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कोरबा

मत्स्य आखेट पर रहेगा प्रतिबंध, मछलियों के संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक बंद ऋतु घोषित

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कोरबा। जिले में वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि को ध्यान में रखकर उनके संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद  ऋतु   (क्लोज सीजन) घोषित किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत जिले के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब, छोटे-बड़े जलाशयों में सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त 2025    तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
सहायक संचालक मछली पालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने तथा अपराध सिद्ध होने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के तहत 01 वर्ष का कारावास तथा 05 हजार रूपए का जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्रोत या नदी-नालों को छोड़कर जिनका संबंध किसी नदी-नाले से नहीं है और उनके अतिरिक्त जलाशय जिनमें केज कल्चर का कार्य किया जा रहा है, उनमें मत्स्य अधिनियम लागू नहीं होंगे।

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कोरबा

रायपुर के डामर फैक्ट्री में लगी भीषण आग, :5KM दूर तक दिखा धुएं का गुबार, फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पाया काबू

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रायपुर, एजेंसी। रायपुर के उरला में एक डामर फैक्ट्री में भीषण आग लग गई है। आग इतनी भयानक है कि, आसमान में काले धुएं का गुबार करीब 5 किलोमीटर दूर तक दिखा। फिलहाल, 4 से 5 दमकल की गाड़ियों ने आग का काबू पा लिया है। मामला उरला थाना क्षेत्र का है।

उरला थाना प्रभारी बीएल चंद्राकर से मिली जानकारी के मुताबिक, आग वेस्टर्न तार प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की फैक्ट्री में लगी थी। यहां पर डामर (तार) का निर्माण किया जाता है। शनिवार 12 बजे के आसपास फैक्ट्री के कर्मचारी काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक बिजली के वायर में शार्ट सर्किट हो गया। जिससे चिंगारी आग में तब्दील हो गई। जो तेजी से फैलने लगी।

फैक्ट्री में था ज्वलनशील सामान

मिली जानकारी के मुताबिक, फैक्ट्री के भीतर कई ज्वलनशील पदार्थ थे। जिस वजह से आग ने कुछ ही मिनटों में एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि प्रबंधन ने तत्काल वहां आसपास मौजूद लोगों को बाहर निकाला। फिर फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। जिस वजह से कोई जनहानि की सूचना नहीं है।

दूर तक दिखा काले धुएं का गुबार

आग भड़कते ही आसमान में करीब 5 किलोमीटर तक काले धुएं का गुबार दिखने लगा। जिससे आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया। हालांकि आस पास के पावर प्लांट से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फौरन मौके पर पहुंची। करीब चार से ज्यादा दमकल कर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद आग में काबू पा लिया गया है। इस मामले में उरला पुलिस आगे की जांच कर रही है।

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कोरबा

केन्द्रीय विद्यालय कुसमुंडा की खाली सीटों पर छात्र-छात्राओं को मिलेगा सीधे प्रवेश

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कोरबा| एसईसीएल केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-3 में सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 10 वीं व 12 वीं की खाली सीटों पर छात्रों को सीधे प्रवेश मिलेगा। इसका लाभ एसईसीएल कर्मियों, केंद्र सरकार के विभागों व केंद्र सरकार के अधीनस्थ सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, बैंक, डाक विभाग, रेलवे, एलआईसी स्वायत्त निकायों में काम करने वाले अभिभावकों के बच्चों को मिलेगा।

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कोरबा

हनुमान मंदिर में फन फैलाए बैठा था कोबरा, VIDEO:कोरबा में 5 फीट सांप का रेस्क्यू; डिब्बे में भरकर जंगल में छोड़ा

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कोरबा ।कोरबा के एसईसीएल हेलीपैड स्थित हनुमान मंदिर में एक नाग सांप निकला। 13 जून की रात मंदिर के मेन गेट पर 5 फीट लंबा जहरीला नाग फन फैलाए बैठा था। पुजारी की नजर पड़ते ही मंदिर में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।

घटना रात करीब 9 बजे की है। पुजारी मंदिर बंद करने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने नाग को देखा। तुरंत स्नेक कैचर टीम को सूचना दी गई। स्नेक कैचर्स उमेश यादव और अतुल सोनी ने मौके पर पहुंचकर सांप का सफल रेस्क्यू किया।

पुजारी के मुताबिक, मंदिर के आसपास नर्सरी होने के कारण अक्सर नाग सांप दिखाई देते हैं। कई बार ये मुख्य सड़क पार करते हुए भी नजर आते हैं। हालांकि, अब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।

डिब्बे में भरकर सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया।

डिब्बे में भरकर सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया।

सांप दिखने पर घबराएं नहीं, स्नेक कैचर्स को बुलाए

स्नेक कैचर उमेश यादव ने बताया कि नाग को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया है। मौसम में बदलाव के कारण शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में सांप निकलने की घटनाएं बढ़ रही हैं।

स्थानीय लोगों ने स्नेक कैचर्स के काम की सराहना की। विशेषज्ञों का कहना है कि सांप दिखने पर घबराएं नहीं। उसे मारने की बजाय स्नेक कैचर्स को सूचना देना ही सुरक्षित विकल्प है।

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