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कोरबा

प्रदेश गठन की 25वीं वर्षगांठ : कोरबा की औद्योगिक उड़ान की 25 साल की यात्रा

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हर हाथ को हुनर, हर विचार को अवसर व हर सपने को दिशा के उद्देश्य  से औद्योगिक यात्रा की ओर बढ़ा रहा कदम

योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, शासन की उद्योग अनुकूल नीतियों से जिले में स्वरोजगार व उद्योगों के क्षेत्र में आई क्रांति’

कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के साथ वर्ष 2000 में विकास की एक नई यात्रा का प्रारंभ हुआ। इस यात्रा में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, कोरबा ने बीते 25 वर्षों में स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देने, स्वरोजगार को बढ़ावा देने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। रजत जयंती वर्ष (2025) का अवसर उस विकास यात्रा का साक्षी है, जिसमें कोरबा जिले ने औद्योगिक और स्वरोजगार क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
स्थापित उद्योगों की सशक्त वृद्धि
कोरबा जो कभी सिर्फ ऊर्जा नगरी के नाम से जाना जाता था, आत्मनिर्भर भारत और मजबूत छत्तीसगढ़ बनाने के उद्देश्य से जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कोरबा द्वारा स्वरोजगार और उद्योगों के क्षेत्र में क्रांति लाई।  वर्ष 2000 के दौरान  जिले में केवल 57 स्थापित उद्योग पंजीकृत थे। समय के साथ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और शासन की उद्योग अनुकूल नीतियों के फलस्वरूप यह संख्या वर्ष 2025 तक बढ़कर 391 उद्योगों तक पहुँच गई है। यह केवल आँकड़ा नहीं है, यह सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी, हजारों सपनों की उड़ान, और एक जिले की सामूहिक प्रगति की कहानी है। यह वृद्धि न केवल स्थानीय आर्थिक विकास को दर्शाती है, बल्कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने में भी सहायक रही है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम  – स्वरोजगार की दिशा में मजबूत कदम
वर्ष 2000 में इस योजना के अंतर्गत कोई भी लाभार्थी नहीं था, लेकिन वर्ष 2025 तक 451 हितग्राहियों को योजना के तहत बैंक ऋण के माध्यम से सहायता प्राप्त हुई। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (पीएमईजीपी) का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है, जिससे वे अपने स्वयं के सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित कर सकें। इससे न केवल आत्मनिर्भरता को बल मिला, बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियाँ भी सशक्त हुईं।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना  से मिली खाद्य प्रसंस्करण में नई दिशा
कोरबा की पहचान अब केवल कोयला और बिजली से बढ़कर खाद्य उत्पादों तक पहुँच गई है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के अंतर्गत राज्य गठन के समय हितग्राहियों की संख्या निरंक थी, वर्ष 2025 तक 30 लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई। इस योजना के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर पारंपरिक खाद्य उत्पादों को आधुनिक प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से बढ़ावा दिया गया। बैंक से ऋण सहायता और क्रेडिट लिंक्ड पूंजी अनुदान के माध्यम से इन इकाइयों की स्थापना हुई, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लघु खाद्य उद्योगों का विकास हुआ।
ये सिर्फ योजनाएँ नहीं, बदलाव की दिशाएँ हैं
विभाग की इन योजनाओं के जरिए आम लोगों की जिंदगी  में बदलाव आया है। अनेक बेरोजगार युवा अब उद्यमी है, महिलाएं अब अपने ब्रांड चला रही हैं, शहर के साथ साथ गाँवों में भी उद्योगों की नींव रखी जा चुकी है। रजत जयंती वर्ष न केवल बीते समय की उपलब्धियों को देखने का अवसर है, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए नई ऊर्जा और नई योजनाएं बनाने का भी समय है। प्रदेश गठन की रजत जयंती पर कोरबा जिले की यह उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि योजनाओं के  सही दिशा में क्रियान्वयन होने से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों को सशक्त किया जा सकता है। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र  कोरबा आगामी वर्षों में भी जिले के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु हर हाथ को हुनर, हर विचार को अवसर एवं हर सपने को दिशा की लक्ष्य के साथ औद्योगिक यात्रा की ओर अग्रसर रहेगा।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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