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कोरबा

भू-अर्जन की प्रक्रिया में प्रभावित ग्रामीणों के परिसंपत्तियों के मूल्यांकन और मुआवजा भुगतान में आएगी पारदर्शिता

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गाँव के मूल निवासियों को मिलेगा लाभ
मुआवजा के लिए शासकीय और निजी भूमि में परिसंपत्तियों का निर्माण पर लगेगी रोक और शासन को होगा लाभ
एसईसीएल प्रभावित क्षेत्रों में परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण तथा भुगतान के संबंध में दिशा निर्देश जारी
कलेक्टर ने एसईसीएल महाप्रबंधकों को निर्देशानुरूप कार्यवाही सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
कोरबा।
भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनियाँ एस.ई.सी.एल. कोरबा, गेवरा, कुसमुण्डा एवं दीपका विस्तार परियोजना अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में खनन व उससे संबंधित गतिविधियों के लिए अर्जन की प्रक्रिया कोल बियरिंग एक्ट 1957 के तहत पूर्ण की जाती है। उक्त कंपनियों द्वारा कोल बियरिंग एक्ट के अधीन अर्जित क्षेत्रों में धारा 9 (1) के प्रकाशन के बाद भूमि का मुआवजा निर्धारित किया जाता है किन्तु परिसम्पत्तियों का मुआवजा निर्धारण काफी विलम्ब से किया जाता है। इसके कारण दो प्रकार की परिस्थितयॉ निर्मित होती है। जिसमें गांव के मूल निवासियों की परिसम्पत्तियों के मूल्यक्षय होने के कारण उन्हें प्राप्त होने वाले कुल मुआवजे में कमी होती है। कुछ व्यक्तियों द्वारा सिर्फ मुआवजा प्राप्ति के लिए शासकीय एवं निजी भूमि पर परिसम्पत्तियों का निर्माण किया जाता है। इस संबंध में कलेक्टर अजीत वसंत ने एसईसीएल कोरबा, गेवरा,कुसमुंडा, दीपका के महाप्रबंधकों को पत्र जारी कर एसईसीएल प्रभावित क्षेत्रों में परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण तथा भुगतान के संबंध में 11 बिंदुओं के दिशा निर्देश जारी कर पालन सुनिश्चित करने कहा है। कलेक्टर द्वारा जारी इस दिशा निर्देश से वे किसान, मूल निवासी जिनकी भूमि का अधिग्रहण हो रहा है उनकी परिसंपत्तियों का सही मूल्य निर्धारण हो सकेगा और कुछ व्यक्तियों द्वारा जो सिर्फ मुआवजे के लिए शासकीय और निजी भूमि पर परिसंपत्तियों का निर्माण करते हैं ऐसे लोगो पर अंकुश लगने के साथ ही शासन की बड़ी राशि की बचत भी होगी।
कलेक्टर श्री वसंत द्वारा जारी निर्देश के तहत प्रथम बिन्दु जहां भूमि अर्जन एंव पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की मूल भावना के विपरीत है, वही दूसरे बिन्दु के कारण न केवल शासन पर वित्तीय भार का सृजन होता है बल्कि छत्तीसगढ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के पत्र क्रमांक/2801/ 2024/ सात-1 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 14.10.2024 की मंशा के विरूद्ध है।
इस हेतु कलेक्टर अजीत वसंत ने एस.ई.सी.एल. प्रभावित क्षेत्रों में अर्जन की प्रक्रिया तेज करने तथा आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण के कारण मुआवजे में गड़बड़ी की शिकायतें, जो ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर की जाती है, की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एस.ई.सी.एल. प्रभावित क्षेत्रों में भूमि एवं परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण, मुआवजा के निर्धारण एवं भुगतान हेतु निर्देश जारी किया गया है। जिसके अंतर्गत कोल बियरिंग एक्ट 1957 की धारा 4 (1) के प्रकाशन के तत्काल पश्चात परिसम्पत्तियों का सैटेलाईट इमेज/ड्रोन सर्वेक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार अर्जित क्षेत्र में जिन ग्रामों की भूमि का मुआवजा निर्धारित नहीं किया गया, वहां भूमि अर्जन एवं पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की अनुसूची – एक के तहत भूमि एवं परिसम्पत्तियों के मुआवजे का निर्धारण एक साथ किया जाएगा। भविष्य में अर्जित होने वाले क्षेत्रों में भूमि एवं परिसम्पत्तियों के मुआवजा का निर्धारण साथ-साथ किया जाएगा।
सैटेलाईट इमेज/ड्रोन सर्वेक्षण के तत्काल पश्चात उसकी एक कॉपी जिला प्रशासन को इसके अलावा संबंधित तहसील, थाना तथा नगरीय निकाय/पंचायत को अनिवार्यतः उपलब्ध कराया जाए। कोल बियरिंग एक्ट 1957 की धारा 9 (1) के प्रकाशन के तत्काल पश्चात परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण प्रारंभ किया जाये, जिसमें परिवार सर्वेक्षण भी सम्मिलित हो। परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण का कार्य अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा एसईसीएल के कर्मचारियों को सम्मिलित करते हुए गठित सयुक्त टीम द्वारा किया जाये। परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण के समय परिसम्पत्तियों का हैण्ड होल्डिंग जी.पी.एस. उपकरण के माध्यम से जी. पी. एस. प्वाईंट लेकर जियोटेगिंग प्रत्येक सम्पत्ति का किया जाये। यदि परिसम्पत्ति का निर्माण ड्रोन सर्वे के बाद किया गया है, तो परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण किया जाये किन्तु मीजरमेंट बुक में मुआवजा जीरो कर संयुक्त टीम द्वारा हस्ताक्षरित किया जाए। परिसम्पत्तियों का सर्वेक्षण परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम पर करने के स्थान पर यथा संभव भूमि स्वामी के नाम पर किया जाए। शासकीय भूमि पर कई परिसम्पत्तियों का निर्माण सिर्फ मुआवजा प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है। उन परिसम्पत्तियों पर न कोई निवासरत रहता है और न ही कोई उपयोग किया जाता है, ऐसी परिसम्पत्तियों के सर्वेक्षण के समय परिसम्पत्तियों के स्वामी ( Claimant ) से ऐसे दस्तावेज प्राप्त किये जाए, जिससे यह प्रमाणित हो कि परिसम्पत्ति उसी की है। परिसम्पत्तियों के मुआवजा वितरण के समय प्रत्येक परिसम्पत्ति का विनष्टीकरण करने के पर्व तथा पश्चात जीपीएस आधारित जियो टैग फोटो वीडियोग्राफी की जाए। परिसम्पत्तियों के विनष्टीकरण के पूर्व गणना पत्रक के साथ उक्त परिसम्पत्ति का भौतिक सत्यापन किया जाए। भौतिक सत्यापन कर मिलान किया जाए कि परिसम्पत्ति के मुआवजा की गणना मेजरमेंट के अनुसार हैं या नहीं।
कलेक्टर ने एसईसीएल कोरबा, गेवरा, कुसमुंडा दीपका के महाप्रबंधक को निर्देशों के अनुरूप त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने निर्देशित किया है।

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कोरबा

प्रांतीय वैदिक महोत्सव का हुआ शुभारंभ

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कोरबा। 26 सितंबर को सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीएसईबी कोरबा (पूर्व) में विद्या भारती द्वारा भैया/बहनों के लिए आयोजित प्रांतीय वैदिक महोत्सव का शुभारंभ विधिवत् सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार किया गया।
इस गरिमामय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोरबा नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय की उपस्थिति रही। अध्यक्षता विद्या भारती मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जुड़ावन सिंह का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजित कार्यक्रम में अन्य पदाधिकारी के रूप में सरस्वती शिक्षा समिति के अध्यक्ष नान भाई पटेल, व्यवस्थापक जोगेश लांबा, वनांचल सेवा न्यास समिति के सचिव चंद्र किशोर श्रीवास्तव, प्रांत संयोजक अनिल शर्मा, क्षेत्रीय सहसंयोजक प्रेमलाल पटेल, कोरबा विभाग समन्वयक दीपक सोनी, समन्वयक सूर्य कुमार पांडे, पूर्व व्यवस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार विकास जोशी, विभिन्न विभागों से आए हुए प्राचार्य-प्रधानाचार्य, आचार्य-आचार्या, स्थानीय विद्यालय के कार्यक्रम प्रभारी एवं प्रतिभागी भैया-बहनों की उपस्थिति रही।
इस आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव में 18 विधाओ की प्रतियोगिता सम्मिलित की गई। जिसमें रंगोली, चित्रकला, निबंध, स्वरचित कविता, प्रश्न मंच, मूर्ति कला, गीता पाठ, वंदे मातरम गायन, व्यक्तिगत गीत, एकल भजन, एकल अभिनय, आचार्य पत्र वाचन, तात्कालिक भाषण, मानस प्रथमाक्षरी, कथा कथन एवं तबला वादन से संबंधित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मुख्य अतिथि द्वारा विद्या भारती से आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव की प्रशंसा करते हुए इस डिजिटल युग में भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का एकमात्र श्रेय सरस्वती शिशु मंदिर को दिया गया। यह महोत्सव 26 से 28 सितंबर तक आयोजित होगा। इस सांस्कृतिक महोत्सव का मूल उद्देश्य हमारे भैया/बहनों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का श्रेष्ठतम प्रयास रहा है। अंत में इस आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उपस्थित अतिथियों का आभार प्रदर्शन करते हुए संपन्न किया गया।

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कोरबा

कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में प्रस्तावित 660×2 मेगावाॅट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना हेतु इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से हुआ ऋण अनुबंध

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कोरबा। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की महत्वाकांक्षी 2×660 मेगावॉट क्षमता की कोरबा सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी द्वारा इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से 12,640 करोड़ रुपये का ऋण अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना कार्य का आरंभ मार्च 2025 में किया गया था। बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, अध्यक्षगण सुबोध कुमार सिंह, डाॅ. रोहित यादव, प्रबंध निदेशकगण एस.के. कटियार, आर.के.शुक्ला, भीम सिंह कंवर भी उपस्थित थे। इस कार्य को गति देने के लिये वित्त व्यवस्था का कार्य तेजी से किया जा रहा था, जिसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली और ऋण अनुबंध निष्पादित किया गया। इसमें पाॅवर कंपनी की ओर से संदीप मोदी, कार्यपालक निदेशक (वित्त) एवं सी.एल. नेताम कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एवं आईआरएफसी की ओर से नव गोयल (महाप्रबंधक) द्वारा रायपुर में शुक्रवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। लंबी अवधि एवं कम दरों पर प्राप्त ऋण से परियोजना को वित्तीय स्थिरता प्राप्त होगी एवं परियोजना को समय पर पूर्ण करने में मदद मिलेगी जिससे अंततः प्रदेश की जनता को फ़ायदा होगा।
इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा जनरेशन कंपनी के अध्यक्ष डॉ. रोहित यादव द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई व देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु हर संभव प्रयास करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की गई।

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कोरबा

कैबिनेट मंत्री ने रामलीला आयोजन की तैयारियों का लिया जायजा-पहुंचे ओपन थियेटर मैदान

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28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक ओपन थियेटर मैदान घंटाघर में होगा भव्य रामलीला का आयोजन
कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योग, वाणिज्य, श्रम, आबकारी व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री सह नगर विधायक लखनलाल देवांगन ने घंटाघर ओपन थियेटर मैदान स्थित रामलीला स्थल पहुंचकर रामलीला आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होने भव्य रामलीला आयोजन हेतु की जा रही तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। इस मौके पर महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी, वरिष्ठ पार्षद अशोक चावलानी, नरेंद्र पाटनवार, आकाश श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी अखिलेश शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत की पहल पर पहली बार भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक घंटाघर स्थित ओपन थियेटर मैदान में किया जाएगा, यह आयोजन प्रतिदिन सायं 07 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक होगा, जिसमें बनारस की प्रसिद्ध रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का मनमोहक मंचन किया जाएगा, साथ ही आयोजन में भव्य लेजर शो से रामायण का प्रदर्शन व भव्य आतिशबाजी तथा रावण दहन का कार्यक्रम भी रखा गया है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन घंटाघर पहुंचे तथा रामलीला स्थल की तैयारियों का अवलोकन किया। उन्होने इस मौके पर तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

  • तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
    रामलीला तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके तहत मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, राम दरबार मंच, दर्शक दीघा, मंच संचालन, बेरिकेटिंग, डेकोरेशन एवं लाईटिंग व विद्युत व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, प्रसाद वितरण व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई सहित अन्य विभिन्न व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
  • विविध तिथियों में होंगे विभिन्न कार्यक्रम
    भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला का आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक किया जाएगा, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 सितंबर को पुष्पवाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, रामतिलक प्रसंग, मंथरा कैकेई संवाद, 29 सितंबर को रामबन गमन, केंवट प्रसंग, दशरथ देवलोक गमन, भरत मिलाप, 30 सितंबर को पंचवटी प्रसंग, सीताहरण, राम हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मैत्री, बाली वध, अशोक वाटिका प्रसंग एवं लंका दहन, 01 अक्टूबर को सेतुबंध, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ रावण वध व राज्याभिषेक तथा अंतिम दिवस 02 अक्टूबर को लेजर शो में रामायण प्रदर्शन, आतिशबाजी एवं रावण दहन के कार्यक्रम रखे गए हैं।

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