छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की टीचर को राष्ट्रपति पुरस्कार:80% दिव्यांग, भाई कंधे पर बैठाकर स्कूल ले जाता था; अब लिख डाली 20 किताबें, बनाए 270 वीडियो
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1 year agoon
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Divya Akashभिलाई ,एजेंसी। छत्तीसगढ़ की के. शारदा 50 शिक्षकों में से एक हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के विजेताओं के नाम घोषित किए हैं। 50 नामों की लिस्ट में 2 दिव्यांग टीचर हैं जिनमें से एक दुर्ग की के. शारदा हैं। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर सभी का सम्मान किया जाएगा।
के. शारदा से बातचीत की तो पता चला कि वह 20 से ज्यादा किताबें लिख चुकी हैं। अभी वे शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि जब वह 3-4 साल की थी, तब से पोलियो के कारण कमर से नीचे का हिस्सा 80 प्रतिशत दिव्यांग है। इनके बड़े भाई कांधे पर बैठाकर स्कूल ले जाते थे।
सीढ़ियां नहीं चढ़ पाने से सरकारी स्कूल में पढ़ाई की
के. शारदा भिलाई कैंप 1 की रहने वाली हैं। परिवार में मां-बाप और दो भाई बहन हैं। के. शारदा ने बताया कि BSP स्कूल कैंप-1 में 8वीं तक पढ़ाई की हैं, लेकिन 9वीं क्लास में सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता था। दिव्यांग होने के कारण चढ़ नहीं पाती थी।
ऐसे में 9वीं से 12वीं सरकारी स्कूल और फिर सरकारी कॉलेज से BA इकोनॉमिक और MSC मैथ की डिग्री हासिल है। 2019 से टीचिंग लाइन में आईं। फिलहाल वें खेदामारा में गणित विषय की टीचर हैं।
कोरोना-काल में आया बदलाव, डिजिटल पैटर्न समझा
के. शारदा ने बताया कि कोरोना के दौरान जब बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे थे, तो उन्होंने डिजिटल पैटर्न में जाने की ठानी। घर पर ही टीचिंग लर्निंग मटेरियल के जरिए गणित के अलग-अलग टॉपिक पर वीडियो बनाना शुरू किया। अब तक वे 270 से ज्यादा वीडियो बना चुकी हैं।
शारदा ने बताया कि वीडियोज को यू-ट्यूब चैनल में अपलोड कर बच्चों तक पहुंचाती थी। इसके जरिए उनके स्कूल के ही नहीं, बल्कि दूसरे स्कूलों के बच्चों ने भी वीडियो देखकर गणित का कोर्स कम्प्लीट किया। उनके वीडियो को प्रदेश में काफी पसंद किया गया।

के. शारदा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा में बच्चों को पढ़ाती हुईं।
20 अलग-अलग विषयों पर किताबें लिखी
अध्यापिका के शारदा ने बताया कि, उन्होंने ऑडियो-वीडियो बुक्स, ई-कंटेट और खिलौना बुक बनाकर बच्चों के लिए खेल-खेल में पढ़ाई को आसान बनाया। पाठ्यक्रम को आसान बनाने के लिए 20 अलग-अलग विषयों पर किताबें लिखी। कुछ किताबें सरकारी स्कूलों में बतौर पाठ्यक्रम शामिल की गई हैं।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत भी एक बुक बनाई नैतिक शिक्षा का सार…इसमें 50 कहानियों का संग्रह है। इसका छत्तीसगढ़ी और अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया गया है। बस्तर क्षेत्र के बच्चों के लिए हल्बी और हिंदी भाषा में भी किताबें लिखी हैं, जो बस्तर के कल्चर को बताती है, जिनसे स्कूलों में पढ़ाई हो रही है।

बच्चों को पढ़ाती हैं नवाचार के जरिए
शारदा ने टीएलएम बुक बनाई
के. शारदा ने टीएलएम बुक में भी अपना कॉन्ट्रीब्यूशन दिया है। इसे 33 जिलों के शिक्षकों ने मिलकर बनाया। महत्वपूर्ण तिथियों का सार बुक में लिखा गया। साथ ही गणित की एक किताब लिखी है, जिसमें QR कोड के माध्यम से यू-ट्यूब लिंक दिए गए हैं।

शासकीय प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा
सम्मान मिलने पर मां ने जताई खुशी
माता-पिता ने पहले भी उसकी पढ़ाई या उसकी इच्छा पर रोक-टोक नहीं किया। के. शारदा की मां सावित्री ने बताया कि बेटी को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान मिलने पर बहुत खुश हैं। के. शारदा के भाई ने बताया कि कई बार वह अपनी बहन को कंधों पर बिठाकर स्कूल लेकर जाते थे। अब सफलता देखकर खुशी होती है। राष्ट्रपति अवॉर्ड पाकर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने पर स्कूल स्टाफ भी खुश है।

के. शारदा की मां सावित्री बाई और उनके परिवार की तस्वीर।
राज्यपाल के हाथों भी हो चुकी हैं सम्मानित
के शारदा वर्ष 2023 में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल के हाथों भी सम्मानित हो चुकी हैं। उन्हें तत्कालीन राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने सम्मान दिया था। के शारदा बचपन से ही पोलियो से पीड़ित थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकत बनाया। शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए नए नवाचार करती जा रही हैं। अब वे राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगी। इस लिस्ट में 28 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षकों को शॉर्ट लिस्टेड किया गया है। लिस्ट में 34 पुरुष, 16 महिलाओं का नाम है।
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छत्तीसगढ़
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद शुक्ल को अंतिम विदाई:बेटे ने दी मुखाग्नि, सीएम ने कांधा दिया, अंतिम यात्रा में विश्वास भी शामिल हुए
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18 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में हुआ। बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि मुख्यमंत्री साय ने पार्थिव शरीर को कांधा दिया। अंतिम यात्रा में कुमार विश्वास भी शामिल हुए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बता दें कि शुक्ल को एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर दुख जताया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन अत्यंत दुःखद है। हिन्दी साहित्य में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
शुक्ल की अंतिम विदाई की तस्वीरें …

विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन हुए। रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार।

अंतिम संस्कार की रस्में निभाकर बेटे शाश्वत गोपाल ने मुखाग्नि दी।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विनोद कुमार शुक्ल को अंतिम विदाई दी गई।

सीएम साय ने भी विनोद कुमार शुक्ल के पार्थिव देह को कांधा दिया।

शुक्ल के अंतिम यात्रा में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़
लॉरेंस-बिश्नोई से जुड़े गैंगस्टर मयंक को रायपुर लाई पुलिस:4 दिन की रिमांड मिली,झारखंड की जेल में बंद था, कारोबारी पर फायरिंग का है आरोपी
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18 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर पहुंची। गैंगस्टर को झारखंड से रायपुर लाने के दौरान दोनों राज्यों के 15 अधिकारी साथ रहे। मयंक सिंह को पुलिस ने रायपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मयंक को 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 27 दिसंबर को मयंक सिंह को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 23 दिसंबर की रात 10 बजे गैंगस्टर मयंक को लेकर पुलिस झारखंड से निकली थी, जो 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। कोर्ट ने गैंगस्टर के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। मयंक सिंह अमन साव गैंग का सदस्य है। इसके साथ ही उसके लॉरेंस बिश्नोई से भी संबंध है।
मयंक पर रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चलवाने का आरोप है। फिलहाल, वह झारखंड की जेल में बंद था, जहां दर्ज मामलों के चलते उसे न्यायिक हिरासत में रखा गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस की नजर भी उस पर बनी हुई थी। क्योंकि राज्य में भी मयंक के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को लेकर रायपुर पहुंची पुलिस।

गैंगस्टर मयंक सिंह को रायपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।
कारोबारी के दफ्तर पर चलाई थी गोली
जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर गोली चली थी। इसका CCTV भी सामने आया था। बाइक सवार आरोपी ने 2 बार फायरिंग की थी, जिसमें एक हवा में और दूसरी गोली कार पर की गई थी। आरोप है कि मयंक सिंह ने यह गोली चलवाई थी, वह इस घटना का मुख्य आरोपी है।

गैंगस्टर मयंक सिंह।
लॉरेंस बिश्नोई से है संबंध
मयंक सिंह को गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता रहा है, जबकि चर्चा ये भी है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के बचपन का दोस्त है। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है।
झारखंड का यह पहला मामला है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पण कर देश वापस लाया गया हो। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।
45 से अधिक केस है दर्ज
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे करीब 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने नेटवर्क का संचालन कर रहा था।
जानकारी ये भी है कि मयंक सिंह ने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी थी। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी भी वह मांग चुका है। अमन साव गैंग से उसके गहरे संबंध रहे हैं। अमन साव का पहले ही एनकाउंटर हो चुका है, ऐसे में मयंक सिंह को पुलिस इस नेटवर्क की अहम कड़ी मान रही है।
डंकी रुट से गया था विदेश
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह डंकी रूट के जरिए विदेश पहुंचा था। पहले सिंगापुर, फिर ईरान, मेक्सिको होते हुए अमेरिका तक गया और वहीं से गैंग का संचालन करता रहा। अब उसके प्रत्यर्पण के बाद पुलिस उससे अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई अहम राज उगलवाने की तैयारी में है।

पुलिस गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मीडिया को ई-मेल करके बताया था टारगेट
16 जून 2024 को छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया था। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही थी।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई थी। गैंगस्टर ने कहा था कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP ने जांच कराने की बात कही थी।
छत्तीसगढ़
मॉब लिंचिंग केस…30 लाख मुआवजा देगी केरल सरकार:मजदूर को बांग्लादेशी बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, छत्तीसगढ़ में 5 लाख की मदद
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18 hours agoon
December 24, 2025By
Divya Akashरायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर राम नारायण (40) को केरल में भीड़ ने 17 दिसंबर को बांग्लादेशी समझकर पीट-पीटकर मार डाला था। जिसे लेकर परिवार ने 25 लाख रुपए मुआवजा मांगा था। केरल सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 लाख मुआवजा देने की बात कही है।
इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का मानना है कि महिलाओं समेत करीब 15 आरोपी हैं। आशंका है कि बाकी संदिग्ध कथित तौर पर शुरुआती जांच में चूक के कारण राज्य छोड़कर भाग गए हैं। वहीं, बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में पैतृक गांव में राम नारायण बघेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
कांग्रेस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की थी। इसके अलावा, केरल के मंत्री एमबी राजेश ने कहा था कि 4 आरोपी RSS परिवार के कार्यकर्ता हैं। मजदूर पूरे देश में संघ परिवार की तरफ से फैलाई गई नफरत की राजनीति का शिकार हुआ है।

राम नारायण बघेल, जिनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।

मजदूर को हाथ मुक्कों से मारने का यह वीडियो वायरल हुआ था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 17 दिसंबर को अट्टापल्लम इलाके में स्थानीय लोगों ने छत्तीसगढ़ के सक्ती निवासी राम नारायण बघेल (31) को चोरी के शक में पकड़ा। उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस के मुताबिक राम नारायण नशे की हालत में थे, लेकिन उनके पास से चोरी का कोई सबूत नहीं मिला था।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर हितेश शंकर ने बताया था कि, शरीर का कोई भी हिस्सा बिना चोट के नहीं था। राम नारायण के शरीर पर 80 से ज्यादा चोटों के निशान थे। सिर पर गंभीर चोटों के साथ खून ज्यादा बह गया, जिससे राम नारायण की मौत हो गई।
केरल पुलिस के मुताबिक मजदूर के शरीर पर चोट के बहुत ज्यादा निशान थे। दर्द से उसकी मौत हुई है। मारपीट से मजदूर की छाती से खून भी बह रहा था। शरीर में कई घाव बन गए थे। वालैयार थाने में अपराध मामला दर्ज किया गया है।

रामनारायण बघेल (40) की डेडबॉडी बुधवार को छत्तीसगढ़ लाई गई।
परिवार को नहीं दी गई थी मौत की जानकारी
राम नारायण के चचेरे भाई शशिकांत बघेल ने बताया था कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस ने सिर्फ यह कहा कि राम नारायण थाने में हैं और तुरंत पहुंचने को कहा। बाद में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। राम नारायण के 2 बेटे हैं, जिनकी उम्र 8 और 10 साल है।
मृतक के परिजनों ने केरल सरकार सरकार से मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और रामनारायण के शव को उसके पैतृक गांव तक पहुंचाने की मांग की थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पीड़ित परिवारों को 5 लाख आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने कहा था कि परिजनों को तत्काल केरल भेजने की व्यवस्था की गई है। मजदूर का शव आज हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ लाया गया।

मजदूर की हत्या के बाद परिजनों ने न्याय की मांग की है।
सोशल एक्टिविस्ट जब्बार बोले- यह मॉब लिंचिंग है
वहीं सोशल एक्टिविस्ट जब्बार ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर पीटा गया। यह मॉब लिंचिंग है। पुलिस ने शुरू में बिना ठीक से जांच किए शव को वापस भेजने की कोशिश की। राम नारायण को सांप्रदायिक और नफरत भरी बातें कहकर निशाना बनाया गया। परिवार को सही मुआवजा मिलना चाहिए।

वालैयार पुलिस ने आधार कार्ड से पहचान के बाद परिजनों को सूचना दी थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने पलक्कड़ जिला पुलिस प्रमुख से 3 सप्ताह के भीतर डिटेल में रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मजदूर की हत्या के आरोप में इन आरोपियों को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया
वालैयार पुलिस ने 18 दिसंबर को वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुरली, प्रसाद, अनु, बिपिन और आनंदन शामिल हैं। ये सभी अट्टापल्लम गांव के निवासी हैं। इसके बाद 2 आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राम नारायण का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।

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