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छत्तीसगढ़

मां को पीटा तो बड़े भाई की हत्या:सक्ती में परिवार ने घर में ही दफना दी लाश, 6 महीने बाद हुआ खुलासा

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सक्ती। सक्ती जिले के चारपारा गांव में एक परिवार के भीतर का झगड़ा खून में बदल गया। छोटे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी। परिवार ने शव को घर में ही दफना दिया।

मृतक संदीप भारती (30) अपनी मां से पैसे मांगता था। वह इन पैसों को गलत कामों में खर्च करता था। इस बात को लेकर घर में अक्सर विवाद होता था। दीपावली के दिन संदीप ने मां सरिता भारती को मार दिया। यह देख छोटे भाई करन भारती (28) को गुस्सा आ गया। उसने बड़े भाई की पिटाई कर दी। ज्यादा मार खाने से संदीप की मौत हो गई।

छोटे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी। परिवार ने शव को घर में ही दफना दिया।

छोटे भाई ने बड़े भाई की हत्या कर दी। परिवार ने शव को घर में ही दफना दिया।

करन, मां सरिता और सौतेले पिता रंजीत भारती ने मिलकर शव को घर में ही दफना दिया। उन्होंने गांववालों से कहा कि संदीप काम के लिए बाहर गया है। करीब 6 महीने तक यह राज छिपा रहा। फिर अपराधबोध से परेशान मां ने गांव के सरपंच और रिश्तेदार अरविंद भारती को सच बता दिया। सरपंच की सूचना पर पुलिस ने जांच की और घर से शव बरामद किया।

मां की आत्मग्लानि से टूटा राज

घटना के 6 महीने बाद, अपराधबोध से जूझ रही मां सरिता ने राशन वितरण के समय सरपंच को पूरी घटना बता दी। इसके बाद सरपंच ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी सतरूपा तारम की अगुआई में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की अनुमति से एफएसएल और मेडिकल टीम की मौजूदगी में खुदाई करवाई और घर के भीतर से शव बरामद किया।

परिवार ने मृतक का शव घर में ही दफना दिया था। मामले का खुलासा होने के बाद शव को बरामद किया गया है।

परिवार ने मृतक का शव घर में ही दफना दिया था। मामले का खुलासा होने के बाद शव को बरामद किया गया है।

पुलिस जांच जारी, हत्या की पुष्टि

पुलिस ने करन भारती को हिरासत में ले लिया है। मां और सौतेले पिता से भी पूछताछ जारी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि यह मामला न केवल पारिवारिक कलह की भयावह परिणति है, बल्कि यह दिखाता है कि अपराध चाहे जितना भी छिपाया जाए, एक दिन सच सामने आ ही जाता है।

शव को घर में दफनाया

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा विचलित करने वाली बात यह है कि एक मां को अपने ही बेटे की हत्या और उसके शव को घर में दफनाने जैसे कृत्य में शामिल होना पड़ा। अपराध चाहे जैसी भी परिस्थिति में किया गया हो, एक मां का दिल अंततः बेटे की मौत के बोझ को सह नहीं सका।

ग्रामीण अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि घर में लाश दफन थी।

ग्रामीण अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि घर में लाश दफन थी।

छह महीनों बाद मां ने अपने भीतर की लड़ाई से हार मान ली और सच को बाहर लाने का फैसला किया। ग्रामीण अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि जिस घर से हंसी की आवाजें आती थीं, वहां इतना बड़ा राज छिपा हुआ था।

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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में फैला कोविड, टोटल केस 56

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एक्टिव 41, सबसे ज्यादा रायपुर में; पिछले 2 दिनों में 15 रिकवर भी हुए

रायपुर,एजेंसी। छत्तीसगढ़ में अब तक 56 कोविड के मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 14 रिकवर हो चुके हैं। वहीं 41 अब भी एक्टिव हैं। पिछले 24 घंटे की बात करें कोविड के 3 नए मरीज मिले हैं। इनमें दो रायपुर और एक दुर्ग के हैं। इससे पहले शुक्रवार को रायपुर में कोविड के एक ही दिन में 11, बिलासपुर में 5 और बालोद में 1 कुल 17 मरीज मिले थे।

नया वैरिएंट आने के बाद से ये एक दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके बाद पूरा प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गया था। पिछले 2 दिनों से शासकीय जिला अस्पतालों और दूसरे हेल्थ सेंटर्स में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल सभी तरह के स्टाफ की ट्रेनिंग चल रही है। सैंपल कलेक्शन से लेकर कोविड मरीज के इलाज तक की ट्रेनिंग स्टाफ को दी जा रही है।

साथ ही एमरजेंसी सिच्युएशन से निपटने के लिए मॉकड्रिल भी कराई गई है। हालांकि पिछले 48 घंटे में केवल 6 नए मरीज ही मिले हैं। इनमें तीन रायपुर और तीन दुर्ग के हैं। ओवर ऑल बात करें तो प्रदेश में अब तक इन दोनों जिलों के अलावा बिलासपुर, बालोद, बस्तर कुल पांच जिलों में कोविड के पेशेंट मिल चुके हैं।

जानिए अलग-अलग शहर के एक्टिव केस

41 एक्टिव केस हैं। 37 होम आइसोलेशन में हैं। 3 ऑक्सीजन सपोर्ट में हैं, वहीं 01 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

  • सबसे ज्यादा 21 एक्टिव केस रायपुर में है
  • बिलासपुर में 12
  • दुर्ग में 6
  • बालोद में 1
  • बस्तर में 1

फिलहाल स्वास्थ्य विभाग कोविड JN.1 को लेकर लाइट अलर्ट पर है। मेकाहारा के डॉ. आर के पांडा के मुताबिक, ज्यादातर मरीज होम क्वारैंटाइन में ही ठीक हो जा रहे हैं, लेकिन उन मरीजों को ज्यादा खतरा है, जिन्हें पहले से दूसरी या एक से ज्यादा बीमारियां हैं। खासकर डायबिटीज पेशेंट और चेन स्मोकर्स नए वैरिएंट के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।

देशभर में कोविड से 51 मौतें

वहीं, अगर देशभर की बात करें तो 9 राज्यों को छोड़कर बाकी स्टेट्स में कोविड का नया वैरिएंट JN.1 फैल चुका है। अब तक 6 हजार 491 मरीज मिल चुके हैं, जबकि 65 मौतें हो चुकी हैं। वहीं 6 हजार 861 मरीज ठीक हो चुके हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि नया वैरिएंट पहले की तुलना में कम खतरनाक हैं, फैटेलिटी रेट सिर्फ 2% है।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : भटपल्ली में जल जीवन मिशन की मिसाल: हर घर तक पहुंचा नल से शुद्ध जल

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भटपल्ली में जल जीवन मिशन की मिसाल: हर घर तक पहुंचा नल से शुद्ध जल

रायपुर। बीजापुर जिले के भोपालपटनम विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत तिमेड़ का आश्रित ग्राम भटपल्ली जल जीवन मिशन के अंतर्गत एक प्रेरणादायक सफलता का प्रतीक बनकर उभरा है। यहां अब समूह जल प्रदाय योजना के तहत हर घर में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है, जिससे ग्रामीणों के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आया है।

पूर्व में गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए केवल 15 हैंडपंप ही उपलब्ध थे, जिन पर पानी भरने के लिए ग्रामीणों को लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था। लेकिन अब जल जीवन मिशन के माध्यम से गांव के 81 परिवारों को घर-घर नल कनेक्शन के जरिये नियमित और स्वच्छ जल मिल रहा है।

विगत आयोजित ग्रामसभा में भटपल्ली को शत-प्रतिशत “हर घर जल” ग्राम घोषित किया गया। इस अवसर पर ग्राम सरपंच श्रीमती वासम लक्ष्मी, सचिव अल्लेम कृष्णाराव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत को जल आपूर्ति व्यवस्था के संचालन, प्रबंधन और सतत निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे न केवल ग्रामीणों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी है, बल्कि वे इसके संरक्षण में सक्रिय भागीदारी भी निभा रहे हैं।

भटपल्ली में यह पहल न केवल आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह ग्रामीण सहभागिता, सतत विकास और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना का भी उत्तम उदाहरण है।

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छत्तीसगढ़

रायपुर : शिक्षा की रोशनी से दमकेगा बच्चों का भविष्य

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नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड

युक्तियुक्तकरण से थुलथुली गांव में हुई अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थापना

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड में बसा एक शांत और हरा-भरा गांव थुलथुली। चारों ओर घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह गांव अपनी सादगी में बसी कहानियों का गवाह रहा है। यहां के बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह हँसते-खेलते हैं, लेकिन उनकी हँसी स्कूल की दहलीज़ पर पहुंचते ही जैसे धीमी पड़ जाती थी। शासकीय बालक आश्रम शाला, थुलथुली में भवन तो था, कक्षाएँ थीं, पर शिक्षकों की कमी थी। स्कूल खुलता तो था, पर खाली कमरों में बच्चों के सपनों की आवाज़ खो जाती थी। माता-पिता चिंतित थे, वे चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़ें-लिखें, जीवन में कुछ बनें। लेकिन शिक्षा, उनके लिए एक अधूरा सपना बन गई थी। लेकिन कहते हैं अंधेरा चाहे जितना भी गहरा हो, एक छोटी सी रोशनी भी उसे चीर सकती है।

इस रोशनी का नाम है युक्तियुक्तकरण। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू की गई इस योजना का उद्देश्य है स्कूलों में बच्चों की संख्या के अनुसार शिक्षकों की पदस्थापना करना। यही योजना थुलथुली तक भी पहुँची और एक नई सुबह की शुरुआत हुई। इस बदलाव के नायक बने सहायक शिक्षक शोभीराम मरकाम। पहले वे प्राथमिक शाला कुर्सीनवार में पदस्थ थे, लेकिन जैसे ही उन्हें थुलथुली में पदस्थापना का अवसर मिला, उन्होंने इसे केवल एक नौकरी नहीं, एक मिशन की तरह अपनाया। श्री मरकाम कहते हैं कि जब मुझे थुलथुली में पदस्थ होने का मौका मिला, तो लगा जैसे मेरे जीवन का उद्देश्य मिल गया। उनका मानना है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं है, बल्कि वह बच्चों को अनुशासन, नैतिकता और एक बेहतर नागरिक बनने की दिशा दिखाती है। उन्होंने बच्चों को न केवल अक्षरज्ञान देना शुरू किया, बल्कि उनमें उम्मीदें जगाईं, सपनों के पंख दिए।

शिक्षक मरकाम कहते हैं कि एक सच्चा शिक्षक वह होता है जो अपना सम्पूर्ण ज्ञान और क्षमता अपने शिष्य के भविष्य को निखारने में लगा दे। उनका परिवार भी उनकी इस नियुक्ति से खुश है, और गांव के लोग उन्हें आशा की किरण मानते हैं। इस सफलता का श्रेय वे प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को देते हैं, जिनकी पहल ने प्रशासनिक सुधार से बढ़कर एक सामाजिक बदलाव की शुरुआत की। शिक्षक शोभीराम नेताम भी मानते हैं कि युक्तियुक्तकरण उन गांवों में शिक्षा लौटा रही है। थुलथुली की कहानी आज केवल एक गांव की नहीं रही, यह एक विचार की कहानी है कि जब नीयत नेक हो और प्रयास सच्चे, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं होता। थुलथुली अब साक्षी है उस परिवर्तन की, जहाँ शिक्षकों की लगन से पूरे गांव की तक़दीर बदलेगी।

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