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सिंधु जल संधि- पाकिस्तान ने भारत को 4 लेटर भेजे:पानी देने की गुहार लगाई, एक चिट्ठी ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी भेजी
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Divya Akash
नई दिल्ली,एजेंसी। सिंधु जल संधि बहाल करने को लेकर पाकिस्तान ने अब तक भारत को चार लेटर भेजे हैं। NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि इन चार लेटर में से एक ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि ये चार पत्र पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने जल शक्ति मंत्रालय को भेजे थे। इसके बाद मंत्रालय ने उन्हें विदेश मंत्रालय (MEA) को भेज दिया।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था।
इसके तहत सिंधु वाटर सिस्टम की 3 पूर्वी नदियों का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता है और बाकी 3 पश्चिमी नदियों के पानी पर पाकिस्तान को अधिकार दिया गया था। अब जल संधि स्थगित होने से पाकिस्तान में जल संकट मंडराने लगा है।
भारत-पाकिस्तान के बीच का सिंधु जल समझौता क्या है?
सिंधु नदी प्रणाली में कुल 6 नदियां हैं- सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज। इनके किनारे का इलाका करीब 11.2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें 47% जमीन पाकिस्तान, 39% जमीन भारत, 8% जमीन चीन और 6% जमीन अफगानिस्तान में है। इन सभी देशों के करीब 30 करोड़ लोग इन इलाकों में रहते हैं।
1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पहले से ही भारत के पंजाब और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच नदियों के पानी के बंटवारे का झगड़ा शुरू हो गया था। 1947 में भारत और पाक के इंजीनियरों के बीच ‘स्टैंडस्टिल समझौता’ हुआ। इसके तहत दो मुख्य नहरों से पाकिस्तान को पानी मिलता रहा। ये समझौता 31 मार्च 1948 तक चला।
1 अप्रैल 1948 को जब समझौता लागू नहीं रहा तो भारत ने दोनों नहरों का पानी रोक दिया। इससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की 17 लाख एकड़ जमीन पर खेती बर्बाद हो गई। दोबारा हुए समझौते में भारत पानी देने को राजी हो गया।
इसके बाद 1951 से लेकर 1960 तक वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में भारत पाकिस्तान में पानी के बंटवारे को लेकर बातचीत चली और आखिरकार 19 सितंबर 1960 को कराची में भारत के PM नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच दस्तखत हुए। इसे इंडस वाटर ट्रीटी या सिंधु जल संधि कहा जाता है।

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“मुझे शक है…”पहली बार राज ठाकरे के साथ अपने रिश्ते पर बोलीं सोनाली बेंद्रे
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3 hours agoon
June 7, 2025By
Divya Akash
मुंबई, एजेंसी। बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे को भला कौन नहीं जानता। उनकी अलौकिक सुंदरता और अभिनय प्रतिभा ने उन्हें 90 के दशक की कई फिल्मों के लिए लोकप्रिय पसंद बनाया और उन्हें एक वफादार प्रशंसक आधार दिलाया। हाल ही में सोनाली ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और उनके रिश्ते को लेकर पहली बार बात की। कुछ दिनों पहले दोनों का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था।
कुछ दिनों पहले सोनाली बेंद्रे और राज ठाकरे सालों बाद एक साथ नजर आए थे। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सोनाली आंखों से राज ठाकरे को बुलाती नजर आई, जिसके बाद कई तरह की बातें चलने लगी। एएनआई से बातचीत में बेंद्रे ने सभी दावों को खारिज कते हुए कहा- ” “क्या उन्होंने… मुझे संदेह है, मैं उस समय अपनी बहन से बात कर रही थी जो वहीं थी।” गपशप की आलोचना करते हुए, बेंद्रे ने कहा- ” मुझे लगता है कि जब लोग इस तरह से बात करते हैं तो यह बहुत अच्छा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि दोनों परिवारों के बीच संबंध दशकों पुराने हैं।

बेंद्रे ने कहा- “इस तथ्य के अलावा कि मेरे जीजा और मेरी बहन… मेरे जीजा जो एक क्रिकेटर हैं और इसलिए राज के चचेरे भाई के साथ क्रिकेट खेलते थे… बहन के पति और वे हमेशा साथ खेलते थे। दूसरी बात, मेरी बहन की सास विभाग की प्रमुख थीं जिन्होंने हमें (रामनारायण) रुइया कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया, जहां से मैं हूँं,”। अभिनेत्री ने आगे एक निजी पारिवारिक संबंध का खुलासा करते हुए कहा, “…तो वे सभी एक-दूसरे को जानते थे। मेरे लिए, संबंध यह था कि शर्मिला, राज की पत्नी, उनकी मां और मेरी मासी सबसे अच्छी दोस्त थीं। उनकी मां ने मुझे 10 दिनों तक अपने पास रखा। इसके अलावा, ‘सरफरोश’ अभिनेत्री ने कहा- “मैंने हमेशा यात्रा की है… ऐसा कुछ नहीं है कि मैं उन्हें एक सीमा से ज़्यादा जानती हूं क्योंकि मैं दो साल में केवल एक बार गर्मियों की छुट्टियों या ऐसे ही कुछ समय के लिए महाराष्ट्र आई हूं,”।
राजनीति में उनकी रुचि के बारे में पूछे जाने पर, ‘दिलजले’ अभिनेत्री ने किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से दृढ़ता से इनकार किया। उन्होंने कहा- “नहीं, वास्तव में नहीं। मुझे लगता है कि इसके लिए आपको बहुत मोटी चमड़ी की ज़रूरत होती है, जो मेरे पास नहीं है… और मैं राजनीतिक रूप से सही नहीं हूं… दुर्भाग्य से”। ऐसी खबरें थी कि सालों पहले सोनाली और राज ठाकरे रिश्ते में थे, हालांकि शादीशुदा होने के वलते राज ठाकरे अपने रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा पाए।
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राजस्थान में सियासी सरगर्मियां तेज, अशोक गहलोत के घर पहुंचे सचिन पायलट; 2 घंटे की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल
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3 hours agoon
June 7, 2025By
Divya Akash
जयपुर,एजेंसी। राजस्थान की राजनीति में एक नया और दिलचस्प मोड़ तब आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं AICC महासचिव सचिन पायलट ने पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास का रुख किया। यह मुलाकात जयपुर स्थित सिविल लाइंस के उस सरकारी आवास पर हुई जहां अशोक गहलोत वर्षों से रहते हैं। यह सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार से कहीं ज्यादा बड़ी मुलाकात मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेताओं के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनातनी बनी रही है। ऐसे में यह भेंट राजस्थान कांग्रेस में संभावित एकता और सुलह की तरफ इशारा करती है।
क्यों पहुंचे पायलट गहलोत के घर?
इस मुलाकात का औपचारिक कारण स्वर्गीय राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का निमंत्रण देना था। राजेश पायलट की पुण्यतिथि हर वर्ष 11 जून को दौसा जिले के भंडाना-जीरोता गांव स्थित स्मारक स्थल पर आयोजित की जाती है। इस बार कार्यक्रम इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनकी 25वीं पुण्यतिथि है। सचिन पायलट खुद इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं और चाहते हैं कि इसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हों। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की यह मुलाकात केवल चाय-पानी की नहीं थी। दोनों नेता लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चर्चा करते रहे। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास लगना शुरू हो गया है कि क्या कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में दोनों गुटों को फिर से एक करने की कोशिश कर रहा है?
गहलोत ने दी प्रतिक्रिया, पुरानी यादें की साझा
मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा “AICC महासचिव सचिन पायलट आज मेरे निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम का निमंत्रण देने आए। हम दोनों 1980 में साथ लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक संसद में साथ काम किया। उनके असमय निधन से पार्टी और मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी क्षति हुई।” गहलोत के इस बयान को एक भावनात्मक और राजनीतिक रूप से संतुलित संदेश माना जा रहा है, जो पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत भी देता है।

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अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई ! छापेमारी में 44 गिरफ्तार, विरोध कर लोगों पर दागे आंसू गैस गोले
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3 hours agoon
June 7, 2025By
Divya Akash
वाशिंगठन,एजेंसी। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने आव्रजन नियम के उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को 44 लोगों को गिरफ्तार किया। एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर उस समय झड़प देखी गई जब इस कार्रवाई का विरोध करने जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले दागे। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता यास्मीन पिट्स ओ’कीफ ने बताया कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों और एजेंटों ने तीन स्थानों पर तलाश अभियान चलाया। ‘कोअलिशन ऑफ ह्यूमेन इमिग्रेंट राइट्स’ की कार्यकारी निदेशक एंजेलिका सालास ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि उन्हें दो किराना स्टोर, ‘फैशन डिस्ट्रिक’ में एक गोदाम और एक डोनट की दुकान समेत सात स्थानों से लोगों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है।
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के प्रवक्ता सियारन मैकएवॉय ने पुष्टि की कि एजेंटों और एक न्यायाधीश ने पाया कि ‘फैशन डिस्ट्रिक्ट’ में नियोक्ता अपने कुछ कर्मचारियों के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे जिसके बाद कारोबारी के यहां तलाश अभियान चलाया गया। शुक्रवार शाम को लॉस एंजिलिस में एक संघीय हिरासत केंद्र के बाहर काफी संख्या में लोग इस कार्रवाई के विरोध में इकट्ठा हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार किए गए लोगों के समर्थन में ‘उन्हें आजाद करो’, ‘उन्हें देश में रहने दो’ के नारे लगाए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। हेलमेट पहने और डंडे लिए अधिकारियों ने धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों को इमारत से दूर कर दिया।


बिलासपुर में कांग्रेस ने DEO के खिलाफ खोला मोर्चा:कहा- नियमों के खिलाफ हुई नियुक्ति, इसलिए हटाया जाए, युक्तियुक्तकरण के विरोध में निकालेगी न्याय यात्रा

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