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कोरबा

पाली महोत्सव में बालको की स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने परोसे छत्तीसगढ़ी व्यंजन

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बालकोनगर। पाली महोत्सव में बालको की स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा परोसे गए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लोगों ने भरपूर आनंद लिया। पारंपरिक स्वाद और स्थानीय व्यंजनों की खुशबू ने महोत्सव में सभी को अपनी ओर आकर्षित किया है। आंगतुकों को स्वाद के साथ अपने पांरपरिक व्यंजन का लुत्फ लेने का अवसर प्राप्त हुआ है।

स्वं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के इस प्रयास ने ना केवल छत्तीसगढ़ी खानपान को बढ़ावा दिया बल्कि अपने आत्मनिर्भरता के सफर को भी मजबूती दी है। इसके अलावा प्रदर्शनी में स्टॉल के माध्यम से बालको के सामुदायिक विकास कार्यों व एल्यूमिनियम उत्पादन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई। कंपनी के आत्मनिर्भर भारत में एल्यूमिनियम उत्पादन के योगदान के अलावा शिक्षा उन्नयन, युवा स्वावलंबन, महिला सशक्तितरण, स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना विकास संबंधी कई परियोजनाओं की जानकारी दी। महोत्सव में खूबसूरत पारंपरिक थीम के साथ सजाए गए स्टॉल्स मेले में आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

आयोजन में आए अतिथियों और दर्शकों ने महिलाओं के प्रयास की प्रशंसा की और उनके आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ाए गए कदम की सराहना की गई।

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कोरबा

राष्ट्रीय पेसा दिवस पर ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का हुआ आयोजन

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विकसित भारत जी-राम-जी एवं पेसा अधिनियम रहे मुख्य विषय

कलेक्टर कुणाल दुदावत ने जारी किए थे आदेश, नवीन योजनाओं से अवगत हुए ग्रामीण

कोरबा। राष्ट्रीय पेसा दिवस के अवसर पर 24 दिसंबर (बुधवार) को जिले की ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन किया गया। इस संबंध में कलेक्टर कुणाल दुदावत के द्वारा आदेश जारी किए गए थे। कोरबा जिला पेसा अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण आयोजित विशेष ग्रामसभाओं में पेसा अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को दी गई।

ज़िलें की ग्राम पंचायतो के पेसा ग्रामो में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पेसा अधिनियम अंतर्गत विभिन्न विषयो पर चर्चा की गई।

विशेष ग्राम सभा में पेसा अधिनियम और पेसा नियमों के बारे में नागरिको को जागरूक करने हेतु विभिन्न विडियो, पाम्पलेट, पोस्टर, बैनर, दिवाल, लेखन, संदेष और अन्य सूचना एवं संचार प्रौधोगिकी सामाग्री के माध्यम से पेसा के प्रावधानो के बारे मे जानकारी का प्रचार-प्रसार किया गया। राजस्व, आबकारी, वन, पुलिस, खनन एवं अन्य विकासखंड स्तरीय विभाग के जिला और ब्लाॅक स्तर के अधिकारियो के लिए पेसा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ग्रामसभा के माध्यम से पेसा नियम के तहत् जागरूकता हेतु चलचित्र एवं अन्य माध्यम से ग्रामीणो को जानकारी दिया गया।
अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत राज व्यवस्था के विस्तार विषय पर चर्चा परिचर्चा हुई। इसके साथ ही अवगत कराया गया कि यह अधिनियम 1996 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया था । छत्तीसगढ़ में इसे अगस्त 2022 में लागू किया गया है।
इसके द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के परंपरा, संस्कृति, रीतिरिवाज, पुजा पद्धति, रुढ़ियाँ इत्यादि का संरक्षण करते हुए इन क्षेत्रों के खनिज एवं प्राकृतिक संसाधनो पर इनके सहमति के पश्चात् ही इनके दोहन का प्रावधान है इत्यादि के संबंध में चर्चा की गई। इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पंचायतो के उक्त ग्रामसभा के माध्यम से किया जाने का निर्णय भी पारित किया गया।
विशेष ग्रामसभाओं में नवीन एवं महत्वाकांक्षी योजना “विकसित भारत जी-राम-जी (विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन-ग्रामीण) अधिनियम, 2025” के प्रमुख बिंदुओं एवं समेकित कार्ययोजना से भी ग्रामीणों को अवगत कराया गया।

क्या है विकसित भारत जी-राम-जी अधिनियम,2025

यह अधिनियम राष्ट्रीय विजन के अनुरूप समृद्ध एवं सशक्त ग्रामीण भारत के निर्माण के उद्देश्य से लागू किया गया है। इसके तहत अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी-रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी।

अब 125 दिन का रोजगार सुनिश्चित
जी-राम-जी अधिनियम के तहत पहले निर्धारित 100 दिनों की जगह अब 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया गया है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि होगी और आजीविका सुरक्षा और अधिक मजबूत होगी।

विकसित भारत की जरूरतों के अनुरूप कार्य
अधिनियम के अंतर्गत किए जाने वाले सभी कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना का हिस्सा होंगे। इनमें जल सुरक्षा, मूलभूत ढांचा, आजीविका आधारित अवसंरचनाएं तथा जलवायु परिवर्तन एवं प्रतिकूल मौसमी घटनाओं से बचाव से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

तकनीक आधारित कार्ययोजना
जी-राम-जी के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर विकसित पंचायत की रूपरेखा के अनुसार योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिन्हें पीएम गतिशक्ति एवं राष्ट्रीय स्थानिक योजना प्रणालियों से जोड़ा जाएगा। पंचायतों की भौगोलिक स्थिति, नगरीकरण की दिशा एवं स्थानीय विकास आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजनाओं का निर्माण किया जाएगा।

खेती के समय खेती को प्राथमिकता
बुवाई एवं कटाई के व्यस्त समय में कृषि श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में 60 दिनों की अवधि अधिसूचित करने की छूट दी गई है, जिससे किसानों को समय पर पर्याप्त श्रम उपलब्ध हो सके।

कार्य न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता
यदि किसी ग्रामीण परिवार को मांग के बाद निर्धारित समय-सीमा में कार्य उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिससे श्रमिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।

पंचायती राज व्यवस्था होगी और सशक्त
जी-राम-जी अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत प्राथमिक कार्यान्वयन इकाई होगी। श्रमिकों का पंजीकरण, रोजगार कार्ड जारी करना तथा कम से कम 50 प्रतिशत कार्यों का निष्पादन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाएगा। ग्रामसभाएं नियमित सामाजिक अंकेक्षण करेंगी, जबकि जनपद एवं जिला पंचायतें योजना के समेकन, पर्यवेक्षण एवं निगरानी की जिम्मेदारी निभाएंगी।

तकनीक से पारदर्शिता और जवाबदेही
नवीन अधिनियम के अंतर्गत बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण, स्पेसेटियल टेक्नोलॉजी आधारित योजना, मोबाइल डैशबोर्ड से निगरानी एवं साप्ताहिक सार्वजनिक प्रकटीकरण जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं के माध्यम से पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सामाजिक अंकेक्षण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।
विशेष ग्राम सभा में ग्राम सभा अध्यक्ष, सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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कोरबा

परिवार चौपाल से बदलेगा सामाजिक व्यवहार, स्वास्थ्य–पोषण को मिलेगी नई दिशा

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‘परिवार चौपाल’ अभिनव पहल के लिए जिला पंचायत में दिया गया प्रशिक्षण

कोरबा। जिले में समुदाय आधारित स्वास्थ्य, पोषण एवं लैंगिक समानता को सशक्त बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक अभिनव पहल ‘परिवार चौपाल’ की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं को मजबूत करना तथा लैंगिक समावेशन को प्रभावी ढंग से लागू करना है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत के सभागार में महिला स्व सहायता समूहों एवं बिहान कैडर के सदस्यों हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को खेल-आधारित गतिविधियों, सहभागितामूलक अभ्यासों एवं संवादात्मक सत्रों के माध्यम से परिवार चौपाल की अवधारणा से अवगत कराया गया। इन गतिविधियों का उद्देश्य परिवारों के बीच संवाद को बढ़ाना,आपसी समझ विकसित करना तथा सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करना रहा।

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने कहा कि,परिवार चौपाल जमीनी स्तर पर सामाजिक बदलाव लाने का प्रभावी माध्यम है। समुदाय में स्वास्थ्य, पोषण और लैंगिक समानता को लेकर स्थायी परिवर्तन लाने में बिहान कैडर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कैडर सदस्यों से इस पहल को पूरी प्रतिबद्धता के साथ समुदाय में लागू करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में जिला मिशन प्रबंधक अनुराग जैन द्वारा परिवार चौपाल एवं जेंडर इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म विषय पर सत्र का सफल संचालन किया गया। उन्होंने लैंगिक समानता को संस्थागत रूप से सुदृढ़ करने तथा निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करने पर विस्तार से जानकारी दी।

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कोरबा

कैदियों की सुविधों, स्वास्थ्य और विधिक सहायता की हुई गहन समीक्षा

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कोरबा। न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने एवं बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से संतोष शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में जिला जेल कोरबा का सघन निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध कैदियों की स्थिति, उन्हें उपलब्ध करायी जा रही मूलभूत सुविधाओं की गुणवत्ता तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान बोर्ड सदस्यों ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। उसमें कौदियों के बैरक, रसोईघर, स्वास्थ्य केन्द्र, स्वच्छता व्यवस्था तथा अन्य सामान्य उपयोग के स्थान शामिल रहे। अधिकारियों ने कौदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उसी समस्याओं आवश्यकताओं एवं दैनिक दिनचर्या की जानकारी प्राप्त की। भोजन की गुणवत्ता, पोषण मानकों, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, दवाईयों एवं चिकित्सकों की उपस्थिति, शिक्षा कर्यक्रमों जैसी गतिविधियों का भी आकलन किया गया। जेल लीगल एड क्लीनिक की कार्यप्रणाली की भी जांच की गयी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों को समय पर और सरल रूप से कानूनी सहायता प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा के अध्यक्षता में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैदियों के लिए स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थय परीक्षण एवं आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित की जाए। वहींं निरीक्षण के दौरान 17 महिला एवं 189 पुरूष बंदी जेल में रहे। इस संयुक्त निरीक्षण में सुश्री मयुरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कु. त्राप्ति कु. ग्रेसी – न्यायिक मजिस्टेट, प्रथम श्रेणी, ओमप्रकाश यादव- अपर कलेक्टर कोरबा, नीतिश िसह ठाकुर- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, विजय लक्ष्मी- लोक निर्माण विभाग, सी.के. सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,  तामेश्वर उपाध्याय- जिला शिक्षा अधिकारी,  दिपेश भारती रोजगार अधिकारी, विनय कुमार उद्योग अधिकारी, मुकेश कुमार वेलफेयर अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग से उपसंचालक हरीश सक्सेना उपस्थित रहे।

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