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कोरबा

कुसमुंडा खदान में डंपर पलट कर लगी आग, सरकारी गाड़ी में कोयला और डीजल चोर सवार थे, जलने से दोनों गंभीर

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कोरबा। आज करीब 12 बजे एसईसीएल कुसमुंडा में एक बड़ा हादसा हो गया। एक सरकारी खाली डंपर एसईसीएल कुसमुंडा खदान में कोयला लोड करने अंदर जा रही थी, तभी सडक़ से लगे मिट्टी डंप एरिया से सडक़ में उतरते समय एक डंपर पलट गयी और उसमें भीषण आग लग गई। पुष्ट सूत्रों ने जो जानकारी उपलब्ध करायी है, उसके मुताबिक डंपर को एसईसीएल कर्मी चला रहा था, जिसमें कथित रूप से कोयला तस्कर और खदानों से चोरी करने के लिए जिले में मशहूर सरगना बैठे हुए थे। बताया जा रहा है कि ड्राइव्हर ने कूद कर अपनी जान बचायी, जबकि सरकारी डंपर में बैठे दो लोग अभिषेक सिंह और अजय प्रसाद बुरी तरह से झूलस गए। बताया जा रहा है कि दोनों को गंभीर अवस्था में नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन के बीच हडक़ंप मचा हुआ है।

सरकारी गाड़ी में निजी व्यक्ति कैसे?

एसईसीएल कोयला खदान में मिट्टी निकालने में लगा हुआ एक डंपर खदान के अंदर घूसा, जिसमें एसईसीएल कर्मी डंपर आपरेट गाड़ी को चला रहा था, लेकिन इस सरकारी डंपर में कोयला तस्करी एवं डीजल तस्करी में जिले में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अभिषेक सिंह एवं अजय प्रसाद कैसे सवार थे, यह बड़ा सवाल है। क्या प्रबंधन इन दोनों को अवैध कार्यों के लिए संरक्षण देता है। इस घटना से बड़ा खुलासा हुआ है कि कोयला खदानों से कोयला एवं डीजल तस्करी में प्रबंधन का भी हाथ हो सकता है, नहीं तो सरकारी डंपर में ये दलाल खदान के अंदर कैसे घूसे?

खदानों में सुरक्षा पर सवालिया निशान?

डंपर में आग लगने के बाद इसमें दो निजी व्यक्ति झूलस गए। आनन फानन में इन दोनों गंभीर रूप से घायल दलालों / तस्करों को विभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बड़ी घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। आखिर ये दोनों व्यक्ति खदान के अंदर कैसे पहुंच गए, वह भी सरकारी डंपर में?

मामले को दबाने की कोशिश

समाचार लिखे जाने तक घटना की रिपोर्ट कुसमुंडा थाने में नहीं की गई है। यह एसईसीएल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है, कि सरकारी गाड़ी में खदान के अंदर निजी व्यक्ति को घूसने के लिए खुली छूट मिली हुई है। आखिर इस बड़ी घटना के लिए कौन जिम्मेदार है? आखिर इन व्यक्तियों को कौन से अधिकारी का वरदहस्त प्राप्त है। क्या प्रबंधन इसकी जांच करायेगा।

एसईसीएल में ये कैसा जनसंपर्क अधिकारी?

एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में सभी से सहजता और सुगमता से उपलब्ध होने वाले जनसंपर्क अधिकारी मिलिंद शहाणे के स्थानांतरण के बाद जनसंपर्क अधिकारी के रूप में सनिश चंद्र गुप्ता को प्रभार दिया गया है। ये अधिकारी जब से यहां पदस्थ हैं न तो फोन उठाते और ना ही कभी कॉल बेक करते। इनकी हठधर्मिता एवं कार्यशैली से ऐसी बड़ी घटनाओं में प्रतिक्रिया नहीं मिल पाती।

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कोरबा

कलश यात्रा के साथ श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ

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कोरबा। कोरबा के पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में 22 अक्टूबर को सुबह भव्य कलश यात्रा निकाली गई और इसके साथ श्रीमद् देवी भागवत का शुभारंभ हो गया। पंवार परिवार द्वारा 22 से 30 अक्टूबर तक संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा का आयोजन भूपेंद्र सिंह पंवार और श्रीमती विंध्यवासिनी पंवार द्वारा किया जा रहा है और आचार्य पंडित जनार्दन प्रसाद दुबे बरपाली वाले के श्रीमुख से आज 22 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कथा का वाचन किया जाएगा।


कथा का कार्यक्रम:

  • 22 अक्टूबर: कलश यात्रा और कथा का शुभारंभ
  • 23 अक्टूबर: हयग्रीव अवतार कथा और कौरव-पांडव उत्पत्ति कथा
  • 24 अक्टूबर: भुवनेश्वरी देवी कथा और देवी मंत्र महात्म्य कथा
  • 25 अक्टूबर: वृत्तासुर कथा और वृत्ततनिहन्ति देवी कथा
  • 26 अक्टूबर: सरस्वती पूजन और हैहयवंशी राजाओं की कथा
  • 27 अक्टूबर: भगवान श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन
  • 28 अक्टूबर: श्री दुर्गा देवी कथा और देवी के अन्य अवतारों की कथा
  • 29 अक्टूबर: सदाचार वर्णन और गायत्री मां की महिमा
  • 30 अक्टूबर: गीता पाठ, तुलसी वर्षा, कपिला तर्पण, सहस्त्रधारा, कुमारी भोजन, ब्राह्मण भोजन और विसर्जन
    आयोजक परिवार:
  • पंवार परिवार ने नगरवासियों से इस कथा में शामिल होने और पुण्य लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।

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कोरबा

इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स-सब्सिडी नहीं मिल रही:कोरबा में वाहन खड़े होने से आजीविका प्रभावित, कंपनी ने दिया समाधान का आश्वासन

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कोरबा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो चालकों को पार्ट्स की कमी और सब्सिडी मिलने में देरी के कारण बड़ी परेशानी हो रही है। इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है और कई ऑटो खड़े हो गए हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर टीपी नगर स्थित जिला ऑटो संघ कार्यालय में बुधवार को बैठक हुई।

परसाभाठा बालको क्षेत्र के इलेक्ट्रिक ऑटो चालक त्रिलोक साहू ने बताया कि उन्होंने महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदा था, लेकिन पिछले तीन सालों से उन्हें वाहन के पार्ट्स नहीं मिल पा रहे हैं। उनके अनुसार, 500 रुपए का अग्रिम भुगतान करने के बावजूद भी आवश्यक पुर्जे अब तक नहीं मिले हैं। जिससे उनका ऑटो खड़ा है।

सब्सिडी के लिए लगाने पड़ रहे चक्कर

एक अन्य ऑटो चालक अमित कुमार प्रजापति ने बताया कि उन्हें ऑटो लिए तीन साल हो चुके हैं। एजेंसी की ओर से सब्सिडी के रूप में 30,000 से 32,000 रुपए की छूट का आश्वासन दिया गया था, जो अब तक नहीं मिली है। सब्सिडी के लिए उन्हें लगातार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

समस्याओं का निराकरण का आश्वासन

जिला ऑटो संघ के सदस्य श्याम दास गुरु ने बताया कि चालकों की समस्याओं को सुनने के बाद महिंद्रा कंपनी के संबंधित मैनेजर और अधिकारियों से बातचीत की गई है। कंपनी ने चालकों को समय पर पार्ट्स उपलब्ध कराने और सब्सिडी की सुविधा देने पर सहमति जताई है, और जल्द ही इन समस्याओं का निराकरण होने का आश्वासन दिया है।

इस मामले में महिंद्रा कंपनी के मैनेजर वीरेंद्र पाटिल ने कॉल पर बताया कि सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और चालकों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। कोरबा जिले में इलेक्ट्रिक ऑटो की शुरुआत लगभग 2022 में हुई थी।

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कोरबा

एक महीने से लापता ग्रामीण का जंगल में कंकाल मिला:कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट बेटे को देखने आया था, फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

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कोरबा। कोरबा के श्यांग थाना क्षेत्र के सोलवा गांव में एक महीने से लापता 38 वर्षीय सुखसागर का कंकाल जंगल में मिला है। सुखसागर 18 सितंबर से लापता था, जिसकी तलाश परिजन कर रहे थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

मृतक के भाई लक्ष्मी नारायण चौहान ने बताया कि 15 सितंबर को सुखसागर के बेटे का बाइक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे। उसे जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। एक्सीडेंट की सूचना पर 18 सितंबर को सुखसागर भी अस्पताल पहुंचा था।

अस्पताल में बेटे को देखने के बाद सुखसागर ने घर लौटने की बात कही, लेकिन वह घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन जब वह नहीं मिला तो इसकी सूचना श्यांग थाना पुलिस को दी गई।

लापता होने के बाद शुरू हुई तलाश

पुलिस के अनुसार, सूचना के बाद परिजन-रिश्तेदार और आसपास के लोग उसकी तलाश में जुटे हुए थे। एक महीने बाद गांव से लगे जंगल में एक पेड़ के नीचे नरकंकाल मिलने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की।

फांसी लगाकर आत्महत्या की आशंका

घटनास्थल पर एक गमछा और कुछ कपड़े मिले, जो पेड़ पर बंधे हुए थे और नीचे कंकाल पड़ा था। परिजनों को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने कपड़ों के आधार पर नरकंकाल की पहचान सुखसागर के रूप में की।पुलिस को आशंका है कि सुखसागर ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या की होगी।

पारिवारिक तनाव से था परेशान

इसी आधार पर आगे की जांच की जा रही है। परिजनों ने बताया कि सुखसागर खेती-किसानी का काम करता था और उसके चार बच्चे हैं, जिनमें से बड़े बेटे का एक्सीडेंट हुआ था। वह पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था, लेकिन पूछने पर कभी कुछ नहीं बताता था।

फोरेंसिक टीम कर रही जांच

इस मामले में श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है।

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