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छत्तीसगढ़

CAF में 3000 से अधिक पद खाली:2018 में हुई थी आखिरी भर्ती, वेटिंग लिस्ट के 417 कैंडिडेट भटक रहे, आश्वासन के बाद गृहमंत्री बोले-कोर्ट जाओ

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रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्ड में 2018 में 1786 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इनमें लगभग 417 कैंडिडेट वेटिंग लिस्ट में थे। जिन्हें सात साल बाद भी नौकरी नहीं मिल पाई है। जबकि CAF में 3 हजार से अधिक पोस्ट खाली हैं। सात साल ये लोग दफ्तरों और मंत्री बंगलों के चक्कर काट रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को 1 सितंबर को पत्र लिखकर अपने हालात भी बता चुके हैं। कुछ दिन पहले मीडिया पर यहां तक कह दिया था कि नक्सली होते तो ज्यादा बेहतर होता। घर वापसी पर नौकरी भी मिलती और करियर भी संवर जाता। इसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा से आश्वासन मिला कि जल्दी ही वो कुछ करेंगे। लेकिन कुछ न हुआ।

अलग-अलग जिलों के कैंडिडेट गृहमंत्री विजय शर्मा से मिलने पहुंचे।

अलग-अलग जिलों के कैंडिडेट गृहमंत्री विजय शर्मा से मिलने पहुंचे।

विजय शर्मा के बंगले पहुंचे कैंडिडेट

सोमवार को अलग–अलग जिलों से कैंडिडेट गृहमंत्री विजय शर्मा के बंगले पहुंचे। गृहमंत्री ने समस्या सुनी और कहा कि आप गलत जगह आएं हैं। आप लोगों को कोर्ट जाना चाहिए। कोर्ट का जो भी फैसला होगा उस हिसाब से सरकार फैसला करेगी। इस पूरे मामले पर उनके एंड से वो कुछ नहीं कर सकते।

नौकरी की तलाश में भटक रहे

अब इन कैंडिडेट्स को कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें। भास्कर ने कैंडिडेट से बात की, इनका कहना है जिस सरकार से उम्मीद थी, उन्होंने भी हमें और हमारी उम्मीदों को दरकिनार कर दिया। इनमें से कई ऐसे हैं, जो अब खेती कर रहे हैं। कुछ मजदूरी कर रहे हैं और कुछ नौकरी की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं।

दो साल तैयारी कि अब खेती कर रहे

सोमवार को गृहमंत्री से मिलने पहुंचे कैंडिडेट्स में सक्ती से पहुंचे सुजीत ने कहा कि इस नौकरी से बहुत उम्मीद थी। मेरिट लिस्ट में नाम आया तो टूट गया था। वेटिंग लिस्ट क्लियर हाेने के बाद नौकरी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन वो भी नहीं हुआ। नौकरी मांगने हर जिम्मेदार के दरवाजे पर पहुंचे।

धमतरी से पहुंचे रंजीत कुमार नाग की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। कहते हैं कि रोज सुबह-शाम एक साल तक मैदान के चक्कर लगाता रहा। पूरे लगन से तैयारी की। अब किसानी करता हूं। अब भी सिर्फ चक्कर ही लगा रहे हैं। सरकार सुनती ही नही, सुनती है तो समझती नहीं है।

परिवार में 8 लोग, मैं मजदूरी करके परिवार पाल रहा हूं

बस्तर के विद्यानंद चौहान ने बताया वेटिंग में उनका 26वां नंबर है। परिवार में आठ लोग हैं। मुझे मजदूरी कर उनका पेट पालना पड़ रहा है। गृहमंत्री के जवाब ने हमें निराश किया है, लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी है। ये नौकरी सिर्फ मेरे लिए नहीं पूरे परिवार के लिए जरूरी है।

इंटेलिजेंस से कॉल करके पूछा गया – नक्सल बन गए क्या

कैंडिडेट जीतेन्द्र दास ने बताया कि हमारा नक्सली वाला वीडियो वायरल हाेने के बाद कई अधिकारियों ने हमारा कॉल उठाना बंद कर दिया था। इंटेलिजेंस वाले कॉल पर पूछ रहे कि तुम से कितने लोग नक्सली बन गए हैं? कहां नक्सली बन गए? हमें उन्हें बताया कि वो गुस्से में कहा था। उन्हें लग रहा कि हम नक्सली बन गए हैं।

भर्ती का पूरा मामला…

सात साल पहले 2018 में जब भर्ती आई थी, तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। मेरिट लिस्ट के बाद वेटिंग लिस्ट जारी की गई थी। मेरिट लिस्ट में शामिल युवाओं की भर्ती कर ली गई। वेटिंग लिस्ट वाले 417 कैंडिडेट्स से कहा गया कि अभी पद खाली नहीं है, ऐसे में उनकी भर्ती रोक दी गई है।

साल 2018 में भर्ती के जारी नोटिफिकेशन की कॉपी।

साल 2018 में भर्ती के जारी नोटिफिकेशन की कॉपी।

50 प्रतिशत से अधिक कैंडिडेट ओवर एज

लेकिन आगे मेरिट लिस्ट में शामिल कई कैंडिडेट्स मेडिकल आउट हो गए, कुछ ने नौकरी छोड़ दी। सीट खाली हुई, लेकिन इन सब के बीच सरकार भी बदल गई। कांग्रेस ने इन वेटिंग लिस्ट वाले कैंडिडेट्स की भर्ती पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वक्त के साथ इन 417 में से 250 से ज्यादा यानी 50 प्रतिशत से अधिक कैंडिडेट ओवर एज हो गए हैं।

आगे किसी भर्ती के काबिल नहीं हैं। दरअसल, जब भर्ती हुई थी उस वक्त सभी अभ्यर्थी 28 से 32 वर्ष के थे, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं मिलने से आज इन्हीं अभ्यर्थियों की उम्र 36 से 40 साल पहुंच गई है। अभ्यर्थियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल के पास जाकर गुहार लगाई, लेकिन मदद नहीं मिल सकी।

आर्म्स फोर्स में पिछले 6 साल से भर्ती भी नहीं

2018 से लेकर अब तक कई पद खाली हो चुके हैं। इन पदों पर भर्ती नहीं हुई है। पिछले 6 सालों में अब तक इस सीएएफ में भर्ती नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि जब नई वैकेंसी नहीं आ जाती, तब वेटिंग लिस्ट वाले वैलिड ही माने जाते हैं। अगर शासन चाहे तो अभी भी इन्हें रिक्त पदों पर भर्ती कर सकती है।

मौजूदा स्थिति में 65,439 जवान कार्यरत

छत्तीसगढ़ में पुलिस बल में हजारों पद रिक्त हैं। यह रिक्तियां करीब 10 से 15 साल से हैं। इसके बाद भी इन पदों पर भर्तियां नहीं हो रही है। इधर छत्तीसगढ़ की जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में पुलिस बल की कमी राज्य में अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है।

प्रदेश में छत्तीसगढ़ पुलिस के पास डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव फोर्स, छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स और छत्तीसगढ़ टेलिकॉम फोर्स में कुल 83,259 पद स्वीकृत हैं। इनमें से मौजूदा स्थिति में 65,439 जवान कार्यरत हैं। लेकिन 17,820 पद लंबे समय से खाली हैं।

कई पदों पर वेटिंग लिस्ट और इंटरव्यू जैसी प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है। लेकिन पुलिस विभाग में इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसकी वजह से राज्य के योग्य और होनहार युवा बेरोजगार होने के साथ-साथ ओवर एज भी हो रहे हैं।

प्रदेश में 13 आईपीएस तो 129 डीएसपी की जरूरत

छत्तीसगढ़ में पुलिस बल में जवानों की कमी की वजह से लगातार कार्यरत अफसरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुलिस बल को अभी 13 आईपीएस अफसरों की जरूरत है। प्रदेश में 142 स्वीकृत पदों में वर्तमान में 129 आईपीएस अफसर कार्य कर रहे हैं।

वहीं पुलिस बल में डीएसपी/एसी के 513 पद स्वीकृत हैं। इसमें 384 डीएसपी ही कार्यरत हैं। प्रदेश को अभी भी 129 डीएसपी की जरूरत है। इसके अलावा इंस्पेक्टर के 64 पद भी रिक्त पड़े हैं

कॉन्स्टेबल और सूबेदार के ज्यादातर पद खाली

पुलिस विभाग में सूबेदार का मुख्य काम कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की जांच करना और थाना स्तर पर प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करना होता है। वहीं कॉन्स्टेबल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा पेट्रोलिंग, जांच में सहायता, एफआईआर दर्ज करना, और विशेष आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का काम करते हैं।

लेकिन प्रदेश में सूबेदार के 80 स्वीकृत पदों में केवल 3 सूबेदार ही काम कर रहे हैं। दूसरी ओर हेड कॉन्स्टेबल के 827 और कॉन्स्टेबल के 10436 पद अभी भी रिक्त हैं।

जांच हो रही प्रभावित

पुलिस बल की कमी की वजह से प्रदेशभर में अपराधों की जांच लंबित है। रिक्त पदों को भरने से अपराधों की जांच में तेजी आएगी। इधर रायपुर जिले में अपराधों की जांच बेहतर और जल्द होने की बात सामने आई है। रायपुर में साल 2024 में 17693 अपराध दर्ज किए गए थे। जनवरी 2025 तक 1713 मामले पेंडिंग थे।

अक्टूबर 2024 में पुलिस बल में भर्ती निकाली गई। इस भर्ती के माध्यम से कुल 341 पदों को भरा जाना है। जिसमें 278 एसआई के पद, 19 सूबेदार, 14 प्लाटून कमांडर, 11 उप निरीक्षक (विशेष शाखा), 4 उप निरीक्षक (अंगुल-चिन्ह), 1 उप निरीक्षक (प्रश्नाधीन दस्तावेज) जैसे पद शामिल है।

इसके अलावा 5 उप निरीक्षक (कंप्यूटर) और 9 उप निरीक्षक (साइबर क्राइम) के पदों पर भर्ती होनी है। लेकिन इसकी प्रक्रिया भी अब तक पूरी नहीं हो सकी है। वहीं कॉन्स्टेबल की भर्ती भी नहीं हो सकी है।

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कोरबा

कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में प्रस्तावित 660×2 मेगावाॅट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना हेतु इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से हुआ ऋण अनुबंध

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कोरबा। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की महत्वाकांक्षी 2×660 मेगावॉट क्षमता की कोरबा सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी द्वारा इंडियन रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से 12,640 करोड़ रुपये का ऋण अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस परियोजना कार्य का आरंभ मार्च 2025 में किया गया था। बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, अध्यक्षगण सुबोध कुमार सिंह, डाॅ. रोहित यादव, प्रबंध निदेशकगण एस.के. कटियार, आर.के.शुक्ला, भीम सिंह कंवर भी उपस्थित थे। इस कार्य को गति देने के लिये वित्त व्यवस्था का कार्य तेजी से किया जा रहा था, जिसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली और ऋण अनुबंध निष्पादित किया गया। इसमें पाॅवर कंपनी की ओर से संदीप मोदी, कार्यपालक निदेशक (वित्त) एवं सी.एल. नेताम कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एवं आईआरएफसी की ओर से नव गोयल (महाप्रबंधक) द्वारा रायपुर में शुक्रवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। लंबी अवधि एवं कम दरों पर प्राप्त ऋण से परियोजना को वित्तीय स्थिरता प्राप्त होगी एवं परियोजना को समय पर पूर्ण करने में मदद मिलेगी जिससे अंततः प्रदेश की जनता को फ़ायदा होगा।
इस मौके पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा जनरेशन कंपनी के अध्यक्ष डॉ. रोहित यादव द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गई व देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु हर संभव प्रयास करने पर प्रतिबद्धता जाहिर की गई।

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कोरबा

कैबिनेट मंत्री ने रामलीला आयोजन की तैयारियों का लिया जायजा-पहुंचे ओपन थियेटर मैदान

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28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक ओपन थियेटर मैदान घंटाघर में होगा भव्य रामलीला का आयोजन
कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योग, वाणिज्य, श्रम, आबकारी व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री सह नगर विधायक लखनलाल देवांगन ने घंटाघर ओपन थियेटर मैदान स्थित रामलीला स्थल पहुंचकर रामलीला आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होने भव्य रामलीला आयोजन हेतु की जा रही तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए। इस मौके पर महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी, वरिष्ठ पार्षद अशोक चावलानी, नरेंद्र पाटनवार, आकाश श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी अखिलेश शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत की पहल पर पहली बार भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक घंटाघर स्थित ओपन थियेटर मैदान में किया जाएगा, यह आयोजन प्रतिदिन सायं 07 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक होगा, जिसमें बनारस की प्रसिद्ध रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का मनमोहक मंचन किया जाएगा, साथ ही आयोजन में भव्य लेजर शो से रामायण का प्रदर्शन व भव्य आतिशबाजी तथा रावण दहन का कार्यक्रम भी रखा गया है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन घंटाघर पहुंचे तथा रामलीला स्थल की तैयारियों का अवलोकन किया। उन्होने इस मौके पर तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

  • तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
    रामलीला तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके तहत मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, राम दरबार मंच, दर्शक दीघा, मंच संचालन, बेरिकेटिंग, डेकोरेशन एवं लाईटिंग व विद्युत व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, प्रसाद वितरण व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई सहित अन्य विभिन्न व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
  • विविध तिथियों में होंगे विभिन्न कार्यक्रम
    भव्य रामलीला एवं दशहरा मेला का आयोजन 28 सितंबर से 02 अक्टूबर तक किया जाएगा, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 सितंबर को पुष्पवाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, रामतिलक प्रसंग, मंथरा कैकेई संवाद, 29 सितंबर को रामबन गमन, केंवट प्रसंग, दशरथ देवलोक गमन, भरत मिलाप, 30 सितंबर को पंचवटी प्रसंग, सीताहरण, राम हनुमान मिलन, राम सुग्रीव मैत्री, बाली वध, अशोक वाटिका प्रसंग एवं लंका दहन, 01 अक्टूबर को सेतुबंध, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ रावण वध व राज्याभिषेक तथा अंतिम दिवस 02 अक्टूबर को लेजर शो में रामायण प्रदर्शन, आतिशबाजी एवं रावण दहन के कार्यक्रम रखे गए हैं।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : नगरीय निकायों में खुलेंगे आदर्श सुविधा केंद्र

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छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मंजूर किए 50 करोड़

पहले चरण में सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में शुरू होगी सुविधा

सभी सेवाओं के लिए एकीकृत केन्द्र की तरह कार्य करेगा आदर्श सुविधा केंद्र, नागरिकों को होगी सहूलियत

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद

रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की विशेष पहल पर केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने राज्य के नगरीय निकायों में आदर्श सुविधा केंद्र खोलने के लिए 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। पहले चरण में सभी 14 नगर निगमों और सभी 55 नगर पालिकाओं में ये केंद्र प्रारंभ किए जाएंगे। ये सुविधा केंद्र नागरिकों को विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र और लाइसेंस प्राप्त करने तथा पंजीयन व शिकायत निवारण जैसी सेवाओं के लिए एकीकृत केंद्र की तरह काम करेंगे। भारत सरकार ने नगरीय निकायों से जुड़ी सभी तरह की सेवाओं पर आधारित आदर्श सुविधा केन्द्र खोलेने के लिए म्यूनिसिपल शेयर्ड सर्विसेस सेंटर (Municipal Shared Services Centre) के अंतर्गत सिटीजन एक्सपिरियंस सेंटर (Citizen Experience Centre) के लिए यह राशि मंजूर की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नगरीय निकायों में आदर्श सुविधा केंद्र स्थापित किए जाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह पहल हमारी सुशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत हम प्रदेश के नागरिकों को पारदर्शी, समयबद्ध और सुगम सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक को बेहतर सुविधाएँ और जीवन स्तर प्राप्त हो, यह हमारी सरकार का लक्ष्य है। आदर्श सुविधा केंद्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नगरीय प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाएगा। 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार नगरीय निकायों के नागरिकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सुनियोजित कार्ययोजना बनाकर कार्य कर रही है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के माध्यम से केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश में सिटीजन एक्सपिरियंस सेंटर स्थापित करने के लिए म्यूनिसिपल शेयर्ड सर्विसेस सेंटर के अंतर्गत प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के इस प्रस्ताव को स्वीकृति एवं अनुशंसा प्रदान करते हुए इसके लिए 50 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। ये सिटीजन एक्सपीरियंस सेंटर नगरीय निकायों से संबंधित सेवाओं (म्यूनिसिपल सर्विसेस) के लिए वन-स्टॉप हब के रूप में काम करेंगे। श्री साव ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करने के लिए केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रदेश के नागरिकों को बधाई दी है। 
        
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि आदर्श सुविधा केंद्रों (Citizen Experience Centers) के माध्यम से ‘‘वन स्टेट – वन पोर्टल‘‘ सिंगल प्लेटफार्म की तर्ज पर नागरिकों को जन्म, मृत्यु, विवाह जैसे आवश्यक प्रमाण पत्र, व्यापार, वेंडिंग, विज्ञापन के लिए लाइसेंस सेवाएं, संपत्ति कर, जल/सीवरेज, ठोस अपशिष्ट सेवाएँ, नगर निगम संपत्ति बुकिंग के लिए  पंजीकरण, शिकायत निवारण की सुविधा तथा डिजिटल समावेशन सेवाओं का लाभ सुलभ और समयबद्ध रूप से प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि ये केन्द्र नागरिक सेवाओं को सरल और मानकीकृत करने के साथ ही प्रशासनिक बाधाओं को भी दूर करेगी, जिससे लोगों और नगरीय निकायों के अधिकारियों के मध्य पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इसके साथ ही यह पहल पूरे राज्य में समावेशिता को बढ़ावा देगी तथा इज ऑफ लिविंग (Ease of Living) में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित करेगी। 

क्या है आदर्श सुविधा केन्द्र

आदर्श सुविधा केन्द्र नगरीय निकायों में जनसुविधाओं से संबंधित समस्त सेवाओं के लिए एकीकृत केन्द्र की तरह कार्य करेगी। इस केन्द्र के माध्यम से नगरीय निकायों में नागरिकों को आवश्यक दस्तावेज व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही प्रदेश में संचालित अन्य नागरिक सुविधा पोर्टल जैसे निदान-1100, मोर संगवारी, संपत्ति कर तथा नगरीय प्रशासन से संबंधित अन्य सेवाओं व सुविधाओं को भी आदर्श सुविधा केन्द्र के साथ जोड़ा जाएगा। 

कैसे मिलेगी नागरिकों को सुविधाएं

आदर्श सुविधा केन्द्र के माध्यम से सेवाएं प्राप्त करने के लिए नागरिकों को अपनी इच्छित सेवाओं से संबंधित आवेदन सुविधा केन्द्र में जाकर दर्ज/जमा करानी होगी। नागरिकों से प्राप्त आवेदन की प्रकृति एवं गुण-दोष के आधार पर नगरीय निकाय द्वारा आदर्श सुविधा केन्द्र के माध्यम से निराकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन प्रणाली से जुड़ी होगी और इसकी मॉनिटरिंग राज्य शहरी विकास अभिकरण में स्थापित राज्य स्तरीय कमाण्ड एंड कण्ट्रोल सेंटर के माध्यम से की जाएगी।

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