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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को अब केंद्र के बराबर डीए

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5 लाख अफसर-कर्मचारियों को फायदा

रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के डीए (महंगाई भत्ते) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। इसकी बढ़ोतरी को लेकर निर्वाचन आयोग ने बुधवार को स्वीकृति जारी कर दी है। इस अनुमति के बाद प्रदेश के करीब 5 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों व पेंशनधारियों को इसका फायदा मिलेगा। दरअसल, प्रदेश में कई कर्मचारी संगठन लगातार डीए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि केंद्र के बराबर उन्हें महंगाई भत्ता मिलना चाहिए। अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि राज्य कर्मचारियों का 42 फीसदी ही है। 4 प्रतिशत डीए के अनुसार वित्तीय लाभ श्रेणी वेतनमान प्रथम श्रेणी 3800 से 5000 द्वितीय श्रेणी 2500 से 3500 तृतीय श्रेणी 1800 से 2200 चतुर्थ श्रेणी 1000 से 1600 कुल शासकीय सेवक 3.80 लाख

कर्मचारी संगठनों ने जताई खुशी

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कार्यालय मंत्री पंकज पांडेय ने कहा 4 प्रतिशत डीए बढऩे से कर्मचारी और अधिकारी वर्ग खुश है। इससे पहले राजस्थान और अन्य राज्य के कर्मचारियों का डीए बढ़ गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों नही बढ़ा जिससे कर्मचारियों में मायूसी थी। आचार संहिता के कारण निर्वाचन आयोग से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अनुमति की मांगी थी। कर्मचारियों को जो आशा थी कि दीपावली में हमें डीए मिल जाएगा, लेकिन नहीं मिला। भारत निर्वाचन आयोग ने अनुमति दे दी है। कर्मचारियों में खुशी की भावना है इसके लिए हम धन्यवाद प्रेषित करते हैं

पूर्व सीएम रमन सिंह ने जताया आभार

इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने X पर अपने पुराने पोस्ट को शेयर करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा कि माननीय छत्तीसगढ़ निर्वाचन अधिकारी आपका बहुत आभार और धन्यवाद। उन्होंने लिखा कि, आपने हमारे छत्तीसगढ़ के अधिकारियों व कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखकर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महंगाई भत्ते में वृद्धि से अब प्रशासन की सेवा में समर्पित सभी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, आप सभी को बहुत शुभकामनाएं। आपको बता दें कि अपने जिस पोस्ट को पूर्व सीएम ने कोट किया वह 2 नवंबर का है जिसमें उन्होंने इसकी मांग करते हुए लिखा था कि हमारे छत्तीसगढ़ के कर्मचारी सतत् प्रशासन की सेवा में समर्पित रहते हैं, उनकी निष्ठा को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए /डीआर प्रदान किया जाना चाहिए।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : गर्मी के मौसम में मूंगफली की खेती बनी किसानों के लिए लाभदायक विकल्प

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गर्मी के मौसम में

धान के बदले मूंगफली की फसल से जशपुर के किसान कमा रहे ज्यादा मुनाफा

रायपुर। जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के  बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।

किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।

गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।

किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : मुख्यमंत्री साय ने ‘चिंतन शिविर 2.0’ को बताया नीति-निर्माण का सशक्त मंच

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आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।

आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।

आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव श्री रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने किया ‘सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह’ का निरीक्षण

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महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है : श्रीमती राजवाड़े

रायपुर।

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने किया 'सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह' का निरीक्षण

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बिलासपुर में स्थित गैर शासकीय संस्था सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह (विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिशु गृह में निवासरत बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और संस्था द्वारा प्रदान की जा रही देखभाल सुविधाओं की जानकारी ली।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के साथ समय बिताया और कहा, इन मासूम चेहरों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। ये बच्चे हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी हैं, और उनके सुरक्षित, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्था द्वारा बच्चों के संरक्षण, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण योग्य बच्चों के लिए कार्यरत ऐसी संस्थाएं समाज में सकारात्मक बदलाव की आधारशिला हैं।

सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह, एक मान्यता प्राप्त विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी है, जो परित्यक्त, अनाथ और असहाय बच्चों को आश्रय, देखभाल और सुरक्षित गोदन प्रक्रिया के माध्यम से नया परिवार प्रदान करती है। संस्था में बच्चों की उम्र के अनुसार पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी संस्थाओं को समय-समय पर तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जाए ताकि बच्चों को बेहतर जीवनशैली मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी, संवेदनशील और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई के सदस्य एवं संस्था की संचालिका सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने मंत्री को संस्था की कार्यप्रणाली एवं वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

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