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कोरबा

पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल ने सादगी से मनाया अपना जन्मदिन

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सबसे पहले अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि
समर्थकों ने कई जगह मनाया जायसवाल का जन्मदिन

कोरबा / कटघोरा। कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में लोगों की समस्याओं और उनके समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले युवा कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष अजय जायसवाल ने अपना जन्मदिन सादगी के साथ मनाया।
गेवराबस्ती कार्यालय में समर्थक काफी संख्या में एकत्र हुए थे। अवसर था जिला पंचायत कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष अजय जायसवाल के जन्मदिन का। जैसे ही तय कार्यक्रम के अनुसार अजय जायसवाल अपना कार्यालय पहुंचे, समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया और फूल मालाओं तथा बुके देकर उन्हें यशस्वी एवं सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं दी।
सबसे पहले प्लेन क्रैश के मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि
अजय जायसवाल के जन्मदिन पर समर्थकों ने केक काटने की तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन अजय जायसवाल ने कहा कि देश में इतनी बड़ी त्रासदी हुई है, इस त्रासदी में सबसे पहले मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। अजय जायसवाल के नेतृत्व में सभी ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मृत सभी लोगों को विन्रम श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखकर सभी के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई कि सभी मृत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और मृतक के परिजनों को इस विकट संकट को सहने का सामथ्र्य प्रदान करें। अजय जायसवाल ने कहा – अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है और हम सभी भारतवासी इस दुखद घटना से आहत हैं।
सादगी से मनाया जन्मदिन
गेवराबस्ती में स्थित कार्यालय में समर्थकों ने अपने प्रिय नेता अजय जायसवाल का जन्मदिन सादगी से मनाया, लेकिन अजय जायसवाल को बधाई देने वाले लोगों की संख्या काफी थी। कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के दूरदराज से समर्थक उन्हें बधाई देने पहुंचे थे।

भूविस्थापितों के साथ मनाया जन्मदिन, कहा-संघर्ष में सदैव साथ खड़ा रहूंगा


जिला पंचायत कोरबा के पूर्व उपाध्यक्ष अजय जायसवाल ने एसईसीएल के भूविस्थापितों के साथ खदान क्षेत्र में अपना जन्मदिन मनाया। श्रमसेवा भूविस्थापित कामगार संगठन सहित अन्य संगठनों ने नेतृत्व देने वाले अजय जायसवाल को फूल-मालाओं एवं बुके साथ जन्मदिन की बधाई दी। इस अवसर पर अजय जायसवाल ने कहा कि जब तक भूविस्थापितों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे उनके साथ हमेशा खड़े रहेंगे और जमीन की लड़ाई लड़ी जाती रहेगी। उन्होंने कहा कि एसईसीएल के अधिकारियों की मनमानी और हिटलरशाही नहीं चलने दी जाएगी। हम राष्ट्र विकास के लिए अपनी जमीन देते हैं, लेकिन एसईसीएल के अधिकारी हमें अपने अधिकार से वंचित रखते हैं, हम अपने अधिकारों के लिए सब तरह की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

दीपका कार्यालय में भी मनाया जन्मदिन


दीपका स्थित अजय जायसवाल के कार्यालय में ग्रामीण अंचल हरदीबाजार, दीपका, झाबर, बतारी, बिंझरी, विजय नगर, भिलाईबाजार सहित आसपास के ग्रामीण एवं समर्थक तथा कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे थे और यहां भी फूल मालाओं एवं बुके से उनका स्वागत कर सुदीर्घ, स्वस्थ एवं यशस्वी जीवन की शुभकामनाएं दी और केक काटकर सबका मुंह मीठा कराया गया और स्वादिष्ट व्यंजनों का कार्यकर्ताओं ने लुफ्त उठाया।
अशोक वाटिका में भी काटा गया केक


सबसे पहले मार्निंग वाक के दोस्तों ने अशोक वाटिका में अजय जायसवाल का जन्म दिन उत्साह के साथ मनाया और विशाल केक काटकर दोस्तों ने अजय जायसवाल को विश किया। सभी दोस्तों ने फूल माला और गुलदस्तों से अपने प्रिय मित्र का स्वागत किया और अजय जायसवाल ने सुख-दुख के साथियों का गले लगकर अभिनंदन किया।
जायसवाल ने किया सभी का अभिवादन


13 जून को जन्मदिन पर सुबह से लेकर देर रात तक उनके जन्मदिन पर कार्यक्रम आयोजित कर जन्मदिन की खुशियां मनाने वाले समर्थकों, संचार माध्यमों से जन्मदिन की बधाई देने वाले शुभचिंतकों, स्वजनों, परिजनों का अभिवादन करते हुए आभार व्यक्त किया।
मंदिरों में की सपरिवार पूजा-अर्चना
13 जून को अपने जन्मदिन पर अजय जायसवाल सपरिवार मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की और कोरबा सहित प्रदेश की खुशहाली, परिवार की सुख समृद्धि की मंगलकामनाएं की।
माता-पिता का लिया आशीर्वाद, धर्मपत्नी ने उतारी आरती


सुबह सो-उठकर सबसे पहले अजय जायसवाल ने अपने माता श्रीमती प्रभादेवी जायसवाल-पिता श्री कन्हैया जायसवाल का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। अपने लाडले मोनू को माता-पिता ने सुदीर्घ, स्वस्थ एवं यशस्वी जीवन का आशीर्वाद दिया। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रीना जायसवाल ने आरती उतार कर तथा माथे पर तिलक लगाया और अपने पति की दीर्घायु तथा समृद्ध जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना की और जन्मदिन की अनंत, अशेष शुभकामनाएं दी।

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कोरबा

आदिवासी कोरवा परिवार के तीन सदस्यों की जघन्य हत्या करने वाले आरोपियों की सजा उम्रकैद में बदली

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कोरबा/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सामुहिक कुकर्म और तीन हत्या के मामले में पांच दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने माना है कि यह केस समाज को झकझोरने वाला है। फिर भी तथ्यों और परिस्थितियों में आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है, क्योंकि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी चाहिए।

यह मामला जनवरी 2021 का है, जब कोरबा जिले में एक 16 साल की पहाड़ी कोरवा जाति की लड़की के साथ सामुहिक कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। साथ ही उसके पिता और एक चार साल की बच्ची को भी बेरहमी से मार दिया गया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने और उनकी उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

दरअसल, कोरबा जिले के देवपहरी निवासी विशेष जनजाति समुदाय के परिवार के सदस्य सतरेंगा के संतराम मंझवार के मवेशियों को चराने का काम करता था। इसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात कही थी। लेकिन, संतराम मंझवार ने साल भर से बकाया भुगतान नहीं किया और मवेशी चराने के लिए केवल 600 रुपए और प्रति माह केवल 10 किलो चावल दिया। बाकी पैसे मांगने पर संतराम मंझवार टालमटोल करता रहा।

हाईकोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना

हाईकोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं माना

पति और बच्चियों को ढूंढती रही पत्नी

धरमू की पत्नी ने पुलिस को बताया कि वो अपने पति और बच्ची के साथ मवेशी चराने का हिसाब-किताब करने संतराम के पास गई थी। इस दौरान कहा था कि हमारा पैसा दे दो फिर हम अपने घर चले जाएंगे, तब संतराम ने उसे 600 रुपए नकद, अनाज दे दिया। जिसके बाद धरमू अपने गांव जाने के लिए ग्राम सतरेंगा के बस स्टैंड निकल गया।

कुछ देर बाद संतराम अपने साथियों के साथ आया। सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। पत्नी को एक बाइक से आगे भेज दिया। उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को रोक लिया। इसके बाद जब तीनों घर नहीं पहुंचे, तब धरमू की पत्नी तीनों की तलाश करते हुए संतराम के घर भी गई थी। लेकिन उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। उसने थाने में शिकायत की। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

जंगल में मिली परिवार के तीन सदस्यों की लाश

इस घटना के दूसरे दिन 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में तीनों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम (45), उनकी बेटी (16) और नातिन सतमति (4) शामिल थे। 30 जनवरी को जंगल में तीनों का शव मिला था।

कोर्ट से सजा सुनाने के बाद आरोपियों को ले जाती हुई पुलिस।

कोर्ट से सजा सुनाने के बाद आरोपियों को ले जाती हुई पुलिस।

पिता के सामने लड़की से किया सामुहिक कुकर्म फिर तीनों को मार डाला

धरमू की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की, तब पता चला कि आरोपी संतराम और अन्य साथियों ने मिलकर धरमू को अपने साथ ले गए। जहां रास्ते में आरोपियों ने रास्ते में शराब पी। इस दौरान उन्होंने धरमू को भी शराब पिलाई। आरोपियों ने पहले तय साजिश के तहत मिलकर वारदात अंजाम दिया। पिता धरमू के सामने उसकी बेटी से सामुहिक कुकर्म किया, जिसका उसने विरोध किया तो लाठी-डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी, जिसके बाद उसकी बेटी और चार साल की नातिन को भी मार डाला।

जिला न्यायालय ने सुनाई थी फांसी की सजा

जांच के बाद पुलिस ने सतरेंगा निवासी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ विक्की (21) के साथ ही उमाशंकर यादव (22) को गैंगरेप और हत्या के केस में गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी कर सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।

ट्रॉयल के बाद कोर्ट ने सभी को दोषी ठहराया। मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने अपने फैसले में कहा, मानवीय और निर्दयतापूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक और कायरतापूर्ण है। वासना को पूरा करने के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है। इसलिए, चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। जबकि, एक आरोपी उमाशंकर यादव को उम्रकैद की सजा दी।

कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

कोर्ट ने 5 दोषियों को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट ने फांसी को आजीवन कारावास में बदला

फांसी की सजा की पुष्टि के लिए केस को हाईकोर्ट भेजा गया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि हालांकि, यह पूरे समाज को झकझोरने वाला है, फिर भी, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में, अपीलकर्ताओं की आयु को देखते हुए और विचारपूर्वक विचार करने पर, हमारा मानना है कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मृत्युदंड की कठोर सजा उचित नहीं है।

यह ‘दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला’ नहीं है, जिसमें मृत्युदंड की कठोर सजा की पुष्टि की जानी है। हमारे विचार में उम्रकैद की सजा पूरी तरह से पर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा। जिस पर हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। वहीं, आरोपी उमाशंकर यादव की उम्रकैद की सजा को यथावत रखते हुए उसकी अपील खारिज कर दी है।

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कोरबा

गेवरा खदान में इलेक्ट्रिशियन की मौत:कोरबा के खदान में मेंटेनेंस के दौरान 6.6 केवी लाइन से करंट लगा, मुआवजे की मांग

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कोरबा ,एजेंसी। कोरबा में गेवरा खदान में बुधवार दोपहर एक इलेक्ट्रिशियन की करंट लगने से मौत हो गई। घटना दोपहर 3:30 से 4:00 बजे के बीच की है। पीक्यू सर्किट के बैकअप क्षेत्र में मेंटेनेंस कार्य के दौरान यह हादसा हुआ।

नागार्जुन कंपनी के इलेक्ट्रिशियन हीरा और उनके सहयोगी विवेक पटेल 6.6 केवी लाइन में आई स्पार्किंग की समस्या को ठीक करने पहुंचे थे। काम करते समय हीरा अचानक करंट की चपेट में आ गए। साथी कर्मचारी उन्हें तुरंत नेहरू शताब्दी चिकित्सालय ले गए। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद पटेल ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद कर्मचारियों में आक्रोश है। वे खदान में सुरक्षा मानकों के पालन पर सवाल उठा रहे हैं।

प्रशासन जल्द ही घटना की जांच के आदेश दे सकता है। कर्मचारी मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और सहायता की मांग कर रहे हैं।

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कोरबा

बालको सेक्टर-5 में संचालित स्कूल में अव्यवस्थाओं का आलम

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व्यवस्था सुधारने नेता प्रतिपक्ष साहू ने कलेक्टर को लिखा पत्र
कोरबा/बालकोनगर। एक तरफ युक्तियुक्तकरण सम्पन्न हो चुका है और प्रदेश भर के स्कूलों में 16 जून से विद्यालय प्रारंभ भी हो गया है और शाला प्रवेशोत्सव मनाया गया, लेकिन कई विद्यालयों में अव्यवस्था का आलम देखा गया। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के बाद भी कई विद्यालयों में न तो साफ-सफाई दिखी और न ही बच्चों पेयजल की व्यवस्था।
ऐसा ही एक मामला बालको सेक्टर-5 में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला में देखने को मिला। अव्यवस्थाओं से घिरे इस विद्यालय का प्रवेशोत्सव में नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू भी पहुंचे थे, जहां अव्यवस्था देखकर काफी खिन्न हुए।


उन्होंने तत्काल 16 जून को ही कलेक्टर को पत्र लिखा और ज्ञापन सौंपकर विद्यालय की अव्यवस्था को सुधारने की मांग की। उन्होंने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि उक्त विद्यालय में 250 से अधिक बच्चें अध्यनरत हैं, जहां पर शासकीय योजना के तहत मध्यान्ह भोजन भी संचालित है, लेकिन वहां भोजन बनाने के लिए तथा बच्चों के पीने के लिए पानी तक नहीं हैं। आखिर स्कूल प्रबंधन अब तक क्या कर रहा है, जिसे विद्यालय के बच्चों की सुख-सुविधा की भी चिंता नही हैं, ऐसे में बच्चें कैसे पढ़ेंगे। पत्र में यह भी लिखा गया है कि विद्यालय में एक भृत्य भी नहीं हैं। खेलने का मैदान खेलने लायक भी नहीं बचा। श्री साहू ने कलेक्टर से निवेदन करते हुए कहा है कि आप स्वयं निरीक्षण करें और अव्यवस्थाओं को तत्काल सुधारने का निर्देश दें, ताकि बच्चे मन लगाकर पढ़ सकें।

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