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Apple की अब तक की सबसे बड़ी डील, Perplexity AI को खरीदने की तैयारी में जुटी कंपनी, जानिए क्या है पूरा मामला

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वाशिंगठन,एजेंसी। टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी Apple अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेक्टर में अपना दबदबा बढ़ाने की ओर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple अब एक उभरते हुए AI स्टार्टअप Perplexity AI को खरीदने की योजना बना रही है। अगर यह डील पूरी होती है तो यह Apple की इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी डील मानी जाएगी।

कौन है Perplexity AI?

Perplexity AI एक रियल-टाइम कन्वर्सेशनल AI सर्च इंजन है जो यूजर्स को स्मार्ट और सटीक जवाब देता है। यह प्लेटफॉर्म खासतौर पर तेज़, संक्षिप्त और रेफरेंस आधारित उत्तर देने के लिए जाना जाता है। इसकी वैल्यूएशन वर्तमान में करीब 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।

इससे पहले कब की थी बड़ी डील?

अगर Apple इस सौदे को अंजाम देता है, तो यह उसकी 2014 में Beats Electronics के 3 बिलियन डॉलर की डील को भी पीछे छोड़ देगा। उस वक्त Beats को Apple ने म्यूजिक सेगमेंट को मजबूत करने के मकसद से खरीदा था। अब कंपनी AI सेक्टर में Perplexity को खरीदकर Googleऔर OpenAI जैसी कंपनियों को टक्कर देना चाहती है।

Apple और Perplexity के बीच क्या चल रहा है?

ब्लूमबर्ग के वरिष्ठ रिपोर्टर मार्क गुरमन की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple और Perplexity के बीच कई मीटिंग हो चुकी हैं। हालांकि, Apple ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। दूसरी ओर, Perplexity की ओर से भी इस खबर को ‘अफवाह’ बताया गया है।

क्यों जरूरी है Apple के लिए ये डील?

Apple अब तक AI रेस में Google, Microsoft, OpenAI और Anthropic जैसी कंपनियों से पीछे रहा है। कंपनी पर यह दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह अपने डिवाइसेज और सॉफ्टवेयर में मजबूत AI फीचर्स जोड़कर प्रतिस्पर्धा में वापसी करे। ऐसे में Perplexity AI को खरीदना, Apple को AI वेब सर्च में बड़ा प्लेयर बना सकता है।

क्या है AI वेब सर्च?

AI वेब सर्च एक ऐसी तकनीक है जिसमें यूजर जब कोई सवाल पूछता है तो AI सर्च इंजन उसे इंटरनेट पर मौजूद अलग-अलग सोर्स से एकत्रित कर, सटीक और आसान भाषा में जवाब देता है। यह पारंपरिक सर्च इंजन से कहीं अधिक स्मार्ट और उपयोगकर्ता-केंद्रित होता है।

Perplexity क्यों है खास?

  • यह रीयल टाइम सर्च पर आधारित है
  • संवादात्मक (कन्वर्सेशनल) इंटरफेस देता है
  • स्रोतों के साथ सटीक जवाब दिखाता है
  • तेजी से बढ़ रहा है इसका यूजरबेस

क्या कहता है टेक वर्ल्ड?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Apple इस डील को सफलतापूर्वक कर लेता है, तो iPhone, iOS और Safari जैसे प्रोडक्ट्स में इनोवेटिव AI सर्च फीचर्स जोड़े जा सकते हैं। इससे न केवल यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा बल्कि Apple एक बार फिर तकनीकी लीडरशिप की दौड़ में सबसे आगे पहुंच सकता है।

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देश

हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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देश

8th Pay Commission की बड़ी तैयारी: फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने की संभावना, ₹56,100 से बढ़कर होगी ₹1,60,446 सैलरी

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नई दिल्ली,एजेंसी। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission – 8th CPC) जल्द ही लागू हो सकता है, जिसकी प्रक्रिया 2025 के भीतर शुरू होने की संभावना है। अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता है तो यह नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है। इससे देशभर के 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधा लाभ होगा।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके ज़रिए मूल वेतन (Basic Pay) को संशोधित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जबकि 8वें वेतन आयोग में इसे 2.86 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसका सीधा मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स की मूल तनख्वाह और पेंशन में भारी इजाफा होगा।

वेतन में संभावित बढ़ोतरी (Fitment Factor 2.86 के अनुसार):
वेतन स्तर    वर्तमान वेतन (7वां वेतन आयोग)    प्रस्तावित वेतन (8वां वेतन आयोग)

लेवल 1         रू.18,000                                             रू.51,480
लेवल 5         रू.29,200                                             रू.83,512
लेवल 10       रू.56,100                                             रू.1,60,446
लेवल 13A    रू.1,31,100                                           रू.3,74,946
लेवल 18      ₹2,50,000                                              ₹7,15,000

साथ ही न्यूनतम पेंशन भी रू.9,000 से बढ़कर रू.25,740 हो सकती है।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस साल की शुरुआत में जानकारी दी थी कि 1947 से अब तक सात वेतन आयोग लागू किए जा चुके हैं, जिनमें आखिरी (7वां वेतन आयोग) 2016 में प्रभाव में आया था। इसकी वैधता 2026 तक मानी जाती है, इसलिए सरकार चाहती है कि 8वां वेतन आयोग समय पर लागू किया जाए ताकि कोई देरी न हो।

कर्मचारी संगठनों की मांग
Government Employees National Confederation (GENC) — जो केंद्रीय, राज्य, स्वायत्त और स्थानीय निकायों के लाखों कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है — ने केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग की तत्काल स्थापना की मांग की है। संगठन का कहना है कि यदि प्रक्रिया में देरी हुई, तो 2026 में वेतन संशोधन प्रभावित हो सकता है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ सकता है।

अतिरिक्त लाभ: DA, HRA और TA भी होंगे प्रभावित
सिर्फ मूल वेतन और पेंशन में ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) जैसे कई अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी। इन सबका पुनर्मूल्यांकन नए वेतन ढांचे के आधार पर किया जाएगा।

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देश

Railway News: रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर, 1 अक्टूबर से होने जा रहा ऑनलाइन टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव

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नई दिल्ली,एजेंसी। रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर है। 1 अक्टूबर 2025 से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब सुबह 8:00 बजे से लेकर 8:15 तक यानी टिकट बुकिंग शुरू होने के पहले 15 मिनट के दौरान केवल उन्हीं यात्रियों को टिकट बुक करने की अनुमति होगी, जिनका आधार प्रमाणीकरण पहले से किया गया होगा।

रेल मंत्रालय ने इस नई व्यवस्था को लेकर आदेश जारी कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य है टिकट बुकिंग प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी बनाना और फर्जीवाड़े व दलालों की गतिविधियों पर अंकुश लगाना।

क्या है नया नियम?
रेलवे के अनुसार, जब सामान्य आरक्षित टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग सुबह 8 बजे से शुरू होती है, उस वक्त का सबसे ज्यादा दुरुपयोग दलाल करते हैं। इसलिए अब बुकिंग के शुरुआती 15 मिनट (8:00 से 8:15 बजे तक) के भीतर केवल वही यात्री टिकट बुक कर सकेंगे जिनकी पहचान पहले से आधार कार्ड से प्रमाणित है।

इस दौरान आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन पर केवल आधार-वेरिफाइड यूजर ही लॉगिन करके टिकट बुक कर सकेंगे। यह नियम सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर लागू होगा।

टिकट एजेंटों के लिए भी पहले जैसा ही प्रतिबंध
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि अधिकृत टिकट एजेंटों को टिकट बुकिंग शुरू होने के पहले 10 मिनट तक कोई भी आरक्षित टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी। इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एजेंट 8:10 बजे के बाद ही टिकट बुक कर सकेंगे।

ऑफलाइन टिकट बुकिंग पर कोई असर नहीं
जो यात्री रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केंद्र से टिकट खरीदते हैं, उनके लिए इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वहां पहले की तरह सामान्य प्रक्रिया से टिकट बुकिंग जारी रहेगी।

क्यों उठाया गया यह कदम?
रेल मंत्रालय का मानना है कि शुरुआती समय में टिकटों की भारी मांग रहती है और दलाल तकनीकी माध्यमों से टिकटों पर कब्जा जमा लेते हैं, जिससे आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता। आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य करने से यह सुनिश्चित होगा कि एक व्यक्ति एक समय में केवल खुद के लिए ही टिकट बुक कर सके और फर्जी खातों का इस्तेमाल न हो सके।

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