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कोरबा

एसईसीएल और कलिंगा की गुंडागर्दी : बिना नोटिस तोड़ दिया मकान

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भूविस्थापितों ने कहा – अधिकार मांगने पर मिलती है धमकी और जेल
कोरबा।
आज प्रेस क्लब कोरबा तिलक भवन में अमगांव एवं मलगांव के भूविस्थापितों ने प्रेसवार्ता ली और एसईसीएल अधिकारियों एवं एसईसीएल में नियोजित ठेका कम्पनी कलिंगा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा – बिना नोटिस दिए, बिना मोहलत दिए हमारे घरों को तोड़ दिया और विरोध करने पर धमकी मिली- ज्यादा नेतागिरी करोगे तो, मारकर यहीं खदान में फेंक देंगे।
प्रेसवार्ता में मलगांव के भूविस्थापित दिनेश कुमार जायसवाल ने बताया कि मलगांव में उन्होंने रिहायशी क्षेत्र में मकान बनवाया था एवं राज्य स्थापना 01 नवम्बर 1998 में कामदगिरी उद्यान में 2400 पौधे लगाए थे और इन 27 सालों में ये सभी पौधे, बड़े-बड़े पेड़ बन गए थे और क्षेत्र आक्सीजोन बन गया था, जिसे बिना नोटिस दिए एसईसीएल के अधिकारियों ने जमींदोज कर दिया और इन पेड़ों का मुआवजा करीब 1.50 करोड़ हमें नही मिला और निजी जमीन होने के बाद भी एसईसीएल के अधिकारियों ने 1.50 करोड़ वन विभाग के पास जमा कर दिया, यहां तक की हमारे कटे पेड़ों को भी नहीं दिया और न एक रूपए इसका मुआवजा दिया।
मकान तोड़ दिया, मोहलत भी नहीं दी, लाखों का घरेलू सामान जमींदोज


भूविस्थापित दिनेश जायसवाल एवं उसका भाई राजेश जायसवाल ने बताया कि गत 29 मई को एसईसीएल दीपका के अधिकारी, कलिंगा कम्पनी के साथ तीन जेसीबी लेकर दोपहर 03.00 बजे आए और करीब 4 घंटे तक हमारे घरों को तोड़ कर चले गए। विरोध करने पर धमकी मिली – मार कर खदान में फेंक देंगे। उन्होंने अधिकारियों से गुजारिश की, कि हमें एसडीएम न्यायालय का आदेश दिखाएं, लेकिन अधिकारियों ने कहा – ज्यादा नेतागिरी मत करो, नहीं तो मार कर खदान में फेंक देंगे। अधिकारी का नाम पूछने पर दिनेश जायसवाल ने बताया कि सुशील साहू व रोशन मेश्राम में से रोशन ने मुझे यह धमकी दी। कलिंगा कम्पनी के लोगों ने हमारे साथ गुंडागर्दी की।
मुआवजा बना, लेकिन अब तक नहीं मिला
दिनेश जायसवाल ने बताया कि गांव के करीब 50 प्रतिशत लोगों को आज तक मुआवजा नहीं मिला। बिना मुआवजा, बिना बसाहट, बिना रोजगार के हमें एसईसीएल प्रबंधन द्वारा बेघर कर दिया गया, गुंडागर्दी इतनी बढ़ गई है कि इन अधिकारियों के सामने मिन्नतें करना भी पाप हो गया है।
कलेक्टर के निर्देशों को भी ये अधिकारी नहीं मानते, जबकि कलेक्टर का सख्त निर्देश है कि बिना बसाहट के भूविस्थापितों को विस्थापित न किया जाए, इसके बावजूद भी एसईसीएल के अधिकारी ग्रामीणों के घरों को नेस्तनाबूत कर रहे हैं, जिससे सैकड़ों लोग रोड पर आ गए हैं।
विधायक की बात भी नहीं मानते एसईसीएल के अधिकारी
दिनेश जायसवाल ने बताया कि कटघोरा विधायक ने एसईसीएल अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन उनकी भी बात अधिकारी नही मानते।
शासन-प्रशासन से न्याय नहीं मिला, तो कोर्ट जाएंगे
भूविस्थापितों ने बताया कि एसईसीएल के अधिकारी बाहर से गुंडागर्दी करने आई कलिंगा कम्पनी को साथ में लेकर गांव पहुंचते हैं और गुंडागर्दी, धमकी के साथ भूमिपुत्रों को बेदखल कर रहे हैं और उन्हें न तो बसाहट दी जा रही है, न घर का सामान निकालने के लिए मोहलत दी जा रही है और हमारे सपनों के घरों को जमींदोज कर दिया जा रहा है।
दिनेश जायसवाल ने बताया कि देश की प्रगति के लिए कोयला जरूरी है और हमें देश के लिए अपनी जमीन देने में कोई परेशानी नही है, लेकिन इस तरह की गुंडागर्दी हम कब तक सहेंगे। शासन-प्रशासन से हमें न्याय की उम्मीद है, न्याय नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट तक जाएंगे और क्षेत्र में भूमिपुत्रों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ मरतेदम तक लड़ेंगे। एसईसीएल के अधिकारी बिना बसाहट के हमें घरों से निकाल कर बेघर कर रहे हैं। न तो भूमिपुत्रों को रोजगार दिया जा रहा है, और न ही रहने के लिए बसाहट। घर – खेत सब ले रहे हैं- हम जिएंगे कैसे?
धमकी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की उम्मीद
दिनेश जायसवाल ने बताया कि अधिकार मांगने पर हमें धमकी दी जाती है। घर तोडऩे आए एसईसीएल दीपका के अधिकारी सुशील साहू एवं रोशन मेश्राम ने हमें धमकी दी- मार कर खदान में फेंक देंगे। कलिंगा के आदमियों ने हमें धक्के मारकर गिरा दिया और ठीक नही होगा, की धमकी दी। इनके खिलाफ एफआईआर करने की मांग के लिए एसपी-कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात भूविस्थापितों ने की है।
कलिंगा का काम मिट्टी उत्खनन का, लेकिन घरों को तोड़ रहे
भूविस्थापितों ने बताया कि एसईसीएल में नियोजित ठेका कम्पनी खदान प्रारंभ करने के पूर्व मिट्टी उत्खनन का है, लेकिन एसईसीएल के अधिकारी उन्हें गुंडा बनाकर घर तोडऩे आ जाते हैं और बाहर से आई इस कम्पनी के लोग संदिग्ध लगते हैं।
भूअर्जन एसईसीएल गेवरा ने किया, मकान तोडऩे दीपका के अधिकारी आ गए
भूविस्थापितों ने बताया कि हमारी जमीन का भूअर्जन एसईसीएल गेवरा द्वारा किया गया है और हमारे मकानों को तोडऩे एसईसीएल दीपका के अधिकारी, कलिंगा के साथ पहुंचे थे।
हमारे 2400 पेड़ों का मुआवजा वन विभाग के अधिकारी खा गए
दिनेश जायसवाल ने बताया कि हमने 27 साल तक सहेज कर 2400 पौधों को पेड़ बनाया, जिसका मुआवजा हमें देने के बजाए एसईसीएल के अधिकारियों ने वन विभाग को जमा कर दिया, जबकि पेड़ हमारी निजी जमीन में थे, हमें मुआवजा मिलना चाहिए, जिसे वनविभाग के अधिकारियों ने हमें नहीं दिया और संभवत: वे खा गए। यहां तक कि कटे पेड़ों को भी नहीं दिया और बाहर से ही बेचे जाने का अंदेशा है।
अधिकार मांगा, मिली जेल – शंकर कंवर
प्रेस कांफ्रेंस में ग्रामीण शंकर कंवर भी पहुंचा था और उन्होंने आपबिती सुनाई। उन्होंने कहा कि हमारे घर को भी तोड़ दिया गया और बिना बसाहट तोड़े जाने पर विरोध किया गया, तो दो-तीन दिन बाद कोयला चोरी का आरोप लगाकर अधिकारियों ने पुलिस से मिलकर जेल भेज दिया। मैंने दो दिन जेल में काटा। एसईसीएल के अधिकारी पुलिस से मिलकर भूमिपुत्रों को प्रताडि़त कर रहे हैं।

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कोरबा

बांगो बांध में पात्र मछुआरों को मिले आर्थिक कार्यों में अवसर : ज्योत्सना महंत

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0 वन अधिकार अधिनियम का मिले लाभ
0 मछुआरों की चौपाल में पहुंचीं कोरबा सांसद

कोरबा। जिले के हसदेव-बांगो बांध के नजदीक में बसे ग्राम बोड़ानाला मे हसदेव बांगो जलाशय मछुवारा संघ की चौपाल में पहुंची कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मछुवारों और ग्रामीणों के हक और अधिकारो की आवाज़ बुलंद करने और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उनके हक की इस लड़ाई में अंतिम तक साथ देने का वायदा किया है।


बोड़ा नाला में आयोजित चौपाल को संबोधित करते हुए सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है बांगो जलाशय में मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्र य के लिए बुलाए गए टेंडर को निरस्त करने और वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत पात्र मछुआरों को कार्य देने का अनुरोध किया है। सांसद ने कहा कि अधिनियम-2006 में स्पष्ट प्रावधान है कि वन भूमि पर स्थित जल क्षेत्र में मछली पालन, मत्स्याखेट और मछली विक्रय करने का अधिकार पात्र अजा वर्ग तथा अन्य वर्ग के वनवासियों को ही है। इस पर जरा भी कोई शंका हो तो वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 तथा धारा 4 का अवलोकन कर लेवें। सांसद ने कहा कि दिसंबर-2007 के पश्चात हसदेव बांगो जलाशय को मछली पालने आदि के लिए ठेके पर दिया जाना वन अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है। शासन से मांग है कि मछुआरों को निर्बाध रूप से इस पर कार्य करने दिया जाए। बोड़ा नाला में आयोजित बड़ी संख्या में उपस्थित मछुवारों और वन वासियों की बैठक में सांसद ने कहा कि बुका, हसदेव बांगो जलाशय क्षेत्र की गरीब ग्रामीण जनता के अधिकारों का हनन असंवैधानिक है। कोरबा के दूरस्थ वनांचल ग्रामों के दौरे में पहुंची सांसद ने अनेक विकास कार्यों और ग्रामीणों की समस्याओं को नजदीक से जाना और आश्वस्त किया कि इसके लिए वे शासन और प्रशासन से पहल करेंगी। ग्राम में आयोजित चौपाल में सुपुत्र सूरज महंत,जिलाध्यक्ष मनोज सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री प्रशांत मिश्रा, संयुक्त महासचिव व साँसद प्रतिनिधि हरीश परसाई, वरिष्ट नेता डॉ.शेख इस्तियाक, साँसद प्रतिनिधि किरण चौरसिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

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कोरबा

आबकारी ने 329 आपराधिक मामलों में जप्त की 1620 लीटर अवैध शराब और 8280 किलो लाहन

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कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत ने अवैध शराब पर सघन एवं सख्त कार्यवाही करने आबकारी विभाग को निर्देशित किया है। सहायक आयुक्त आबकारी, श्रीमती आशा सिंह ने जिले में पदस्थ अमले को लगातार कार्यवाही कर अधिकाधिक मात्रा में अवैध शराब जप्त करने टीम का गठन किया है।
माह अप्रैल और मई, 2025 में 329 आपराधिक प्रकरण जिले में दर्ज किये गये है जिसमें लगभग 1620 लीटर अवैध शराब और 8280 किलो शराब बनाने का लाहन छापामार कर जप्त किया गया है। 55 आरोपियों के विरूद्ध धारा 34(2) के तहत् अजमानतीय अपराध दर्ज कर न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। इन आपराधिक प्रकरणों में शराब का बाजार मूल्य लगभग बीस लाख रूपये आंका गया है। साथ ही 4.200 किलोग्राम गांजा मूल्य सत्तावन हजार रूपये जप्त कर दो आरोपियों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत् जेल भेजा गया है।
सहायक आयुक्त आबकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार रजगामार हाथीमुड़ क्षेत्र में अवैध शराब बनाकर बिक्री की सूचना पर आबकारी टीम की कार्यवाही में पंकज कुमार पिता ठण्डा राम और सुमित्रा पति फूलसिंह को 35.5 और 6.5 लीटर अवैध शराब बिक्री करते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया। उपनिरीक्षक नारायण सिंह कंवर ने आरोपियों को कोरबा न्यायालय से अभिरक्षा में जेल दाखिल किया है। बालको थाना क्षेत्र के रूमगरा हवाई पट्टी के पास मुकेश चौहान पिता छतपाल और अजगरबहार के राधेश्याम सारथी पिता सुकलाल को 20 लीटर, दोंदरों के दुर्गेश पिता गणेश सिंह को 14.5 लीटर अवैध शराब ग्राहको को पालिथिन पाउच और बोतल में भरकर बिक्री के लिए रखें हुए पाये जाने पर धारा 34(2) के तहत् गिरफ्तार किया। दर्री थाना क्षेत्र में नदियांखार डेम के पास नदी के बीचोबीच दूरपति एवं सरस्वती दो बहनों द्वारा भारी मात्रा में अवैध शराब बिक्री की सूचना पर उपनिरीक्षक श्रीमती दीपमाला लक्षवानी ने टीम के साथ दबिश दी मौके पर नदी किनारे रेत में छिपाकर रखे डिब्बों में कुल 57 लीटर महुआ शराब बरामद कर जप्त किया गया। आरोपी बहनों को न्यायालय कटघोरा से रिमाण्ड पर कोरबा जेल भेजा गया। थाना करतला के सरदुकला में बलराम पिता घुससिंह को देशी, विदेशी और महुआ तीनों प्रकार की कुल 15.08 लीटर शराब बेचते पाया गया। बलराम से 12 पाव देशी मदिरा प्लेन, 19 पाव विदेशी मदिरा गोवा व्हिस्की और बोतलों में भरी हुई 9.5 लीटर महुआ शराब बेचने के लिए रखे पाये जाने पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालयीन कार्यवाही की गई। बांगो थाना क्षेत्र में माचाडोली के महिराम रजक पिता भंवर सिंह के द्वारा शराब बेचे जाने की सूचना सहायक जिला आबकारी अधिकारी, रमेश कुमार अग्रवाल को मिली। जिसकी खरीदी की टेस्ट परचेस कार्यवाही कर जांच की गई। आरोपी महिराम से 5.5 लीटर शराब बरामद होने पर गिरफ्तार कर न्यायालय कटघोरा से रिमाण्ड पर जेल भेजा गया।
उल्लेखनिय है कि छत्तीसगढ़ में 5 लीटर से अधिक मात्रा में अवैध शराब धारण, निर्माण, बिक्री या परिवहन दण्डनीय और अजमानतीय अपराध है, इसमें आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कर विवेचना उपरान्त प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। इसमें एक वर्ष से तीन वर्ष तक का कारावास और पच्चीस हजार रूपये से एक लाख रूपये तक के जुर्माने के दण्ड का प्रावधान है। आरोपी के दूसरी बार दोष सिद्ध पाये जाने पर कारावास की अवधि दो वर्ष से पांच वर्ष और जुर्माना पचास हजार से दो लाख रूपये तक लिए जाने का प्रावधान है।

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कोरबा

वन अधिकार पट्टा के संबंध में बैठक आयोजित

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कोरबा। कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज वन अधिकार पट्टा के संबंध में कलेक्टर सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नव निर्वाचित श्रीमती शांति मरावी, माया रूपेश कंवर, विनोद यादव सदस्य जिला पंचायत कोरबा एवं सदस्य जिला वन अधिकार समिति कोरबा के सदस्य एवं मुनीर शुक्ला अध्यक्ष ग्राम मित्र संस्थान उपस्थित हुए। बैठक में पट्टा वितरण वन अधिकार व्यक्तिगत, सामुदायिक, सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का अनुमोदन किया गया।

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