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पटना में रनवे टच करके दोबारा उड़ा विमान:4 चक्कर लगाने के बाद दोबारा लैंडिंग हो पाई, 173 यात्रियों की सांसें अटकी रहीं

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पटना,एजेंसी। दिल्ली से आने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E2482 मंगलवार को पटना एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद दाेबारा उड़ गई। फिर, तीन-चार चक्कर लगाने के बाद फ्लाइट ने दाेबारा लैंड किया। इस दाैरान दिल्ली से पटना आ रहे 173 यात्रियों की सांसें 5 मिनट तक अटकी रहीं। दाेबारा लैंडिंग के बाद यात्रियों ने राहत महसूस की।

दाेबारा विमान काे ऊपर उठा लिया

सूत्रों के अनुसार मंगलवार की रात करीब 9 बजे दिल्ली से पटना आने के बाद पायलट ने विमान की लैंडिंग कराई। हालांकि विमान टचिंग पॉइंट को थोड़ा ओवरशूट कर गया था।

पटना एयरपोर्ट का रनवे छोटा है। पायलट काे लगा कि रनवे पर विमान काे नहीं रोक पाएंगे ताे उसने दाेबारा विमान काे ऊपर उठा लिया। ऐसा हाेता देख यात्री परेशान हाे गए।

AI की तस्वीरों से समझिए, रनवे पर क्या हुआ…

इंडिगो की फ्लाइट के पहिए रनवे को छू चुके थे। पायलट को फिर से उड़ान भरनी पड़ी।

इंडिगो की फ्लाइट के पहिए रनवे को छू चुके थे। पायलट को फिर से उड़ान भरनी पड़ी।

पायलट ने पटना के आसमान में 4 चक्कर लगाए, इसके बाद फ्लाइट की लैंडिंग हुई।

पायलट ने पटना के आसमान में 4 चक्कर लगाए, इसके बाद फ्लाइट की लैंडिंग हुई।

क्रू मेंबर ने यात्रियों से धैर्य रखने को कहा

यात्रियों को लगा कि काेई विमान रनवे पर हाेगा या फिर काेई इमरजेंसी हाे गई। क्रू मेंबर ने यात्रियों से कहा कि काेई इमरजेंसी नहीं हुई है। तकनीकी कारणों की वजह से विमान काे फिर से टेकऑफ किया गया है। चार-पांच मिनट में लैंडिंग हाे जाएगी। यात्री धैर्य रखें।

2 हजार मीटर है पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई

फिलहाल पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 2,072.64 मीटर है। इसे 584.96 मीटर और बढ़ाकर 2657.6 मीटर करने की तैयारी चल रही है। यह कवायद केंद्र सरकार के सर्कुलर के बाद तेज हुई है। दरअसल, केंद्र सरकार ने अहमदाबाद हादसे के बाद देशभर के सभी एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उसमें रनवे की लंबाई और सुरक्षा को लेकर खास निर्देश दिया गया है।

रनवे बढ़ाने का प्लान क्या है?, कितनी और जमीन की जरूरत होगी?, कहां से जमीन ली जाएगी? रनवे क्यों बढ़ाया जाएगा? सारे सवालों का जवाब स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए…।

रनवे बढ़ाने की जरूरत क्यों है?

पटना एयरपोर्ट के डायरेक्टर रह चुके एक अधिकारी ने बताया, ‘फिलहाल पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई अभी 2072 मीटर है। जबकि, कम से कम 2438 मीटर होनी चाहिए। अभी लंबाई कम होने से विमान 3 डिग्री के क्षितिज पर उतरते हैं, जबकि यह 2.5 डिग्री के क्षितिज पर उतरना चाहिए।’

एयरक्राफ्ट के एक इंजीनियर बताते हैं, ‘बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए कम से कम 3-5 किलोमीटर का रनवे होना जरूरी है। जबकि, पटना का रनवे दो किलोमीटर से थोड़ा ही अधिक है।’

दो तरह के विमान होते हैं..

पहला- नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट। इसमें 250 या 250 से कम सवारी की क्षमता होती है। पटना या अन्य छोटे एयरपोर्ट पर ऐसे ही प्लेन का संचालन किया जाता है।

दूसरा- वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट। इसमें 300 से ज्यादा यात्री की क्षमता होती है। इसका इस्तेमाल इंटरनेशनल फ्लाइट में किया जाता है। इस विमान का संचालन पटना एयरपोर्ट से नहीं होता है।

दरअसल, पटना एयरपोर्ट पर लार्जर बॉडी प्लेन को लैंड कराने में दिक्कत आती है। इसलिए यहां छोटे विमान ही आते-जाते हैं।

केंद्र के आदेश के बाद क्या हुआः केंद्र के सर्कुलर के बाद पटना कमिश्नर चंद्रशेखर सिंह ने पटना DM की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। कमेटी में एयरपोर्ट से जुडे़ अधिकारी भी शामिल थे। कमेटी ने रनवे की लंबाई को बढ़ाने की सिफारिश की है।

कमेटी ने जमीन की मापी, स्थल निरीक्षण और जगह चिह्नित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसकी रिपोर्ट भी सौंप दी गई है। अब समीक्षा के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। फिर सरकार के मुहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा।

कहां से जमीन लाएगी सरकारः पटना एयरपोर्ट घनी आबादी के बीच है। ऐसे में रनवे को बढ़ाने के लिए सरकार को जमीन चाहिए।

जमीन मापी के बाद तय हुआ कि एयरपोर्ट के पूर्वी हिस्से में पटना जू की 15 एकड़ जमीन ली जाएगी। वहीं, पश्चिमी हिस्से में फुलवारी शरीफ गुमटी के पास भी 14 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी।

रनवे विस्तार के 2 संभावित प्लान

  1. पटना एयरपोर्ट के पूरब तरफ लंबाई बढ़ाने के लिए पटेल गोलंबर वाली सड़क को अंडर ग्राउंड किया जाएगा। वहीं, पश्चिम की तरफ लंबाई बढ़ाने के लिए फुलवारी शरीफ गुमटी से जगदेव पथ वाली सड़क अंडर ग्राउंड होगी। इन अंडर ग्राउंड सड़कों के ऊपर रनवे बनेगा। जिला प्रशासन की तरफ से रनवे के पूर्वी हिस्से में टेलर रोड और सर्कुलर रोड को जोड़ने वाली जगह तक जमीन की मापी की गई है।
  2. पश्चिमी हिस्से में कब्रिस्तान की 15 डिसमिल जमीन ली जाएगी। यह जमीन एयरपोर्ट की बाउंड्री से सटी है। पूरब की ओर है। कब्रिस्तान के उत्तर-पश्चिम भाग का अधिग्रहण होगा। यहां से सड़क और पटना जू की जमीन को मिलाकर रनवे का हिस्सा बनाया जाएगा।
  3. बड़ा रनवे से खराब मौसम में भी लैंड हो सकेगा विमान
  4. एविएशन एक्सपर्ट की मानें तो छोटा रनवे होने के कारण बारिश और ठंड के सीजन में पटना एयरपोर्ट से पायलट को प्लेन उड़ाने में काफी दिक्कत होती है। दो तरह की खास परेशानी आती है…
  5. पहला- जब विजिबिलिटी कम होती है तो टेक ऑफ और लैंडिंग में दिक्कत होती है। ऐसे में बड़ा रनवे होने पर फायदा मिलता है।
  6. दूसरा- जब तेज हवाएं चलती है तो लैंडिंग में दिक्कत होती है। ऐसे में हवा का दबाव कम करने के लिए विमान को ज्यादा रोल करने की जरूरत होती है। इस स्थिति में बड़ा रनवे होना ज्यादा जरूरी होता है।
  7. सचिवालय का घंटाघर 51 फीट छोटा होगा
  8. कमेटी ने सचिवालय के क्लॉक ‎टावर की ऊंचाई को भी कम करने की सिफारिश की है। एयरपोर्ट से क्लॉक टावर की दूरी करीब एक किलोमीटर है। अभी क्लॉक टावर की ऊंचाई 49.5 मीटर है।
  9. एक्सपर्ट के मुताबिक, विमान को‎ 2.5 डिग्री के क्षितिज पर लैंड करना चाहिए, लेकिन क्लॉक टावर की अधिक ऊंचाई रहने‎ के कारण 3 डिग्री पर लैंड करना पड़ता है। यह बहुत सेफ सिचुएशन नहीं है। विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए क्लॉक‎ टावर की ऊंचाई को 17.5 मीटर यानी 51 फीट घटाने‎ की जरूरत है।
  10. 51 फीट घटाने पर फ्लाइट की लैंडिंग सुरक्षित होगी। इसको लेकर एयरपोर्ट प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र भी भेजा है।
  11. पटना एयरपोर्ट का हाल में बना है नया टर्मिनल
  12. 29 मई को PM नरेंद्र मोदी ने पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का इनॉगरेशन किया। 3 जून से इसे आम यात्रियों के लिए खोल दिया गया। नया टर्मिनल भ‌वन 10 साल में 1200 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
  13. वर्ल्ड क्लास टर्मिनल बनाने के लिए सिंगापुर की मेनहार्ट कंपनी ने आर्किटेक्चर तैयार किया। यहां मल्टी लेवल कार पार्किंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल कम टेक्निकल बिल्डिंग, फायर स्टेशन, कार्गो कॉम्पलेक्स, फ्लाइंग क्लब भी बनाए गए हैं।
  14. अराइवल और डिपार्चर के न केवल रास्ते अलग किए गए हैं, बल्कि फ्लोर ही सेपरेट कर दिए गए हैं।
  15. चेक इन काउंटर्स की संख्या बढ़ाकर 64 कर दी गई है। सिक्योरिटी चेकिंग पॉइंट्स तीन गुना बढ़ा दिए गए हैं। एयरो ब्रिज की संख्या बढ़ाकर 5 कर दी गई है।

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हिंडनबर्ग केस- अडाणी को SEBI की क्लीन चिट:अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप थे, मार्केट वैल्यू ₹1 लाख करोड़ कम हो गई थी

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मुंबई,एजेंसी। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार,18 सितंबर को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी ग्रुप को क्लीनचिट दे दी है। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने गौतम अडाणी और उनकी कंपनियों (जैसे- अडाणी पोर्ट्स और अडाणी पावर) पर शेयर बाजार में हेरफेर के आरोप लगाए थे।

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे 25 जनवरी तक ग्रुप के शेयरों की मार्केट वैल्यू करीब 12 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपए) कम हो गई थी।

अडाणी को क्लीनचिट देते हुए SEBI की 6 बातें…

पारदर्शी जांच: SEBI ने पूरी जांच, सुनवाई और सबूतों के आधार पर पाया कि कोई धोखाधड़ी, शेयरों में हेरफेर या इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी लेन-देन वैध और पारदर्शी थे।

आरोप गलत साबित हुए: हिंडनबर्ग ने अडाणी पर शेयरों में हेरफेर, फंड का गलत इस्तेमाल, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए।

कोई नियम नहीं तोड़ा: अडाणी की कंपनियों (जैसे अडाणी पोर्ट्स, अडाणी पावर) के लेन-देन में SEBI के नियमों, लिस्टिंग नियमों या LODR नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।

रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं: माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स, रेहवार इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों के जरिए हुए फंड ट्रांसफर को रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन नहीं माना गया, क्योंकि ये उस समय के नियमों में शामिल नहीं थे।

लोन चुकाया, कोई धोखा नहीं: अडाणी पोर्ट्स से अडाणी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडाणी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।

कोई सजा या जुर्माना नहीं: चूंकि कोई गलती साबित नहीं हुई, इसलिए अडाणी ग्रुप, गौतम अडाणी, राजेश अडाणी या उनकी कंपनियों पर कोई जुर्माना या सजा नहीं लगी।

जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी

अडाणी ने किसी भी गलत काम के आरोपों से इनकार किया था। हालांकि इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई और सेबी ने भी मामले की जांच की।

इस मामले में अडाणी को पहले ही कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसले के बाद गौतम अडाणी ने कहा था, ‘कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। सत्यमेव जयते। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की ग्रोथ स्टोरी में हमारा योगदान जारी रहेगा। जय हिन्द।

रिपोर्ट के बाद शेयर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 59% गिरा था

24 जनवरी 2023 (भारतीय समय के अनुसार 25 जनवरी) को अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का प्राइस 3442 रुपए था। 25 जनवरी को ये 1.54% गिरकर 3388 रुपए पर बंद हुआ था। 27 जनवरी को शेयर के भाव 18% गिरकर 2761 रुपए पर आ गए थे। 22 फरवरी तक ये 59% गिरकर 1404 रुपए तक पहुंच गए थे।

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CJI की सफाई- सभी धर्मों का सम्मान करता हूं:खजुराहो की खंडित मूर्ति बदलने की याचिका पर कहा था- भगवान से खुद करने को कहो

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नई दिल्ली,एजेंसी। खजुराहो के वामन (जावरी) मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता से कहा था-

जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो।

बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं।

सॉलिसिटर जनरल बोले- सोशल मीडिया पर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है

गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा,

न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है।

वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई और कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है।

VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखना

VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो।

हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

जावरी मंदिर खजुराहो का पहला मंदिर है, जिसे साइड व्यू से पूरा देखा जा सकता है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

अपनी वास्तुकला के कारण खजुराहो के मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति खंडित होने की वजह से पूजा नहीं की जाती।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

जावरी मंदिर में भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया गया है।

बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलतः हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं।

खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं, वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं।

वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे। यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए। इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए, जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों।

जीर्णोद्धार की मांग, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था

जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है। राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था।

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उत्तराखंड के चमोली में बादल फटा, 14 लोग लापता:मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स फंसे, हिमाचल में 419 मौतें, देश में अबतक 8% ज्यादा बारिश

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नई दिल्ली/भोपाल/देहरादून,एजेंसी। उत्तराखंड में दो दिन में दूसरी बार बादल फटा है। 17 सितंबर की रात चमोली जिले के नंदानगर घाट में बादल फटा। यहां कुंटरी लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। 14 लोग लापता हैं और 20 लोग घायल हैं। अब तक 2 लोग रेस्क्यू किए गए।

इससे पहले 16 सितंबर को देहरादून में बादल फटा था। देहरादून से मसूरी का 35 किलोमीटर का रास्ता कई जगह क्षतिग्रस्त है। इसके कारण मसूरी में 2500 टूरिस्ट्स लगातार तीसरे दिन फंसे हुए हैं।

हिमाचल में इस सीजन बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और अचानक आई बाढ़ से अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने दोनों ही राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को अगले 48 घंटे हाई अलर्ट पर रखा है।

देश में इस साल 24 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंचा था। देश में अब तक (17 सितंबर) सामान्य से 8% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 3 राज्यों राजस्थान (पश्चिम), पंजाब और हरियाणा से मानसून की विदाई शुरू भी हो चुकी है, लेकिन इसके जाते-जाते भी देश के 7 राज्यों में तेज बारिश की संभवना है।

मौसम विभाग और ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (GFS) के मुताबिक, सितंबर के आखिरी कुछ दिन और अक्टूबर की शुरुआत तक एक बड़े कम दबाव के क्षेत्र के साथ जबरदस्त बारिश के आसार हैं।

25-26 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में बड़ा मानसूनी सिस्टम लो प्रेशर एरिया बन रहा है। इससे पूर्वी-पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छग, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में 3 इंच तक पानी गिर सकता है।

चमोली के नंदानगर की तस्वीरें…

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

बादल फटने के कारण नंदानगर घाट इलाके के 6 मकानों में मलबा और पानी भर गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

नंदानगर घाट में बादल फटने के बाद रास्ता कट गया।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

घरों में कई फीट तक मलबा भरा है, यहां पर 7 लोग लापता हैं।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में बादल फटने के बाद पूरे इलाके में मलबा जमा हो गया। घरों में भी मलबा भर गया।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

नंदानगर में घरों के नीचे से बहता पानी, कई घरों को नुकसान भी हुआ है।

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