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कोरबा

कोरबा में बीच सड़क चटाई बिछाकर बैठे किसान:असिंचित जमीन पर मुआवजे की मांग; 2 घंटे बाद तहसीलदार के आश्वासन पर हटे

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कोरबा । कोरबा जिले के मुनगाडीह में किसानों ने मंगलवार सुबह मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। गांव के 18 से 20 किसान शासन की दी जा रही जमीन के मुआवजे से असंतुष्ट हैं।

किसानों का कहना है कि शासन उनकी जमीन को सिंचित बता रहा है, जबकि वह असिंचित है। वे असिंचित जमीन के हिसाब से मुआवजा चाहते हैं। सुबह 10 बजे किसान बिलासपुर-कटघोरा मार्ग पर पर एकत्रित हुए। उन्होंने सड़क पर चटाई बिछाई और धरने पर बैठ गए।

जाम की सूचना मिलते ही कटघोरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया। तहसीलदार समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। किसान लिखित आश्वासन के 2 घंटे बाद जाम हटाया गया।

किसानों ने बीच सड़क में चटाई बिछाई, रस्सी लगाकर गाड़ियों को रोका।

किसानों ने बीच सड़क में चटाई बिछाई, रस्सी लगाकर गाड़ियों को रोका।

दोनों तरफ लग गई थी लंबी कतारे

मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों से दिशा-निर्देश लेकर मुआवजे की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। दो घंटे की मशक्कत के बाद जाम खत्म हुआ। जाम के दौरान सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। चार पहिया वाहन, भारी वाहन और यात्री बसें प्रभावित रहीं।

उग्र आंदोलन की चेतावनी

इससे पहले भी किसान चक्का जाम और प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

किसानों के सड़क जाम से यातायात प्रभावित रहा।

किसानों के सड़क जाम से यातायात प्रभावित रहा।

किसानों की बात ऊपर तक पहुंचाई जाएगी – प्रशासन

इस मामले में प्रशासन का कहना है कि प्रभावित लोगों के द्वारा एक पिटीशन कमिश्नर कोर्ट में लगाई गई है जो विचार अधीन है। संबंधित लोग चाहते हैं कि जल संसाधन विभाग की ओर से भी इसे प्रकरण में जांच कराई जाए। लोगों को एश्योर किया गया है कि उनकी बात ऊपर तक पहुंचाई जाएगी।

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कोरबा

एसईसीएल और कलिंगा की गुंडागर्दी : बिना नोटिस तोड़ दिया मकान

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भूविस्थापितों ने कहा – अधिकार मांगने पर मिलती है धमकी और जेल
कोरबा।
आज प्रेस क्लब कोरबा तिलक भवन में अमगांव एवं मलगांव के भूविस्थापितों ने प्रेसवार्ता ली और एसईसीएल अधिकारियों एवं एसईसीएल में नियोजित ठेका कम्पनी कलिंगा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा – बिना नोटिस दिए, बिना मोहलत दिए हमारे घरों को तोड़ दिया और विरोध करने पर धमकी मिली- ज्यादा नेतागिरी करोगे तो, मारकर यहीं खदान में फेंक देंगे।
प्रेसवार्ता में मलगांव के भूविस्थापित दिनेश कुमार जायसवाल ने बताया कि मलगांव में उन्होंने रिहायशी क्षेत्र में मकान बनवाया था एवं राज्य स्थापना 01 नवम्बर 1998 में कामदगिरी उद्यान में 2400 पौधे लगाए थे और इन 27 सालों में ये सभी पौधे, बड़े-बड़े पेड़ बन गए थे और क्षेत्र आक्सीजोन बन गया था, जिसे बिना नोटिस दिए एसईसीएल के अधिकारियों ने जमींदोज कर दिया और इन पेड़ों का मुआवजा करीब 1.50 करोड़ हमें नही मिला और निजी जमीन होने के बाद भी एसईसीएल के अधिकारियों ने 1.50 करोड़ वन विभाग के पास जमा कर दिया, यहां तक की हमारे कटे पेड़ों को भी नहीं दिया और न एक रूपए इसका मुआवजा दिया।
मकान तोड़ दिया, मोहलत भी नहीं दी, लाखों का घरेलू सामान जमींदोज


भूविस्थापित दिनेश जायसवाल एवं उसका भाई राजेश जायसवाल ने बताया कि गत 29 मई को एसईसीएल दीपका के अधिकारी, कलिंगा कम्पनी के साथ तीन जेसीबी लेकर दोपहर 03.00 बजे आए और करीब 4 घंटे तक हमारे घरों को तोड़ कर चले गए। विरोध करने पर धमकी मिली – मार कर खदान में फेंक देंगे। उन्होंने अधिकारियों से गुजारिश की, कि हमें एसडीएम न्यायालय का आदेश दिखाएं, लेकिन अधिकारियों ने कहा – ज्यादा नेतागिरी मत करो, नहीं तो मार कर खदान में फेंक देंगे। अधिकारी का नाम पूछने पर दिनेश जायसवाल ने बताया कि सुशील साहू व रोशन मेश्राम में से रोशन ने मुझे यह धमकी दी। कलिंगा कम्पनी के लोगों ने हमारे साथ गुंडागर्दी की।
मुआवजा बना, लेकिन अब तक नहीं मिला
दिनेश जायसवाल ने बताया कि गांव के करीब 50 प्रतिशत लोगों को आज तक मुआवजा नहीं मिला। बिना मुआवजा, बिना बसाहट, बिना रोजगार के हमें एसईसीएल प्रबंधन द्वारा बेघर कर दिया गया, गुंडागर्दी इतनी बढ़ गई है कि इन अधिकारियों के सामने मिन्नतें करना भी पाप हो गया है।
कलेक्टर के निर्देशों को भी ये अधिकारी नहीं मानते, जबकि कलेक्टर का सख्त निर्देश है कि बिना बसाहट के भूविस्थापितों को विस्थापित न किया जाए, इसके बावजूद भी एसईसीएल के अधिकारी ग्रामीणों के घरों को नेस्तनाबूत कर रहे हैं, जिससे सैकड़ों लोग रोड पर आ गए हैं।
विधायक की बात भी नहीं मानते एसईसीएल के अधिकारी
दिनेश जायसवाल ने बताया कि कटघोरा विधायक ने एसईसीएल अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन उनकी भी बात अधिकारी नही मानते।
शासन-प्रशासन से न्याय नहीं मिला, तो कोर्ट जाएंगे
भूविस्थापितों ने बताया कि एसईसीएल के अधिकारी बाहर से गुंडागर्दी करने आई कलिंगा कम्पनी को साथ में लेकर गांव पहुंचते हैं और गुंडागर्दी, धमकी के साथ भूमिपुत्रों को बेदखल कर रहे हैं और उन्हें न तो बसाहट दी जा रही है, न घर का सामान निकालने के लिए मोहलत दी जा रही है और हमारे सपनों के घरों को जमींदोज कर दिया जा रहा है।
दिनेश जायसवाल ने बताया कि देश की प्रगति के लिए कोयला जरूरी है और हमें देश के लिए अपनी जमीन देने में कोई परेशानी नही है, लेकिन इस तरह की गुंडागर्दी हम कब तक सहेंगे। शासन-प्रशासन से हमें न्याय की उम्मीद है, न्याय नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट तक जाएंगे और क्षेत्र में भूमिपुत्रों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ मरतेदम तक लड़ेंगे। एसईसीएल के अधिकारी बिना बसाहट के हमें घरों से निकाल कर बेघर कर रहे हैं। न तो भूमिपुत्रों को रोजगार दिया जा रहा है, और न ही रहने के लिए बसाहट। घर – खेत सब ले रहे हैं- हम जिएंगे कैसे?
धमकी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की उम्मीद
दिनेश जायसवाल ने बताया कि अधिकार मांगने पर हमें धमकी दी जाती है। घर तोडऩे आए एसईसीएल दीपका के अधिकारी सुशील साहू एवं रोशन मेश्राम ने हमें धमकी दी- मार कर खदान में फेंक देंगे। कलिंगा के आदमियों ने हमें धक्के मारकर गिरा दिया और ठीक नही होगा, की धमकी दी। इनके खिलाफ एफआईआर करने की मांग के लिए एसपी-कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात भूविस्थापितों ने की है।
कलिंगा का काम मिट्टी उत्खनन का, लेकिन घरों को तोड़ रहे
भूविस्थापितों ने बताया कि एसईसीएल में नियोजित ठेका कम्पनी खदान प्रारंभ करने के पूर्व मिट्टी उत्खनन का है, लेकिन एसईसीएल के अधिकारी उन्हें गुंडा बनाकर घर तोडऩे आ जाते हैं और बाहर से आई इस कम्पनी के लोग संदिग्ध लगते हैं।
भूअर्जन एसईसीएल गेवरा ने किया, मकान तोडऩे दीपका के अधिकारी आ गए
भूविस्थापितों ने बताया कि हमारी जमीन का भूअर्जन एसईसीएल गेवरा द्वारा किया गया है और हमारे मकानों को तोडऩे एसईसीएल दीपका के अधिकारी, कलिंगा के साथ पहुंचे थे।
हमारे 2400 पेड़ों का मुआवजा वन विभाग के अधिकारी खा गए
दिनेश जायसवाल ने बताया कि हमने 27 साल तक सहेज कर 2400 पौधों को पेड़ बनाया, जिसका मुआवजा हमें देने के बजाए एसईसीएल के अधिकारियों ने वन विभाग को जमा कर दिया, जबकि पेड़ हमारी निजी जमीन में थे, हमें मुआवजा मिलना चाहिए, जिसे वनविभाग के अधिकारियों ने हमें नहीं दिया और संभवत: वे खा गए। यहां तक कि कटे पेड़ों को भी नहीं दिया और बाहर से ही बेचे जाने का अंदेशा है।
अधिकार मांगा, मिली जेल – शंकर कंवर
प्रेस कांफ्रेंस में ग्रामीण शंकर कंवर भी पहुंचा था और उन्होंने आपबिती सुनाई। उन्होंने कहा कि हमारे घर को भी तोड़ दिया गया और बिना बसाहट तोड़े जाने पर विरोध किया गया, तो दो-तीन दिन बाद कोयला चोरी का आरोप लगाकर अधिकारियों ने पुलिस से मिलकर जेल भेज दिया। मैंने दो दिन जेल में काटा। एसईसीएल के अधिकारी पुलिस से मिलकर भूमिपुत्रों को प्रताडि़त कर रहे हैं।

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कोरबा

BALCO Reaffirms Commitment to Carbon Neutrality and Water Positivity on World Environment Day

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Drives Environmental Stewardship through Renewable Energy Mix, Water Conservation and Community-Led Initiatives

Balconagar: Bharat Aluminium Company Limited (BALCO), a part of Vedanta Aluminium, marked World Environment Day showcasing commitment to sustainability through strategic ongoing interventions encompassing adoption of renewable energy mix, replenishing water structures and afforestation. These initiatives align with the company’s vision of achieving Net Water Positivity by 2030 and Net Zero Carbon Emissions by 2050.

While practicing environmental responsibility in its core operations, BALCO expanded its usage of renewable energy mix contributing to a significant reduction of over 1.6 lakh tonnes of carbon emissions in FY ’25. Further advancing energy efficiency, the company introduced an improved relining design in its potlines, reducing energy consumption by 400 kWh per metric tonne (MT). Enhanced digitisation across logistics has facilitated data-driven fleet management, optimising the movement of raw materials and finished goods, further lowering emissions.

As part of its water conservation efforts, BALCO has recycled over 5.20 million cubic meters of water, achieving a 17% increase over the previous year. In its surrounding communities, the company has restored 28 water structures, including farm ponds and community reservoirs, with a total storage capacity of over 39,000 cubic meters, enhancing groundwater recharge and supporting local agriculture.

Speaking on the developing resilient ecosystem, Mr. Rajesh Kumar, CEO & Director, BALCO said, “Sustainability is central to our growth philosophy at BALCO. Through our focused interventions in environmental stewardship, renewable energy, and community development, we aim to create a resilient ecosystem that supports circular economy and industrial progress while safeguarding environment. Our initiatives are a testament to BALCO’s vision of transforming the planet, responsibly.”

BALCO also continued its afforestation initiatives, planting over 52,000 saplings across operational sites, including mines, ash dykes, and peripheral community areas. The deployment of electric forklifts in operations and electric vehicles for township waste management and movement, has further contributed to cleaner, energy-efficient operations with a lower carbon footprint.

In alignment with BALCO’s commitment to ‘Transforming the Planet’, the company has maintained ash-free operational spaces while actively channelling fly ash for constructive use across multiple industries, including brick and cement manufacturing, infrastructure development, road construction, mines backfilling and more.

Further strengthening its environmental stewardship in FY25, BALCO has undertaken several key sustainability initiatives, including:
• Development of plastic-free zones within plant premises
• Promotion of electric vehicle usage among employees
• Conduct of nature walks and cleanliness drives to raise awareness on local biodiversity
• Organisation of gardening competitions promoting native and exotic plant species
• Community campaigns celebrating the ecological richness of Chhattisgarh to foster environmental empathy

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कोरबा

साइड न देने पर दो भाइयों की लात-घूंसों से पिटाई: छुट्टियों में आए थे कोरबा, कार सवार से भिड़े, युवक ने दोस्तों संग पीटा

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कोरबा। छत्तीसगढ़ में कोरबा के पाम मॉल के पास दो सगे भाइयों की बीच सड़क पर बुरी तरह पिटाई कर दी गई। बताया जा रहा है कि साइड न देने को लेकर दबंगों ने दोनों भाइयों की जमकर पिटाई कर दी। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

घटना सीएसईबी चौकी क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, उन्मेष गुप्ता (20 वर्ष) और निमेष गुप्ता (18 वर्ष) दोनों झोपड़ीपारा पंप हाउस के रहने वाले हैं और इस समय भिलाई में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। छुट्टियों में दोनों भाई कोरबा आए हुए थे और सोमवार को पाम मॉल गए थे। जब वे मॉल से बाहर निकल रहे थे, तभी कार निकालते समय एसईसीएल एसबीएस कॉलोनी निवासी राहुल गुरुम से रास्ता देने को लेकर विवाद हो गया।

विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में हाथापाई होने लगी। इस बीच राहुल ने अपने दोस्तों को फोन कर मौके पर बुला लिया। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, कुछ ही देर में कई युवक वहां पहुंच गए और उन्होंने उन्मेष और निमेष की सरेआम हाथ, मुक्के और लात से पिटाई शुरू कर दी। दबंगों ने इतनी पिटाई की जिसमें निमेष की टीशर्ट भी फट गया।

कार सवार युवक ने टीशर्ट फटते तक पीटा

कार सवार युवक ने टीशर्ट फटते तक पीटा

बाइक एजेंसी काम्प्लेक्स के बाहर हो रही मारपीट पर कर्मचारियों ने उन्हें यहां मारपीट करने से रोका। इसके बाद वे वहां से चले गए।

भीड़ देखती रही, किसी ने नहीं की मदद

घटना के समय मॉल के आसपास काफी लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी बीच-बचाव नहीं किया। मारपीट के दौरान लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे और कुछ लोग वीडियो बनाते रहे। मारपीट का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि उन्मेष गुप्ता को लात-घूंसे और थप्पड़ों से पीटा जा रहा है।

कार सवार युवक ने दोस्तों संग सरेआम दोनों भाइयों को पीटा

कार सवार युवक ने दोस्तों संग सरेआम दोनों भाइयों को पीटा

गंभीर रूप से घायल युवक रेफर

पिटाई में उन्मेष गुप्ता को गंभीर चोटें आई हैं। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बिलासपुर रेफर कर दिया गया है। निमेष को मामूली चोटें आई हैं।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

घटना की सूचना मिलते ही सीएसईबी चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। वायरल वीडियो की भी जांच की जा रही है। आरोपियों की पहचान की जा रही है और सभी के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

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