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कोरबा

आपातकाल की 50वीं बरसी: इंदिरा ने कुर्सी बचाने संविधान कुचला, लोकतंत्र को तानाशाही में बदला: शिवरतन शर्मा

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कोरबा। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दर्ज सबसे काले अध्याय,आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और इंदिरा गांधी के उस निर्णय की कड़ी आलोचना की है, जिसे लोकतंत्र की हत्या और संविधान की आत्मा कुचलने वाला बताया गया। भारतीय जनता पार्टी कोरबा के द्वारा मंगलवार को कोरबा प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित एक विस्तृत प्रेसवार्ता में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिर्फ आपातकाल नहीं लागू किया था, बल्कि पूरे संविधान और लोकतंत्र को रौंदने का काम किया था। यह कोई युद्धकालीन आवश्यकता नहीं, बल्कि उनकी कुर्सी बचाने की बौखलाहट थी। वही श्री शर्मा ने कहा कि 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को निर्वाचित चुनाव में दोषी ठहराते हुए अयोग्य करार दिया, जिससे घबराकर उन्होंने 25 जून को देश पर आपातकाल लोगो पर थोप दिया। यह फैसला ना तो देशहित में था और ना ही किसी आपदा की मांग थी। यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री द्वारा लोकतंत्र की नींव को हिलाने का षड्यंत्र था। वही संविधान की आत्मा को रौंदा गया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीनी गई। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने 39वें और 42वें संविधान संशोधनों के माध्यम से संविधान की मूल आत्मा पर आघात किया। प्रधानमंत्री और शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से बाहर कर देना तानाशाही मानसिकता का परिचायक था। न्यायपालिका की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार और प्रेस की आज़ादी सभी पर एकसाथ हमला हुआ। वही श्री शर्मा ने कहा कि जो लोग आज संविधान बचाओ का नारा दे रहे हैं, वही इतिहास में संविधान को सबसे ज़्यादा रौंदने वाले हैं। आपातकाल के दौरान संजय गांधी जैसे गैर-संवैधानिक व्यक्ति नीतियां बनाने लगे। वही एमआईएसए जैसे काले कानून के तहत एक लाख से अधिक लोगों को बिना मुकदमे के जेलों में ठूंसा गया। जिनमें जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे राष्ट्रपुरुष शामिल थे।

शाह आयोग ने आपातकाल को बताया था राजनीतिक षड्यंत्र

शिवरतन शर्मा ने कहा कि 1978 में शाह आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख था कि आपातकाल थोपने का कोई संवैधानिक आधार नहीं था। इसे सिर्फ सत्ता बचाने के लिए लागू किया गया था। लेकिन 1980 में सत्ता में लौटते ही पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने उस रिपोर्ट को ही नष्ट करवा दिया। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया तक को भंग कर दिया ताकि सेंसरशिप की सच्चाई उजागर न हो सके।

आज भी ‘राहुल-प्रियंका’ के इर्द-गिर्द घूम रही कांग्रेस

भाजपा प्रवक्ता ने वर्तमान कांग्रेस पार्टी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आज की राजनीति भी उसी तानाशाही सोच पर आधारित है। आज सत्ता में न रहने पर कांग्रेस लोकतंत्र पर खतरे की बात करती है, लेकिन जब सत्ता में होती है तो प्रेस, न्यायपालिका और संस्थागत स्वतंत्रता को कुचलने से पीछे नहीं हटती। राहुल गांधी जो गरीबों की बात करते हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि उनकी दादी ने तुर्कमान गेट पर उन्हीं गरीबों पर गोलियां चलवाई थीं।

25 जून को लोकतंत्र संगोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन

प्रेसवार्ता में जानकारी दी गई कि आपातकाल की 50वीं बरसी (25 जून 2025) को कोरबा में एक विशेष लोकतंत्र संगोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आपातकाल के काले पक्ष जैसे प्रेस सेंसरशिप, मानवाधिकार हनन, राजनीतिक दमन और संस्थागत नियंत्रण को प्रदर्शित किया जाएगा। इस दिन को लोकतंत्र के पुनर्स्मरण और जनजागरण के रूप में मनाया जाएगा। वही प्रेसवार्ता के दौरान मंच पर कई प्रमुख जनप्रतिनिधि व भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे। जिनमें नगर निगम महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, पार्षद नरेंद्र देवांगन, वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योति नंद दुबे, पार्षद हितानंद अग्रवाल, सह मीडिया प्रभारी पवन सिन्हा व अन्य उपस्थित रहे।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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कोरबा

ईएमटी पद हेतु अनंतिम मेरिट सूची जारी

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दावा आपत्ति 31 दिसंबर तक आमंत्रित

कोरबा। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा के द्वारा जिला खनिज न्यास मद अंतर्गत 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस हेतु इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन ;ईएमटी के 14 पदों हेतु पात्र/अपात्र सूची प्रकाशन कर दिनांक 28.11.2025 को सायं पांच बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी।
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कोरबा से प्राप्त जानकारी अनुसार दावा आपत्ति निराकरण पश्चात् दावा अपत्ति निराकरण सूची एवं अंनंतिम मेरिट सूची कार्यालयीन सूचना पटल पर चस्पा तथा कोरबा जिले के शासकीय वेबसाईट www.korba.gov.in  मे सर्व संबंधितों के अवलोकनार्थ एवं दावा आपत्ति हेतु अपलोड़ कर दिया गया है। अनंतिम मेरिट सूची के समस्त कॉलमों का उम्मीद्वारों द्वारा सूक्ष्म अवलोकन कर दावा आपत्ति कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कोरबा में 31 दिसंबर 2025 समय 5ः00 बजे तक मय आवश्यक दस्तावेज सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।

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कोरबा

26 दिसम्बर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस

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स्कूल कॉलेजों में  विद्यार्थियों को सम्मिलित कर विविध गतिविधियां होंगी आयोजित

कोरबा। भारत सरकार द्वारा 26 दिसम्बर को दसवें सिक्ख गुरु गोविन्द सिंह  के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत को राष्ट्रीय दिवस घोषित करते हुए 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त शहादत दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर विद्यालयों/महाविद्यालयों में विविध गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए है। स्कूल -कॉलेज  के विद्यार्थियों को सम्मिलित करते हुए बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह के  शहादत की स्मृति में भाषण प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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