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बाबरी के बदले बनने वाली मस्जिद का नक्शा खारिज:अयोध्या में 6 साल बाद भी 8 विभागों ने NOC नहीं दी, 5 एकड़ जमीन मिली थी

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अयोध्या,एजेंसी। अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह बनने वाली मस्जिद का नक्शा खारिज कर दिया गया है। यह मस्जिद राम मंदिर से करीब 25 किमी दूर है, जो सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित है।

अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने मस्जिद के लेआउट प्लान को खारिज कर दिया है। कई सरकारी विभागों की ओर से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाणपत्र (NoC) जारी नहीं किया गया था। इसी को आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है। इसका खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है।

9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया था। हिंदू-मुस्लिम पक्ष को अपने-अपने धार्मिक स्थल बनाने के लिए जमीनें मिलीं। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी गई।

3 अगस्त, 2020 को तत्कालीन अयोध्या डीएम अनुज कुमार झा ने अयोध्या के पास धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दी। मस्जिद ट्रस्ट ने 23 जून, 2021 को प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। तब से मंजूरी पर कोई अपडेट नहीं आया।

कुछ ऐसी बननी है मस्जिद…

मस्जिद कमेटी ने पहले यह नक्शा तैयार किया था।

मस्जिद कमेटी ने पहले यह नक्शा तैयार किया था।

बाद में नक्शा को बदल कर यह तस्वीर जारी की गई थी।

बाद में नक्शा को बदल कर यह तस्वीर जारी की गई थी।

NOC आवेदन पर कोई आपत्ति नहीं मिली

ADA ने स्वीकार किया कि मस्जिद ट्रस्ट ने आवेदन और जांच शुल्क के रूप में 4 लाख रुपए का भुगतान किया था। एडीए की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार- पीडब्ल्यूडी, प्रदूषण नियंत्रण, नागरिक उड्डयन, सिंचाई और राजस्व विभाग और नगर निगम, जिला मजिस्ट्रेट और अग्निशमन सेवा से एनओसी मांगी गई थी।

मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए जमीन अनिवार्य कर दी है और उत्तर प्रदेश सरकार ने हमें भूखंड आवंटित किया है। मैं इस बात से अवाक हूं कि सरकारी विभागों ने अपनी एनओसी क्यों नहीं दी और प्राधिकरण ने मस्जिद के लेआउट प्लान को क्यों खारिज कर दिया।

हालांकि अग्निशमन विभाग की ओर से किए गए स्थल निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मस्जिद और अस्पताल की इमारत की ऊंचाई के अनुसार यह जरूरी था कि पहुंच मार्ग 12 मीटर चौड़ा होना चाहिए। जबकि मौके पर दोनों पहुंच मार्ग 6 मीटर से अधिक नहीं थे। मुख्य पहुंच मार्ग की चौड़ाई केवल 4 मीटर थी।

ट्रस्ट सचिव ने कहा, उन्हें किसी एनओसी या अस्वीकृति के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, अग्निशमन विभाग की आपत्ति के अलावा, मुझे किसी अन्य विभाग की आपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब जब आरटीआई जवाब से हमें स्थिति स्पष्ट हो गई है, तो हम अपनी आगे की कार्रवाई तय करेंगे।

दो साल पहले जो नक्शा बना था, उसमें ऊपर से कुछ इस तरह से दिखती मस्जिद।

दो साल पहले जो नक्शा बना था, उसमें ऊपर से कुछ इस तरह से दिखती मस्जिद।

RTI में 4 सवालों के जवाब मांगे गए

मस्जिद का नक्शा और ले-आउट के मंजूरी से जुड़ी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी। यह जानकारी अयोध्या के देवनगर कॉलोनी के रहने वाले ओम प्रकाश सिंह को एडीए ने दी है। उन्होंने 18 अगस्त 2025 को जानकारी मांगी थी। एडीए ने 16 सिंतबर 2025 को जवाब दिया है।

1- मस्जिद के निर्माण के लिए बने ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने मस्जिद निर्माण के लिए नक्शा पास करने की अर्जी किस तारीख को डाली थी।

एडीए का जवाब: 23 जून 2021

2- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने अभी नक्शे के मद में अयोध्या विकास प्राधिकरण को कितना भुगतान किया है?

एडीए का जवाब: मानचित्र आवेदन शुल्क- रुपए 234113.00 व स्क्रूटनिंग फीस- रुपए 168515.00

3- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन द्वारा दाखिल नक्शे की स्थिति क्या है, क्या वह पास हो गया है।

एडीए का जवाब: अस्वीकृत

4- अगर नक्शा पास नहीं हुआ है तो उसकी क्या वजह है।

एडीए का जवाब: विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र न प्रस्तुत करने एवं आवश्यक दस्तावेज न उपलब्ध कराने के कारण।

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी का अयोध्या विकास प्राधीकरण की ओर से दिया गया जवाब

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी का अयोध्या विकास प्राधीकरण की ओर से दिया गया जवाब

अब तक धन्नीपुर में एक नया पत्थर नहीं रखा गया

फैजाबाद-लखनऊ नेशनल हाईवे पर बसे धन्नीपुर गांव की आबादी लगभग 2500 है। इसमें 60% यानी करीब 1300 मुस्लिम हैं। गांव के बीचोंबीच सफेद रंग की शाहगदा शाह मजार है। इसके चारों तरफ 5 एकड़ जमीन कई साल से खाली पड़ी है। यहीं पर मस्जिद बनाई जानी है। पूरे गांव में इससे बड़ी खाली जगह नहीं है। इसलिए बच्चे यहां क्रिकेट खेलने आते हैं।

मजार के चारों तरफ लोहे के बोर्ड लगे हैं। इसमें नई मस्जिद, अस्पताल और स्कूल के डिजाइन वाली फोटो है। धन्नीपुर के लोग 2019 से ही इस मस्जिद के बनने की उम्मीद पाले हुए हैं।

पांच साल पहले मस्जिद का यह नक्शा बना था, इसमें गुंबद नहीं था

पांच साल पहले मस्जिद का यह नक्शा बना था, इसमें गुंबद नहीं था

बाबरी मस्जिद केस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, मंदिर और मस्जिद दोनों जल्द बनवाए जाएं। दोनों पक्ष इसके लिए ट्रस्ट बनाकर काम शुरू कर सकते हैं। मस्जिद बनाने के लिए कोर्ट ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही जमीन देने को कहा। इसके बाद मस्जिद कमेटी बनी। इमारत की डिजाइन बनाई गई। नई मस्जिद की फोटो जारी होती रहीं, लेकिन धन्नीपुर में एक नया पत्थर नहीं रखा गया।

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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को 97 तेजस फाइटर जेट का ऑर्डर:केंद्र ने ₹62 हजार करोड़ की डील साइन की, कल रिटायर हो रहे MIG-21की जगह लेगा

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हैदराबाद,एजेंसी। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। केंद्र ने HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की है।

HAL को तेजस फाइटर जेट के लिए दूसरी बार ऑर्डर मिला है। इससे पहले, केंद्र ने फरवरी 2021 में ₹46,898 करोड़ की डील के तहत HAL को 83 मार्क-1A का ऑर्डर दिया था। इसकी डिलीवरी के लिए कंपनी के पास 2028 तक का समय है।

मार्क-1A एयरक्राफ्ट वायुसेना के मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा। इसे पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। मिग-21 26 सितंबर को रिटायर हो जाएगा। इसने 62 साल की सर्विस के दौरान 1971 युद्ध, कारगिल और कई बड़े मिशन में अहम भूमिका निभाई।

मार्क-1A में अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम केंद्र ने 19 अगस्त को 97 तेजस फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹62 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस जेट में स्वयं रक्षा कवच और कंट्रोल एक्चुएटर होंगे, जिसमें 64% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री और 67 नए स्वदेशी सामान होंगे।

मार्क 1A, सिंगल इंजन वाले तेजस एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है। यह चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है, जो कम वजन के बावजूद बेहद फुर्तीला है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हैं। तेजस मार्क-1A के 65% से ज्यादा उपकरण भारत में बने हैं।

तेजस के पुराने वर्जन को HAL ने डेवलप किया है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और DRDO की मदद से बनाया गया है। इसे हवा, पानी और जमीन पर हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। यह मुश्किल हालात में भी अपने टारगेट को निशाना बना सकता है।

PM मोदी भी तेजस में उड़ान भर चुके

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी थी। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की फाइटर प्लेन में यह पहली उड़ान थी। तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी पहुंचे थे।

PM नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी।

PM नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2022 को बेंगलुरु में तेजस में उड़ान भरी थी।

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शेयर बाजार लाल निशान पर बंद, सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़के

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मुंबई, एजेंसी। सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी और विदेशी पूंजी निकासी से बाजार में गिरावट आई है। बीएसई सेंसेक्स 386.47 अंक की गिरावट के साथ 81,715.63 अंक पर और एनएसई निफ्टी 112.60 अंक फिसलकर 25,056.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर सबसे अधिक गिरावट में रहे। दूसरी ओर ट्रेंट, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक और एशियन पेंट्स के शेयर में बढ़त दर्ज की गई। 

एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी तथा जापान का निक्की नुकसान में रहे जबकि चीन का शंघाई एसएसई और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.28 प्रतिशत चढ़कर 67.82 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,551.19 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। 

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Diwali-to-Diwali Returns: गोल्ड लगातार चौथे साल बना ‘सेफ हेवन’, शेयर बाजार को छोड़ा पीछे

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मुंबई, एजेंसी। दिवाली-टू-दिवाली रिटर्न्स में इस साल भी सोने ने भारतीय शेयर बाजार को पीछे छोड़ दिया। लगातार चौथे साल गोल्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया और निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प साबित हुआ। MCX गोल्ड ने पिछले साल 40% से ज्यादा रिटर्न दिए, जबकि निफ्टी सिर्फ 5% चढ़ा। सिल्वर भी तीन साल से इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

सोना बन गया ‘सेफ हेवन’ एसेट

पिछले आठ सालों में सात बार गोल्ड ने निफ्टी को पछाड़ा।

  • साल 2024 में गोल्ड +41.4% रहा, निफ्टी +24%।
  • साल 2023 में गोल्ड +21%, निफ्टी +10%।

मौजूदा करंट रिटर्न्स: गोल्ड +34.8%, MCX गोल्ड +40.9%, MCX सिल्वर +37.4%, निफ्टी +4.1%।

गोल्ड की चमक के पीछे कारण

US Fed की पॉलिसी ईज़िंग – ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से सोने को सपोर्ट।

सेंट्रल बैंक की खरीदारी – दुनिया भर के सेंट्रल बैंक डॉलर से हटकर गोल्ड रिज़र्व में जोड़ रहे हैं।

जियोपॉलिटिकल टेंशन – रूस-यूक्रेन, NATO और अमेरिकी ट्रेड केस जैसी अनिश्चितताएं।

सुरक्षित निवेश की चाह – निवेशक हेज और सेफ हेवन के तौर पर गोल्ड में निवेश कर रहे हैं।

सिल्वर का परफॉर्मेंस

सिल्वर ने भी इक्विटी को पीछे छोड़ा। औद्योगिक मांग (सोलर पैनल, सेमीकंडक्टर, EV) ने सिल्वर को मजबूती दी।

आगे की उम्मीदें

  • Goldman Sachs: गोल्ड $5,000/oz तक जा सकता है।
  • Jefferies (Chris Wood): लंबे समय में $6,600/oz तक।
  • Client Associates: मौजूदा आर्थिक माहौल के अनुसार अगली दिवाली तक गोल्ड की बढ़त जारी रह सकती है।

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