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छत्तीसगढ़

ब्लास्टिंग के कंपन से घरों में दरारें:ग्रामीण बोले- रहने में डर लगता है, हिंडाल्को कपंनी से मुआवजे की मांग; 8 घंटे तक दिया धरना

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रायगढ़,एजेंसी। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कोड़केला गांव में रहने वाले लोगों को अब अपने ही घर में डर लगने लगा है। यहां कोयला खनन के लिए किए जाने वाले ब्लास्ट के कंपन से घर की दीवारों में दरारें पड़ गई है। जब ब्लास्ट होता है तो किचन में रखे बर्तन झनझनाते है। पक्के घरों की छत और कच्चे मकान के छप्पर गिर जाते है।

इस समस्या से परेशान ग्रामीण हिंडाल्को कंपनी के खिलाफ 11 जून बुधवार को धरने में बैठ गए। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि कंपनी को इसकी जानकारी होने के बावजूद ना कोई मरम्मत ना कोई मुआवजा दिया जा रहा है।

ग्रामीण 8 घंटे तक धरने पर बैठे रहे जिसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें 3 दिन में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों की मांग है कि घरों की मरम्मत कराई जाए, उचित मुआवजा राशि दी जाए और ब्लास्टिंग की तीव्रता को कम की जाए।

ग्रामीण 8 घंटे तक प्रदर्शन पर बैठे रहे।

ग्रामीण 8 घंटे तक प्रदर्शन पर बैठे रहे।

कच्चे और पक्के दोनों घरों की दीवारों में दरारें पड़ रही है।

कच्चे और पक्के दोनों घरों की दीवारों में दरारें पड़ रही है।

‘पिछले साल कम मुआवजा मिला’

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल बहुत कम मुआवजा दिया गया था। जिसके विरोध में वे पिछले साल भी प्रदर्शन के लिए उतरे थे। ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी भी की। आश्वासन के बाद धरना खत्म किया गया।

पहले दे चुके आवेदन

इससे पहले 3 जून को गांव की सरपंच चंद्रवती सिदार ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन दिया था। जिसमें बताया गया था कि हिंडाल्को कंपनी कोल माइंस का काम कर रहा है।जिसमें ब्लास्टिंग से गांव के घरों में दरारें आ रही है। बावजूद इसके कोई समाधान नहीं निकला।

कोड़केल निवासी दिलेश्वरी चौहान और समीर सिदार

कोड़केल निवासी दिलेश्वरी चौहान और समीर सिदार

कंपनी मरम्मत भी नहीं करा रही – ग्रामीण

कोड़केल निवासी समीर सिदार ने बताया कि हमारे गांव कोड़केल में ब्लास्टिंग से घर गिर रही है। इसके बाद भी कपंनी किसी तरह का मरम्मत नहीं करा रही है और न ही मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि आसपास के गांव में कपंनी ने मुआवजा दिया है, उसी तरह हमें भी मुआवजा मिलना चाहिए।

कंपनी हमे घर बनाकर दें – पीड़ित महिलाएं

गांव की दिलेश्वरी चौहान ने बताया कि उनका मकान कच्चा है जिससे छप्पर और बाथरूम धसक रहा है। कंपनी यहां से कोयला ले जाती है। यह हमारे लिए जी का जंजाल बन गया है। जैसा हमारा घर था वैसा घर हमे कंपनी बनाकर दे।

मुआवजा राशि की मांग

कोड़केल गांव की सरपंच चंद्रवती सिदार ने बताया कि कपंनी के अधिकारियों ने 3 दिन में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले भी हड़ताल किया गया था। तब मुआवजा राशि दिया गया, जिससे ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं। प्रशासन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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कोरबा

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने दी कोरबा सहित प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई

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कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 25 दिसम्बर गुरूवार को क्रिसमस डे के मौके पर कोरबा सहित प्रदेशवासियों को प्रभु ईसा मसीह जयंती पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रभु यीशु मसीह ने समाज को प्रेम, करूणा, क्षमा एवं समानता का संदेश दिया है। उन्हो´ने गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने एवं आपसी भाईचारा के साथ रहने की सीख दी है। प्रभु यीशु के संदेश हमेशा समाज के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय रहेंगे। 

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कोरबा

तान नदी पुल के आकस्मिक मरम्मत कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी

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4.76 करोड़ की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की होगी संरचनात्मक मरम्मत

कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग-130 के कटघोरा-शिवनगर खंड के अंतर्गत गुरसियाँ में स्थित तान नदी पुल के मरम्मत एवं रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगभग चार करोड़ 76 लाख रुपए की अनुमानित लागत से 116 मीटर लंबे और 7.8 मीटर चौड़े पुल की संरचनात्मक मरम्मत की जाएगी। पुल पर पूर्ण क्षमता के साथ शीघ्र यातायात सुचारु करने के लिए मरम्मत के कार्य को दो महीने में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए तत्परता से सड़कों और पुलों की मरम्मत सुनिश्चित की जा रही है। तान नदी पुल की स्थिति और यातायात के दबाव को देखते हुए इसे आकस्मिक मरम्मत एवं रखरखाव (Emergent Work) की श्रेणी में रखा गया था। इसके लिए प्राप्त निविदाओं को आज खोल दिया गया है। तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद जल्दी ही चयनित एजेंसी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

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कोरबा

कोरबा के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद:धर्मांतरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने दुकानदारों से मांगा समर्थन, छत्तीसगढ़ बंद का दिखा असर

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कोरबा। कोरबा में धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए बंद के आह्वान पर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर दुकानें बंद रहीं। निहारिका घंटाघर, सुभाष चौक, कोसाबाड़ी और टीपी नगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं। सुबह खुली कई दुकानों को निवेदन कर बंद कराया गया।

यह बंद कांकेर के आमाबेड़ा में धर्मांतरण के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ सर्व समाज के आह्वान पर बुलाया गया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

सक्रिय दिखा हिंदू संगठन

कोरबा में हिंदू संगठन से जुड़े महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी चौक से लेकर शहर के कई हिस्सों में खुली दुकानों को बंद करने का अनुरोध किया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से भी दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की गई।

विभिन्न हिंदू संगठन अलग-अलग गुटों में काम कर रहे थे। एक गुट सीतामढ़ी से कोरबा शहर तक दुकानें बंद करा रहा था, जबकि दूसरा निहारिका घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक सक्रिय था।

छत्तीसगढ़ बंद का कोरबा में भी समर्थन

हिंदू संगठन से जुड़े अजय विश्वकर्मा ने बताया कि बस्तर में ईसाई समुदाय और हिंदू आदिवासियों के बीच हुआ विवाद एक दुखद घटना है। उन्होंने आदिवासी भाइयों पर हुए हमले को गलत बताया। इसी के विरोध में पूरे छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया गया है, जिसका कोरबा में भी समर्थन किया जा रहा है।

विश्वकर्मा ने यह भी कहा कि कोरबा में भी धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। रूमगड़ा, कटघोरा, करतला क्षेत्रों के अलावा कोरबा शहर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिससे कई बार विवाद की स्थिति बनी है। पुलिस ने ऐसे मामलों में कई बार केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रलोभन और झूठ बोलकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिससे कोरबा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन के तहत, खुले दुकानदारों से पूछा जा रहा था कि क्या वे धर्म परिवर्तन का समर्थन करते हैं। उनसे कहा गया कि यदि वे समर्थन नहीं करते, तो अपनी दुकानें बंद रखें।

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