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बिज़नस

चीन के एक फैसले से Auto Industry में मचा हड़कंप, कंपनियों को उत्पादन रोकने का खतरा

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बीजिंग, एजेंसी। चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स और संबंधित टेक्नोलॉजी के एक्सपोर्ट पर कड़े नियम लागू कर दिए हैं, जिससे दुनिया की ऑटो और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। जर्मनी और इटली की ऑटो कंपनियों ने चेतावनी दी है कि इससे बैटरी और सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर गंभीर असर पड़ेगा। कंपनियों ने चेतावनी दी है अगर इस समस्या समधान नहीं हुआ तो कंपनियों को प्रोडक्शन बंद करना पड़ेगा।

चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री के अनुसार यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत उठाया गया है ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में मेटल्स का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। हालांकि, इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ने की संभावना भी है। यूरोप की प्रमुख ऑटो इंडस्ट्री संगठन VDA और इटली की ANFIA ने कहा है कि नए नियम जर्मनी और यूरोप में ऑटो पार्ट्स की सप्लाई को प्रभावित कर सकते हैं और सरकारों से समाधान की मांग की है।

रेयर अर्थ मेटल्स जैसे नियोडिमियम, डिसप्रोसियम और टर्बियम EV मोटर, बैटरी और सेमीकंडक्टर बनाने में अहम हैं। ING बैंक के सीनियर इकॉनॉमिस्ट रिको लुमन के अनुसार, चीन वैश्विक रिफाइनिंग कैपेसिटी का करीब 90% नियंत्रित करता है, जिससे सप्लाई बॉटलनेक बन गया है।

विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में चीन का नया एक्सपोर्ट नियम यूरोप, अमेरिका और भारत जैसे देशों के लिए रणनीतिक चुनौती बन सकता है। ऑटो इंडस्ट्री को वैकल्पिक सोर्स और लोकल मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे, अन्यथा आने वाले महीनों में यूरोप के ऑटो प्रोडक्शन और कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।

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देश

क्या सिल्वर में आ सकता है 1980 जैसा क्रैश:तब हंट ब्रदर्स के कारण आई थी गिरावट, एक हफ्ते में करीब ₹25 हजार घटे दाम

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मुंबई,एजेंसी। 1980 की बात है। चांदी की कीमत 2 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) से बढ़कर 48 डॉलर तक पहुंच गई। पर यह हुआ कैसे? इसके पीछे थे अमेरिका के हंट ब्रदर्स।

दुनिया की चांदी का एक तिहाई हिस्सा इन दो भाइयों की जेब में था। नेल्सन बंकर हंट और विलियम हर्बर हंट ने चांदी को 700% से ज्यादा बढ़ा दिया। हंट ब्रदर्स की इस कहानी में शामिल है लालच, साजिश और एक ऐसा क्रैश जिसे सिल्वर थर्सडे कहा जाता है।

हंट ब्रदर्स की ये कहानी आज हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि 10 महीने में चांदी के दाम दोगुने हो गए, लेकिन बीते एक ही हफ्ते में रू.1.78 लाख रुपए प्रति किलो के हाई से ये रू.1.52 लाख पर आ चुकी है। यानी, इसके दामों में करीब 25 हजार रुपए की गिरावट आई है।

तो क्या अब चांदी में वैसा ही फॉल आ सकता है, जैसा 1980 के दशक में आया था? चांदी के भाव में आई तेजी की वजहें क्या है? हंट ब्रदर्स की स्टोरी से इसे समझते हैं…

चैप्टर 1: शुरुआत

हंट ब्रदर्स अमीर परिवार से आते थे। उनके पिता हरॉल्डसन लेफायेट हंट गरीब परिवार में पैदा हुए, लेकिन 22 साल की उम्र में बिजनेसमैन बन गए। वह कॉटन की खरीद-बेच करते थे।

जल्दी ही उनका फोकस ऑयल पर शिफ्ट हो गया, जिसमें उन्होंने अरबों डॉलर की कमाई की। पिता की मौत के बाद हंट ब्रदर्स ने अरबों डॉलर का फैमिली बिजनेस संभाला।

विलियम हर्बर्ट हंट (बाएं) और नेल्सन बंकर हंट ने मिलकर सिल्वर प्राइस बढ़ाए थे।

विलियम हर्बर्ट हंट (बाएं) और नेल्सन बंकर हंट ने मिलकर सिल्वर प्राइस बढ़ाए थे।

चैप्टर 2: पपेट मास्टर

1970 के दशक के आखिर में डॉलर कमजोर हो रहा था और हाइपरइन्फ्लेशन की भविष्यवाणी थी। ऐसे में हंट ब्रदर्स का फोकस सिल्वर की तरफ शिफ्ट हो गया।

उन्होंने फिजिकल सिल्वर जमा करना शुरू किया और सिल्वर फ्यूचर्स के कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदे। उन्हें यकीन था कि सिल्वर की वैल्यू आसमान छू लेगी।

फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए कैश सेटलमेंट लेने की बजाय, उन्होंने फिजिकल सिल्वर डिलीवर करवाया। ऐसा कम ही लोग करते थे। 70 के दशक की शुरुआत में जब हंट ब्रदर्स ने सिल्वर खरीदना शुरू किया, तो कीमत 2 डॉलर प्रति औंस थी। 1979 तक ये 6 डॉलर पहुंच गई।

हंट ब्रदर्स के पास 100 मिलियन औंस से ज्यादा सिल्वर था। हंट ब्रदर्स सिल्वर के पपेट मास्टर बन चुके थे। यानी, वो अपने हिसाब से कीमतों को बढ़ा रहे थे।

इससे सिल्वर मार्केट में सप्लाई की दिक्कतें बढ़ने लगीं। दिसंबर 1979 में सिल्वर की कीमत 25 डॉलर प्रति औंस और 1980 में 50 डॉलर प्रति औंस पहुंच गई। लेकिन हंट ब्रदर्स ने उधार लेकर सिल्वर खरीदना जारी रखा।

हंट ब्रदर्स ने 1970 के दशक में फिजिकल सिल्वर जमा करना शुरू किया था।

हंट ब्रदर्स ने 1970 के दशक में फिजिकल सिल्वर जमा करना शुरू किया था।

चैप्टर 3: सिल्वर थर्सडे

हंट ब्रदर्स का प्लान बिल्कुल ठीक चल रहा था, लेकिन कमोडिटी एक्सचेंज, इंक. यानी, COMEX के दखल ने सब कुछ बदल दिया। सिल्वर के पीक से एक हफ्ते पहले 7 जनवरी 1980 को COMEX सिल्वर रूल 7 लाई। इसमें मार्जिन पर कमोडिटी खरीदने पर पाबंदियां लगा दी गई।

इससे हंट ब्रदर्स के लिए ब्रोकरेज से उधार लेकर सिल्वर खरीदना मुश्किल हो गया। इससे हंट ब्रदर्स की ताकत कमजोर पड़ने लगी। अब आती है वो तारीख जिसे सिल्वर थर्सडे कहा जाता है।

27 मार्च 1980 को हंट ब्रदर्स मार्जिन कॉल मिस कर गए। यानी, जो पैसा उन्हें देना था वो नहीं दे पाए। ऐसे में ब्रोकर ने सिल्वर बेचना शुरू कर दिया और एक ही दिन ये 50% से ज्यादा गिर गया।

  • मार्जिन: जब आप ब्रोकर से उधार लेकर कुछ खरीदते हैं, तो कुछ पैसे पहले ही जमा करने पड़ते हैं। ये “मार्जिन” है। मान लीजिए आप रू.100 का सामान खरीदना चाहते हैं, लेकिन आपके पास सिर्फ रू.20 हैं। ब्रोकर बाकी रू.80 उधार देता है। यहां रू.20 “मार्जिन” है।
  • मार्जिन कॉल: अगर बाजार में चीजों की कीमत गिरने लगे तो निवेश की वैल्यू कम हो जाती है। ब्रोकर को डर लगता है कि अगर और नुकसान हुआ, तो उधार का पैसा डूब सकता है। इसलिए वे आपको तुरंत और पैसे जमा करने के लिए कहते हैं। इसे मार्जिन कॉल कहते हैं।
  • अगर मार्जिन कॉल मिस हो जाए: अगर आप पैसे नहीं जमा कर पाते तो ब्रोकर आपकी सारी होल्डिंग जबरदस्ती बेच देता है। हंट ब्रदर्स के साथ भी ऐसा ही हुआ था। जब चांदी की कीमत गिरने लगी तो ब्रोकर ने उनसे पैसे मांगे, लेकिन वो और पैसे नहीं दे पाए।
27 मार्च 1980 को सिल्वर के दाम एक ही दिन में 50% से ज्यादा गिर गए थे।

27 मार्च 1980 को सिल्वर के दाम एक ही दिन में 50% से ज्यादा गिर गए थे।

चैप्टर 4: क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन

इस क्रैश के बाद हंट ब्रदर्स के खिलाफ क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन शुरू हुआ। 1986 में उन्होंने अपनी कंपनी के दिवालिया होने की घोषणा की। 1988 में पर्सनल बैंकरप्सी भी घोषित की।

1988 में न्यूयॉर्क की जूरी ने हंट ब्रदर्स को ऑर्डर दिया कि वे पेरू सरकार की मिनरल मार्केटिंग कंपनी को 130 मिलियन डॉलर पेमेंट करें, क्योंकि क्रैश से उस कंपनी को नुकसान हुआ था।

कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन ने दोनों भाइयों पर 10-10 मिलियन डॉलर का फाइन भी लगाया। सिल्वर रिजर्व्स को मैनिपुलेट करने के लिए ट्रेडिंग करने से हमेशा के लिए बैन कर दिया।

चैप्टर 5: फ्यूचर

इतिहास में सिल्वर में दो बार बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 1980 में और 2011 में। 2011 में चांदी 31 साल बाद 50 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गई थी।

लेकिन उसके बाद ये तेजी से गिरने लगीं और 26 डॉलर प्रति औंस तक लुढ़क गईं। ये गिरावट स्पेकुलेशन, रेगुलेटरी ऐक्शन और ग्लोबल फीयर्स के कारण आई थी।

अब, दस साल से ज्यादा समय के बाद, चांदी का भाव फिर से 50 डॉलर प्रति औंस को क्रॉस कर दिया है। रुपए प्रति किलो में ये 1.55 लाख के करीब होती है। ऐसे में, कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या आज के समय में सिल्वर में इसी तरह की गिरावट आ सकती है?

जानकार कहते हैं कि सिल्वर प्राइसेस में बड़े उतार-चढ़ाव आज के समय में भी देखने को मिलते हैं, लेकिन सिल्वर थर्सडे के बाद लगाए गए सेफगार्ड्स के कारण इतने बड़े स्केल पर मार्केट मैनिपुलेशन आसान नहीं है। उस समय बाजार में काफी कम रेगुलेशन्स थे।

सिल्वर की वैल्यू को ड्राइव करने वाले फंडामेंटल्स भी हंट के जमाने से काफी बदल चुके हैं। इंडस्ट्रियल डिमांड ट्रेडिशनल फोटोग्राफी से आगे बढ़कर क्रूशियल मॉडर्न टेक्नोलॉजीज में फैल गई है। सोलर पैनल्स में फोटोवोल्टेइक सेल्स के लिए सिल्वर का भारी मात्रा में इस्तेमाल होता हैं।

अभी चांदी में जो तेजी आई है उसकी तीन बड़ी वजहें हैं…

  • फेस्टिव सीजन: भारत दुनिया में चांदी के सबसे बड़े कंज्यूमर्स में से एक है। दिवाली-धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इससे चांदी की डिमांड बढ़ी है।
  • इंडस्ट्रियल डिमांड: चांदी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोलर फैक्ट्रियों में होता है। इसके अलावा AI इंडस्ट्री और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में भी चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।
  • सप्लाई की कमी: चांदी की मांग तो बढ़ रही है, लेकिन इसकी सप्लाई में रुकावट आ रही है। कुछ देशों में पर्यावरण नियम या खदान बंद होने से प्लान्ड माइनिंग कम हो गई है।

एनालिस्टों का कहना है कि 2025 में आई कीमतों की तेजी स्पेकुलेटिव बबल नहीं है। आज इंडस्ट्रियल डिमांड और इन्फ्लेशन हेजिंग से कीमते बढ़ी है।

इसलिए, चांदी की कीमतों में थोड़ा बहुत करेक्शन आ सकता है, लेकिन 1980 और 2011 जैसे शार्प क्रैश का रिस्क अब कम है।

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देश

सोना 5 दिन में ₹5,677 गिरा, ₹1.24 लाख पर आया:चांदी भी रिकॉर्ड हाई से ₹25,000 सस्ती, ₹1.52 लाख प्रति किलो बिक रही

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नई दिल्ली,एजेंसी। दिवाली के बाद सोना-चांदी के दाम में भारी गिरावट आई है। सोना अपने ऑल टाइम हाई से 5,677 रुपए और चांदी भी रिकॉर्ड हाई से 25,599 रुपए सस्ती हो गई है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार आज यानी, 22 अक्टूबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 3,726 रुपए घटकर 1,23,907 रुपए के स्तर पर आ गया है।

इससे पहले ये 20 अक्टूबर को यह 1,27,633 रुपए पर था। वहीं 17 अक्टूबर को सोने ने 1,29,584 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था।

चांदी के दाम एक दिन में 10,549 रुपए घटे

चांदी के दाम आज 10,549 रुपए घटकर 1,52,501 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं। इससे पहले चांदी 1,63,050 रुपए प्रति किलो थी। वहीं 14 अक्टूबर को चांदी 1,78,100 रुपए के ऑल टाइम हाई पर पहुंची थी।

सोना-चांदी के दाम में हाल ही में आई गिरावट के कारण

  • भारत में सीजनल बाइंग का खत्म होना: दीवाली जैसे फेस्टिवल के बाद इंडिया में सोने-चांदी की खरीदारी का सिलसिला थम गया। इससे सोना-चांदी की डिमांड में कमी आई है।
  • अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन में ढील: सोना-चांदी को ‘सेफ-हेवन’ माना जाता है, यानी मुश्किल वक्त में लोग इन्हें खरीदते हैं। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के शी जिनपिंग के बीच अगले हफ्ते मीटिंग होने वाली है। इससे ट्रेड वॉर की चिंता कम हुई है।
  • प्रॉफिट-टेकिंग और ओवरबॉट सिग्नल: रैली के बाद निवेशक प्रॉफिट बुक कर रहे हैं। टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) दिखा रहे थे कि कीमतें ओवरबॉट जोन में पहुंच चुकी थीं। इसलिए ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है।

इस साल सोना रू.47,745 और चांदी रू.66,484 महंगी हुई

इस साल अब तक सोने की कीमत 47,745 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,23,907 रुपए हो गया है।

चांदी का भाव भी इस दौरान 66,484 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,52,501 रुपए प्रति किलो हो गई है।

सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान

1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।

2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।

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देश

सोने-चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल, नए साल की शुरुआत तक इतने हो सकते हैं दाम

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मुंबई, एजेंसी। देशभर में धनतेरस के साथ फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है और बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। इसी बीच सोने और चांदी की कीमतों में आई तेज़ बढ़ोतरी ने ग्राहकों को चौंका दिया है। सर्राफा बाजार में रिकॉर्ड तोड़ कीमतों पर गहनों की खरीदारी जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिवाली और 2026 की शुरुआत तक दाम और बढ़ सकते हैं।

कीमतों में और वृद्धि की संभावना

इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार, 20 अक्टूबर यानी दिवाली के दिन इनकी कीमतों में और वृद्धि की संभावना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चांदी की कीमतें 2 लाख रुपये प्रति किलो और सोने का भाव 1.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुका है।

2026 की शुरुआत तक और तेजी संभव

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में सोने की कीमतें 2025 के अंत और 2026 की शुरुआत में और अधिक बढ़ सकती हैं। इसके पीछे कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं, जैसे –

– रुपये का डॉलर के मुकाबले कमजोर होना

– वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी

– त्योहारों और शादियों के मौसम में घरेलू मांग में तेजी

2025 के आखिरी महीनों में सोने की कीमतें

विश्लेषकों का मानना है कि साल 2025 के आखिरी महीनों में सोने की कीमतें 1,20,000 रुपये से 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकती हैं। अगर रुपये में और गिरावट आई तथा वैश्विक कीमतों में तेजी जारी रही, तो 2026 की पहली छमाही में यह दाम 1,30,000 रुपये से 1,45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं।

क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?

रिपोर्ट के अनुसार, आगामी महीनों में रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 87 से 89 के बीच पहुंच सकती है, जिससे आयातित सोना और महंगा हो जाएगा। इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीद, ETF में निवेशकों की बढ़ती रुचि, और चीन व जापान से आ रही भारी मांग भी कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण बन रही है।

अखिल भारतीय रत्न और आभूषण परिषद (GJC) के संस्थापक सदस्य और पूर्व प्रमुख अनंथा पद्मनाभन ने बताया कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह तेजी केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और एशियाई देशों में मांग के चलते देखने को मिल रही है।

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