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छत्तीसगढ़

पत्नी ने ईसाई धर्म अपनाया तो पति ने लगाई फांसी:दीवार पर लिखा सुसाइड नोट; ससुरालवालों पर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने का जिक्र

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बालोद,एजेंसी। री पत्नी राकेश्वरी देवांगन अक्सर मुझसे विवाद करती है और बच्चों को छोड़कर मायके चली जाती है। वो ईसाई धर्म अपना चुकी है। इसे लेकर मुझे आपत्ति है। उचित कार्रवाई की जाए।

ये लाइन बालोद के एक युवक ने मरने से पहले थाने में शिकायत पत्र में लिखी थी। युवक के ससुराल पक्ष वाले उस पर धर्मांतरण का दबाव बना रहे थे। इससे तंग आकर युवक ने फांसी लगा ली। पूरा मामला अर्जुंदा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान गजेंद्र उर्फ सूरज देवांगन (35 साल) के रूप में हुई है। सूरज ने मरने से पहले कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें प्रताड़ित करने का जिक्र है। सूरज ने अपनी पत्नी, सास और ससुर पर आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने धर्मांतरण से जुड़े आरोप का खंडन किया है।

ये सुसाइड नोट सूरज के कमरे से बरामद हुआ है।

ये सुसाइड नोट सूरज के कमरे से बरामद हुआ है।

शिकायत लेकर थाने भी गया था

आत्महत्या से पहले सूरज अर्जुंदा पुलिस थाने भी गया था। उसने अपनी पत्नी के खिलाफ प्रताड़ना और धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। लेकिन तब पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

सूरज ने अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली।

सूरज ने अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली।

पुलिस ने कहा- धर्मांतरण के दबाव की बात गलत

पुलिस विभाग के अनुविभागीय अधिकारी देवांश राठौर ने धर्मांतरण से जुड़े आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति सूरज को 50 हजार रुपए के लिए परेशान कर रहा था। इस बात का जिक्र उसने दीवार पर लिखे सुसाइड नोट में किया है।

वहीं ससुराल वालों से परेशान होने की बात भी उसने लिखी है। राठौर ने बताया कि मामले में यह बात सामने आई है कि उसकी पत्नी प्रभु यीशु पर आस्था रखती थी, इसलिए वह उससे झगड़ा करता था।

इस तरह दीवार पर सुसाइड नोट लिखकर लगाई फांसी।

इस तरह दीवार पर सुसाइड नोट लिखकर लगाई फांसी।

VHP ने दी चेतावनी

पूरे मामले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने चेतावनी दी है कि सही कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक बलराम गुप्ता ने बताया कि मामले को संज्ञान में लिया है। थाना प्रभारी से भी बात की गई है। कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

15 दिन पहले धमतरी में युवक ने खुदकुशी की थी। उसने वाट्सएप स्टेटस में धर्मांतरण का दबाव बनाने की बात कही थी।

15 दिन पहले धमतरी में युवक ने खुदकुशी की थी। उसने वाट्सएप स्टेटस में धर्मांतरण का दबाव बनाने की बात कही थी।

15 दिन पहले धमतरी में भी ऐसी वारदात

धमतरी जिले में भी 15 दिन पहले एक युवक ने धर्मांतरण के दबाव में खुदकुशी कर ली थी। फांसी लगाने से पहले युवक ने वॉट्सऐप स्टेटस भी अपडेट किया था। इसमें लिखा कि, पत्नी से परेशान हूं। सास, साली और ससुराल वाले धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

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छत्तीसगढ़

पूर्व पीएम अटल सुशासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित थे: जांगड़े

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जांजगीर। प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया। जिले में दिनभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जांजगीर के अटल चौक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अटल स्मृति वर्ष के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। जिले के विभिन्न चौक-चौराहों पर उनके जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री और प्रदर्शनी भी लगाई गई। भाजपा जिलाध्यक्ष अंबेश जांगड़े ने कहा कि अटल जी का विराट व्यक्तित्व और उनके द्वारा किए गए योगदान देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे। उन्होंने कहा कि अटल जी सुशासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित थे। उनका व्यक्तित्व अत्यंत विराट था, जो एक बार मिलने पर किसी को भी प्रभावित कर देता था। अंबेश जांगड़े ने कहा कि अटल जी महान कवि, कुशल संगठक और देश के बेहतरीन नेताओं में से एक थे। कार्यक्रम में सांसद कमलेश जांगड़े, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, रेखा गढ़वाल, कमला पाटले मौजूद रहे।

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छत्तीसगढ़

जांजगीर-चांपा के किसानों ने प्रशासन से की अपील:रबी धान, सिंचाई, धान-खरीदी को लेकर उठाए कई मुद्दे, सहकारी बैंकों के भुगतान को लेकर जताई नाराजगी

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जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा जिले के किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एक बार फिर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। किसानों ने सिंचाई व्यवस्था, धान खरीदी और आगामी रबी धान फसल की तैयारी से संबंधित अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।

किसानों के अनुसार, पूर्व में माइनरों और शाखा नहरों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने तथा नहरों से रबी धान फसल लेने पर सहमति बनी थी। हालांकि, जमीनी स्तर पर अभी भी कई समस्याएं बनी हुई हैं, जिससे किसानों को संभावित नुकसान की आशंका है।

किसानों ने एबीसी और जेबीसी नहरों पर कार्रवाई की मांग की

किसानों ने जल उपयोगिता समिति की बैठक में एबीसी और जेबीसी नहरों से संबंधित मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि वर्तमान धान खरीदी और आगामी रबी धान फसल के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

किसानों की प्रमुख मांगों में आगामी रबी फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज की समय पर व्यवस्था करना शामिल है। साथ ही, खाद की नकद बिक्री में हो रही कालाबाजारी पर सख्त रोक लगाने की भी मांग की गई है। किसानों का आरोप है कि खाद की कमी और ऊंचे दाम उनकी कृषि लागत को बढ़ा रहे हैं।

सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग

इसके अतिरिक्त, किसानों ने उन नहरों और माइनरों में भी सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग की है, जहां मरम्मत कार्य नहीं हुआ है या जिनके टेंडर अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। किसानों का तर्क है कि पानी के बिना रबी धान की फसल लेना संभव नहीं है।

वर्तमान धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर भी किसानों ने गंभीर समस्याएं बताई हैं। उनका आरोप है कि कई किसानों का धान रकबा कम कर दिया गया है, जिससे धान खरीदी में बाधा आ रही है। किसानों ने मांग की है कि कटे हुए रकबों को पुनः जोड़कर धान की खरीदी की जाए।

सहकारी बैंकों के भुगतान को लेकर भी किसानों ने नाराजगी व्यक्त की है। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी मांग के अनुरूप भुगतान नहीं किया जा रहा है। साथ ही, पिछले एक-दो वर्षों से सहकारी और निजी दोनों स्तरों पर धान खरीदी में प्रति क्विंटल अतिरिक्त कटौती किए जाने का आरोप भी लगाया गया है।

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कोरबा

दंतैल हाथी झुंड में शामिल होकर सक्ती रेंज पहुंचा:कटघोरा में 52 और कोरबा वन मंडल में 11 हाथी सक्रिय

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कोरबा। कोरबा वन मंडल के करतला रेंज पहुंचा एक दंतैल हाथी अब तीन हाथियों के झुंड में शामिल हो गया है। यह झुंड सक्ती रेंज की ओर बढ़ गया है। वहीं, कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज में घूम रहा एक अन्य दंतैल हाथी गांवों में घुसकर मकानों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं।

यह दंतैल हाथी कटघोरा और कोरबा में लगातार तीन दिनों में तीन ग्रामीणों की मौत का कारण बनने के बाद करतला रेंज पहुंचा था। पिछले तीन दिनों से यह बड़मार क्षेत्र में झुंड में शामिल होने का प्रयास कर रहा था, लेकिन अन्य हाथी उसे भगा रहे थे। अब यह झुंड का हिस्सा बन गया है।

अलग-अलग क्षेत्रों में हाथी सक्रिय

कोरबा वन मंडल में अब 11 हाथी बचे हैं। इनमें से कुदमुरा रेंज के ग्राम गुरमा में एक मादा हाथी अपने बच्चों के साथ घूम रही है। करतला रेंज के चिकनीपाली जंगल में 8 हाथी मौजूद हैं, जबकि केराकछार क्षेत्र में एक दंतैल हाथी सक्रिय है।

ग्राम संदरी सेंद्रीपाली में इस दंतैल हाथी ने गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया है और एक बाउंड्रीवॉल भी तोड़ दी है। हाथी की मौजूदगी से ग्रामीण भयभीत हैं। वन विभाग की टीमें 24 घंटे निगरानी कर रही हैं और गांवों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं।

मूवमेंट के आधार पर ग्रामीणों को सतर्क कर रहा विभाग

कटघोरा वन मंडल में 53 से अधिक हाथी हैं। यहां अकेला घूम रहे एक दंतैल हाथी ने ग्राम अमाटिकरा के मोहल्ले में त्रिभुवन रावत के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया। त्रिभुवन रावत अपने परिवार के साथ दूसरे कमरे में छिपकर रहे। इससे पहले भी इस हाथी ने फुलसर और कोरबी में मकानों को नुकसान पहुंचाया था।

कोरबा के एसडीओ एस.के. सोनी ने बताया कि हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही है और उनके मूवमेंट के आधार पर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों के आने के बाद से उन्हें रातभर जागना पड़ रहा है और कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शाम होते ही ग्रामीण अपने घरों में लौट जाते हैं।

वन विभाग की टीम हाथी प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे गश्त कर रही है और हाथियों पर नजर रख रही है। ग्रामीणों को हाथियों के पास जाने और गांव से जंगल की ओर जाने से भी रोका जा रहा है।

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