से कोयला उत्खनन होगा। वर्तमान में बड़ी-बड़ी कंपनिया गेवरा खदान में नियोजित हैद्व जिसमें हजारों की संख्या में अन्य राज्य और अन्य जिलों से मजदूरों को मंगाकर काम कराया जा रहा है और स्थानीय भू विस्थापित युवक रोजगार मांगने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। भू विस्थापितों ने बताया इन ग्रामों से 100 युवकों को भी रोजगार इन कंपनियों ने नहीं दी है और क्षेत्र में एसईसीएल के खिलाफ जमकर आक्रोश है।
रीना अजय जायसवाल करेंगी नेतृत्व
24 दिसंबर को तालाबंदी करने की योजना भू विस्थापित युवकों ने बनायी है, जिसका नेतृत्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती रीना अजय जायसवाल करेंगी।
कल तैयारी बैठक

24 दिसंबर को होने वाली तालाबंदी में भू विस्थापित कल रणनीति तैयार करेंगे। इस बैठक में आधा दर्जन गांव के युवक एवं ग्रामीण शामिल होंगे और अजय जायसवाल के नेतृत्व में रणनीति तैयार की जाएगी।
इस तालाबंदी आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और तालाबंदी आंदोलन को सफल बनाने युवकों ने कमर कस ली है। एसईसीएल प्रबंधन की आंख खुलते तक भू विस्थापित युवक आंदोलन करते रहेंगे।

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कोरबा

श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न

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कोरबा । व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान के उडीसा प्रभारी उडीसा अध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल का कोरबा आगमन हुआ एवं उनके द्वारा कोरबा के ह्दय स्थल पर निर्मित श्री सप्तदेव मंदिर में आकर समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर उनका आर्शीवाद लिया गया। गोविन्द अग्रवाल के ’’ मुख्य आथित्य ’’ में श्री सप्तदेव मंदिर में कम्बल वितरण का कार्यक्रम किया गया एवं इस अवसर पर मंदिर में बडी संख्या में उपस्थित असहायों एवं साधु संतो व साध्वियों को उनके द्वारा कम्बल वितरित किया गया।

इस अवसर पर छ.ग. प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक मोदी, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति की प्रीति मोदी, श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल की अध्यक्षा सरला मित्तल उपस्थित थी जिनके गरिमामय उपस्थिति में कम्बल वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

गोविन्द अग्रवाल ने कोरबा के विशाल एवं भव्य श्री सप्तदेव मंदिर की प्रशंसा करते हुए उपस्थित समस्त भक्तजनों का आभार किया एवं श्री सप्तदेव मंदिर महिला मंडल, अखिल भारतीय मारवाडी महिला समिति एवं अशोक मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके द्वारा किये गये इस प्रकार के सेवा कार्यों से इस भीषण ठण्ड से काफी लोगो को राहत मिलेगी एवं इस प्रकार के कार्यो से लोगो को प्रेरणा भी मिलेगी।

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कोरबा

अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे जूनियर नरेन्द्र मोदी को मिला रनर अप का खिताब

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कोरबा । नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे कोरबा के जूनियर नरेन्द्र मोदी ने रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा नगर को गौरान्वित किया है।

विदित हो कि दिल्ली में बच्चों की अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा दिनॉक 15 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 8000 से अधिक बच्चो ने इस अंतर्राष्ट्रीय यू.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में नरेन्द्र मोदी जो कि कोरबा के प्रसिद्व व्यवसायी गौरव मोदी के सुपुत्र है ने भी भाग लिया जिसमे उसने रनर-अप ( द्वितीय) पुरस्कार का खिताब अपने नाम किया।

कोरबा नगर के लिये अत्यंत गौरव एवं गर्व की बात है कि इस अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा मे लगभग 8000 बच्चों के बीच रनर-अप का पुरस्कार प्राप्त कर जूनियर नरेन्द्र मोदी ने कोरबा नगर को गौरान्वित किया।

नरेन्द्र मोदी पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद एवं जूडो कराटे में भी रूचि रखते है एवं नरेन्द्र ने उक्त सभी में पुरस्कार प्राप्त कर सदैव कोरबा नगर को गौरान्वित किया है, उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय य.ूसी.एम.ए.एस. प्रतिस्पर्धा में रनर-अप पुरस्कार प्राप्त कर कोरबा आने पर नगरवासियों ने नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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